निवेश के तरीके

कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं?

कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं?
Ultimate financial independence is dividends . supporting your life style.

डिविडेंड क्या होता है और कैसे काम करता है

स्टॉक मार्केट के जरिए आप हर महीने passive income किस तरह कमा सकते है इस पोस्ट में जानेंगे , और वहीं चीज है Dividend.

ये एक ऐसा तरीका है जिसमे आपको कुछ खरीदना और बेचना नही है। बस ये आपको इसलिए मिल रहा है क्योंकि आपके पास उस कंपनी का शेयर है।

दोस्तों स्टॉक मार्केट में दो तरह से पैसे कमाएं जाते है। पहला सिंपल है जो सभी लोग करते है, जैसे कि किसी स्टॉक को ₹200 रूपय में खरीदा और ₹500 में बेचा तो हमारा फायदा 300 रुपया का हुआ। Dividend इस चीज से अलग हैं।

Ultimate financial independence is dividends . supporting your life style.

Dividend क्या होता है

किसी भी कंपनी के लाभ में partner का हिस्सा होता है, जो लाभ कमाने पर अपने शेयरहोल्डर में बांटती है इसे ही Dividend कहा जाता है। डिविडेंड पैसे, शेयर या अन्य कई रूपों में दिया जा सकता है।

जब किसी कंपनी को मुनाफा होता है और कंपनी मुनाफे को खर्च नही कर पा रही है तो, उस मुनाफे को अपने शेयरहोल्डर में बांट देती है इसे ही डिविडेंड कहा जाता है।

Dividend kya hota hai

Dividend दो word मिलकर बना है शायद आपको पता चला गया होगा की वो दो वर्ड क्या है।

  • Divide + End = Dividend
  • End में जो पैसा बच्चा उसे Divide करो End में इसीलिए इसे Dividend कहते हैं।

जब कभी भी आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते है तब आप कही न कही उस कंपनी एक छोटा सा भाग या हिस्सा खरीद रहे है। आप चाहे कितना भी हिस्सा खरीद रहे हो उतना का आप मालिक बन जाते हो।

तो जब कंपनी प्रॉफिट कमाती है तो आपका भी प्रॉफिट होता है , Vice-versa.

कंपनी डिविडेंड क्यों देती है

कंपनी को एक साल में जितना भी प्रॉफिट हुआ, कंपनी उस प्रोफिट को बैंक या कैश में ना रखकर या तो पैसे को फिर से अपनी ही कंपनी में लगा देती है, और अगर कोई ऐसी कंपनी है जिसका प्रॉफिट काम से ज्यादा है तो वो उस प्रोफिट को अपने शेयरधारकों में डिविडेंड के रूप में बांट देती है।

कंपनी चाहे तो वो उस प्रॉफिट को फिर से reinvest कर सकती है। जो कंपनी नई होती है या फिर अभी stable नही है या अपने R&D a Advertisement पे ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहती है क्योंकि इससे और प्रॉफिट होगा तो ऐसे समय में सारा पैसा फिर से कंपनी में लगा दिया जाता है। दूसरी वैसे बड़ी कंपनिया होती है जो बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमाती है और समझ नही आता इतने पैसे का क्या करे तो वो अपने investor में बांट देती है।

Dividend के प्रकार

मुख्यत: डिविडेंड तीन प्रकार का होता है।

Cash Dividend ( कैश डिविडेंड )

कैश डिविडेंड शेयरधारकों को चेक के रूप में दिया जाता है। इस तरह के आय पे शेयरहोल्डर्स को अपने आय यानी की डिविडेंड पे टैक्स देना पड़ता है।

उदाहरण – यदि किसी आदमी के पास कंपनी के 500 शेयर्स है और उनका कैश डिविडेंड का प्राइस ₹5 है तो उसे डिविडेंड के रूप में ₹2500 मिलेंगे।

Stock Dividend ( स्टॉक डिविडेंड )

