कॉल अनुपात

कॉल मनी मार्केट का संदेश
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देश में बढ़ती मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति का मुकाबला करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की तरलता की स्थिति सख्त होने के साथ, अंतर-बैंक कॉल मनी दरें बढ़ रही हैं। इसके परिणामस्वरूप कंपनियों के लिए अल्पकालिक उधारी लागत अधिक हो गई है। टकसाल प्रभाव का विश्लेषण करता है।
कॉल मनी क्या है और बैंकों को इसकी आवश्यकता क्यों है?
कॉल मनी एक अल्पकालिक अवधि के लिए असुरक्षित धन का उधार या उधार है और इसका उपयोग अंतर-बैंक लेनदेन के लिए किया जाता है। यह बैंकों की दिन-प्रतिदिन की नकदी जरूरतों को पूरा करता है और जिस दर पर ये लेनदेन होते हैं वह कॉल दर है। नकद आरक्षित अनुपात और वैधानिक तरलता अनुपात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और धन की अचानक मांगों को पूरा करने के लिए, बैंक कॉल मनी मार्केट में उधार लेते हैं। मौजूदा चलनिधि स्थितियां मांग मुद्रा दर को प्रभावित करती हैं अर्थात, चलनिधि की स्थिति सख्त होने से मांग मुद्रा दरों में वृद्धि होती है और इसके विपरीत। आरबीआई, बैंक और प्राथमिक डीलर कॉल मनी मार्केट में भाग लेते हैं।
कॉल मनी रेट रेपो से कैसे अलग है?
कॉल मनी एक से 14 दिनों की परिपक्वता के साथ एक अल्पकालिक वित्त विकल्प है। जब उधार एक दिन की अवधि या रात भर के लिए होता है, तो इसे ‘कॉल मनी’ कहा जाता है, जबकि अगर उधार दो से 14 दिनों के लिए होता है, तो इसे ‘नोटिस मनी’ कहा जाता है। रेपो दर वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी अल्पकालिक निधि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रेजरी बिल जैसी प्रतिभूतियों के खिलाफ पैसा उधार देता है। यह आरबीआई के मुख्य मौद्रिक साधनों में से एक है। भारित औसत कॉल दर, जो कि ओवरनाइट मुद्रा बाजार का असुरक्षित खंड है, आम तौर पर रेपो दर से निकटता से जुड़ा होता है।
कॉल मनी दरें अब खबरों में क्यों हैं?
चलनिधि समायोजन सुविधा, एक ब्याज दर कॉरिडोर, में ऊपरी सीमा (सीलिंग) के रूप में सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) पर ब्याज दर, निचली सीमा (फ्लोर) के रूप में निर्धारित ओवरनाइट रिवर्स रेपो दर और बीच में रेपो दर है। मुद्रास्फीति की जांच के लिए आरबीआई तरलता की स्थिति को कड़ा कर रहा है, जिसने रेपो दर से ऊपर कॉल मनी रेट को प्रेरित किया है।
बढ़ती कॉल मनी दरें क्या दर्शाती हैं?
आर्थिक पुनरुद्धार के कारण बैंक उधारी की मांग बढ़ी है। उच्च ऋण मांग को पूरा करने की प्रक्रिया में, बैंकों को आरक्षित अनुपात का पालन करने में एक प्रणालीगत चलनिधि बेमेल का सामना करना पड़ रहा है। जुर्माने या काली सूची में डालने से बचने के लिए बैंकों को अंतर-बैंक उधार पर निर्भर रहना पड़ता है। फॉल्टलाइन पर बैंकों की संख्या बढ़ने के साथ, रातोंरात उधार लेने के लिए कॉल मनी दर बढ़ने लगी है, जिसके परिणामस्वरूप कंपनियों के लिए भी अल्पकालिक उधारी लागत में वृद्धि हुई है।
अब नीतिगत दृष्टिकोण क्या हो सकता है?
एक साल पहले की सरप्लस लिक्विडिटी के मुकाबले अब बाजार में लिक्विडिटी की कमी है। पूंजी की बेहतर सीमांत दक्षता को देखते हुए – चूंकि कॉर्पोरेट इकाइयां उधार की बढ़ती लागत के खिलाफ नहीं हैं – आरबीआई एक उदार मौद्रिक नीति दृष्टिकोण का पता लगा सकता है या नीति को कड़ा कर सकता है। इसके अलावा, जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति में कमी और कमोडिटी की कीमतों में कमी के साथ, आरबीआई अर्थव्यवस्था की उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विचार कर सकता है।
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कॉल अनुपात
प्रश्न 23: काब डगलस उत्पादन फलन के विशेष संदर्भ में उत्पादन फलन की परिभाषा व स्वभाव दीजिए। इसकी कौन सी मान्यतायें हैं?
