निवेशकों के लिए ऑफर

मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने इलेक्ट्रिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस थीम पर लॉन्च किए दो नए फंड ऑफर
भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे फंड हाउस में शामिल मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने अपने दो नए फंड लॉन्च करने की घोषणा की है। इनमें पहला एनएफओ में मिरे एसेट ग्लोबल इलेक्ट्रिक एंड ऑटोनॉमस व्हीकल्स ईटीएफ फंड ऑफ फंड है। (यह एक ओपेन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है। यह स्कीम उन विदेशी इक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश करती है जो इलेक्ट्रिक और आटोनॉमस यानी स्वायत्त वाहनों और उनसे संबंधित प्रौद्योगिकी, घटकों और सामग्रियों के विकास में शामिल कंपनियों पर आधारित हैं)।
जबकि दूसरा एनएफओ मिरे एसेट ग्लोबल एक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड टेक्नोलॉजी ईटीएफ फंड ऑफ फंड है। (यह एक ओपन-एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो ग्लोबल एक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड टेक्नोलॉजी ईटीएफ की इकाइयों में निवेश करती है) ये दोनों फंड भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में लॉन्च होने वाले अपने तरह के पहले फंड हैं, जो भविष्य की तकनीक में शामिल कंपनियों पर आधारित हैं।
मिरे एसेट ग्लोबल इलेक्ट्रिक एंड ऑटोनॉमस व्हीकल्स ईटीएफ फंड ऑफ फंड (ईवी एफओएफ) विदेशी ईटीएफ में निवेश करेगा, जो अलग अलग देशों में इलेक्ट्रिक और ऑटोनॉमस व्हीकल्स और संबंधित तकनीक, घटकों और सामग्रियों के विकास पर आधारित हैं। जबकि मिरे एसेट ग्लोबल एक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड टेक्नोलॉजी ईटीएफ फंड ऑफ फंड (एआई एफओएफ) ग्लोबल एक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड टेक्नोलॉजी ईटीएफ की इकाइयों में निवेश करेगा। ग्लोबल एक्स एक प्रमुख ETF प्रदाता है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। यह वर्तमान में थीमैटिक यानी विषयगत ETF में 40 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम (AUM) का प्रबंधन करता है। ग्लोबल एक्स ईटीएफ मिरे एसेट फाइनेंशियल ग्रुप का सदस्य है। (स्रोत: GlobalX, 30 जून, 2022 तक)
16 अगस्त से 30 अगस्त तक खुले रहेंगे
दोनों एनएफओ सब्सक्रिप्शन यानी निवेश के लिए 16 अगस्त, 2022 को खुलेंगे और 30 अगस्त, 2022 को बंद होंगे। दोनों फंड का प्रबंधन मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के हेड-ईटीएफ प्रोडक्ट्स, श्री सिद्धार्थ श्रीवास्तव द्वारा किया जाएगा।
कम से कम कितना निवेश
इन फंड में कम से कम 5,000 रुपये का प्रारंभिक निवेश करना जरूरी होगा और उसके बाद 1 रुपये का गुणक में निवेश किया जा सकता है।
फंड की प्रमुख खासियत
· विभिन्न देशों और इकोसिस्टम में इलेक्ट्रिक और ऑटोनॉमस वाहनों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड टेक्नोलॉजी वाली कंपनियों में निवेश के साथ इन फंड में डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का लाभ मिलेगा।
· Indxx आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा सूचकांक (AIQ इंडेक्स) (AI FoF के लिए बेंचमार्क सूचकांक ) पोर्टफोलियो में 83 कंपनियां हैं, जो 20 उद्योगों में फैली हुई हैं। उनका कुल बाजार पूंजीकरण 13.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (13.2 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर) है।