स्टॉक डिविडेंड में कंपनी शेयरहोल्डर को लाभ देने के बदले स्टॉक देती है , मतलब कि इसमें आपको कैश नही बल्कि उस लाभ के बदले और शेयर्स मिलेंगे। उदाहरण – 1000 शेयर रखने वाले को पांच प्रतिशत का डिविडेंड लाभ होने पर कंपनी उसे पांच अतिरिक्त शेयर देगी।

Property Dividend ( प्रॉपर्टी डिविडेंड )

कंपनी प्रॉपर्टी डिविडेंड में कैश या स्टॉक के बदले कुछ एसेस्ट प्रोडक्ट्स देती है।

Dividend कैसे काम करता है

आपको मैं एक बात बता दूं सारी कंपनिया डिविडेंड नही देती है , डिविडेंड देना कंपनी के ऊपर निर्भर करता है। एक ऐसी कंपनी जो बहुत सालों से डिविडेंड देती आ रही है वो डिविडेंड देना बंद कर सकती है , और ऐसी कंपनी जिसने आजतक डिविडेंड नहीं दिया वो भी Dividend दे सकती है।

Note – Dividend देना या ना देना कंपनी कंपनी पे निर्भर करता है।

डिविडेंड के अन्य प्रकार

डिविडेंड के मुख्य तीन प्रकार होते है स्पेशल डिविडेंड, अंतरिम डिविडेंड और फाइनल डिविडेंड।

स्पेशल डिविडेंड

इसमें सबसे पहले डिविडेंड अनाउंसमेंट डेट होता है इस दिन डिविडेंड देने की घोषणा होती है। फिर इसी के साथ और दो डेट जो की रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट होती है। रिकॉर्ड डेट वो दिन होती है जिसदिन कंपनी देखती है कि किस किस इन्वेस्टर्स के डीमैट अकाउंट में शेयर्स है। पेमेंट डेट के दिन कंपनी शेयर्स देती है।

Ex-Dividend date – रिकॉर्ड डेट के एक दो दिन पहले एक्स डिविडेंड डेट होता है , डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए इस डेट से पहले आपको शेयर्स खरीदना होगा।

अंतरिम डिविडेंड

अगर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स फाइनेंशियल ईयर के बुक्स ऑफ अकाउंट्स क्लोज़ होने से पहले डिविडेंड देने की घोषणा करें तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते है। ये शेयर्सहोल्डर की सहमति से वापस भी लिया जा सकता है।

फाइनल डिविडेंड

फाइनल डिविडेंड वो डिविडेंड होता है जब कंपनी फाइनेंशल ईयर खत्म होने पर AGM ( Annual general meeting ) में डिविडेंड देने की घोषणा करती है , इस डिविडेंस को वापस नही लिया जा सकता है।

महत्वपूर्ण डिविडेंड डेट

DateImportance
Announcement dateइस दिन कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स डिविडेंड देने की घोषणा करते है।
Ex-Dividend dateइस डेट से पहले आपको शेयर्स खरीदने होंगे।
Record dateइस डेट को कंपनी देखती है की कौन कौन से इन्वेस्टर्स है जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स है।
payment dateजिस दिन आपको डिविडेंड मिलता है।

ब्याज और लाभांश शब्दों में क्या अंतर है?

BaseinterestDividend
Meaningउधार के पैसों पे इंटरेस्ट लगाया जाता है ये बैंक या कोई इंसान भी ले सकता है।अगर कंपनी को प्रोफिट होता है तो उसे शेयर्सहोल्डर में बांटती है उसे डिविडेंड कहते हैं।
क्या है ?उधार के पैसों पे चार्ज।प्रोफिट का छोटा सा हिस्सा।
अनिवार्यहांनहीं
रेटफिक्स प्रिफरेंस शेयर में फिक्स लेकिन इक्विटी शेयर में फिक्स नहीं हैं।
किसको मिलेगाकर्ज़ लेने वाला , डिबेंचर्स होल्डर्सशेयर्सहोल्डर

FAQ

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है?

