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शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें

शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें
Edited By: India TV Paisa Desk
Updated on: November 13, 2022 6:54 IST

Share market क्या होता है? शेयर मार्केट में पैसा निवेश कैसे करें

पहले यह समझना जरूरी हैं कि Share Market क्या है और इसमें क्या होता हैं? Share Market को Stock Market या Equity Market भी कहा जाता हैं। यह वह जगह होती हैं जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयर्स खरीदने और बेचे जाते हैं।

लेकिन यह कोई सामान्य बाजार जैसा नहीं हैं, डिजटाइलेजशन के बाद तो बिल्कुल नहीं हैं। भारत मे मुख्य रूप से 2 शेयर मार्केट हैं, जो इस प्रकार हैं:

BSE : बीएसी का पूरा नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) है, जो भारत का सबसे पुराना आधिकारिक शेयर बाजार भी है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में कई जा चुकी हैं।

NSE : एनएसी का फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange of India) हैं जिसकी स्थापना 1992 में हुई थी लेकिन इसमे ट्रेडिंग की शुरुआत 1994 में हुई थी।

सरल भाषा में शेयर बाजार को समझा जाए तो शेयर बाजार एक ऐसा बाजार होता है, जहां पर काफी सारी कंपनियां लिस्टेड होती है और उनके शेयर खरीदे हुए बेचे जाते हैं। शेयर की कीमत कंपनी की वैल्यू, प्रॉफिट, लॉस और डिमांड और सप्लाई जैसे नियमों पर आधारित होती है।

आप कंपनी के जितने शेयर खरीदते हैं, उतने ही आप कंपनी के मालिक माने जाते हैं। यही कि अगर आपने किसी कंपनी के 1% शेयर खरीदे तो आप उस कंपनी के 1% मालिक होंगे।

शेयर बाजार कैसे काम करता हैं? How Share Market Works in Hindi?

अब क्योंकि आप समझ चुके हैं कि शेयर बाजार क्या है और इसमें क्या होता है तो आपका यह जानना भी जरूरी है कि शेयर बाजार कैसे काम करता है?

सबसे पहले तो आपको यह जानना होगा कि किसी भी कम्पनी के शेयर या फिर कहा जाए तो स्टॉक कम्पनी की ओनरशिप इक्विटी को दर्शाते हैं।

अर्थात आप कम्पनी के जितने प्रतिशत शेयर के मालिक होंगे, आपका कम्पनी पर उतना ही अधिकार होगा। इसके अलावा कैपिटल गेन और डिविडेंट्स के रूप में कम्पनी की कॉरपोरेट इनकम पर भी शेयर होल्डर का अधिकार होता हैं।

शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियो के लिमिटेड शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें स्टॉक्स लिस्टेड किये जाते हैं, जिनपर ट्रेडिंग की जाती हैं अर्थात उन्हें ख़रीदा और बेचा जाता हैं। शेयर बाजार की पूरी गणित डिमांड और सप्लाई के नियम पर आधारित हैं।

अगर डिमांड अधिक है और सप्लाई कम हैं तो शेयर की कीमत बढ़ती है और अगर डिमांड कम है और सप्लाई अधिक हैं तो शेयर की कीमत घटी हैं।

वैसे तो शेयर की कीमत घटना और बढ़ना कई बातों पर डिपेंड करता है लेकिन वह भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डिमांड और सप्लाई के नियम पर ही निर्भर करती है।

शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाते हैं? How to Earn Money from Share Market in Hindi

अब तक आप समझ चुके होंगे कि शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है? तो अब बारी है शेयर बाजार से पैसे कमाने की प्रोसेस को समझने की। शेयर बाजार से पैसे कमाना बिल्कुल रियल एस्टेट से पैसे कमाने जैसा है।

रियल एस्टेट में आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और विभिन्न कारणों से और इन्फ्लेशन के साथ उस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है। जब आप उसे बेचते हैं तो आपको प्रॉफिट मिलता है और यह प्रॉफिट आपकी कमाई होती है।

जो आपको आपके इन्वेस्टमेंट से मिली है। लेकिन अगर आप गलत जगह पर अधिक कीमत में शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें प्रॉपर्टी खरीदेंगे और उसे कम कीमत में बेचेंगे तो आपको लॉस होगा।