· एआईक्यू सूचकांक ने पिछले 7 सालों में (31 जुलाई 2022 तक) 20.4 फीसदी रिटर्न दिया है। **
· इन फंड के जरिए निवेशकों के लिए वैश्विक बाजारों में निवेश करने का एक अनूठा अवसर माना जा सकता है।
*स्रोत: 29 जुलाई, 2022 तक ब्लूमबर्ग डाटा; एफबीआईएल की विनिमय दर का उपयोग इंडेक्स वैल्यू को यूएस डॉलर से भारतीय रुपये में बदलने के लिए किया गया है। अगर भारतीय रुपये में उस मुद्रा के मुकाबले मजबूत होता है, जिसमें निवेश किया जाता है तो विदेशी संपत्ति के मूल्य में गिरावट आती है। जिसके परिणामस्वरूप ऐसी विदेशी संपत्ति में निवेश करने वाले फंड पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। पिछला प्रदर्शन भविष्य में बना रह भी सकता है और नहीं भी। इंडेक्स रिटर्न टोटल रिटर्न वेरिएंट में है। ऊपर दिखाया गया डाटा सूचकांक से संबंधित है और सूचकांक की किसी भी योजना के प्रदर्शन को नहीं दिखाता है।
** AIQ सूचकांक का मतलब Indxx आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा सूचकांक है। स्थापना के बाद से एआईक्यू सूचकांक का रिटर्न: 18.5% (आधार तिथि: 31 जनवरी 2014); 1 साल का रिटर्न: -20.7% है।
वैश्विक थीम में निवेश का मौका
एनएफओ की घोषणा करते हुए मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ श्री स्वरूप मोहंती ने कहा कि मिरे एसेट भारतीय निवेशकों के लिए वैश्विक निवेश उत्पादों को पेश करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि हम निवेशकों के लिए ऑफर भारत में ये थीम विकास के प्रारंभिक चरण में हैं, लेकिन विश्व स्तर पर ये फोकस में हैं। हमारा मानना है कि इन फंडों के जरिए निवेशकों को वैश्विक थीम में निवेश का मौका मिलेगा।
“उन्होंने कहा कि हम भारतीय निवेशकों को इस तरह के अनूठे वैश्विक पेशकश में निवेश का मौका देना चाहते हैं. हम ऐसी स्कीम सही समय पर लाना चाहते हैं, ताकि बड़े पैमाने पर निवेशकों के सही निवेश चक्र में पैसा लगाने का मौका मिले और साथ ही उनके निवेश को व्यापक और प्रासंगिक बनाया जा सके।"
निवेश के लिए बेहतर समय
मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के हेड-ईटीएफ प्रोडक्ट्स श्री सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने कहा कि नए फंड ऑफर ऐसे समय में आए हैं, जब वैल्यूएशन निवेशकों के लिए आकर्षक लग रहा है। वहीं अधिकांश देशों का इन तकनीक का उपयोग करने की दिशा में पर्याप्त झुकाव दिख रहा है।
मिरे एसेट ग्लोबल इलेक्ट्रिक एंड ऑटोनॉमस व्हीकल्स ईटीएफ फंड ऑफ फंड और मिरे एसेट ग्लोबल एक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड टेक्नोलॉजी ईटीएफ फंड ऑफ फंड निवेशकों के लिए रेगुलर प्लान और डायरेक्ट प्लान दोनों में उपलब्ध होगा। एनएफओ के बाद, न्यूनतम अतिरिक्त खरीद राशि 1000 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के गुणक में निवेश किया जा सकता है।
NFO क्या है? जानिए कैसे एनएफओ में निवेश करके आप भी कर सकते है जबरदस्त कमाई! | What is NFO in Hindi
NFO क्या है? (What is NFO in Hindi): भारत में शेयर बाजार में कई निवेश के तरीके मौजूद है। इन्ही तरीकों में से एक है एनएफओ (NFO) जिसके बारे में आम लोगो को बहुत कम जानकारी है। आज हम आपको बताएँगे कि एनएफओ क्या है? NFO में कैसे निवेश किया जाता है। और इसके साथ ही जानेंगे NFO के फुल फॉर्म सहित एनएफओ की पूरी जानकारी। तो चलिए जानते हैं कि कैसे एनएफओ में निवेश करके आप भी कर सकते है जबरदस्त कमाई!
NFO क्या है?