उत्तर - उत्पादन फलन से आशय
उत्पादन करने के लियें उत्पत्ति के साधनों, जैसे श्रम, भूमि, पूंजी, प्रबन्ध तथा साहस आदि की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, उत्पादन उत्पत्ति के साधनों के अनुपात पर निर्भर होता है । इस अध्याय में हम उत्पादन तथा उत्पत्ति के साधनों के पारस्परिक सम्बन्धों के बारे में अध्ययन करेंगे।
वस्तु का उत्पादन उत्पत्ति के विभिन्न साधनों के आदर्श संयोग द्वारा होता है । अर्थशास्त्र की भाषा में जिस वस्तु का उत्पादन किया जाता है, उसे उत्पाद तथा जिन साधनों द्वारा उत्पादन होता है, उन्हें हम पड़त या आदा कहते हैं। इस प्रकार उत्पादन-फलन (प्रकार्य) उत्पादन तथा पड़त के बीच सम्बन्ध को व्यक्त करता है।
उत्पादन फलन की परिभाषायें
(1) प्रो. लेफ्टविच के अनुसार- “उत्पादन-फलन शब्द उस भौतिक सम्बन्ध के लिये उपयोग में लाया जाता है जो एक फर्म साधनों की इकाइयों (पड़तों) और प्रति इकाई के समयानुसार प्राप्त वस्तुओं एवं सेवाओं (उत्पादों) के बीच पाया जाता है।”
(2) प्रो. साइटवस्की के अनुसार- “किसी भी फर्म का उत्पादन उत्पत्ति के साधनों का फलन है और यदि गणितीय रूप में रखा जाये तो उसे उत्पादन फलन (प्रकार्य) कहते हैं।
(3) प्रो. सेम्युलसन के अनुसार- “उत्पादन-फलन वह प्राविधिक सम्बन्ध है जो यह बतलाता है कि पड़तों (उत्पत्ति के साधनों) के विशेष समूह के द्वारा कितना उत्पाद (उत्पादन) किया जा सकता है। यह किसी दी हुई प्राविधिक ज्ञान की स्थिति के लिये परिभाषित या संम्बन्धित होता है।”
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि उत्पादन फलन किसी उत्पादन क्रिया में उत्पादन तथा उत्पत्ति के साधनों का आपसी उत्पादन सम्बन्ध है ।
उत्पादन फलन की विशेषतायें
(1) पारस्परिक सम्बन्ध- उत्पादन फलन, उत्पादन तथा उत्पत्ति के साधनों का पारस्परिक सम्बन्ध बतलाता है।
(2) इन्जीनियरिंग समस्या- उत्पादन फलन, इन्जीनियरिंग समस्या है न कि आर्थिक समस्या । अतः इसका अध्ययन उत्पादन इन्जीनियरिंग में होता है।
(3) टेक्नोलोजी द्वारा निर्धारित- प्रत्येक फर्म का उत्पादन-फलेन टेक्नोलोजी द्वारा निर्धारित होता है । टेक्नोलोजी में सुधार होने पर नया उत्पादन-फलन बन जाता है । नये उत्पादन फलन में पूर्ण साधनों से अधिक उत्पादन होता है।
(4) दिये हुये समय या प्रति इकाई समय में- उत्पादन सदा एक दिये हुये समय या प्रति इकाई समय सन्दर्भ में ही व्यक्त होता है।
(5) उत्पत्ति के साधन की मात्रा- किसी भी उत्पत्ति के साधन की मात्रा को उसके कार्य करने की लम्बाई में मापा जाता है, जैसे- श्रम को श्रम घण्टों में, मशीन को मशीन घण्टों में आदि ।
उत्पादन फलन का प्रबन्धकीय उपयोग
यद्यपि उत्पादन फलन बहुत कुछ अवास्तविक प्रतीत होते हैं तथापि वे काफी उपयोगी होते हैं। उनकी उपयोगिता को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। दुग्ध अर्थशास्त्री यह जानना चाहते हैं कि दूध के उत्पादन के सिलसिले में गायों को खिलाने की लागत को न्यूनतम कैसे बनाया जाये। यदि एक गाय को फर्म मान लिया जाये और दाना और मोटा चारा उत्पादन के लागते या साधन मान लिये जायें तो प्रश्न उठता है कि गाय को खिलाने में दाने और मोटे चारे का कौन सा अनुपात मितव्ययितापूर्ण होगा। भूतकाल में इस साल के अनपात बनाया जाता रहा है, परन्तु आर्थिक विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकलता है कि अनुकूलता अनुपात साधनों के मूल्य पर निर्भर करेगा तथा मूल्य परिवर्तन के फलस्वरूप यह भी बदलता जायेगा| इस तरह के आर्थिक विश्लेषण को सहायता से निर्धारित अनुपातों के अनसार खिलाई पर व्यय करके ग्वाले उत्पादन को बढाने का प्रयल कर सकते हैं। यह आवश्यक है कि अधिक जटिल दशाओं में जहाँ कि साधनों की संख्या अधिक होती है, अनुकुलतमकरण की गणित अधिक पेचीदा होती है। पर हाल में, लीनियर प्रोग्रामिंग सम्बन्धी विकास के फलस्वरूप इन जटिल समस्याओं को हल करना भी संभव हो गया है।
उत्पादन फलन का महत्व
उत्पादन फलन का अध्ययन उत्पादन के क्षेत्र में विशेष महत्वपूर्ण है। उत्पादन तथा उत्पत्ति के साधनों के बीच उत्पादन बताते हुये उत्पत्ति के तीनों नियमों की जानकारी देता है | उत्पादन-फलन से ज्ञात होता है कि किसी देश में उत्पादन तकनीकी किस स्तर पर है | यदि कोई देश विश्व की कुशल तकनीक को अपनाकर उत्पादन करता है तो कम साधनों में अभिनय उत्पादन कर सकता है। एक फर्म का उद्देश्य अधिकतम लाभ प्राप्त करना होता है जिसके लिये उसे उत्पाद की न्यूनतम लागत करना आवश्यक होता है, इसके लिये फर्म उत्पादन फलन की सहायता लेती हैं। इसलिये बड़े-बड़े कारखानों में इन्जीनियरिंग विभाग नये-नये उत्पादन फलन की सारणी बनाकर, आदर्श उत्पादन-फलन सारणी ज्ञात करके अपनी फर्म को कॉल अनुपात आदर्श फर्म बनाने का प्रयत्न करते रहते हैं ।
कॉब डगलस का उत्पादन फलन
इस उत्पादन फलन का प्रतिपादन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पॉल एच डगलस तथा सी.डब्ल्यू.कॉब द्वारा दिया गया है। जो इन्हीं के नाम से कॉब डगलस का उत्पादन फलन कहा जाता है। लेकिन इससे पूर्व भी कॉल अनुपात विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने सांख्यिकी विश्लेषण की सहायता से अनेक उत्पादन फलनों का प्रतिपादन किया है। उत्पादन फलन के सम्बन्ध में कॉब एवं डगलस का कहना है कि निर्माणकारी उत्पादन में पूँजी का योगदान 1/2 होता है तथा शेष 3/4 श्रम का। कॉब डगलस उत्पादन फलन रेखीय और सजातीय उत्पादन फलन है, अतः इसका प्रयोग निर्माणकारी उद्योग या सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में किया जा सकता है क्योंकि इसके फलन के द्वारा निकाले गये निष्कर्ष सत्यता के अत्यन्त निकट होते हैं। कॉब डगलस के उत्पादन फलन को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है
यहाँ पर Q = वस्तु की उत्पादन मात्रा; L = पूंजी की मात्रा; C = पूंजी की मात्रा
Share Market Tips: जानिए अप्रैल महीने में किस स्तर तक पहुंचेगा बाजार, इन शेयरों पर दें ध्यान
Share Market Tipsवर्तमान में भारत का बाजार पूंजीकरण 2.75 ट्रिलियन डॉलर है जबकि जीडीपी 2.7 ट्रिलियन डॉलर है और इसलिए अब यह अनुपात 100 को पार कर 101.85 पर पहुंच गया है। हमारे पास 120 तक पहुंचने की गुंजाइश है जिसका मतलब है 20 फीसद तेजी।
नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। जिस तरह से बाजार नए सेटलमेंट के पहले कॉल अनुपात दिन रिकवर हुआ, उससे यह स्पष्ट है कि निफ्टी में 1000 अंक की गिरावट का कारण वही है, जो हमने अपनी पिछली चार रिपोर्ट्स में बताया है। यील्ड को लेकर डर जिस तरह बढ़ रहा है और कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए तो बाजार को शुक्रवार को भी गिरना चाहिए था।
