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सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023

सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023
बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं। सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?

Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

‘2023 में 15 हजार डॉलर से नीचे जा सकता है Bitcoin’

'2023 में 15 हजार डॉलर से नीचे जा सकता है Bitcoin'

Bitcoin की कीमत 20 हजार डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) के आसपास पिछले कई दिनों से मंडरा रही है। इसमें हल्का उतार चढ़ाव आता है लेकिन बड़ी बढ़ोत्तरी अभी तक नहीं आ पाई है। अब क्रिप्टो जगत से जुड़े एक मशहूर शख्स ने कहा है कि बिटकॉइन की कीमत 15 हजार डॉलर (लगभग 12 लाख रुपये) तक नीचे आ सकती है। निवेशकों को जहां बिटकॉइन का प्राइस बढ़ने की उम्मीद है, वहीं अब इस बयान ने उनको चिंता में डाल दिया है।

Crypto एक्सचेंज BitMEX के पूर्व सीईओ ऑर्थर हेयस (Arthur Hayes) ने कहा है कि बिटकॉइन की कीमत 15 हजार डॉलर तक नीचे जा सकती है। उन्होंने इसके बारे में एक ट्वीट किया है और पोस्ट में लिखा है कि अगले साल तक बिटकॉइन 15 हजार डॉलर यानि भारतीय करेंसी के हिसाब से 12 लाख रुपये के लेवल पर आ जाएगा। बिजनेसमैन के इस ट्वीट से क्रिप्टो जगत में हलचल मच गई है। क्योंकि 2022 के खत्म होने में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी मार्केट क्रैश के बाद से बिटकॉइन सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 20 हजार डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) के लेवल से बहुत ज्यादा ऊपर नहीं जा पाया है।

Crypto Vs Digital Currency: क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या हैं अंतर, समझें यहां

Published: February 2, 2022 3:45 PM IST

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Crypto Vs Digital Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट 2022-2023 के भाषण के दौरान घोषणा की कि डिजिटल संपत्ति (Digital Assets), जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और एनएफटी (NFT) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से किसी भी आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. वित्त मंत्री की घोषणा ने अधिकांश क्रिप्टो और एनएफटी निवेशकों को अपनी संपत्ति के भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, लेकिन कइयों ने इसे ज्यादातर सकारात्मक घोषणा के तौर पर लिया. उनका कहना है कि किसी भी तरह का टैक्स लगाने का मतलब है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, हालांकि, इसका मतलब नियमितीकरण भी नहीं है. अभी यह देखना बाकी है कि सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी पर आगे किस तरह का कदम उठाने का फैसला करती है.

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वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा लाएगा, जिसे सीबीडीसी (CBDC) या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी कहा जाएगा. आरबीआई डिजिटल मुद्रा पर कई महीनों से काम कर रही है और सीतारमण के मुताबिक, इसे अगले वित्तीय वर्ष में पेश किया जाएगा.

सीतारमण ने कहा कि आरबीआई की डिजिटल मुद्रा आने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल मुद्रा भी अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा देगी.

डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचकर भ्रमित कर दिया कि सीबीडीसी पर भी कर लगाया जाना चाहिए. हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है. डिजिटल मुद्राएं क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी जैसी डिजिटल संपत्ति नहीं हैं. डिजिटल मुद्राएं सरकार द्वारा जारी मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक रूप हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है. लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हो सकते हैं, लेकिन वे वास्तव में विनिमेय नहीं हैं.

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. (Image- Pixabay)

Legal Crypto: दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चर्चाएं हो रही हैं और कुछ देशों में तो इसे अवैध घोषित किया गया है जबकि कुछ देशों में इसे मान्यता दी गई है. ताजा कड़ी में अब रूस ने भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. रूस की स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मंगलवार की रात इसे रेगुलेट करने की जानकारी दिखी. पहले रूस का केंद्रीय बैंक BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध के पक्ष में था लेकिन उसने भी अब सहमति दे दी है.

