धन के 5 नियम

किस आधार पर विदेशी आमदनी पर होगी टैक्स की गणना (फोटो- Freepik)
Jan Dhan Yojana ke Niyam Mein Badlaav जन धन योजना के नियम में बदलाव
केंद्र सरकार द्वारा देश में वित्तीय समावेश के उद्देश्य से जन धन योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 की गई थी योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों को जन धन खाता के माध्यम से बीमा, लोन, ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी जीरो बैलेंस खाता के लाभ के दायरे वृद्धि की गई है अब जन धन खाता धारकों को बैंक अकाउंट से मिलने वाली बीमा के लाभ एवं ओवरड्राफ्ट की धन के 5 नियम रकम को दोगुना कर दिया गया है इसके अतिरिक्त योजना के नियमों में बदलाव के तहत बैंक खाता खोलने की आयु को भी बढ़ा दिया गया है केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार जन धन योजना 28 अगस्त 2018 के आगे भी जारी रहेगी आइये जाने योजना के नए नियम की जानकारी
- ओवरड्राफ्ट की रकम हुई दोगुनी :
जन धन योजना के तहत जीरो बैलेंस खाता धारक को पहले रूपए 5 हज़ार की ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती थी। किन्तु अब नए नियम के तहत खाताधारक द्वारा 6 महीने तक लगातार बैंक खाते में पैसा जमा करने पर उसकी क्रेडिट लिमिट अच्छी मानी जायेगी। जिसके परिणामस्वरूप जन धन खाता धारक अपने जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट से जरुरत पड़ने पर 10 हज़ार ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्राप्त कर सकेगा। इसके अतिरिक्त रूपए 2 हज़ार ओवरड्राफ्ट लेने के लिए किसी प्रकार की कोई शर्त लागू नहीं होगी। अर्थात सभी जन धन खाताधारक 2 हज़ार की ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। योजना के तहत इस सुविधा के मिलने से निर्धन परिवार अपनी आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम बन सकेगा।
Belpatra Astro Benefits: घर में बेलपत्र को लगाने के लिए क्या हैं नियम, यहां जानिए इसे लगाने की सही दिशा
Belpatra Astro Benefits: भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि जिस घर में बेल का पौधा होता है, वहां महादेव की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही ऐसे घरों में माता लक्ष्मी का भी वास निश्चित माना जाता है. घर में विशिष्ट स्थानों पर पौधा लगाने से कई समस्याओं का समाधान होता है, ऐसा वास्तु शास्त्र का कथन है. शिवपुराण के अनुसार जिस स्थान पर बेलपत्र का पौधा लगाया जाता है, वह तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय स्थान हो जाता है. बेलपत्र का पत्ता कभी बासी नहीं होता है. आइए जानते हैं शिवजी की पूजा में बेलपत्र का महत्व और इसे घर में लगाने के लिए सही दिशा के बारे में.
बेलपत्र का महत्व
शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है. साथ ही दरिद्रता दूर होती धन के 5 नियम है. बेलपत्र से भगवान शिव और हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं. घर में बेलत्र का पौधा लगाने से परिवार पापों के प्रभाव से मुक्त हो जाता है.
दरिद्रता दूर करने में सहायक
दरिद्रता दूर करने के लिए घर में बेलपत्र लगाएं।.इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है. आप अपने धन क्षेत्र में बेलपत्र के पत्ते रख सकते हैं. यह घर में खुशियां और आशीर्वाद लेकर आता है. वित्तीय समृद्धि के लिए उत्तर-दक्षिण दिशा में पौधा लगाएं.
परिवार के सदस्य रहते हैं उर्जावान
मान्यता है कि बेलपत्र के वृक्ष की जड़ों में गिरिजा माता का वास होता है. तने में माहेश्वर, शाखाओं में माता दक्षिणी, पत्तों में पार्वती, फूलों में गौरी और फलों में देवी कात्यायनी का वास होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में बेल का पौधा लगाया जाए तो घर में रहने वाले सदस्य तेज और ऊर्जावान बनते हैं.