बाजार से पैसा जुटाने के उद्देश्य से जब भी किसी म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund House) द्वारा पहली बार कोई म्यूचुअल फंड बाजार में लॉन्च किया जाता है तो उसे NFO यानी न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) कहते है। एनएफओ के माध्यम से ही म्यूचुअल फंड की योजनाएं शुरू की जाती हैं। न्यू फंड ऑफर (NFO) को IPO की तरह हो शेयर बाजार में लॉन्च किया जाता है। NFO की बिक्री नेट एसेट वैल्यू पर होती है।
What is NFO in Hindi
NFO का फुल फॉर्म New Fund Offer है। जब भी पहली बार बाजार में निवेशकों के लिए कोई फण्ड हाउस म्युचुअल फंड योजना लांच करता है तो उसे NFO म्यूचुअल फण्ड कहते है। यह एक नई म्यूचुअल फंड योजना है जिसे आम निवेशकों के लिए पेश जाता है। इसका मतलब साफ है कि NFO Mutual Fund लॉन्च करने की पहली प्रक्रिया है। जैसे शेयर बाजार में लिस्ट होने से पहले कंपनी को अपना IPO जारी करना पड़ता है उसी तरह म्युचुअल फंड लांच करने से पहले म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा NFO (New Fund Offer) लॉन्च किया जाता है।
एनएफओ के प्रकार (Types of NFO in Hindi)
एनएफओ म्यूचुअल फंड बाजार के निवेशकों के निवेश प्लान के आधार पर अलग अलग प्रकार के होते है। हर एनएफओ म्यूचुअल फंड निवेशक की जरूरतों के हिसाब से अलग अलग फंड योजनाएं ऑफर करते हैं। इसीलिए भारत में म्यूचुअल फंड लोकप्रियता काफी बढ़ी है। और इसके साथ साथ अनेकों फंड हाउस या एएमसी की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि NFO यानी न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) दो प्रकार के होते हैं।
- ओपन-एंडेड फंड (Open Ended Mutual Fund)
- क्लोज-एंडेड फंड (Close Ended Mutual Fund)
ओपन-एंडेड फंड (Open Ended Mutual Fund)
ओपन-एंडेड फंड की खाश बात यह होती है की इस फण्ड में निवेशक कभी भी पैसे को निवेश कर सकता है और उसे कभी भी निकाल भी सकता है। Open Ended Mutual Fund Scheme में पैसा आता जाता रहता है और यही कारण है कि ओपन-एंडेड फंड स्कीम में कोई फिक्स्ड अमाउंट नहीं रहता है। इस फण्ड में फंड मैनेजर को अपने निवेश के मुताबिक फैसला लेना होता है।
क्लोज-एंडेड फंड (Close Ended Mutual Fund)
Close Ended Mutual Fund Scheme में निवेशक सिर्फ NFO के समय ही पैसा लगा सकता है। क्लोज-एंडेड फंड में आपका पैसा सिर्फ Maturity के बाद तय डेट पर ही निकालता है। हालांकि क्लोज-एंडेड फंड Scheme की खाश बात यह होती है कि इस यूनिट को आप Secondary Market में खरीद और बेच सकते हैं। आपको बता दें कि Secondary Market के ट्रांजैक्शन से म्यूचुअल फंड कंपनी का किसी भी तरह का कोई लेना देना नहीं होता है। इस तरह के ट्रांजैक्शन की वजह से म्यूचुअल फंड स्कीम में जमा रकम पर कोई प्रभाव पड़ता है।
What is NFO in Hindi
New Fund Offer कैसे काम करता है?