गुरुवार को PC रेश्यो .66 के निम्न स्तर पर पहुंच गया। हम सभी को बता रहे थे कि यह टिकाऊ नहीं है। शुक्रवार को निफ्टी में रिकवरी आई और एसजीएक्स में यह 14635 पर बंद हुआ। हालांकि, पुट कॉल रेश्यो बहुत खराब है, जो 29 अप्रैल 2021 के अनुसार, ओआई आधार पर 1.55 दिख रहा है। यह अप्रैल, 2021 में एक बड़ी रैली का संकेत देता है। चरम पर यह रेश्यो 1.58 था और अब 29 अप्रैल OI पर यह 1.55 पर दिखाई दे रहा है। .66 रेश्यो मार्च 2020 के .47 के सर्वकालिक निम्न स्तर के करीब है, इसलिए वर्तमान स्तर पर बेचना आत्मघाती होगा। .66 यह भी बताता है कि बियर्स अभी भी शॉर्टिंग कॉल्स के पक्ष में हैं, हालांकि यह मैनिपुलेटिव हो सकता है।
पुट/कॉल रेश्यो (PCR) एक लोकप्रिय डेरिवेटिव संकेतक है, जिसे विशेष रूप से ट्रेडर्स को बाजार के ओवरऑल सेंटीमेंट (मूड) को मापने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस रेश्यो की गणना ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर या किसी विशेष अवधि के लिए ओपन इंट्रेस्ट के आधार पर की जाती है। यदि रेश्यो 1 से अधिक है, तो इसका मतलब है कि दिन के दौरान अधिक पुट ट्रेड हुए हैं और यदि यह 1 से कम है, तो इसका मतलब है कि अधिक कॉल ट्रेड हुए हैं। पीसीआर की गणना संपूर्ण रूप से ऑप्शन सेगमेंट के लिए की जा सकती है, जिसमें सूचकांकों की तरह ही इंडिविजुअल स्टॉक्स भी शामिल होते हैं।
यह अनुपात बताता है कि अधिक से अधिक कॉल बेचे गए थे। बिक्री इतनी बढ़ गई कि बाजार स्पष्ट रूप से ओवरसोल्ड जोन में है। बेशक आप यह नहीं कह सकते कि यह बिल्कुल बॉटम है, क्योंकि आक्रामक बियर्स और अधिक कॉल राइटिंग की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह देखा जाता है कि ऐसे परिदृश्य में भले ही बाजार में कुछ गिरावट की गुंजाइश होती है, लेकिन उछाल भी समान रूप से तेज और उग्र होती है, जो कि शॉर्ट सेलर्स के लिए अधिक खतरनाक हो सकती है। यह उछाल चंद व्यापारिक सत्रों में पूरे घाटे को मिटा सकती है। उदाहरण के लिए टाटा स्टील गिरकर 693 पर आ गया था और फिर सिर्फ एक दिन में ही उछलकर अपने पहले के उच्च स्तर 780 पर पहुंच गया। जो हमने टाटा स्टील में देखा है, वह निफ्टी के साथ-साथ अन्य शेयरों में भी देख सकते हैं।
अप्रैल में निफ्टी की रेंज 14000 से 15500 होगी। 14000 क्यों. बियर्स यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि बाजार ओवरवैल्यूड है और आक्रामक रूप से शॉर्ट किया जाए। इसके लिए वे बॉन्ड यील्ड का उपयोग करेंगे। हम यह बात कह चुके हैं कि बॉन्ड यील्ड का हव्वा बनाया हुआ है और इसका भारतीय बाजारों पर कोई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा। बॉन्ड यील्ड का डर दिखाकर केवल अस्थिरता क्रिएट की जा सकती है। और 15500 क्यों. 29 अप्रैल 2021 का पुट कॉल रेश्यो 1.55 है, जो निफ्टी के उच्च स्तर 15300 वाले 1.58 के करीब है। इसलिए हमने लक्ष्य 15500 रखा है।
हम पहले ही बता चुके हैं कि अगर निफ्टी 14000 पर आ जाता है, तो कोई भी ऑपरेटर प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि वे 8000-10000 के स्तर से लॉन्ग हैं और वे केवल इसे 15500 पर ले सकते हैं, जिसका मतलब है कि उनके पास 1500 अंक की रैली का लाभ लेने का मौका है। केवल एक वर्ग जो प्रभावित होगा, वह है ट्रेडर्स, जो रुख के साथ चलते हैं। यहां तक कि 3 से 5 फीसद की गिरावट का मतलब है ट्रेडर्स का अंत, जबकि हमने कुछ समय में टिस्को जैसे शेयरों में 15 फीसद की रैली देखी है। अब BPCL, BHARATI, TATA MOTORS, MAHINDRA, MNM FIN, SBI, ITC, ZEE इत्यादि को देखें, जो अप्रैल में 15 से 20 फीसद बढ़ेंगे और कोई भी इसे पकड़ नहीं पाएगा।
