Bitcoin एक नया सोना है

Cryptocurrency कनवर्टर: LAKBTC दर
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LAKBTC जोड़ी जानकारी
लाओ कीप
Lao Kip (LAK) Laos के सरकारी मुद्रा, Laos के केंद्रीय बैंक द्वारा उत्सर्जित है .
Bitcoin
Bitcoin (Bitcoin) दुनिया में पूंजीकरण और ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ-साथ तरलता के मामले में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है।
21वीं शताब्दी का सोना है बिटकॉइन! एक साल में करोड़ो तक पहुंच सकती है कीमत
बिटकॉइन दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है और निवेश समुदाय के बीच एक बार फिर सुर्खियों में लौट आई है.
बिटकॉइन ने साल 2020 में अभी तक जोरदार रिटर्न दिया है और बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में यह तेजी जारी रहने वाली है.
इस डिजिटल करेंसी ने 31 दिसंबर 2019 के $7196 के स्तर से जोरदार छलांग लगाते हुए 160 फीसदी का रिटर्न दिया है. इससे पहले 17 दिसंबर 2017 को इसने $19,870 का शिखर स्तर हासिल किया था. साल 2020 में बिटकॉइन का भाव 168 फीसदी बढ़कर 13,76,304 रुपये हो चुका है.
इस रिपोर्ट में कहा गया, "बीते सात सालों में काफी बढ़िया और एकतरफा तेजी ही नजर आई है, जो एक निर्धारित रुझान दर्शाता है. आने वाले समय में इसी तरह की बढ़त देखने को मिल सकती है. इस तरह की तेजी दिखाती है यह रफ्तार दिसंबर 2021 में तक चत जा सकती है और भाव $3.18 लाख तक पहुंच सकता है."
रिपोर्ट ने अनुसार, "यह तो आने वाला वक्त की बताएगा कि बिटकॉइन इस भाव तक पहुंचता है या नहीं, मगर आने वाले 12 से 24 महीनों के दौरान इसमें काफी अच्छी तेजी के आसार बने रहे हैं."
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पपर नजर रखने वाले लोगों का मानना है यह तेजी आगे जारी रह सकती है. यूनोकॉइन के सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने कहा, "साल 2017 में आई तेजी के दौरान निवेशकों को पिछड़ जाने का दर्द है, मगर इस दफा तेजी की वजह वाजिब है."
उन्होंने कहा, "अमेरिकी हेड फंज क्रिप्टो एसेट्स खरीद रहे हैं, पेपाल अपने ग्राहको को क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने का मौका दे रहा है, डीबीएस भी अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी सेवाएं देने के विषय में सोच रहा है. इस तरह के वजहें वाजिब हैं और वैश्विक मंदी व महामारी ने इनको तूल दिया है."
साल 2018 में यह करेंसी 73 फीसदी टूटी, जबकि साल 2017 में इसने 1,337 फीसदी की छलांग लागई थी. दूसरी तरफ, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रुख में नरमी आ रही दै. मसलन, अगस्त 2020 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इसके कामकाज को लेकर वीडियो जारी किया, जिसका रुझान तटस्थ था.
जैफरीज के इक्विटी रणनीतिकार क्रिस वुड ने अपने साप्ताहित पत्र ग्रीड एंड फीयर में कहा कि जिन निवेशकों के पास बिटकॉइन नहीं है, उन्हें एक जल्द से जल्द खरीद लेना चाहिए. सिटिबैंक ने भी बिटकॉइन को नए दौर का सोना करार दिया है.
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सोने को टक्कर देने आया बिटकॉइन, क्या दिवाली पर क्रिप्टो में बरसेगा धन?