नया फण्ड ऑफर जारी करने से पहले फंड हाउस जारी होने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम के लिए नई यूनिट्स बनाता है। बनाये गए प्रत्येक इकाई की कीमत आमतौर पर 10 रुपये राखी जाती है। अगर कोई निवेश कंपनी एनएफओ जरिये 100 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है तो वह दस करोड़ इकाइयां बनाएगी। न्यू फण्ड ऑफर को बाजार में लेन से पहले फंड हाउस अपने निवेशकों को एक योजना की जानकारी से जुड़े दस्तावेज प्रदान करना होता है। इस दस्तावेज़ में निम्नलिखित चीजें शामिल होती है।
- फंड का उद्देश्य
- प्रबंधकों का अनुभव
- जोखिम स्तर
- भविष्य के रिटर्न
- शुल्क और खर्च
NFO में निवेश का तरीका
अगर आप NFO में निवेश करना चाहते निवेशकों के लिए ऑफर है तो फंड हाउस इस म्यूचुअल जारी फंड स्कीम के लिए बनाई गई यूनिट्स में से किसी भी यूनिट की सदस्यता ले सकते हैं। मान लीजिये अगर आप 1 लाख रुपये NFO यानी न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) में निवेश करना चाहते हैं तो आपको 10000 यूनिट आवंटित की जाएंगी। आपको बता दें की NFO का परिचालन शुरू होने के बाद प्रत्येक इकाई का मूल्य गिर या बढ़ सकता है।
मान लीजिये अगर न्यू फण्ड के ऑफर(NFO ) परिचालन के बाद प्रत्येक यूनिट की कीमत 10 से बढ़कर 20 रुपये हो गई तो आपके निवेश की वैल्यू 2,00,000 रुपये हो जाएगी और आपको 1,00,000 रुपये का शुद्ध लाभ होगा।
अब मान लीजिए यदि न्यू फण्ड के ऑफर(NFO ) परिचालन के बाद आपके प्रत्येक यूनिट की कीमत घटकर 8 रुपये हो गई तो आपके निवेश की वैल्यू 80000 हो जाएगी और आपको आपको 20,000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।
आपको बता दें क़ि अगर न्यू फण्ड के ऑफर(NFO ) को निवेशक सब्सक्राइब करने से मना करते हैं तो वह रद्द भी किया जा सकता है। म्यूचुअल जारी फंड स्कीम के लिए बनाई गई यूनिट्स भी केवल 30 दिनों की सीमित अवधि के लिए खुली हैं।
म्युचुअल फण्ड और NFO में अंतर
म्युचुअल फण्ड की अपेक्षा एनएफओ में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा जरूर होता है। क्योकि NFO एक नया फण्ड ऑफर है जिसके बारे में पहले से कोई डेटा मौजूद नहीं होता है। जबकि म्युचुअल फण्ड में निवेश से पहले आप उसके पिछले कई साल का रिटर्न देख सकते है। लेकिन एनएफओ में सोच समझ कर सही तरीके से निवेश से आप म्युचुअल फण्ड की अपेक्षा ज्यादा पैसे बना सकते है। क्योकि इसमें रिस्क के साथ साथ बढ़िया रिटर्न की भी संभावना होती है।
एनएफओ में निवेश से पहले इन बातो का रखे ध्यान
नए फण्ड ऑफर में निवेश से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- फंड हाउस की प्रतिष्ठा
- फंड के उद्देश्य
- बाजार में पहले से मौजूद उसी तरह के फंड की रिटर्न क्षमता
- निवेश लक्ष्य
- लॉक-इन अवधि
- संबंधित एएमसी के बारे में रिसर्च
FAQs: NFO क्या है? (What is NFO in Hindi)
Q: क्या NFO एक IPO है?
Ans: जी नहीं! लेकिन न्यू फंड ऑफर (NFO) IPO की तरह ही मार्केट में लॉन्च किया जाता है। NFO और IPO में यह अंतर है कि NFO नेट एसेट वैल्यू पर बेचा जाता है और IPO में शेयर के प्राइस बैंड होते हैं।
Q: क्या NFO में निवेश फायदेमंद है?
Ans: अगर कोई निवेशक फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMPs) में निवेश करना चाहते है तो उनके लिए न्यू फंड ऑफर (NFO) का क्लोज्ड एंडेड फंड्स एकदम सही फैसला साबित हो सकता है।
Q: NFO क्यों लाया जाता है?
Ans: म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा बाजार से पैसा जुटाने के उद्देश्य से न्यू फंड ऑफर लाया जाता है। NFO को निवेशकों के लिए भी पेश किया जाता है।
Q: न्यू फण्ड ऑफर कितने प्रकार के होते है?
Ans: एनएफओ (NFO) दो प्रकार के हो सकते हैं। पहला क्लोज-एंडेड फंड स्किम और दूसरा ओपन-एंडेड फंड स्किम।
Q: NFO क्या है?