कुल्हाड़ी हमेशा ट्रेडर्स पर गिरती है। उन्हें स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करना सिखाया गया है और इतिहास बताता है कि 10 में से 7 बार स्टॉप लॉस ट्रिगर होता है, जिसका मतलब है कि ट्रेडर्स का शुद्ध घाटा। इसके विपरीत निवेशक सफल रहते हैं, क्योंकि वे बॉटम फिशिंग नहीं करते हैं और बाजार को समय देते हैं।
अगले हफ्ते से नए सिरे से फंडिंग शुरू होगी और एनबीएफसी रिटेल के लिए नई बुक्स खोलेंगे। ऐसे कई कारक हैं, जो बाजार को उसी तरह चलाएंगे जैसा हम मई 2020 से देख रहे हैं।
अब तथ्यों और आंकड़ों पर ध्यान दें कि 1000 से 2000 करोड़ रुपये की बिक्री जो कि एफपीआई से आती है, कभी-कभी राउंड ट्रिपिंग और हेज फंडों के कारण होती है। कृपया ध्यान दें कि एफपीआई द्वारा मई 2020 से मार्च 2021 तक 2,80,000 करोड़ रुपये डाले गए थे और अकेले मार्च में भी यह आंकड़ा सकारात्मक रूप से 10000 करोड़ रुपये था, जबकि निफ्टी 1000 अंक गिर गया। यह साबित करता है कि एफपीआई ने भारत में बिकवाली शुरू नहीं की है और विरूपण ऑपरेटर्स से आया है और हम संभावित कारणों को समझा चुके हैं।
अब फेड ने हर महीने 80 बिलियन यूएस डॉलर की बॉन्ड खरीद को मंजूरी दे दी है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए एक और 3 ट्रिलियल डॉलर का उपयोग किया जा रहा है। जिसका अर्थ है कि भारत में हर महीने 6 बिलियन यूएस डॉलर का प्रवाह होगा।
इसके आधार पर हम निफ्टी के लिए लक्ष्य 16600 और उसके बाद 17500 पर रखते हैं। एनएसई 39.15 पीई दिखाता है, जो 1 अप्रैल 2021 से 31.32 में बदल जाएगा। ब्लूमबर्ग के अनुसार, पीई 34.51 पर है और सीएनआई के अनुसार यह 27.6 पर है, इसलिए आपको तय करना होगा कि आप किस पीई को फॉलो करना चाहते हैं। अब इसकी तुलना यूएस डॉउ से करें, जो 29.53 पर ट्रेड करता है और आमतौर पर बहुत उच्च ग्रोथ के चलते भारत डॉउ से 20 फीसद प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था। हमारा मानना है कि भारत अभी भी सुरक्षित जोन में है। उस अनुपात पर 18500 भी संभव है। वर्तमान तरलता परिदृश्य को देखते हुए 16600 और 17500 अधिक दूर नहीं हैं।
वर्तमान में भारत का बाजार पूंजीकरण 2.75 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि जीडीपी 2.7 ट्रिलियन डॉलर है कॉल अनुपात और इसलिए अब यह अनुपात 100 को पार कर 101.85 पर पहुंच गया है। हमारे पास 120 तक पहुंचने की गुंजाइश है, जिसका मतलब है 20 फीसद तेजी, जो हमें 17500 पर ले जाता है। दिसंबर 2007 में हम 149 फीसद के उच्च स्तर पर भी पहुंचे थे, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। इसलिए हम मानते हैं कि हर गिरावट एक खरीद का अवसर है।
(लेखक cniresearchltd.com के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
साक्षी महाराज बोले- धमकी भरी कॉल के बाद मैं बहुत भयभीत, दिल्ली आवास में खुद को बंद रखूंगा
उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) को जान से मारने की धमकी की कॉल आने के बाद सांसद का कहना है कि वह भयभीत हो गए थे. यही कारण है कि उन्होंने उन्नाव आना काम कर दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है.