कोई पब्लिक कंपनी जब लाभ कमाती है तो उसे अपने शेयरहोल्डर में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहा जाता है।

सबसे ज्यादा डिविडेंड कौन सी कंपनी देती है?

भारत में सबसे ज़्यादा REC Ltd, Hinduja Global कंपनी डिविडेंड देती है।

किसी कंपनी का डिविडेंड कैसे चेक करें?

Moneycontrol वेबसाइट पे आपको सारे कंपनी के डिविडेंड की जानकारी मिल जाएगी।

आपने क्या सीखा

दोस्तो, आप डिविडेंड को अपना passive income भी बना सकते हो इसलिए आप सोच समझकर और रिसर्च करके पैसा लगाए। अपने पोर्टफोलियो में अच्छे डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स को जरूर रखे।

मुझे उम्मीद है की आपको हमारा पोस्ट dividend क्या होता है पसंद आया होगा और आपकी डिविडेंड से जुड़ी समस्या का समाधान मिला होगा। अगर अभी भी कोई प्रश्न है तो आप कॉमेंट करके जरूर पूछे।

डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, समझें

कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग अलग कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, समझें

Investment : कई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के डिविडेंड देती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आप कहीं एक जगह पर बड़े अमाउंट में पैसे निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. मुनाफा एक की बजाय दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं डबल बेनिफिट वाली डील हासिल करना. कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड या लाभांश (Dividend) देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि डिविडेंड क्या होता है.

यह भी पढ़ें

क्या होता है डिविडेंड?

शेयर मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे में से हिस्सा देती हैं. मुनाफे के रूप में मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों के शेयरों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पीएसयू सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.

कैसे मिलेगा डबल मुनाफा?

किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश कर मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं. पहला फायदा आपको तब होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा यह कि कंपनी को जो भी मुनाफा हो रहा है, कंपनी उसी मुनाफे से आपको हिस्सा देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.

डिविडेंड को भी बाजार के लिए अच्छा माना जाता है. डिविडेंड मिलने से बाजार का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहता है. अगर आप ऐसी किसी कंपनी में निवेश करते हैं जो ज्यादा डिविडेंड देती है तो, आप अपने शेयर बेचे बिना भी अच्छी खासी इनकम कमा सकते हैं.

डिविडेंड कब मिलता है?

यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी डिविडेंड देती हैं. डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है. वित्त वर्ष के अंत में कंपनी अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती है.

(ध्यान रखें यह डिविडेंड पर महज सामान्य जानकारी है, कोई भी निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

Video : टेस्ला ने 75 प्रतिशत बिटकॉइन को बेचा, पूरे मामले पर जानिए एक्सपर्ट्स की राय

डिविडेंड क्या होता है और कैसे काम करता है

स्टॉक मार्केट के जरिए आप हर महीने passive income किस तरह कमा सकते है इस पोस्ट में जानेंगे , और वहीं चीज है Dividend.

ये एक ऐसा तरीका है जिसमे आपको कुछ खरीदना और बेचना नही है। बस ये आपको इसलिए मिल रहा है क्योंकि आपके पास उस कंपनी का शेयर है।

दोस्तों स्टॉक मार्केट में दो तरह से पैसे कमाएं जाते है। पहला सिंपल है जो सभी लोग करते है, जैसे कि किसी स्टॉक को ₹200 रूपय में खरीदा और ₹500 में बेचा तो हमारा फायदा 300 रुपया का हुआ। Dividend इस चीज से अलग हैं।

Ultimate financial independence is dividends . supporting your life style.