Ans: जब भी कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी पहली बार निवेशकों के लिए किसी भी नए फंड की यूनिट्स जारी करती है तो उसे एक नया फंड ऑफर (NFO ) कहा जाता है।
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टारसंस प्रॉडक्ट्स के IPO में निवेश करने से पहले जान लें ये 9 जरूरी बातें
ऑफर 15 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. बोली लगाने की आखिरी तारीख 17 नवंबर होगी. एंकर बुक के सब्सक्रिप्शन की प्रक्रिया एक दिन पहले शुरू हो जाएगा
- Money9 Hindi
- Updated On - November 12, 2021 / 08:45 AM IST
निवेशक न्यूनतम 22 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. यानी, प्राइस बैंड के हाई एंड पर उन्हें कम से कम 14,564 रुपये की बोली लगानी होगी
टारसंस प्रॉडक्ट्स का IPO अगले निवेशकों के लिए ऑफर सप्ताह आने वाला है. अगर आप इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले ये 9 जरूरी बातें जान लें.
इशू की तारीख
ऑफर 15 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. बोली लगाने की आखिरी तारीख 17 नवंबर होगी. एंकर बुक के सब्सक्रिप्शन की प्रक्रिया एक दिन पहले 14 नवंबर को शुरू हो जाएगी.
प्राइस बैंड
कंपनी ने IPO के लिए 635-662 रुपये प्रति शेयर तय किया है. इसकी फेस वैल्यू दो रुपये प्रति शेयर है.
लॉट साइज
निवेशक न्यूनतम 22 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. यानी, प्राइस बैंड के हाई एंड पर उन्हें कम से कम 14,564 रुपये की बोली लगानी होगी. रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट या 286 शेयर के लिए 1,89,332 रुपये के लिए बोली लगा सकते हैं.
इशू साइज
पब्लिक ऑफर 1,023.47 करोड़ रुपये का होगा. इसमें 150 करोड़ रुपये के फ्रेश इशू होंगे. शेयरधारकों की ओर से 873.47 करोड़ रुपये के 1,32,00,000 शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत पेश किए जाएंगे.
IPO का लक्ष्य
फ्रेश इशू के जरिए जुटाए जाने वाले फंड का इस्तेमाल कर्ज के रीपेमेंट/प्रीपेमेंट के लिए होगा. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए भी इसका इस्तेमाल होगा.
रिटेल निवेशकों के लिए क्या है खास
ऑफर के करीब 50 प्रतिशत शेयर क्वॉलिफाइड इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए आरक्षित है. रिटेल निवेशकों के लिए 35 फीसदी और बाकी 15 पर्सेंट गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए हैं.
कंपनी के बारे में
टारसंस प्रॉडक्ट्स देश की प्रमुख लाइफ साइंसेज कंपनी है. कंपनी तीन दशक से अधिक समय से लैबवेयर का उत्पादन और सप्लाई कर रही है. फिलहाल इसकी पांच मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं. कंपनी का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2021 में 234.29 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2019 में 184.72 करोड़ रुपये था. इस दौरान उसका मुनाफा 38.96 करोड़ रुपये से उछलकर 68.87 करोड़ रुपये पहुंच गया.
बुक मैनेजर और रजिस्ट्रार
IPO के लीड बुक मैनेजर ICICI सिक्योरिटीज, एडलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज और SBI कैपिटल मार्केट्स हैं. रजिस्ट्रार KFintech है.
इशू टाइमलाइन
इशू के अलॉटमेंट का तरीका 17 नवंबर तक तय हो जाएगा. रिफंड 24 नवंबर तक किए जाएंगे. अलॉट हुए शेयर 25 नवंबर तक निवेशकों को क्रेडिट हो जाएंगे. कंपनी 26 नवंबर को शेयर बाजार में कदम रख सकती है.