- News18Hindi
- Last Updated : August 12, 2020, 19:44 IST
उन्नाव. उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बीजेपी (BJP) सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) को एक पाकिस्तानी (Pakistan) नंबर से फोन कर जान से मारने की धमकी दी गई है. धमकी आने के बाद साक्षी महाराज काफी भयभीत हैं. उनका कहना है कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी सरकार की बनती है लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो मैं काम नहीं कर कॉल अनुपात कॉल अनुपात कॉल अनुपात पाऊंगा. उन्नाव की बजाए अपने दिल्ली के ही आवास में बंद रहूंगा.
मैंने उन्नाव आना कम कर दिया है : साक्षी महाराज
साक्षी महाराज का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह कह रहे हैं कि धमकी से वह बहुत भयभीत हो गए थे. उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से मैंने उन्नाव आना कम कर दिया है. आतंकी मोहम्मद गफ्फार की कुवैत से गिरफ्तारी के बाद मैंने सभी को पत्र लिखा था. दुर्भाग्य से गृहमंत्री अमित शाह का जवाब आया लेकिन और किसी का जवाब नहीं आया. साक्षी महाराज ने कहा कि ऐसे मामलों में सरकार को संवेदनशील होना चाहिए. भाजपा एक परिवार है. प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है तो मेरी जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की बनती है.
एटीएस ने आतंकी पकड़ा, फिर भी सुरक्षा में कोताही समझ से परे
एटीएस ने आतंकी को पकड़ा भी है, इसके बाद भी सुरक्षा में कोताही मेरी समझ के परे है. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए चिंता का विषय है. मैं उन्नाव से दिल्ली चला जाऊंगा. मैं दिल्ली को सेफ समझता हूं. वहां मैं घर से निकलता ही नहीं हूं. अपनी बात मैंने सरकार, प्रमुख सचिव गृह, जिलाधिकारी को भी कह दी है. लेकिन इस असुरक्षा के माहौल में मैं काम नहीं कर पाऊंगा. मैं दिल्ली के आवास में खुद को बंद रखूंगा. मैं सरकार से चाहूंगा की मेरी सुरक्षा को सुनिश्चित करें.
जांच एजेंसी वाले भी अचंभित
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी वाले भी अचंभित हैं कि आप की सुरक्षा कैसे हट गई? रोज धमकी आ रही है. आप सब दुआ करें कि मैं सुरक्षित रहूं.
सोमवार को आई धमकी भरी कॉल
बता दें सांसद के मुताबिक उन्हें सोमवार को शाम 04.24 बजे और कॉल अनुपात दोबारा 04.26 बजे पाकिस्तान के नंबर (+923151225989) से फोन कर धमकाया गया. फोन करने वाले शख्स ने कहा कि वह उनका घर बम से उड़ा देगा. सांसद ने कोतवाली में धमकी देने वाले के खिलाफ अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई है.
सांसद साक्षी महाराज ने बताया कि 923151225989 नंबर से उनके मोबाइल पर फोन करने वाले ने कहा, 'तुमने हमारे मित्र मोहम्मद गफ्फार को पकड़वाकर अपनी मौत मोल ले ली है. दस दिन के अंदर तुम्हें और तुम्हारे साथियों को जान से मार देंगे. मेरे मुजाहिदीनों की तुम पर 24 घंटे कॉल अनुपात नजर है, जो मौका मिलते ही तुम्हें भगवान के पास भेज देंगे. तुम्हारे कार्यक्रम की जानकारी हमारे लोगों को रहती है.'
सांसद ने अपनी शिकायत में ये भी कहा है कि धमकी देने वाले ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं का भी नाम लिया. वहीं, अभद्रता करने के साथ और भी गलत बातें सुनाई. अपने शिकायती खत में साक्षी महाराज ने धमकी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम से धमकी भरी बातों का जिक्र किया. वहीं, गजवा ए हिंद के कॉल अनुपात नाम से हिंदुस्तान में इस्लामी परचम लहराने की बात की गई.
पहले भी मिल चुकी है धमकी
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब सांसद साक्षी महाराज को जान से मारने की धमकी मिली है. इससे पहले 2017 और 2018 में भी साक्षी महाराज को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है.
