स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

आज के कारोबार को अगर सेक्टरवार देखें तो निफ्टी आईटी, मेटल और रियलटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट दिख रही है. ये सेक्टर 0.5 फीसदी के नुकसान पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं, पीएसयू बैंक और ऑटो इंडेक्स में उछाल दिख रहा है और ये इंडेक्स 0.9 फीसदी के उछाल पर कारोबार कर रहे हैं.
3907% का छप्परफाड़ रिटर्न देने के बाद 54% टूट गया यह शेयर, निवेशक कंगाल, सप्ताहभर से बंद है ट्रेडिंग
Multibagger Stock: आज हम जिस शेयर के बारे में बता रहे हैं उसने पिछले एक साल में अपने निवेशकों को मालामाल किया है। लेकिन पिछले छह महीने से यह शेयर लगातार गिरते जा रहा है जिससे कि अब तक निवेशकों को 54% का नुकसान हो गया। वर्तमान में शेयर की बीएसई-एनइसई (BSE-NSE) पर ट्रेडिंग बंद (Trading closed) कर दी गई है। पिछले एक सप्ताह से इसकी ट्रेडिंग नहीं हो रही है। हम बात कर रहे हैं एसईएल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड ( Sel Manufacturing Company Ltd) के शेयरों की। इस मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger stock) में पैसे लगाने वाले पिछले 6 महीने में ही कंगाल हो गए हैं। उन शेयरहोल्डर्स को तगड़ा नुकसान हुआ है, जिन्होंने अब तक इसमें अपने निवेश को बनाए रखा है।
₹1157 से टूटकर ₹540.95 पर आ गया भाव
आंखें मूंद किसी के कहने पर कभी नहीं!
भारत में शेयर बाज़ार से कमाने की कारगर रणनीति यही है कि ट्रेडर मौका देखे तो निवेशक बन जाए तो निवेशक को ज़रूरत पड़े तो ट्रेडर बन जाए। वैसे, दोनों के बीच बड़ी साफ विभाजन रेखा है। ट्रेडर हमेशा सटोरिया होता है। वह बहुत कम जानकारी जुटाकर अनजाने में छलांग लगाता है। वहीं, निवेशक कतई सटोरिया नहीं होता। वह जितना संभव है, उतना जानकर ही दांव लगाता है। वह जो भी शेयर खरीदे, उसके पीछे निष्पक्ष व वस्तुगत तार्किक आधार होना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी के कहने पर आंख मूंदकर खरीद लिया। साथ ही कतई महंगे व सिरचढ़े स्टॉक्स न खरीदें। पूरी तसल्ली के बाद ही किसी कंपनी का शेयर खरीदें। नहीं तो बचत बैंक एफडी या सरकारी बॉन्ड में लगा दें। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
यह कॉलम सब्सक्राइब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें.
निवेश – तथास्तु
अपना शेयर बाज़ार 11 महीने में ही फिर नए ऐतिहासिक शिखर पर पहुंच गया। सेंसेक्स 17 जून से 25 नवंबर 2022 तक के करीब पांच महीनों में नीचे से ऊपर तक 22.64% और निफ्टी 22.07% बढ़ा है। इस दौरान अगर किसी ने निफ्टी ईटीएफ में निवेश किया होता तो यकीकन उसे इसके आसपास रिटर्न मिल गया होता। लेकिन क्या आपके पोर्टफोलियो में शामिल शेयर भी इस दौरान इतने बढ़े हैं? यह आदर्श स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है स्थिति दुनिया का कोई भी […]
क्या आप जानते हैं?
जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …
भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …
Stock Market Opening : शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत, इन शेयरों में गिरावट
News18 स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है हिंदी 5 दिन पहले News18 Hindi
© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "Stock Market Opening : शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत, इन शेयरों में गिरावट"
मुंबई. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) मंगलवार सुबह फिर दोराहे पर खड़ा दिख रहा है. ट्रेडिंग की शुरुआत होते ही आज सेंसेक्स-निफ्टी में मामूली गिरावट दिखी लेकिन निवेशक अभी खरीदारी के मूड में दिख रहे हैं और बाजार के थोड़ा ऊपर आने का इंतजार कर रहे. ग्लोबल मार्केट में आई गिरावट का असर आज निवेशकों के सेंटिमेंट पर भी साफ दिख रहा है, जिससे वे खरीदारी का मन बनाने के बावजूद पैसे लगाने से ठिठक रहे हैं.
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है
उतार चढ़ाव के बीच शेयर बाजार में कमजोरी का रुख
नई दिल्ली। एशियाई बाजारों में कमजोरी का असर आज घरेलू शेयर बाजार पर भी नजर आ रहा है। बाजार में लगातार बिकवाली का दबाव बना हुआ है। हालांकि शेयर बाजार ने आज मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की थी। इसके स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है अलावा अभी तक हुई ट्रेडिंग के दौरान खरीदार बीच-बीच में लिवाली करके स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है बाजार को सपोर्ट करने की कोशिश भी कर रहे हैं। लेकिन बिकवाली के दबाव की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक गिरावट के साथ कारोबार करते नजर आ रहे हैं। पहले 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सेंसेक्स 0.10 प्रतिशत और निफ्टी 0.05 प्रतिशत की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे थे।
शुरुआती 1 घंटे के कारोबार स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, लार्सन एंड टूब्रो, एनटीपीसी, कोल इंडिया और अपोलो हॉस्पिटल के शेयर 1.78 प्रतिशत से लेकर 0.86 प्रतिशत की मजबूती के साथ कारोबार करते नजर आ रहे थे। दूसरी ओर टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोटक महिंद्रा, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और नेस्ले के शेयर 1.12 प्रतिशत से लेकर 0.69 प्रतिशत की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे थे।
यह भी पढ़ें
मार्केट रेगुलेटर SEBI का यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये किये जा रहे उपायों का हिस्सा है. सेबी ने दिशानिर्देश तैयार करने के लिये एक समिति बनाई है, जिसमें नियामक, शेयर बाजार और एएनएमआई के प्रतिनिधि शामिल हैं. प्रतिभूति बाजार में तेजी से हो रहे तकनीकी विकास से आंकड़ों की सुरक्षा और निजता बनाये रखने की एक चुनौती है. इसको देखते हुए शेयर ब्रोकरों के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा और साइबर मजबूती की जरूरत है.
एएनएमआई के अध्यक्ष कमलेश शाह ने कहा, शेयर ब्रोकर के पास निवेशकों के बहुत सारे स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है महत्वपूर्ण आंकड़े होते हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे ऐसी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है सूचना को साइबर धोखाधड़ी तथा ट्रेडिंग खातों की हैकिंग के जोखिम से बचाएं ताकि निवेशकों को इसके कारण नुकसान उठाना नहीं पड़े. उन्होंने कहा कि समिति दिसंबर के अंत तक दिशानिर्देश का मसौदा सेबी को दे सकती है, लेकिन अंतिम रूप से नियमों के क्रियान्वयन में कम-से-कम एक साल का समय लग सकता है. शाह के अनुसार, समिति एक ऐसे समाधान पर काम कर रही है जो छोटे दलालों के लिए भी वहन करने योग्य होगा, अन्यथा ढांचे का पूरा उद्देश्य विफल हो जाएगा.