LIC IPO: शेयर पाने के लिए अपनाएं ये जरूरी टिप्स, झट से हो जाएगा काम
डीएनए हिंदी: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO 4 मई से लेकर 9 मई के बीच खुल चुका है. निवेशक LIC के आईपीओ का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. बहुत से निवेशकों ने तो खासकर इसके लिए डीमैट अकाउंट भी खुलवाए हैं. बताया जा रहा है कि LIC का आईपीओ लंबी अवधी में अच्छा मुनाफा दे सकता है. हालांकि इस बात की गारंटी थोड़ी कम है कि आवेदनकर्ताओं को LIC के आईपीओ का सब्सक्रिप्शन मिल ही जाएगा. इसलिए अगर आप LIC के आईपीओ का सब्सक्रिप्शन पाना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है.
रिटेल निवेशकों के लिए शानदार ऑफर
LIC ने अपने आईपीओ का प्राइस बंद 902 रुपये से लेकर 949 रुपये के बीच रखा है. एक आम निवेशक ज्यादा से 14 लॉट के लिए निवेश कर सकता है. एक लॉट में 15 शेयर हैं. वहीं DHRP के प्रावधानों के मुताबिक LIC के पॉलिसी या कर्मचारी अतिरिक्त शेयरों के लिए निवेश कर सकते हैं. पॉलिसीधारकों को प्रति शेयर 60 रुपये और कर्मचारियों को 40 रुपये प्रति शेयर छूट मिलेगी.
आईपीओ का अलॉटमेंट पाने के लिए टिप्स
- IPO में जब भी निवेश करें हमेशा अपर प्राइस बैंड पर ही बिड लगाएं. मान लीजिये इशू प्राइस 604 रूपये से लेकर 640 के बीच है तो ऐसे में आपको 640 में बिड लगाना चाहिए.
- एक आईपीओ के लिए एक ही पैन नंबर का इस्तेमाल करें. एक से ज्यादा पैन नंबर (PAN Number) का इस्तेमाल करने पर आईपीओ रद्द हो जाएगा. ऐसे में आप अपनी पत्नी, पेरेंट्स या बच्चों के पैन कार्ड का इस्तेमाल करके अलग-अलग आवेदन कर सकते हैं.
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इंफोसिस बायबैक निवेशकों के लिए है फायदे का सौदा
छोटे निवेशकों से कितने शेयर बायबैक करेगी इंफोसिस जानिए कैसे
आईटी दिग्गज इंफोसिस का शेयर बायबैक छोटे निवेशकों के लिए शॉर्ट टर्म रिटर्न कमाने का शानदार मौका है. कंपनी ने इसी साल 19 अगस्त को घोषणा की थी कि वो 11.30 करोड़ शेयर बायबैक करेगी. कंपनी ये बायबैक निवेशकों के लिए ऑफर करेगी 1150 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर, यानी कुल 13,000 करोड़ रुपए के शेयर इंफोसिस अपने निवेशकों से वापस खरीदेगी. इस बायबैक की रिकॉर्ड डेट है 1 नवंबर, यानी जिन निवेशकों के पास 1 नवंबर की तारीख में इंफोसिस के शेयर होंगे, वही इस बायबैक स्कीम में हिस्सा ले पाएंगे.
छोटे निवेशकों से कितने शेयर बायबैक करेगी इंफोसिस
इस वक्त इंफोसिस के शेयर की कीमत है करीब 930 रुपए, यानी मौजूदा कीमत और बायबैक की कीमत का अंतर है 220 रुपए प्रति शेयर. लेकिन ऐसा नहीं है कि आपके पास मौजूद सारे शेयर इंफोसिस वापस खरीद लेगी. सेबी के नियमों के तहत बायबैक ऑफर का 15% रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा.
रिटेल निवेशकों का मतलब है वो निवेशक जिनके पास रिकॉर्ड डेट तक अधिकतम 2 लाख रुपए के शेयर हों. इंफोसिस का बायबैक ऑफर है 13,000 करोड़ का, यानी कंपनी 1,950 करोड़ रुपए के शेयर छोटे निवेशकों से खरीदेगी. अब एक निवेशक से इंफोसिस कितने शेयर बायबैक करेगी, ये निर्भर होगा एक्सेप्टेंस रेश्यो पर.