क्या क्रिप्टोकरेंसी एक बेहतर विकल्प है और क्या सोने को टक्कर दे सकता है।
इस बार दिवाली पर बाजारों में रौनक है। हालांकि शेयर बाजार में पिछले हफ्ते बड़ी गिरावट देखने को मिली लेकिन आज बाजार संभलते नजर आए है। एक दूसरा निवेश क्रिप्टोकरेंसी भी आज कल भरपूर चर्चा में है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी एक बेहतर विकल्प है और क्या सोने को टक्कर दे सकता है। अब तक बिटकॉइन की चमक ने सबको चकाचौध किया है और Bitcoin एक नया सोना है अब सवाल यह है कि क्या इस दिवाली पर क्रिप्टो धन बरसा सकता है। दूसरा सवाल यह है कि दिवाली सोने और बिटकॉइन में बेहतर विकल्प कौन है और अगली दिवाली तक के लिए क्रिप्टो का आउटलुक क्या है। यहां हमने इन्ही सवालों के जबाव खोजने की कोशिश की है। हमारे सवालों का जबाव देने के लिए हमारा साथ दे रहे है WazirX के फाउडर एंड सीईओ Nischal Shetty,CoinSwitch.co के फाउडर एंड सीईओ Ashish singhal, ZebPay के Avinash Shekhar।
आइए सबसे पहले डाल लेते है एक नजर पिछली दिवाली से इस दिवाली तक क्रिप्टो के रिटर्न पर एक नजर
दिवाली से दिवाली तक रिटर्न
पिछली दिवाली से इस दिवाली तक Bitcoin ने 360 फीसदी, Ethereum ने 1,023 फीसदी , Polkadot ने 119 फीसदी, Litecoin ने 299 फीसदी, Ripple ने 361 फीसदी, Stellar ने 384 फीसदी, Cardano ने 2,005 फीसदी और Dogecoin ने 10412 फीसदी का रिटर्न दिया है।
क्रिप्टो पर अहम जानकारी
बता दें कि भारत में अब तक क्रिप्टो पर कोई रेगुलेशन नहीं है। क्रिप्टो नोट या सिक्कों के रुप में प्रिंट नहीं होता इसके लिए कोई बैंक या ATM भी नहीं है। क्रिप्टो करेंसी एक तरह का डिजिटल एसेट है। यह कई देशों में शॉपिंग औऱ सर्विसेज में इस्तेमाल होता है। क्रिप्टो करेंसी का मार्केट काफी वॉलेटाइल है। भारी उतार-चढ़ाव में इसमें पैसा डूबने का खतरा रहता है। इसलिए इसमें बड़ृी रकम निवेश करने से बचना चाहिए। निवेशकों को यह भी सलाह है कि जिस टोकन में पैसा लगाएं उसके बारे में अच्छे से रिसर्च करें। भारत में क्रिप्टो में निवेश करते समय इससे जुड़े टैक्स के नियम की भी जानकारी भी रखें।
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निश्चल शेट्टी का कहना है कि क्रिप्टो मार्केट में 1 साल में 900% तक की ग्रोथ देखने को मिली है। इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में करीब 1000% का इजाफा हुआ है। क्रिप्टो के रेगुलेशन को लेकर पॉजिटिव खबरों से इसको सपोर्ट मिला है। ग्लोबल स्तर पर क्रिप्टो से जुड़ी कई पॉजिटिव खबरे आने से भारत में भी इसके लिए रुझान बढ़ा है।
निश्चल शेट्टी ने इस बातचीत में आगे कहा कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया है। बड़ी कंपनियों के क्रिप्टो में निवेश से इसमें निवेशका का कॉन्फिडेंस बढ़ा है। हालांकि नया मार्केट होने की वजह से इसमें वॉलिटिलिटी ज्याद है। इसके रेगुलेशन पर भारत और दुनियाभर से पॉजिटिव खबरें आ रही है। हालांकि ग्लोबल लेवल पर इसका रेगुलेशन अभी प्रथम चरण पर है। इसलिए क्रिप्टो में निवेश को लेकर सावधानी जरूरी है। क्रिप्टो Bitcoin एक नया सोना है में निवेश से पहले उसको लेकर एक्सचेंज से जुड़े पूरा रिसर्च करें। भारत में एक्सचेंजों ने मिलकर सेल्फ रेगुलेशन बनाया है लेकिन क्रिप्टो पर सरकार की तरफ से रेगुलेशन आना बेहद जरूरी है।