बिल्कुल ऐसा ही शेयर बाजार में भी होता है। डिमांड और सप्लाई की वजह से शेयर बाजार में शेयर की कीमत घटती और बढ़ती रहती है। जब भी किसी चीज की कीमत घटती है तो उसमें निवेश करके अच्छा प्रॉफिट भी प्राप्त किया जा सकता है और लॉस होने की संभावनाएं भी रहती है।

शेयर बाजार में जब आप किसी स्टॉक को कम कीमत में खरीदकर अधिक कीमत में बेचते हो तो आपको प्रॉफिट मिलता है और वह प्रॉफिट आपकी कमाई होता है। इसी तरह से शेयर बाजार से पैसे कमाए जाते हैं।

ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में घाटे की संभावना नहीं रहती लेकिन अगर आप रिसर्च के साथ क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करोगे तो प्रॉफिट की संभावना अधिक रहेगी।

शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करें? How to Invest in Share Market in Hindi

शेयर बाजार के बारे में काफी कुछ समझ चुके हैं और अब आपको यह निर्णय करना है कि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं या फिर नहीं।

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करते हैं? (How to Invest in Share Market in Hindi)? शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना कोई मुश्किल बात नहीं है और आप घर बैठे हुए आसानी से ही अपने पसंदीदा कंपनी के स्टॉक्स खरीद सकते हैं।

शेयर मार्केट में निवेश करना आसान हैं और अब तो शेयर मार्केट मे पूरा डिजिटलाइजेशन हो चुका है तो आप आसानी से अपने स्मार्टफोन की मदद से बाजार में निवेश कर सकते है।

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको मुख्य रूप से तीन चीजों की आवश्यकता होती है:

  • • आधार कार्ड और पैन कार्ड
  • • सेविंग्स अकाउंट
  • • इंटरनेट कनेक्शन और इंटरनेट सक्षम डिवाइस (Internet-enabled devices)

अगर आपके पास यह तीनों हैं तो आप शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू कर सकते हो। लेकिन कैसे? आइये जानते हैं Step by Step प्रोसेस।

सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप्प का चुनाव करे

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप का चुनाव करना होगा। Play Store या App Store पर Zerodha, Groww और Angel Broking जैसे कई विश्वसनीय Stock Trading App हैं।

यह सभी ब्रोकर कंपनियां हैं, जो शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए कुछ ब्रोकरेज चार्ज देती है। इनके Apps के माध्यम से आप आसानी से शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।

डीमैट अकाउंट Open करे

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए अर्थात शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपको डिमैट अकाउंट खुलवाना होता हैं। डिमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है।

जहां पर आपके स्टॉक्स को रखा जाता है। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको कोई अलग प्रोसेस फोलो करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिन एप्स (ब्रोकर) के बारे में हमने आपको बताया आप इन्हीं के माध्यम से आसानी से अपने स्मार्टफोन में ही डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

Savings Account जोड़े और Trading शुरू करे

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हो तो इसके लिए आपको पैसे भी चाहिए ही होंगे। क्योंकि आज के समय मे हम इलेक्ट्रॉनिक रुप से शेयर्स खरीदते है और सब काम वर्चुअल किए जाते हैं तो आपको अपने डिमैट अकाउंट से सेविंग अकाउंट्स को जोड़ना होगा ताकि शेयर खरीदने के लिए आप फंड ट्रांसफर कर सको।

Savings Account को Demat Account से जोड़ने के बाद आप Share खरीदना और बेचना शुरू कर सकते हो। इस तरह से आप आसानी से घर बैठे हुए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।

अंत में

हमने जाना कि शेयर मार्केट क्या होता है और कैसे काम करता है। इसके साथ ही हमने यह भी जाना कि हम कैसे अपने मोबाइल फ़ोन से शेयर मार्केट में पैसा निवेश कर सकते है।

शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने के लिए हमें कुछ छोटे से काम करने होते है। जिसको हम अपने घर से मोबाइल पर कर सकते है। आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमें जरूर बताए।

Share Market Tips: शेयर बाजार जब ऊपर जाए तो सावधानी बरतें, अधिक मुनाफे के चक्कर में न कर दें ये गलती

Share Market Tips: ऐसा देखा गया है कि जब शेयर बाजार में तेजी आती है तो नए या छोटे निवेशक अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर कुछ गलतियां कर जाते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 04 Jan 2022 10:20 PM (IST)

Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने का चलन बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना महामारी के बाद से खासकर लोगों की रुचि शेयर बाजार में निवेश करने में बढ़ी है. ऐसा देखा गया है कि जब शेयर बाजार में तेजी आती है तो नए या छोटे निवेशक अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर कुछ गलतियां कर जाते हैं. आज हम आपको उन बातों के बारे में बता रहे हैं जो कि शेयर बाजार में तेजी के दौरान आपको ध्यान में रखनी है: -

म्यूचुअल फंड से सीधे शेयरों में पैसा न लगाएं
बाजार में जब तेजी हो तो रिटेल निवेशकों को थोड़ा-थोड़ा मुनाफा निकालते रहना चाहिए और इसे किसी सुरक्षित निवेश में ट्रांसफर कर देना चाहिए. ऐसा करने का फायदा यह होता है कि जब बाजार गिरता है तो आप फिर से लो लेवल पर एंट्री कर सकते हैं. रिटेल निवेशकों को म्यूचुअल फंड से सीधे शेयरों में पैसा नहीं लगाना चाहिए. दरअसल म्यूचुअल फंड में आपका पैसा एक्सपर्ट निवेश करते हैं. आप खुद ये काम अच्छे से नहीं कर सकते.

इन सेक्टर्स में पैसा लगाने से बचें
रिटेल निवेशक तेजी के दौरान उन सेक्टर्स में पैसा लगाने से बचें जो पहले से ही शानदार ग्रोथ हासिल कर चुके हैं. रिटेल निवेशकों को शेयर मार्केट में तेजी के दौरान उन सेक्टर्स में निवेश करना चाहिए जिनका प्रदर्शन अब तक कमजोर रहा है लेकिन जिनके आगे ग्रोथ करने की उम्मीद है.

आईपीओ में ध्यान से निवेश करें
अच्छे वैल्यूएशन वाले आईपीओ में ही पैसा लगाना चाहिए. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां रिटेल निवेशकों ने बाजार के रिकॉर्ड स्तर पर होने पर कुछ कंपनियों के आईपीओ में निवेश करके नुकसान कर लिया.

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मार्जिन ट्रेडिंग से बचें
रिटेल निवेशकों को मार्जिन ट्रेडिंग से बचना चाहिए. इस में निवेशक एक छोटी राशि लगाता है और ब्रोकरेज फर्म का ब्रोकर अपने क्लाइंट को निवेश मूल्य पर 4-5 गुना एक्सपोजर लेने की अनुमति देता है. इसमें अगर कीमतों में उतार-चढ़ाव ट्रेडर्स के पक्ष में है तो वह बहुत पैसा कमाता है. लेकिन अगर कीमत में उतार-चढ़ाव वैसा नहीं हुआ जैसा ट्रेडर ने सोचा है तो उसे भारी नुकसान भी हो सकता है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Published at : 04 Jan 2022 10:20 PM (IST) Tags: Share Market Investment Return investor हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Benefits of investment in shares : शेयरों में कैसे करें निवेश ताकि मिले बेहतर रिटर्न, जानिए रणनीति

टाइम्स नाउ डिजिटल

आप ज्यादा से ज्यादा कमाई करना चाहते हैं तो शेयर बाजार में निवेश करें। हालांकि इसमें जोखिम होता है। लेकिन यहां जानें इसमें कैसे निवेश करें ताकि आपको बेहतर रिटर्न मिले।

How to invest in stocks to get better returns, know the strategy

  • भारतीय शेयर मार्केट सबसे ऊंचे स्तर पर है।
  • शेयर बाजार कभी-कभी तेजी से नीचे भी गिरती है।
  • इस जोखिम भरे बाजार में कब निवेश करना चाहिए, इसके बारे में नीचे विस्तार से जान सकते हैं।

अधिक जोखिम उठाने वाले कई निवेशकों को सीधे इक्विटीज में निवेश करना अच्छा लगता है। मौजूदा समय में भारतीय स्टॉक मार्केट अपने सबसे ऊंचे स्तर पर है, लेकिन निवेशकों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि क्या उन्हें निवेश को जारी रखना चाहिए अथवा उन्हें शेयरों में अपने मौजूदा निवेश से निकल जाना चाहिए। उन्हें डर है कि यदि इस स्तर से अगर मार्केट नीचे गिरती है, तो उन्हें शायद नुकसान हो सकता है। और साथ ही, यदि आने वाले दिनों में मार्केट इसी तरह से नई ऊंचाईयां छूती रहती है, तो वे संभावित लाभ को भी नहीं गंवाना चाहेंगे। इसलिए, अब उन्हें क्या करना चाहिए? जब शेयर मार्केट अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हो तो उनकी निवेश रणनीति क्या होनी चाहिए? मैंने इस संबंध में कुछ उपयोगी बातों पर चर्चा की है।