इंफोसिस बायबैक पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट निकाली है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि छोटे निवेशकों के लिए ऑफर निवेशकों के लिए इंफोसिस बायबैक का एक्सेप्टेंस रेश्यो करीब 60% हो सकता है. 60% एक्सेप्टेंस रेश्यो का मतलब है कि अगर आप बायबैक में 100 शेयर टेंडर करते हैं तो कंपनी आपके 60 शेयर लेगी, बाकी 40 वापस कर देगी. आमतौर पर बायबैक में सभी रिटेल निवेशक हिस्सा नहीं लेते हैं. ऐसे में एक्सेप्टेंस रेश्यो बढ़ सकता है. लेकिन अगर नए निवेशकों ने रिकॉर्ड डेट तक इंफोसिस के शेयरों की खरीदारी कर ली और बायबैक में हिस्सा लिया तो एक्सेप्टेंस रेश्यो घट भी सकता है.
निवेशकों को मिल सकता है 25% तक रिटर्न
बायबैक से मिलने वाले रिटर्न की गणना करने के लिए हम मान लेते हैं कि कोई निवेशक आज इंफोसिस के 200 शेयर खरीदता है. 930 रुपए के हिसाब से इनकी मौजूदा कीमत हुई 1.86 लाख रुपए. अगर एक्सेप्टेंस रेश्यो 60% है तो कंपनी बायबैक में लेगी 120 शेयर. मौजूदा बाजार कीमत हुई 120x930= 1,निवेशकों के लिए ऑफर 11,600 रुपए. और बायबैक की कीमत हुई 120x1150= 1,38,000 रुपए. यानी फायदा हुआ 26,400 रुपए का. बचे 80 शेयरों की कीमत अगर नहीं भी बढ़ती है, तो उनसे मिलेंगे 80x930= 74,400 रुपए. तो निवेशक के पास आएंगे कुल 1,38,000+74,400= 2,12,400 रुपए. यानी निवेश की मूल रकम 1.86 लाख रुपए पर होगी 26,400 रुपए की कमाई यानी करीब 15% रिटर्न.
इस फायदे में उतार-चढ़ाव आ सकता है अगर एक्सेप्टेंस रेश्यो में बदलाव आ जाए या शेयर की कीमतों में बदलाव आए. एक्सेप्टेंस रेश्यो बढ़ने पर निवेशकों का फायदा बढ़ेगा और घटने पर फायदा कम होगा. मिसाल के लिए अगर एक्सेप्टेंस रेश्यो 100% होता है, तो निवेशकों का फायदा होगा 24 फीसदी और अगर एक्सेप्टेंस रेश्यो 50% होता है, तो निवेशकों का फायदा होगा 12 फीसदी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2017 में टीसीएस के बायबैक में एक्सेप्टेंस रेश्यो 100% पहुंच गया था। इस वजह से बायबैक की घोषणा के बाद टीसीएस के शेयर खरीदकर उन्हें बायबैक में टेंडर करने वाले निवेशकों को 47% का रिटर्न मिला
छोटे निवेशक इन बातों का भी ध्यान रखें
1) 1 नवंबर को आपके पास शेयर रहें, इसके लिए जरूरी है कि आप 30 अक्टूबर तक शेयर खरीद लें. टी+2 सेटलमेंट पीरियड की वजह से शेयर खरीदने के दो दिन बाद आपके डीमैट अकाउंट में पहुंचते हैं.
2) रिटेल निवेशकों के 15% कोटे में वही निवेशक हिस्सा ले सकेंगे, जिनके पास मौजूद इंफोसिस के शेयरों की वैल्यू अधिकतम 2 लाख रुपए होगी.
3) रिकॉर्ड डेट के नजदीक पहुंचने पर अगर इंफोसिस के शेयर खरीदने वाले निवेशकों की तादाद बढ़ती है तो एक्सेप्टेंस रेश्यो के घटने की आशंका बढ़ जाएगी.
4) एक्सेप्टेंस रेश्यो घटने-बढ़ने के मुताबिक निवेश पर रिटर्न भी घट-बढ़ सकता है, इसलिए इस जोखिम को ध्यान में जरूर रखें.
(धीरज कुमार जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)
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