इस बातचीत में आशीष सिंघल ने कहा कि सिर्फ 16 महीने में CoinSwitch के 1.2 करोड़ यूजर्स बने है। खास बात यह है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों से काफी यूजर्स जुड़े है। क्रिप्टो सिर्फ इंडिया में नहीं, पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है। पूरी दुनिया के लोग भारत की तरफ देख रहे हैं। भारत में सरकार से जल्द ही किसी रेगुलेशन की उम्मीद है। अगर क्रिप्टो को भारत में मंजूरी मिल जाती है तो इससे सरकार को बड़ी संख्या में टैक्स मिलेगा।
अविनाश शेखर का कहना है कि भारत में पिछले 1 साल में क्रिप्टो ट्रांजैक्शन में 8-10 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत में क्रिप्टो मार्केट अभी शुरुआती दौर में है और अगले 1 साल में ग्रोथ में और तेजी की उम्मीद है। भारत में क्रिप्टो में ट्रेडिंग के लिए कई एक्सचेंज है। भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज में निवेश आ रहा है। अगर सरकार क्रिप्टो का रेगुलेशन कर देती है तो एक्सचेंज में निवेश और बढ़ेगा।
इस बातचीत में निश्चल शेट्टी ने आगे कहा कि क्रिप्टो हाई रिस्क, हाई रिटर्न कैटेगरी में आता है। क्रिप्टो में लोग 5-10% तक निवेश करते हैं। क्रिप्टो का कुल निवेश का 40-50% बिटकॉइन में होता है। सेकेंड कैटेगरी टोकन में 25% तक निवेश किया जाता है। नए लॉन्च होने वाले टोकन में 25% तक निवेश रहता है। भारत में DeFi और NFT तेजी से पॉपुलर हुआ है। इसमें कई सेलिब्रिटी के जुड़ने से तेज ग्रोथ की उम्मीद दिखी है। भारत में शुरुआत में ही NFT काफी पॉपुलर हुआ है।
अविनाश शेखर का कहना है कि एक्सचेंज, नए-नए टोकन के लिए रेगुलेशन जरूरी है। रेगुलेशन आने से क्रिप्टो मार्केट ग्रोथ में तेजी आएगी।
Ukraine Crisis: क्या सोने की जगह बिटकॉइन बन जाएगा सबसे सुरक्षित एसेट?
रूस और यूक्रेन के लोग बिटकाइन और दूसरे क्रिप्टो खरीद रहे हैं। उन्हें लगता है कि उनके देश की करेंसी की वैल्यू घट सकती है, लेकिन बिटकॉइन की वैल्यू नहीं घटने वाली
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में सुरक्षित एसेट के रूप में सोने की बाजार हिस्सेदारी का काफी हिस्सा बिटकॉइन हथिया सकता है। इसकी वजह यह है कि बिटकॉइन की मान्यता दुनियाभर में बढ़ रही है।
कुछ एसेट ऐसे होते हैं जिनकी वैल्यू समय के साथ कम नहीं होती है। सोना (Gold) इसका उदाहरण है। सदियों से सोने को इनवेस्टमेंट के लिहाज से सबसे सुरक्षित माना जाता रहा है। इसकी वजह है कि किसी देश की करेंसी की तरह समय के साथ इसकी वैल्यू कम नहीं होती है। इस पर किसी करेंसी की तरह मुद्रास्फीति (Inflation) का असर नहीं पड़ता है।
किसी देश की करेंसी को कई तरह के खतरे होते हैं। इनफ्लेशन में इनमें सबसे बड़ा है। करेंसी पर दुनिया के किसी दूसरे हिस्से में होने वाली घटनाओं का भी असर पड़ता है। बहुत ज्यादा इनफ्लेशन के चलते कई देशों की करेंसी की वैल्यू में बड़ी गिरावट आ चुकी है। जिमबाब्वे और वेनेजुएला इसके उदाहरण हैं।
इनफ्लेशन के असर से बचने के लिए लोग शेयर, बॉन्ड्स, रियल एस्टेट जैसे ऐसेट्स में इनवेस्ट करते हैं। इसकी वजह यह है कि आम तौर पर समय के साथ इनकी वैल्यू बढ़ती रहती है। हालांकि, इन एसेट्स में भी कई बार बड़ी गिरावट देखने को मिलती है। इसका मतलब है कि ज्यादातर एसेट्स पर किसी न किसी तरह का रिस्क होता है।