डिविडेंट का भुगतान करने वाले स्टॉक्स में निवेश करने पर विचार करें

आपको स्टॉक्स में किए गए अपने निवेश पर दो तरह से रिटर्न मिल सकता है: पहला पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) के ज़रिए, या डिविडेंट आय जिसके माध्यम से कंपनियां अपने लाभ को शेयरधारकों के साथ साझा करती हैं। यदि आप जिस कंपनी में निवेश करते हैं, वह कैश-रिच कंपनी है, वह नियमित रूप से आय अर्जित करती है, और जिसका कर्जा कम है, तो इस बात की संभावना है कि वह डिविडेंट का भुगतान जारी रखेगी। आमतौर पर, ऐसी कंपनियां जो नियमित रूप से उच्च डिविडेंट का भुगतान करती हैं, वे बाजार के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होती हैं। इसलिए, हालांकि स्टॉक-मार्केट इस समय अपने सबसे ऊंचे स्तर पर ट्रेड कर रही शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें है, आप ऐसे स्टॉक्स को लेने पर विचार कर सकते हैं जो फंडामेंटली स्ट्रॉंग रहे हैं, उनका डिविडेंट का भुगतान करने का इतिहास बहुत अच्छा रहा है, जिनकी भविष्य में भी लगातार डिविडेंट का भुगतान करने की संभावना है। लेकिन, डिविडेंट का भुगतान करने वाली कंपनियों में निवेश पर विचार करने से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप टैक्स से जुड़ी बातों को भी समझ लें। निवेशक को डिविडेंट आय पर टैक्स देना होता है। इसलिए, यदि आपको डिविडेंट आय मिलती है, तो आपको अपने लागू कर स्लैब रेट के अनुसार उस आमदनी पर टैक्स देना होता है।

स्पेकुलेशन (कयास) से बचें

आप अधिक पैसा कमा सकें, ऐसा करने हेतु कम समय के लिए स्टॉक में निवेश करना और फिर बाहर निकल जाना, आमतौर पर स्पेकुलेशन कहलाता है। निवेश और स्पेकुलेशन में मुख्य अंतर यह है कि निवेश में संभावित रिटर्न को कमाने के लिए पूर्व विश्लेषण और जोखिम प्रबंधन पर फोकस किया जाता है, जबकि स्पेकुलेशन में रिसर्च पर भरोसा नहीं किया जाता है- इसकी बजाए इसमें आय कमाने के लिए ‘संभावना’ पर भरोसा किया जाता है। जब मार्केट अपने चरम पर हो, तो आपको संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए सभी रणनीतियों के साथ तैयार रहना पड़ता है। गहन रिसर्च करने के बाद निवेश करने से आपको गैर-ज़रूरी जोखिमों से बचने में सहायता मिल सकती है और हानि की संभावना भी कम हो सकती है।

शॉर्ट-टर्म निवेश पर कड़े स्टॉप-लॉस को फॉलो करें

जैसाकि नाम से ही पता लगता है, ‘स्टॉप लॉस’ निवेशक द्वारा पहले से ही तय की गई सीमा है, जिस सीमा तक पहुंचते ही निवेश पोज़िशन से बाहर निकल जाते हैं ताकि और अधिक हानि को रोका जा सके। उदाहरण के लिए, यदि आपने 1000/- रूपये प्रति शेयर के हिसाब से “XYZ” के 100 शेयरों में निवेश किया है। कुछ दिनों के बाद “XYZ” के शेयरों की कीमत में गिरावट होनी शुरू हो जाती है। जब यह 900/- रूपये पर पहुंच जाती है, तो आप 850/- रूपये स्टॉप-लॉस तय कर देते हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी निवेश पोज़िशन से निकलने के लिए इसकी कीमत के 850/- रूपये तक गिरने का इंतजार करेंगे। अगले दिन, स्टॉक का भाव 840/- रुपये के निचले स्तर पर खुलता है, जिसके कारण स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो जाता है तथा आप “XYZ” के शेयरों को 840/- के भाव से बेच देते हैं और आप 16,000/- रूपये (1 लाख रूपये – 84,000/- रूपये) की हानि वहन करते हैं। लेकिन बाद में “XYZ” के शेयरों की कीमत गिर कर 600/- रूपये हो जाती है। क्योंकि आपके पास अब “XYZ” के शेयर नहीं हैं, तो आप स्टॉप-लॉस के कारण अधिक हानि से बच गए।