6 लाख रूबल तक की क्रिप्टो का कर सकेंगे लेन-देन

मंगलवार को जारी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक रूस में सिर्फ स्थानीय रजिस्टर्ड और लाइसेंसी कंपनियों के जरिए ही रूस के लोग क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकेंगे ताकी यूजर्स की पहचान सुनिश्चित की जा सके और सरकारी एजेंसियों के पास उनके ट्रांजैक्शन की पूरी रहे. हालांकि इसमें माइनिंग को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. रूस सरकार के डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी है कि सिर्फ 6 लाख रूबल्स (6.02 लाख रुपये) तक के ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को मंजूरी मिलेगी. इससे ऊपर के ट्रांजैक्शन की जानकारी फेडरल टैक्सेशन सर्विस को देनी होगी और अगर नहीं देते हैं तो इसे अपराध माना जाएगा.न्यूजपेपर Kommersant के मुताबिक इससे जुड़े नए कानूनों व निर्देशों को इस साल 2022 की दूसरी छमाही या अगले साल की शुरुआत में लागू किया जा सकता है.

ब्लूमबर्ग ने एक फरवरी को रूस सरकार के आधिकारिक डेटा के हवाले से जानकारी दी थी कि रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. यह दुनिया भर में कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स का 12 फीसदी है यानी कि दुनिया भर में क्रिप्टो में जितना निवेश है, उसमें 12 फीसदी रूस के लोगों का है. यह आकलन जनवरी में बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज यूजर्स के आईपी एड्रेस और अन्य जानकारी के आधार पर किया गया है. इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि करीब 12 फीसदी रूसी नागरिक के पास क्रिप्टोकरेंसीज हैं जिसमें से 60 फीसदी 25-44 वर्ष के हैं.

Crypto को लेकर अमेरिका की टेंशन का रूस-यूक्रेन युद्ध कनेक्शन

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क्या क्रिप्टो पर अमेरिकी की टेढ़ी नजर सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध है? अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग और अन्य संघीय एजेंसियों को वित्तीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के प्रभाव का अध्ययन करने का निर्देश दिया है.

राष्ट्रपति जो बिडेन ने क्रिप्टोक्यूरेंसी की सरकारी निगरानी पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो फेडरल रिजर्व से यह पता लगाने का आग्रह करता है कि क्या केंद्रीय बैंक को अपनी डिजिटल मुद्रा (CBDC) बनानी चाहिए.

100 से ज्यादा देश अपने CBDC लाने पर कर रहे काम

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई देश खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं. भारत भी वित्तवर्ष 23 में ही अपनी सीबीडीसी का पायलट ट्रायल करेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुद की डिजिटल करेंसी लाने के लिए अब कई दिनों से काम कर रहा है. इसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भी किया था.

RBI ला रहा भारत की पहली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो से ये कैसे अलग?

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इस फैसले का रूस पर क्या पड़ेगा असर?

यह कार्रवाई तब हो रही है जब सांसदों और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही थी कि रूस यूक्रेन के आक्रमण के कारण अपने बैंकों, कुलीन वर्गों और तेल उद्योग पर लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकता है.

हालांकि बिडेन प्रशासन ने इसपर तर्क दिया है कि रूस क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख करके US और यूरोपीय व्यापार के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएगा. अधिकारियों ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले जो बिडेन की सरकार इस फैसले पर काम कर रही थी.

युवाओं में क्रिप्टो का क्रेज

जोखिमों के बावजूद, अमेरिकी सरकार ने कहा, सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 16% व्यस्क अमेरिकियों – या 40 मिलियन लोगों ने – क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और 18-29 आयु वर्ग के 43% पुरुषों ने अपना पैसा क्रिप्टोकुरेंसी में डाल रखा है.

जो बिडेन द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश मुख्य रूप से केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राओं से जुड़े जोखिमों और लाभों के आकलन पर आधारित है. कई सरकारों ने पहले ही सीबीडीसी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन भारत के लिए सबसे बेहतर विकल्प- RBI के डीप्टी गवर्नर

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