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Share Market Tips: जानिए अप्रैल महीने में किस स्तर तक पहुंचेगा बाजार, इन शेयरों पर दें ध्यान
Share Market Tipsवर्तमान में भारत का बाजार पूंजीकरण 2.75 ट्रिलियन डॉलर है जबकि जीडीपी 2.7 ट्रिलियन डॉलर है और इसलिए अब यह अनुपात 100 को पार कर 101.85 पर पहुंच गया है। हमारे पास 120 तक पहुंचने की गुंजाइश है जिसका मतलब है 20 फीसद तेजी।
नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। जिस तरह से बाजार नए सेटलमेंट के पहले दिन रिकवर हुआ, उससे यह स्पष्ट है कि निफ्टी में 1000 अंक की गिरावट का कारण वही है, जो हमने अपनी पिछली चार रिपोर्ट्स में बताया है। यील्ड को लेकर डर जिस तरह बढ़ रहा है और कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए तो बाजार को शुक्रवार को भी गिरना चाहिए था।
गुरुवार को PC रेश्यो .66 के निम्न स्तर पर पहुंच गया। हम सभी को बता रहे थे कि यह टिकाऊ नहीं है। शुक्रवार को निफ्टी में रिकवरी आई और एसजीएक्स में यह 14635 पर बंद हुआ। हालांकि, पुट कॉल रेश्यो बहुत खराब है, जो 29 अप्रैल 2021 के अनुसार, ओआई आधार पर 1.55 दिख रहा है। यह अप्रैल, 2021 में एक बड़ी रैली का संकेत देता है। चरम पर यह रेश्यो 1.58 था और अब 29 अप्रैल OI पर यह 1.55 पर दिखाई दे रहा है। .66 रेश्यो मार्च 2020 के .47 के सर्वकालिक निम्न स्तर के करीब है, इसलिए वर्तमान स्तर पर बेचना आत्मघाती होगा। .66 यह भी बताता है कि बियर्स अभी भी शॉर्टिंग कॉल्स के पक्ष में हैं, हालांकि यह मैनिपुलेटिव हो सकता है।
पुट/कॉल रेश्यो (PCR) एक लोकप्रिय डेरिवेटिव संकेतक है, जिसे विशेष रूप से ट्रेडर्स को बाजार के ओवरऑल सेंटीमेंट (मूड) को मापने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस रेश्यो की गणना ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर या किसी विशेष अवधि के लिए ओपन इंट्रेस्ट के आधार पर की जाती है। यदि रेश्यो 1 से अधिक है, तो इसका मतलब है कि दिन के दौरान अधिक पुट ट्रेड हुए हैं और यदि यह 1 से कम है, तो इसका मतलब है कि अधिक कॉल ट्रेड हुए हैं। पीसीआर की गणना संपूर्ण रूप से ऑप्शन सेगमेंट के लिए की जा सकती है, जिसमें सूचकांकों की तरह ही इंडिविजुअल स्टॉक्स भी शामिल होते हैं।
यह अनुपात बताता है कि अधिक से अधिक कॉल बेचे गए थे। बिक्री इतनी बढ़ गई कि बाजार स्पष्ट रूप से ओवरसोल्ड जोन में है। बेशक आप यह नहीं कह सकते कि यह बिल्कुल बॉटम है, क्योंकि आक्रामक बियर्स और अधिक कॉल राइटिंग की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह देखा जाता है कि ऐसे परिदृश्य में भले ही बाजार में कुछ गिरावट की गुंजाइश होती है, लेकिन उछाल भी समान रूप से तेज और उग्र होती है, जो कि शॉर्ट सेलर्स के लिए अधिक खतरनाक हो सकती है। यह उछाल चंद व्यापारिक सत्रों में पूरे घाटे को मिटा सकती है। उदाहरण के लिए टाटा स्टील गिरकर 693 पर आ गया था और फिर सिर्फ एक दिन में ही उछलकर अपने पहले के उच्च स्तर 780 पर पहुंच गया। जो हमने टाटा स्टील में देखा है, वह निफ्टी के साथ-साथ अन्य शेयरों में भी देख सकते हैं।
अप्रैल में निफ्टी की रेंज 14000 से 15500 होगी। 14000 क्यों. बियर्स यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि बाजार ओवरवैल्यूड है और आक्रामक रूप से शॉर्ट किया जाए। इसके लिए वे बॉन्ड यील्ड का उपयोग करेंगे। हम यह बात कह चुके हैं कि बॉन्ड यील्ड का हव्वा बनाया हुआ है और इसका भारतीय बाजारों पर कोई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा। बॉन्ड यील्ड का डर दिखाकर केवल अस्थिरता क्रिएट की जा सकती है। और 15500 क्यों. 29 अप्रैल 2021 का पुट कॉल रेश्यो 1.55 है, जो निफ्टी के उच्च स्तर 15300 वाले 1.58 के करीब है। इसलिए हमने लक्ष्य 15500 रखा है।