इसलिए, जब आप शेयरों में निवेश करते हैं, तो आपको स्टॉप-लॉस का कड़ाई से पालन करना चाहिए। इससे आपको अपने नुकसान शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें को कम से कम रखने में मदद मिलेगी। जब आपके स्टॉक की कीमत बढ़ती है, तो आपको स्टॉप-लॉस को ऊपर की ओर या स्टॉक की कीमत के पूर्वनिर्धारित प्रतिशत के अनुसार एक ही समय पर शिफ्ट करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप लाभ को लॉक कर सकते हैं। स्टॉक की कीमत के अनुसार ही धीरे धीरे स्टॉप-लॉस को शिफ्ट करने की प्रक्रिया को ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस कहा जाता है।

अपने निवेश को अलग-अलग फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग शेयरों में लगाएं

फंडामेंटली स्ट्रॉंग शेयरों को चुनने से स्टॉक मार्केट में गिरावट होने के बाद तेजी से रिकवरी के लाभ के साथ अनेक दूसरे भी लाभ होते हैं। इसलिए, अपने पोर्टफोलियों के लिए स्टॉक को चुनते समय, सॉलिड ट्रैक रिकॉर्ड, खातों में निम्न या शून्य कर्ज, बेहतर कैश-फ्लो स्तर, रेवेन्यू में उच्च वृद्धि, आकर्षक प्रोफिटेबिलिटी और एक आशाजनक विकास योजना वाले शेयरों सहित फंडामेंटली स्ट्रॉंग शेयरों पर फोकस करना चाहिए। आपका लक्ष्य, अलग-अलग सेक्टर में अपने निवेश को डायवर्सिफाई करने के साथ-साथ, दूसरी कंपनियों के शेयरों में भी निवेश करने का होना चाहिए ताकि आप जोखिम को कम से कम कर सकें। यदि कोई खास सेक्टर या स्टॉक अंडर-परफार्म करता है, तो किसी एक सेक्टर में ज़रूरत से ज्यादा निवेश करने और कुछ कंपनियों में ही निवेश करने से आपका जोखिम बढ़ सकता है।

जरुरत से ज्यादा निवेश करने से बचें और यदि आप बिगनर हैं, तो एसआईपी (SIP) मोड का इस्तेमाल करें

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले आपको अपनी जोखिम को उठाने की क्षमता का अंदाजा ज़रूर लगा लेना चाहिए। आपको हमेशा उतना ही निवेश करना चाहिए जितनी आप हानि उठाने की क्षमता रखते हैं। स्टॉक मार्केट में बहुत ही उतार-चढ़ाव होते रहते हैं और आपको केवल तभी निवेश करना चाहिए जब हर रोज़ होने वाले उतार-चढ़ाव से आपके फाइनेंस प्रभावित नहीं होते हैं। यदि आप में स्टॉक मार्केट विश्लेषण करने की योग्यता है, तो स्टॉक मार्केट में डायरेक्ट निवेश से लंबे समय में बहुत अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है बशर्ते कि आप जोखिमों को भी समझते हैं। ज़रूरत से ज्यादा निवेश से बचना बहुत ही मायने रखता है यानि अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय क्षमता से अधिक निवेश करना। यदि मार्केट में गिरावट आ जाती है, तो शेयरों में निवेश से बहुत अधिक हानि उठानी पड़ सकती है। बिगनर्स के लिए, सिस्टेमिक निवेश योजना (एसआईपी), टॉप-रेटेड म्यूचुअल फंड्स में निवेश लंबे समय में अच्छा रिटर्न पाने के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

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(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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FD करें या म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये​ निवेश शुरू करें, आप अपने सभी सवालों के जवाब महज 2 मिनट में जानें

आज के समय में किसी भी म्यूचुअल फंड से 12% का रिटर्न पाना आम बात है। लेकिन कुछ बात ध्यान में रखकर 15 फीसदी या उससे भी ऊपर रिटर्न जेनरेट कर सकते हैं।