Dividend क्या होता है

किसी भी कंपनी के लाभ में partner का हिस्सा होता है, जो लाभ कमाने पर अपने शेयरहोल्डर में बांटती है इसे ही Dividend कहा जाता है। डिविडेंड पैसे, शेयर या अन्य कई रूपों में दिया जा सकता है।

जब किसी कंपनी को मुनाफा होता है और कंपनी मुनाफे को खर्च नही कर पा रही है तो, उस मुनाफे को अपने कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? शेयरहोल्डर में बांट देती है इसे ही डिविडेंड कहा जाता है।

Dividend kya hota hai

Dividend दो word मिलकर बना है शायद आपको पता चला गया होगा की वो दो वर्ड क्या है।

  • Divide + End = Dividend
  • End में जो पैसा बच्चा उसे Divide करो End में इसीलिए इसे Dividend कहते हैं।

जब कभी भी आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते है तब आप कही न कही उस कंपनी एक छोटा सा भाग या हिस्सा खरीद रहे है। आप चाहे कितना भी हिस्सा खरीद रहे हो उतना का आप मालिक बन जाते हो।

तो जब कंपनी प्रॉफिट कमाती है तो आपका भी प्रॉफिट होता है , Vice-versa.

कंपनी डिविडेंड क्यों देती है

कंपनी को एक साल में जितना भी प्रॉफिट हुआ, कंपनी उस प्रोफिट को बैंक या कैश में ना रखकर या तो पैसे को फिर से अपनी ही कंपनी में लगा देती है, और अगर कोई ऐसी कंपनी है जिसका प्रॉफिट काम से ज्यादा है तो वो उस प्रोफिट को अपने शेयरधारकों में डिविडेंड के रूप में बांट देती है।

कंपनी चाहे तो वो उस प्रॉफिट को फिर से reinvest कर सकती है। जो कंपनी नई होती है या फिर अभी stable नही है या अपने R&D a Advertisement पे ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहती है क्योंकि इससे और प्रॉफिट होगा तो ऐसे समय में सारा पैसा फिर से कंपनी में लगा दिया जाता है। दूसरी वैसे बड़ी कंपनिया होती है जो बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमाती है और समझ नही आता इतने पैसे का क्या करे तो वो अपने investor में बांट देती है।

Dividend के प्रकार

मुख्यत: डिविडेंड तीन प्रकार का होता है।

Cash Dividend ( कैश डिविडेंड )

कैश डिविडेंड शेयरधारकों को चेक के रूप में दिया जाता है। इस तरह के आय पे शेयरहोल्डर्स को अपने आय यानी की डिविडेंड पे टैक्स देना पड़ता है।

उदाहरण – यदि किसी आदमी के पास कंपनी के 500 शेयर्स है और उनका कैश डिविडेंड का प्राइस ₹5 है तो उसे डिविडेंड के रूप में ₹2500 मिलेंगे।

Stock Dividend ( स्टॉक डिविडेंड )

स्टॉक डिविडेंड में कंपनी शेयरहोल्डर को लाभ देने के बदले स्टॉक देती है , मतलब कि इसमें आपको कैश नही बल्कि उस लाभ के बदले और शेयर्स मिलेंगे। उदाहरण – 1000 शेयर रखने वाले को पांच प्रतिशत का डिविडेंड लाभ होने पर कंपनी उसे पांच अतिरिक्त शेयर देगी।

Property Dividend ( प्रॉपर्टी डिविडेंड )

कंपनी प्रॉपर्टी डिविडेंड में कैश या स्टॉक के बदले कुछ एसेस्ट प्रोडक्ट्स देती है।

Dividend कैसे काम करता है

आपको मैं एक बात बता दूं सारी कंपनिया डिविडेंड नही देती है , डिविडेंड देना कंपनी के ऊपर निर्भर करता है। एक ऐसी कंपनी जो बहुत सालों से डिविडेंड देती आ रही है वो डिविडेंड देना बंद कर सकती है , और ऐसी कंपनी जिसने आजतक डिविडेंड नहीं दिया वो भी Dividend दे सकती है।