हम पहले ही बता चुके हैं कि अगर निफ्टी 14000 पर आ जाता है, तो कोई भी ऑपरेटर प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि वे 8000-10000 के स्तर से लॉन्ग हैं और वे केवल कॉल अनुपात इसे 15500 पर ले सकते हैं, जिसका मतलब है कि उनके पास 1500 अंक की रैली का लाभ लेने का मौका है। केवल एक वर्ग जो प्रभावित होगा, वह है ट्रेडर्स, जो रुख के साथ चलते हैं। यहां तक कि 3 से 5 फीसद की गिरावट का मतलब है ट्रेडर्स का अंत, जबकि हमने कुछ समय में टिस्को जैसे शेयरों में 15 फीसद की रैली देखी है। अब BPCL, BHARATI, TATA MOTORS, MAHINDRA, MNM FIN, SBI, ITC, ZEE इत्यादि को देखें, जो अप्रैल में 15 से 20 फीसद बढ़ेंगे और कोई भी इसे पकड़ नहीं पाएगा।
कुल्हाड़ी हमेशा ट्रेडर्स पर गिरती है। उन्हें स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करना सिखाया गया है और इतिहास बताता है कि 10 में से 7 बार स्टॉप लॉस ट्रिगर होता है, जिसका मतलब है कि ट्रेडर्स का शुद्ध घाटा। इसके विपरीत निवेशक सफल रहते हैं, क्योंकि वे बॉटम फिशिंग नहीं करते हैं और बाजार को समय देते हैं।
अगले हफ्ते से नए सिरे से फंडिंग शुरू होगी और एनबीएफसी रिटेल के लिए नई बुक्स खोलेंगे। ऐसे कई कारक हैं, जो बाजार को उसी तरह चलाएंगे जैसा हम मई 2020 से देख रहे हैं।
अब तथ्यों और आंकड़ों पर ध्यान दें कि 1000 से 2000 करोड़ रुपये की बिक्री जो कि एफपीआई से आती है, कभी-कभी राउंड ट्रिपिंग और हेज फंडों के कारण होती है। कृपया ध्यान दें कि एफपीआई द्वारा मई 2020 से मार्च 2021 तक 2,80,000 करोड़ रुपये डाले गए थे और अकेले मार्च में भी यह आंकड़ा सकारात्मक रूप से 10000 करोड़ रुपये था, जबकि निफ्टी 1000 अंक गिर गया। यह साबित करता है कि एफपीआई ने भारत में बिकवाली शुरू नहीं की है और विरूपण ऑपरेटर्स से आया है और हम संभावित कारणों को समझा चुके हैं।
अब फेड ने हर महीने 80 बिलियन यूएस डॉलर की बॉन्ड खरीद को मंजूरी दे दी है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए एक और 3 ट्रिलियल डॉलर का उपयोग किया जा रहा है। जिसका अर्थ है कि भारत में हर महीने 6 बिलियन यूएस डॉलर का प्रवाह होगा।
इसके आधार पर हम निफ्टी के लिए लक्ष्य 16600 और उसके बाद 17500 पर रखते हैं। एनएसई 39.15 पीई दिखाता है, जो 1 अप्रैल 2021 से 31.32 में बदल जाएगा। ब्लूमबर्ग के अनुसार, पीई 34.51 पर है और सीएनआई के अनुसार यह 27.6 पर है, इसलिए आपको तय करना होगा कि आप किस पीई को फॉलो करना चाहते हैं। अब इसकी तुलना यूएस डॉउ से करें, जो 29.53 पर ट्रेड करता है और आमतौर पर बहुत उच्च ग्रोथ के चलते भारत डॉउ से 20 फीसद प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था। हमारा मानना है कि भारत अभी भी सुरक्षित जोन में है। उस अनुपात पर 18500 भी संभव है। वर्तमान तरलता परिदृश्य को देखते हुए 16600 और 17500 अधिक दूर नहीं हैं।
वर्तमान में भारत का बाजार पूंजीकरण 2.75 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि जीडीपी 2.7 ट्रिलियन डॉलर है और इसलिए अब यह अनुपात 100 को पार कर 101.85 पर पहुंच गया है। हमारे पास 120 तक पहुंचने की गुंजाइश है, जिसका मतलब है 20 फीसद तेजी, जो हमें 17500 पर ले जाता है। दिसंबर 2007 में हम 149 फीसद के उच्च स्तर पर भी पहुंचे थे, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। इसलिए हम मानते हैं कि हर गिरावट एक खरीद का अवसर है।
(लेखक cniresearchltd.com के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)