India TV Paisa Desk

Edited By: India TV Paisa Desk
Updated on: November 13, 2022 6:54 IST

म्यूचुअल फंड- India TV Hindi News

Photo:FILE म्यूचुअल फंड

नई दिल्ली, अनीश कुमार सिंह। फिक्स्ड डिपोजिट में कभी आपके पैसे 6 ये 7 साल में डबल होते थे, आज आपके पैसों को डबल होने में करीब 12 से 13 साल लग जाएंगे। अब आप कहेंगे कि अपने पैसे लगाएं कहां, तो इसका जवाब महज 2 मिनट में हम दे रहे हैं। यह तो आप जान ही रहे हैं कि चाहे बैंक हो या पोस्टऑफिस, अब आपके पैसों में पंख नहीं लगने वाले। फिक्स्ड डिपोजिट की रेट फिलहाल 6 से 7 फीसदी के करीब है। यानी 12 से 13 साल तो कहीं नहीं गए, जब आप अपने पैसों को डबल होते हुए देखेंगे। और रही बात इन्फ्लेशन की। जिसे आप महंगाई डायन भी कह सकते हैं। वो भी 6 से 7 फीसदी के करीब आंख गड़ाए बैठी है। यानी हर साल आपके पैसों की वैल्यू कम ही होती जा रही है। अगर आपके पास 100 रुपये हैं तो अगले साल उसकी वैल्यू 93 रुपये के करीब रह जाएगी। मौजूदा दौर में आपके के पास एक सबसे उपयुक्त विकल्प बचता है और वो है म्यूचुअल फंड में निवेश। आप इसमें अपनी बचत को निवेश कर शानदार रिटर्न पा सकते हैं।

महंगाई डायन के असर को न करें नजरअंदाज

अब ज़रा सोचिए कि अगर आपने अपने 2 लाख रुपये फिक्स्ड डिपोजिट में अगले 12 साल के लिए ये सोचकर लगाए कि आपके पैसे दोगुने हो जाएंगे, तो 12 साल बाद उसकी वैल्यू आज के इन्फ्लेशन के हिसाब से जस की तस ही रहेगी। यानी उस समय के 4 लाख आज के 2 लाख के बराबर होंगे। ये सारा गणित 6 से 7 फीसदी के आज के ब्याज दर और 'रूल ऑफ 72' के आधार पर है। अगर यही ब्याज दर करीब 12 फीसदी का मिले तब? तब आपको 12 साल में 7 लाख 80 हजार के करीब पैसे मिलेंगे, और अगर आप 15 फीसदी का रिटर्न जेनरेट करने में सफल रहे तो आपके 2 लाख हो जाएंगे 10 लाख 70 हज़ार से भी ज्यादा। ये कोरी कल्पना नहीं। ये सोलह आने सच बात है। और यहीं से जन्म होता है म्यूचुअल फंड की थ्योरी का। जिसे वॉरेन बफेट समेत विश्वभर के निवेशकों ने दुनिया का आठवां अजूबा माना है।

कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश

म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले ये बात समझना जरूरी है कि कौन सा फंड आपके लिए सही है। एक्टिव और पैसिव दो तरह के म्यूचुअल फंड आपको मिलेंगे। अगर आप बेहद कम रिस्क लेना चाहते हैं। अगर आपको देश की इकोनॉमी में यकीन है। इस बात का यकीन है कि अगले 10 से 20 साल में भारत तरक्की के नए शिखर पर होगा। तब आपको पैसिव फंड में निवेश करना चाहिए। इसके आपको दो फायदे होंगे। पहला फायदा ये कि आपको फंड मैनेजर को फीस नहीं देनी होगी। लॉन्ग टर्म में ये फीस लाखों में पहुंच जाती है और दूसरा फायदा ये कि समय के साथ बढ़ते शेयर बाजार में आपका फंड भी ऑटोमेटिक ग्रो करता जाएगा। उसकी नेट एसेट वैल्यू यानी NAV बढ़ती जाती है।

इंडेक्स फंड में कैसे करें निवेश?

इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आप किसी भी फंड हाउस के इंडेक्स फंड का चयन कर सकते हैं। बस एक बात का ध्यान रखें कि वो फंड Direct हो Regular न हो। इसका मतलब ये है कि अगर आप किसी म्यूचुअल फंड के एजेंट के जरिए कोई भी फंड लेते हैं तो उसमें उसका कमिशन भी होता है जो आपकी जेब से जाएगा। इससे अच्छा है कि आप Direct प्लान लें। इसके लिए आप गूगल में अच्छे परफॉर्मेंस वाले इंडेक्स फंड की लिस्ट देख सकते हैं। उनका पिछले 5 साल का ट्रैक रिकॉर्ड खंगाल सकते हैं। और फिर तसल्ली होने पर उसमें निवेश कर सकते हैं। ध्यान रखिए कि आप SIP या Lumpsum दोनों कर सकते हैं। Lumpsum तब करें जब बाजार गिर रहा हो। और एक साथ पैसे न डालकर हर गिरावट पर पैसे लगाएं। बस इस बात का ध्यान रखें कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें। जितना लंबा समय देंगे म्यूचुअल फंड आपको उतने अधिक पैसे बनाकर देगा।