Note – Dividend देना या ना देना कंपनी कंपनी पे निर्भर करता है।

डिविडेंड के अन्य प्रकार

डिविडेंड के मुख्य तीन प्रकार होते है स्पेशल डिविडेंड, अंतरिम डिविडेंड और फाइनल डिविडेंड।

स्पेशल डिविडेंड

इसमें सबसे पहले डिविडेंड अनाउंसमेंट डेट होता है इस दिन डिविडेंड देने की घोषणा होती है। फिर इसी के साथ और दो डेट जो की रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट होती है। रिकॉर्ड डेट वो दिन होती है जिसदिन कंपनी देखती है कि किस किस इन्वेस्टर्स के डीमैट अकाउंट में शेयर्स है। पेमेंट डेट के दिन कंपनी शेयर्स देती है।

Ex-Dividend date – रिकॉर्ड डेट के एक दो दिन पहले एक्स डिविडेंड डेट होता है , डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए इस डेट से पहले आपको शेयर्स खरीदना होगा।

अंतरिम डिविडेंड

अगर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स फाइनेंशियल ईयर के बुक्स ऑफ अकाउंट्स क्लोज़ होने से पहले डिविडेंड देने की घोषणा करें तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते है। ये शेयर्सहोल्डर की सहमति से वापस भी लिया जा सकता है।

फाइनल डिविडेंड

फाइनल डिविडेंड वो डिविडेंड होता है जब कंपनी फाइनेंशल ईयर खत्म होने पर AGM ( Annual general meeting ) में डिविडेंड देने की घोषणा करती है , इस डिविडेंस को वापस नही लिया जा सकता है।

महत्वपूर्ण डिविडेंड डेट

DateImportance
Announcement dateइस दिन कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स डिविडेंड देने की घोषणा करते है।
Ex-Dividend dateइस डेट से पहले आपको शेयर्स खरीदने होंगे।
Record dateइस डेट को कंपनी देखती है की कौन कौन से इन्वेस्टर्स है जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स है।
payment dateजिस दिन आपको डिविडेंड मिलता है।

ब्याज और लाभांश शब्दों में क्या अंतर है?

BaseinterestDividend
Meaningउधार के पैसों पे इंटरेस्ट लगाया जाता है ये बैंक या कोई इंसान भी ले सकता है।अगर कंपनी को प्रोफिट होता है तो उसे शेयर्सहोल्डर में बांटती है उसे डिविडेंड कहते हैं।
क्या है ?उधार के पैसों पे चार्ज।प्रोफिट का छोटा सा हिस्सा।
अनिवार्यहांनहीं
रेटफिक्स प्रिफरेंस शेयर में फिक्स लेकिन इक्विटी शेयर में फिक्स नहीं हैं।
किसको मिलेगाकर्ज़ लेने वाला , डिबेंचर्स होल्डर्सशेयर्सहोल्डर

FAQ

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है?

कोई पब्लिक कंपनी जब लाभ कमाती है तो उसे अपने शेयरहोल्डर में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहा जाता है।

सबसे ज्यादा डिविडेंड कौन सी कंपनी देती है?

भारत में सबसे ज़्यादा REC Ltd, Hinduja Global कंपनी डिविडेंड देती है।

किसी कंपनी का डिविडेंड कैसे चेक करें?

Moneycontrol वेबसाइट पे आपको सारे कंपनी के डिविडेंड की जानकारी मिल जाएगी।

आपने क्या सीखा

दोस्तो, आप डिविडेंड को अपना passive income भी बना सकते हो इसलिए आप सोच समझकर और रिसर्च करके पैसा लगाए। अपने पोर्टफोलियो में अच्छे डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स को जरूर रखे।

मुझे उम्मीद है की आपको हमारा पोस्ट dividend क्या होता है पसंद आया होगा और आपकी डिविडेंड से जुड़ी समस्या का समाधान मिला होगा। अगर अभी भी कोई प्रश्न है तो आप कॉमेंट करके जरूर पूछे।

Dividend kya hota hai?

