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आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी

आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी
पिछले 12 महीनों से, एसआईपी में औसतन प्रवाह 8,200 करोड़ रुपये से अधिक का रहा है। हमारा मानना है कि यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है क्योंकि एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए खुदरा निवेशकों के पसंदीदा मार्ग के रूप में उभर रहा है। ऐतिहासिक रूप से, यह देखा गया है कि कोई भी वैश्विक घटना जिसके कारण बाजार में मंदी आई है, निवेश के आकर्षक अवसर साबित हुए हैं। ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण है कि मौजूदा निवेश के साथ बने रहें।

नूतन प्रभात -ज्वेलरी विशेष

' अमेरिका शेयर बाजार'

Sensex, Nifty today: बाजार बंद होने के पहले दोपहर तीन बजे के आसपास बेंचमार्क इंडेक्स अपने इंट्रा-डे लो यानी दिन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. दरअसल, अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक की पॉलिसी मीटिंग के फैसले आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी के इंतजार के बीच बाजार में सुस्ती चल रही है.

अमेरिका में नयी सरकार से नये राहत उपायों की उम्मीद में वैश्विक बाजारों में तेजी रही. इसके बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ऊर्जा और वाहन कंपनियों के शेयरों में मजबूती आने से बुधवार को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गये. बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 393.83 अंक यानी 0.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ 49,792.12 अंक के नये रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिका रिकवरी की राह पर है. उनके इस ट्वीट के पीछे शेयर मार्केट खुलने के बाद बाजार में दिखी तेजी है.

मंदी का खतरा वास्तविक, भारत को रेपो रेट बढ़ाने से कहीं ज्यादा कुछ करने की जरूरत

मंदी का खतरा वास्तविक, भारत को रेपो रेट बढ़ाने से कहीं ज्यादा कुछ करने की जरूरत

Guest Author | Edited By: मोहन कुमार

Updated on: May 27, 2022 | 12:10 AM

के गिरिप्रकाश

कुछ हफ्ते पहले एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के प्रबंध निदेशक ने बढ़ती लागत को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इनपुट कॉस्ट (Input Cost) बढ़ने से पूरी परियोजना की लागत काफी बढ़ गई है और ये मुनाफे को भी काफी हद तक प्रभावित कर रही है. उनकी कंपनी अकेली नहीं है, जिसका मुनाफा कम हो गया है. महंगाई (Inflation), डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट और घटते विदेशी मुद्रा भंडार (सितंबर 2021 में 642.45 अरब डॉलर से 29 अप्रैल, 2022 को 597.7 डॉलर) ने न केवल कॉरपोरेट्स के लिए बल्कि आम आदमी के लिए भी संकट को बढ़ा दिया है. इसके अलावा स्टार्ट-अप्स को पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई पैसा लगाने वाले वेंचर कैपिटलिस्ट (VC) ने हाथ खींच लिए हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने का आकर्षक है अवसर, सस्‍ते दाम पर मौजूद हैं अच्‍छे शेयर

शेयर बाजार में निवेश करने का आकर्षक है अवसर, सस्‍ते दाम पर मौजूद हैं अच्‍छे शेयर

निमेश शाह, नई दिल्‍ली। कोरोनावायरस से संबंधित घटनाक्रमों और इससे उपजी चिंताओं के मद्देनजर बाजार ने घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वर्तमान में, इक्विटी वैल्‍यूएशन सस्ते हैं और निवेशकों में घबराहट का माहौल है। अतीत में इस तरह की घटनाएं लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुए हैं। ऐसा अवसर एक दशक में एक बार आता है।