15% तक का रिटर्न कैसे पाएं

आज के समय में किसी भी म्यूचुअल फंड से 12% का रिटर्न पाना आम बात है। लेकिन कुछ बात ध्यान में रखकर 15 फीसदी या उससे भी ऊपर रिटर्न जेनरेट कर सकते हैं। तब उसके लिए आपको हर मार्केट करेक्शन पर यानी शेयर बाजार के गिरने पर पैसे लगाने होंगे, बजाय इसके कि आप एक ही बार में अपने सारे पैसे Lumpsum में डाल दें। जैसा कि हमने ऊपर भी 2 लाख रुपये का उदाहरण लिया है, उसी को आगे बढ़ाते हैं। किसी भी फंड में आप एंट्री तब करें जब मार्केट में कम से कम डेढ़ से 2 फीसदी की गिरावट हो। चूंकि यहां इंडेक्स फंड की बात हो रही है इसलिए आप पहले से किसी एक फंड को चुनकर रखें और शेयर बाज़ार की गिरावट पर आप थोड़े-थोड़े पैसे डालते जाएं। इस बात का ध्यान रखें कि जब बाजार में तेज़ी हो तब आप पैसे न लगाएं। मार्केट ज्यादा गिरने पर थोड़ा ज्यादा पैसे लगाएं। अपने पूरे पैसे को इस तरीके से इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट करने में जल्दबाजी न करें। पैसों को इन्वेस्ट करने में 6 से 8 महीने का वक़्त लगाएं, जिससे सही करेक्शन पर मार्केट में आपका पैसा लगे, जिससे आप भविष्य में 15 फीसदी तक का रिटर्न बड़े आराम से हासिल कर सकते हैं।

इंडेक्स फंड में निवेश का तरीका

चूंकि यहां बात इंडेक्स फंड की हो रही है, इसलिए आपने जिस कैटेगरी के इंडेक्स फंड को चुना है आप उसी से जुड़े इंडेक्स को फॉलो करें। सीधा सा मतलब है अगर निफ्टी-50 इंडेक्स फंड में आप पैसे लगाना चाहते हैं तो निफ्टी-50 के नीचे गिरने का इंतजार करें। उदाहरण के तौर पर अगर निफ्टी-50 में करीब 200 प्वाइंट की गिरावट आती है तो आप अपने पास रखे कुल पैसे का करीब 10 फीसदी लगाने से स्टार्ट कर सकते हैं। फिर इंतजार करें अगर कुछ दिनों में करेंट लेवल से फिर करीब 200 अंकों की गिरावट आती है तो आपको अपना अगला 15 फीसदी पैसा तैयार रखना है। ऐसे ही आगे करते जाएं। लेकिन ये तब संभव है जब मार्केट लगातार नीचे गिर रहा हो, जैसा कि मार्च 2020 में कोरोना काल में देखने को मिला था। यानि Bearish Pattern बन रहा हो।

जब शेयर मार्केट में तेजी हो तो इंतजार करें

अब आप कहेंगे कि जब मार्केट बढ़ रहा हो तो क्या करें। इसका जवाब है, इंतजार करें। और नए लेवल से किसी दूसरे इंडेक्स फंड के साथ तैयार रहें। क्योंकि अगर पहले वाले इंडेक्स फंड में मानकर चलिए कि आपने 17500 के लेवल पर कुछ पैसे इन्वेस्ट किए हैं तो फिर इसे 17300 के लेवल पर आने का इंतजार कीजिए। चूंकि Bullish Pattern के बाद आपको लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। और हो सकता है कि मार्केट बढ़ता ही चला जाए, इसीलिए आपको करीब 6 से 8 महीने का इंतजार करने की राय ऊपर दी गई है। अगर फिर भी 17300 के लेवल पर निफ्टी-50 न आए तो आप दूसरे इंडेक्स फंड में नए लेवल से स्टार्ट कीजिए। ठीक ऊपर बताए गए तरीके को फॉलो करते हुए। यानि अगर निफ्टी-50 का लेवल 17800 चला गया है तो आप इसके 17600 तक आने का इंतजार किजीए। और इसमें भी ऊपर बताए गए तरीके को अपनाएं। अगर आपने ऐसा किया तो यकीन मानिए लॉन्ग टर्म में आपके पैसों में पंख जरूर लगेंगे, और ये लॉन्ग टर्म 5 साल से अधिक का जरूर रखें। 10, 15, 20 साल या उससे भी अधिक हो तो बढ़िया है। क्योंकि शॉर्ट टर्म में इन्वेस्टमेंट से आपको ज्यादा फायदा नहीं हो सकता। इन्वेस्टमेंट की जर्नी में आप जितना ज्यादा समय देंगे, अपने पैसों को ग्रो करने के लिए जितना टाइम देंगे, भविष्य में आप उतना ही फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होंगे। अब तय आपको करना है कि आप वर्तमान में जीना चाहते हैं या भविष्य को बेहतर बनाना चाहते हैं।

