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सिगनल को उपलब्ध कराने वाले

सिगनल को उपलब्ध कराने वाले
इसमें राज्य सरकारों के सहयोग से बीआरओ, बीएसएफ व सेना मदद कर रही है। यहां शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, रोजगार आदि में स्थानीय युवाओं को आगे बढ़ने में मदद की जा रही है। स्थानीय युवाओं को जोड़ने से वे रोजगार के लिए शहरों की ओर रूख नहीं करेंगे, इससे पलायन रूकेगा। पलायन होने से सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा में खतरा बढ़ रहा है।

Circular - Examination, Qualification, Degree etc

केंद्र प्रवर्तित योजना “व्यवसायिक शिक्षा” के अंतर्गत धन दो स्तर पर संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रम पास छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में राज्य के सेवा भर्ती नियमों में संशोधन विषयक Full Document

निम्न श्रेणी लिपिक एवं मुद्रलेखक के पद पर नियुक्ति- हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अवधि में वृद्धि Full Document

निम्न श्रेणी लिपिक एवं मुद्रलेखक के पद पर नियुक्ति- हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अवधि में वृद्धि

निम्न श्रेणी लिपिक एवं मुद्रलेखक के पद पर नियुक्ति- हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अवधि में वृद्धि Full Document

शासन के सिगनल को उपलब्ध कराने वाले अधीन विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति से भरे जाने वाले आरक्षित पदों पर नियुक्तियां हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अवधि में वृद्धि Full Document

निम्न श्रेणी लिपिक एवं मुद्रलेखक के पद पर नियुक्ति- हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अवधि में वृद्धि

निम्न श्रेणी लिपिक एवं मुद्रलेखक के पद पर नियुक्ति- हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अवधि में वृद्धि Full Document

शासकीय पॉलिटेक्निक, खुरई में चलाए जा रहे एडवांस टेक्नीशियन कोर्स इन रूरल टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के पोस्ट डिप्लोमा पाठ्यक्रम को रोजगार हेतु मान्यता Full Document

WhatsApp को जिस तरह छोड़ा गया इससे साफ है कि भारतीयों के लिए प्राइवेसी अहम मुद्दा है: Signal चेयरमैन

Brian Acton

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2021,
  • (अपडेटेड 18 जनवरी 2021, 6:16 PM IST)
  • नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है सिग्नल फाउंडेशन
  • ब्रायन एक्टन वॉट्सऐप के भी को-फाउंडर रहे हैं
  • सिगनल का रेवेन्यू मॉडल डोनेशन्स और कंट्रीब्यूशन है

WhatsApp द्वारा प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किए जाने के बाद दुनियाभर में उसकी आलोचना हो रही है. ऐसे में प्राइवेसी पसंद लोग सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप्स का रुख कर रहे हैं. इस बीच हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया सिगनल को उपलब्ध कराने वाले टुडे टेक ने सिग्नल फाउंडेशन के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन Brian Acton से बातचीत की है. इसमें उन्होंने पिछले कुछ दिनों से प्लेटफॉर्म को मिल रही बढ़त और वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी पर इंडियन यूजर्स के रिएक्शन जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं. इस इंटरव्यू में ब्रायन एक्टन ने कहा कि जिस तरह से भारतीय वॉट्सऐप को छोड़ रहे हैं, इससे पता चलता है कि उनके लिए प्राइवेसी काफी महत्वपूर्ण है.

Now Tourists To Get Coffee On Indo China Border Cafes To Open In Border Areas – लद्दाख: भारत-चीन सीमा पर अब पर्यटकों को मिलेगी कॉफी, सीमावर्ती इलाकों में खुलेंगे कैफे

भारत-चीन सीमा पर अब पर्यटकों को खाने-पीने समेत कॉफी पीने का मौका भी मिलेगा। केंद्र सरकार बार्डर टूरिज्म को प्रमोट करने और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के तहत सीमावर्ती इलाकों में कैफे खोलने जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर कैफे बनाने का काम सीमा सड़क संगठन( बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन) करेगा। इसीलिए इसे बीआरओ कैफे का नाम दिया जा रहा है। देशभर में 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे बनेंगे। इसमें से 25 पूर्वोत्तर में बनेेंगे, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, नगालैंड, असम, मिजोरम शामिल हैं। खास बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, सिगनल को उपलब्ध कराने वाले राजस्थान, पंजाब व गुजरात के गांवों में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत शिक्षा, कौशल विकास समेत बुनियादों सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा। इसका मकसद सिगनल को उपलब्ध कराने वाले स्थानीय युवाओं को पर्यटकों के माध्यम से रोजगार से जोड़कर वहां से पलायन रोकना है।