पिछली बार निवेशकों को ऐसा मौका 2008 और 2001 में मिला था। तीन से पांच साल तक के निवेशक भारतीय शेयरों से उम्मीद से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें, जब भी बाजार बुरे दौर से गुजरता है तो समाचार का प्रभाव बेहद नकारात्मक होता है और कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि आगे क्या होगा। इसका पता तो अतीत में जाने आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी के बाद ही लगता है। यहां तक कि डेट मार्केट वर्तमान में आकर्षक दिखाई पड़ता है और साथ ही निवेश का एक दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है। इसका कारण अच्छे क्रेडिट का प्रसार है। इसलिए, यहां भी हमारे पास एक दशक में एक बार कॉर्पोरेट पेपर में निवेश करने और इस समय इक्विटी में निवेश करने का अच्छा अवसर आया है।

आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी

Sarso ka Bhav: क्या सरसों के भाव होंगे 8000 के पार, देखिये मंदी तेजी रिपोर्ट

पिछले एक सप्ताह में सरकार से लेकर मीडिया हॉउस और बड़े कॉर्पोरेट की तमाम कोशिशों के बावजूद सरसों के भाव में कोई बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिली। हालांकि सरसों का भाव अपने टोप से 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक कम जरुर हुआ है। किसान ने सरसों को स्टॉक कर लिया है। सरसों को निकलवाने के प्रयास जारी हैं। लेकिन फिर भी आवक नहीं बढ़ रही है। पर हम आपको सही समय पर सही जानकारी देते रहते हैं। और ये रिपोर्ट आपको सरसों की सही स्थिति के बारे मे अवगत कराएगी।

ताजा मार्केट अपडेट
विदेशी बाजारों से मिल रहे संकेतों और तेल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के सोमवार को भी तेल तिलहन के बाजार उठ नहीं पाए । सरसों पर भी दबाव देखने को मिला। जैसा कि आपको पता है कि सोमवार के दिन आवक थोड़ी सी ज्यादा रहती है। क्योंकि बहुत सारे किसान साथी शनिवार को अपना माल बेचना पसंद नहीं करते और रविवार को ज्यादातर मंडियां बंद रहती है। आवक 50 हजार बोरी ज्यादा थी। भाव पर हल्का दबाव कहीं कहीं देखने को मिला है। हालांकि पिछले साल समान अवधि में देखने तो यह आवक आधी ही है। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 7375 पहुंचने के बाद 25 रुपये कमजोर होकर 7,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 5.50 लाख बोरियों की ही हुई। अंतरराष्ट्रीय घटना क्रम के चलते बाजारों में अस्थिरता रहने का अनुमान है।

Coronavirus side effect to gold and silver rate

Silver अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है ? आखिर यह खबर कितनी पक्की है इसका तो कोई अंदाज भी नहीं लगा सकता है। लेकिन आपको मार्केट में चल रही उथल पुथल को देखकर आगाह करना चाहूंगा कि अगर आपके पास gold या silver पड़ा है तो आपको आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी अच्छा मुनाफा मिल सकता है। कोरोना महामारी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है और हालात दिनोंदिन बदतर होते जा रहे हैं। अभी के हालातों से तो पूरे देश में लोकडाउन के हालात बन रहे हैं लेकिन लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते कई प्रान्तों की सरकार ने वीकेंड लोकडाउन के साथ ही कई सख्तियां लगा रखी हैं। ऐसे में बाजार में फिर एक बार कोरोना का कहर नजर आने लगा है। राशन, तेल सहित कई खाद्य सामग्री पर रेट बढ़ा दी गई है।

बाजार में क्या संकेत है gold and silver को लेकर तो मैं आपको यहां आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी बताना चाहूंगा कि बाजार में इस बार दोनों ही धातुओं को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों में इस बार जबरदस्त तेजी देखने को मिलेगी। अगर हो सका यानी महामारी पर काबू नहीं पाया गया तो मानकर चलो कि बाजार में gold and silver की रेट अब तक के सभी उच्चतम रिकॉर्ड को तोड़ सकती है ? हालांकि अभी इसे लेकर कोई स्पष्टिकरण नहीं है। लेकिन आने वाले समय में ही इसकी तेजी मंदी का पता चलेगा।

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