(लेखक इंडिया टीवी में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत हैं।)

शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए।

शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

स्‍टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है। एक्‍सपर्ट के अनुसार, अगर कोई बिना पढ़े ही शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके फंड के डूबने का खतरा ज्‍यादा होता है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके वैल्‍यू, मार्केट कैप और अन्‍य चीजों के बारे में जरूर जानना चाहिए। साथ ही उस कंपनी के शेयर का एनलाइज और रिसर्च भी कर लेना चाहिए।

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए। यहां पांच ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो किसी भी शेयरधारक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए और हमेशा याद रखना चाहिए।

लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग
जब आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपको लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल उन फंडों को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए जिनकी कम से कम अगले पांच वर्षों तक आवश्यकता नहीं है। नजदीकी टर्म में, रिटर्न शॉर्ट-टर्म इवेंट्स की अनिश्चितता पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि में निवेश करने से प्रॉफिट होने का चांस अधिक रहता है।

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राइट टेमपरामेंट
स्टॉक का नेचर अक्‍सर बदलता रहता है, ऐसे में एक निवेशक को स्टॉक की अस्थिरता के सा‍थ अनुशासन और धैर्य रखना चाहिए। अगर कोई स्‍टॉक खरीदने के बाद उसके कंपनी के वैल्‍यू में गिरावट आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए, इसके ऊपर आने तक इंतजार करना चाहिए और फिर निश्चित समय पर बिक्री की जानी चाहिए। बाजार में गिरावट है तो उस समय आपको सही टेमपरामेंट के साथ शेयरों की खरीद और बिक्री की जानी चाहिए। शेयरों के उतार-चढ़ाव के लिए इंतजार करके लाभ उठाया जा सकता है।

कंपनी के बारे में जानें
निवेश की योजना बनाने से पहले ही निवेशकों को कंपनी के बारे में डिटेल से जानकारी कर लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी का बिजनेस समझकर ही निवेश की प्‍लानिंग करनी चाहिए। एक निवेशक को कंपनी की आर्थिक स्थिति, सेक्‍टर में स्थि‍ति, ग्रोथ आदि के बारे में जानकारी करना भी जरूरी है। वहीं बिना समझकर निवेश करना एक खतरा हो सकता है। साथ ही किसी के जानकारी के अभाव में दिए गए सलाह पर भी यकीन करके निवेश नहीं किया जाना चाहिए।

वैल्यूएशन
निवेश करते समय यह एक महत्‍वपूर्ण है कि स्टॉक चुनते समय एक सस्ता या कम से कम एक उचित वैल्‍यूएशन जरूरी है, लेकिन एक निवेशक को कैसे पता चलता है कि स्टॉक काफी सस्ता है? उसके लिए, किसी को किसी व्यवसाय को महत्व देने में सक्षम होना चाहिए। वैल्‍यूएशन के आधार पर ही कंपनी के वैल्‍यू और आगे की स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।

तेज नजर रखना
अगर आपने कोई स्‍टॉक खरीदा और अगर वह स्‍टॉक आपके बाजार और पोर्टफोलियो के हिसाब से सही नहीं फिट हो रहा है। इसके अलावा, अगर वह ज्‍यादा लॉस या अधिक फायदे के बाद गिर रही है तो उसे बेचने और खरीदने के लिए तेज नजर बनाए रखना जरूरी है। ताकि आपको ऐसे स्‍टॉक के गिरने से ज्‍यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।

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