Income Tax: विदेश में कमाए गए पैसे पर कितना लगेगा टैक्स, जानिए कैसे करें कैलकुलेट
किस आधार पर विदेशी आमदनी पर होगी टैक्स की गणना (फोटो- Freepik)
देश में आयकर विभाग की ओर से अलग-अलग तरह से टैक्स लगाया जाता है। कई तरह की आमदनी पर कर भुगतान करने का नियम अलग-अलग है। वर्क फ्रॉम होम की सुविधा होने से कोई भी नागरिक कहीं से भी नौकरी कर सकता है। ऐसे में भारत से कोई भी विदेश से भी आय कमा सकता है। हालांकि इसपर लोगों को टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।
अगर आप भी विदेशों से धन प्राप्त कर रहे हैं तो आइए जानते हैं इसपर कितना टैक्स लगाया जा सकता है और इस तरह के राशि पर टैक्स कैलकुलेट किस प्रकार से किया जाएगा।
TDS के समान टैक्स
अगर आप विदेश से धन प्राप्त कर रहे हैं तो वहां के नियम के अनुसार, आपकी आय पर टीडीएस के समान टैक्स वसूला जा सकता है। यह टैक्स 10 फीसदी से 20 फीसदी तक हो सकती है। इस कारण, आय से पहले वहां के टैक्स नियम को समझना जरूरी है।
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टैक्सेशन के लिए रुपये में ट्रांसफर
आयकर नियम के अनुसार, विदेशी मुद्रा आय को भारतीय रुपये में बदलने के लिए अलग से टैक्स लगाया जाता है। आय की प्रकृति के आधार पर, अलग-अलग तिथियां तय की गई हैं। यह नियम तब भी लागू होता है जब भारत में कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया जाता है। इस कारण टैक्सपेयर्स को सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कर तय समय के दौरान ट्रांसफर कराए जा रहे हैं।
आयकर कानून उन निवासी करदाताओं को राहत प्रदान करते हैं, जिन्हें किसी विदेशी देश में कर का सामना करना पड़ा है। इसका मतलब यह है कि किसी विदेशी देश में रोके गए करों के लिए भारत में टीडीएस क्रेडिट के दावे के समान दावा किया जा सकता है। हालाँकि, यह राहत भारत धन के 5 नियम में करदाता की कर देनदारी को कम करने में मदद कर सकती है।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बाहर से अर्जित आय पर टैक्स भुगतान भारत में अर्जित आय से बहुत अलग नहीं है। यह आय का स्रोत दूसरे देश में है, इसलिए संभावना है कि आय पर विदेश में भी कर लगाया जा सकता है।
केंद्र के नए नियम, सरकार के कहने पर टीवी चैनलों को दिखानी होगी ‘राष्ट्रहित वाली सामग्री’
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा गुरुवार को जारी किए गए नए दिशानिर्देश धन के 5 नियम सरकार को ऐसी शक्ति प्रदान करते हैं, जिससे वह सभी भारतीय टेलीविजन चैनलों को समय-समय पर जारी धन के 5 नियम ‘सामान्य सलाह (General Advisory)’ के आधार पर ‘राष्ट्रहित में सामग्री’ प्रसारित करने के लिए मजबूर कर सकती है.
इसके अलावा, दिशानिर्देश चैनलों को ‘राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता के विषयों’ को दिन में कम से कम 30 मिनट प्रसारित करने के लिए भी कहते हैं.
हालांकि, चैनलों को इस दायित्व को पूरा करने के लिए अपने स्वयं की सामग्री बनाने और प्रसारित करने की स्वतंत्रता होगी और नए दिशानिर्देश स्वयं इन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, ‘एक दिन में न्यूनतम 30 मिनट की अवधि के लिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण कर सकते हैं…’
नए दिशानिर्देशों के अन्य पहलू
इस कदम से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है. सिंगापुर उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है.
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 चैनल में से केवल 30 चैनल ही भारत से अपलिंक हैं.
संयुक्त सचिव (प्रसारण) संजीव शंकर ने मीडिया को दी गई एक प्रस्तुति में कहा, ‘कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिए अनुमति लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है, केवल सीधे प्रसारण वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा.’
उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड डेफिनिशन (एसडी) से हाई डेफिनिशन (एचडी) या इसके उलट भाषा बदलने या ट्रांसमिशन मोड में बदलाव के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
Income Tax: विदेश में कमाए गए पैसे पर कितना लगेगा टैक्स, जानिए कैसे करें कैलकुलेट
किस आधार पर विदेशी आमदनी पर होगी टैक्स की गणना (फोटो- Freepik)
देश में आयकर विभाग की ओर से अलग-अलग तरह से टैक्स लगाया जाता है। कई तरह की आमदनी पर कर भुगतान करने का नियम अलग-अलग है। वर्क फ्रॉम होम की सुविधा होने से कोई भी नागरिक कहीं से भी नौकरी कर सकता है। ऐसे में भारत से कोई भी विदेश से भी आय कमा सकता है। हालांकि इसपर लोगों को टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।
अगर आप भी विदेशों से धन प्राप्त कर रहे हैं तो आइए जानते हैं इसपर कितना टैक्स लगाया जा सकता है और इस तरह के राशि पर टैक्स कैलकुलेट किस प्रकार से किया जाएगा।
TDS के समान टैक्स
अगर आप विदेश से धन प्राप्त कर रहे हैं तो वहां के नियम के अनुसार, आपकी आय पर टीडीएस के समान टैक्स वसूला जा सकता है। यह टैक्स 10 फीसदी से 20 फीसदी तक हो सकती है। इस कारण, आय से धन के 5 नियम पहले वहां के टैक्स नियम को समझना जरूरी है।
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टैक्सेशन के लिए रुपये में ट्रांसफर
आयकर नियम के अनुसार, विदेशी मुद्रा आय को भारतीय रुपये में बदलने के लिए अलग से टैक्स लगाया जाता है। आय की प्रकृति के आधार पर, अलग-अलग तिथियां तय की गई हैं। यह नियम तब भी लागू होता है जब भारत में कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया जाता है। इस कारण टैक्सपेयर्स को सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कर तय समय के दौरान ट्रांसफर कराए जा रहे हैं।
आयकर कानून उन निवासी करदाताओं को राहत धन के 5 नियम प्रदान करते हैं, जिन्हें किसी विदेशी देश में कर का सामना करना पड़ा है। इसका मतलब यह है कि किसी विदेशी देश में रोके गए करों के लिए भारत में टीडीएस क्रेडिट के दावे के समान दावा किया जा सकता है। हालाँकि, यह राहत भारत में करदाता की कर देनदारी को कम करने में मदद कर सकती है।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बाहर से अर्जित आय पर टैक्स भुगतान भारत में अर्जित आय से बहुत अलग नहीं है। यह आय का स्रोत दूसरे देश में है, इसलिए संभावना है कि आय पर विदेश में भी कर लगाया जा सकता है।