डिविडेंड का हिंदी मतलब लाभांश होता है | लाभांश दो शब्दों से मिलकर बना है (लाभ + अंश) यानी कि प्रॉफिट का पार्ट | जब कोई कंपनी अपने नेट प्रॉफिट का हिस्सा अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है, तो उसे डिविडेंड कहते हैं | डिविडेंड देना या ना देना यह कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर तय करते हैं | डिविडेंड हमेशा फेस वैल्यू पर ही मिलता है, ना कि शेयर के प्राइस पर |

उदाहरण के लिए मान लीजिए xyz नाम की कोई कंपनी है जिसके एक शेयर की कीमत ₹1,000 है, और कंपनी का फेस वैल्यू ₹10 है, और आपके पास उस कंपनी के 20 शेयर है | तो इस हिसाब से देखें तो 10 * 20 = ₹200 आपको डिविडेंड के रूप में मिलेंगे |

ध्यान दें – ज्यादातर कंपनी अपने फेस वैल्यू को ₹10 ही रखती हैं | इसका सीधा कारण है, कि कैलकुलेशन करने में आसानी रहती है | पर कुछ कंपनी के फेस वैल्यू इससे कम और ज्यादा भी हो सकते हैं |

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Dividend के टाइप

Interim Type DividendFinal Type Dividend
जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स कंपनी का quarter रिजल्ट डिस्कस करते हैं, और अगर कंपनी ने अच्छा परफॉर्म किया है | तब आपको जो डिविडेंड मिलता है, उसे interim डिविडेंड कहते है, यह साल में एक बार भी मिल सकता है या कई बार भी मिल सकता है |जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कंपनी की एनुअल रिपोर्ट / रिजल्ट AGM(Annual General Meeting) में डिस्कस करते हैं, और अगर कंपनी ने अच्छा परफॉर्मेंस किया है, तब आपको जो डिविडेंड मिलता है, उसे final डिविडेंड कहते है |
Interim type में डिविडेंड कम मिलता है, Final type डिविडेंड के कंपैरिजन में |Final type में डिविडेंड ज्यादा मिलता है, Interim type डिविडेंड के कंपैरिजन में |
ध्यान दें – Interim type डिविडेंड में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस भी ले सकती है, अगर कंपनी को फाइनेंसियल ईयर में लॉस होता है | अब आप सोचेंगे डिविडेंड तो हमेशा बैंक अकाउंट में दिया जाता है, तो ऐसे में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस कैसे ले सकती है? तो हम आपको बता दें कि अगर आपने कंपनी के शेयर होल्ड करके रखे हैं, तो कंपनी आपके शेयर को कम करके अपना लॉस पूरा करती है |Final type डिविडेंड में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस नहीं ले सकती |

Dividend का लाभ कैसे लें ?

डिविडेंड का लाभ पाने के लिए हमें डिविडेंड का प्रोसेस जानना होगा |

Announcement date / Dividend Declaration Dateइस दिन कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है |
Record dateइस दिन कंपनी अपने शेरहोल्डर्स के नाम अपने रिकॉर्ड बुक में चेक करती हैं | आमतौर पर डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट और रिकॉर्ड डेट के बीच का अंतर 10 या कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? 10 से ज्यादा दिनों का रहता है |
Dividend date / Ex – dividend date / cum dividendइस दिन तक आपको कंपनी के शेयर खरीदने होते हैं, यह एक लास्ट डेट की तरह है | आमतौर पर या रिकॉर्ड डेट से 01 या 02 दिन की पहले की डेट रहती है |
Payment dateइस दिन कंपनी के द्वारा डिविडेंड दिया जाता है | आमतौर पर रिकॉर्ड डेट से 15 या 20 दिनों के बाद की कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? डेट रहती है |

उदाहरण के लिए मान लीजिए – किसी xyz कंपनी ने, किसी महीने की 01 तारीख को डिविडेंड देने की घोषणा की | तो इस तरह मान लीजिए उसकी रिकॉर्ड डेट होगी 12 तारीख, डिविडेंड डेट होगी 10 तारीख, और पेमेंट डेट होगी 30 तारीख |

Dividend का लाभ लेने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?