विस्तार

भारत-चीन सीमा पर अब पर्यटकों को खाने-पीने समेत कॉफी पीने का मौका भी मिलेगा। केंद्र सरकार बार्डर टूरिज्म को प्रमोट करने और अंतर्राष्ट्रीय सिगनल को उपलब्ध कराने वाले सीमाओं की सुरक्षा के तहत सीमावर्ती इलाकों में कैफे खोलने जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय सिगनल को उपलब्ध कराने वाले सीमाओं पर कैफे बनाने का काम सीमा सड़क संगठन( बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन) करेगा। इसीलिए इसे बीआरओ कैफे का नाम दिया जा रहा है। देशभर में 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे बनेंगे। इसमें से 25 पूर्वोत्तर में सिगनल को उपलब्ध कराने वाले बनेेंगे, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, नगालैंड, असम, मिजोरम शामिल हैं। खास बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब व गुजरात के गांवों में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत शिक्षा, कौशल विकास समेत बुनियादों सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा। इसका मकसद स्थानीय युवाओं को पर्यटकों के माध्यम से रोजगार से जोड़कर वहां से पलायन रोकना है।

Jio ने 5G लॉन्च से पहले बनाई बढ़त! जानें कैसे Airtel और Vi को दे दिया चकमा

विशेषज्ञ मानते हैं कि 1800 मेगाहर्ट्ज की तुलना में 5 गुना और 900 मेगाहर्ट्ज की तुलना में दोगुना अधिक कुशल सिगनल को उपलब्ध कराने वाले है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड। 26 गीगाहर्ट्ज हाई फ्रीक्वेंसी मिलीमीटर बैंड की गति तो तेज है पर इसकी कवरेज बेहद सीमित है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Jio 700MHz Band: रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने 5G नेटवर्क उपलब्ध कराने के मामले बाकी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले में बढ़त हासिल कर ली है। बता दें कि जियो (Jio) 700 मेगाहर्टज बैंड स्पेक्ट्रम खरीदने वाला अकेला ऑपरेटर बन गया है। 5G के लिए बेहतरीन माने जाने वाले इस बैंड पर सभी ऑपरेटर्स की नज़र थी। लेकिन जियो ने इस प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को अपने नाम करके 5G की दौड़ में शुरूआती बढ़त हासिल कर ली है।

Poco smartphone photo credit- jagran file photo

काफी फेमस है 700 मेगाहर्टज बैंड

दुनिया भर में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को 5जी के लिए प्रमुख बैंड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने इसे 5जी सर्विस के लिए प्रीमियम बैंड घोषित किया हुआ है। दुनिया भर में इस बैंड के लोकप्रिय होने की कई वजह हैं।

टेलीकॉम सेक्टर पर नजर रखने वाले रोहन धमीजा, 700 मेगाहर्टज की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह इसकी बेहतरी इनडोर व आउटडोर कवरेज को मानते हैं। लो फ्रीक्वेंसी बैंड होने सिगनल को उपलब्ध कराने वाले के कारण इसके सिगनल इमारतों के कहीं भीतर तक प्रवेश कर सकते हैं यानी इनडोर कवेरज के मामले में यह लाजवाब है। इसलिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को घनी आबादी के क्षेत्रों और भारी डेटा खपत वाले इलाकों के लिए आदर्श माना जाता है।

Tecno Phantom X photo credit - amazon

मिलेगी शानदार इनडोर और आउटडोर कनेक्टिविटी

दूसरी वजह है इसकी लॉन्ग आउटडोर कवरेज। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का टावर करीब 10 किलोमीटर तक कवरेज दे सकता है। इसकी कवरेज के कारण ऑपरेटर को कम टावर लगाने पड़ते हैं, ऑपरेटिंग कॉस्ट कम आती है। इसलिए कीमती होने के बावजूद यह बैंड किफायती 5जी सेवाओं के लिए मुफीद है।

भारत जैसे देश में जहां अभी भी बड़ी संख्या गांवों में रहती है वहां 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की विशाल कवरेज, ग्रामीण भारत को कनेक्ट करने में मदद सिगनल को उपलब्ध कराने वाले कर सकती है। यानी 5G केवल शहरों तक ही सीमित नहीं रहेगी। गांवों में भी इसका फायदा पहुचना निश्चित है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को, दूर-दराज के ग्रामीण और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों सिगनल को उपलब्ध कराने वाले में कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करने वाला बताया था।

iQOO Neo 7 smartphone photo credit- Jagran file photo

मिलेगी शानदार इनडोर और आउटडोर कनेक्टिविटी

दूसरी वजह है इसकी लॉन्ग आउटडोर कवरेज। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का टावर करीब 10 किलोमीटर तक कवरेज दे सकता है। इसकी कवरेज के कारण ऑपरेटर को कम टावर लगाने पड़ते हैं, ऑपरेटिंग कॉस्ट कम आती है। इसलिए कीमती होने के बावजूद यह बैंड किफायती 5जी सेवाओं के लिए मुफीद है।

भारत जैसे देश में जहां अभी भी बड़ी संख्या गांवों में रहती है वहां 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की विशाल कवरेज, ग्रामीण भारत को कनेक्ट करने में मदद कर सकती है। यानी 5G केवल शहरों तक ही सिगनल को उपलब्ध कराने वाले सीमित नहीं रहेगी। गांवों में भी इसका फायदा पहुचना निश्चित है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को, दूर-दराज के ग्रामीण और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करने वाला बताया था।

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