डिविडेंड का लाभ लेने के लिए हमें ex-dividend date से पहले शेयर को खरीद लेना चाहिए |
डिविडेंड पर शेयर के हिसाब से मिलता है, मतलब आपके पास जितने ज्यादा शेयर होंगे, उतना ही ज्यादा आप डिविडेंड का लाभ उठा सकते हैं |
उदाहरण के लिए – मान लीजिए किसी xyz कंपनी के 50 शेयर आपके पास हैं | और कंपनी ने ₹10 के हिसाब से डिविडेंड देने की घोषणा की, तो इस तरह 10 * 50 = ₹500 आपने डिविडेंड से कमाए |

कुछ कंपनी dividend देती है पर कुछ नहीं ऐसा क्यों ?

इसके दो कारण है – जब प्रॉफिटेबल कंपनी को लगता है, कि नेट प्रॉफिट को कंपनी की ग्रोथ में लगाया जा सकता है | तो कंपनी डिविडेंड नहीं देती या कम देती है, और जब प्रॉफिटेबल कंपनी को लगता है, कि नेट प्रॉफिट को कंपनी की ग्रोथ में लगाना मुश्किल है | तब वह डिविडेंड देती है |

Dividend Yield क्या होता है?

डिविडेंड यील्ड एक तरह का मेथड है जिससे हम यह जान सकते हैं, की किसी कंपनी ने कितना ज्यादा या कम डिविडेंड दिया है | इसका यूज करके हम बहुत ही आसानी से दो कंपनी का कंपैरिजन कर सकते हैं |

डिविडेंड यील्ड का फार्मूला होता है – Dividend per share/Current market price of one share *100

उदाहरण के लिए मान लीजिए – एक xyz नाम की कंपनी है, और एक abc नाम की कंपनी है | आइए दोनों का कंपैरिजन करते हैं, कि कौन सी कंपनी हमें ज्यादा डिविडेंड कमाने का मौका दे रही है, और कौन सी कम |

xyz कंपनीabc कंपनी
xyz कंपनी का शेयर प्राइस ₹1,000 है, और फेस वैल्यू ₹10 है |
इस कंपनी ने 200% डिविडेंड देने की घोषणा की है |
abc कंपनी का शेयर प्राइस ₹3000 है, और फेस वैल्यू ₹10 ही है |
इस कंपनी ने भी 200% डिविडेंड देने की घोषणा की है |
आइए इसे डिविडेंड यील्ड फॉर्मूले से समझते हैं –
xyz कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा = 10/1,000*100 = 1%abc कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा = 10/3,000*100 = 0.66%

तो इस तरह हम देख सकते हैं, कि abc कंपनी का डिविडेंड यील्ड कम है, और xyz कंपनी का डिविडेंड यील्ड ज्यादा है |

ध्यान दें – कई बार मार्केट का प्राइस कम होने की वजह से डिविडेंड बढ़ जाता और जब मार्केट का प्राइस ज्यादा होता है, तो डिविडेंड कम हो जाता है | इसलिए हमें कंपनी की भी नॉलेज होनी चाहिए | ऐसा तो नहीं कि हमने डिविडेंड यील्ड से देखा कि कंपनी अच्छा डिविडेंड दे रही है | पर सच में ऐसा हो ही ना | यह सिर्फ शेयर का प्राइस घटने की वजह से हुआ हो | इसलिए कंपनी की भी नॉलेज होनी चाहिए |

ध्यान दें – मार्केट प्राइस और शेयर प्राइस दोनों एक ही होता है |

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