व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प

व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प
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व्यापारियों के उपयोग के लिए 5 महत्वपूर्ण उपकरण
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी की प्रगति द्वारा पेश किया गया एक वरदान है। लेकिन यह उपहार उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जिनके पास सीमित ज्ञान है। एक ऑनलाइन व्यापारी के रूप में , आपको उन सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना होगा जो आपको ऑनलाइन मिल सकते हैं। कभी – कभी , हाल ही में लॉन्च किए गए XPro Markets जैसे स्थापित प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले व्यापारियों को उपयोगी ट्रेडिंग टूल्स की तलाश करने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन दूसरों के लिए , सही ट्रेडिंग टूल ढूंढना और चुनना मुश्किल हो सकता है।
तो बिना किसी देरी के , आइए हम 5 सबसे महत्वपूर्ण ट्रेडिंग टूल्स से परिचित हों जिनका उपयोग आप एक लाभदायक ट्रेडिंग अनुभव के लिए कर सकते हैं।
व्यापारिक पत्रिका
एक व्यापारिक पत्रिका किसी की भी व्यापारिक शैली में स्थायी परिवर्तन कर सकती है। यह एक आसान उपकरण है जहां आप दिन भर में व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प अपने द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम का नोट रख सकते हैं। ट्रेडिंग रणनीतियाँ और आँकड़े किसी भी वित्तीय उत्पाद को ऑनलाइन ट्रेडिंग करने व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन कई बार , व्यापारी ट्रैक रखने में विफल हो जाते हैं और इसलिए बाजार पर अपना दबदबा खो देते हैं।
चार्टिंग टूल
चार्टिंग टूल उन व्यापारियों के लिए आवश्यक हैं जो बाजार की गतिविधियों पर कड़ी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं। यदि कुछ वित्तीय साधन हैं जिनमें आप रुचि रखते हैं , तो चार्ट आपको मूल्य कार्रवाई को समझने में मदद कर सकते हैं। कुछ प्रमुख चार्टिंग प्लेटफॉर्म हैं जिन पर ट्रेडर भरोसा करते हैं जैसे कि Tradingview.com.
स्थिति आकार कैलकुलेटर
जब आप किसी वित्तीय उत्पाद का व्यापार करते हैं तो व्यापार करने के लिए स्थिति के उपयुक्त आकार को जानना आवश्यक हो जाता है। जोखिमों के प्रबंधन के लिए स्थिति के आकार की गणना पहले ही कर ली जानी चाहिए। स्थिति का आकार एक सूत्र को आसानी से लागू करके पता लगाया जा सकता है। लेकिन अगर आपने इसे पहले कभी नहीं आजमाया है तो एक और विकल्प है। स्थिति आकार कैलकुलेटर उपयोगी उपकरण हैं जो आपको सेकंड के भीतर सटीक स्थिति आकार बता सकते हैं।
स्टॉक चित्रान्वीक्षक
वर्षों पहले , व्यापारियों को एक से अधिक स्टॉक या विदेशी मुद्रा जोड़ी में रुचि रखने पर बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। ऐसा कोई उपकरण नहीं था जो लाभदायक व्यापारिक अवसरों के लिए पूरे वित्तीय बाजार को स्कैन कर सके। लेकिन अब यह नवीनतम तकनीकों की बदौलत संभव है। स्टॉक स्कैनर उपकरणों की एक श्रेणी है जो उपयोगकर्ताओं के पसंदीदा स्टॉक के लिए पूरे बाजार की निगरानी कर सकता है और उन्हें जानकारी दे सकता है।
आर्थिक कैलेंडर
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप XProMarkets का उपयोग करके क्या व्यापार करते हैं , समाचार निश्चित रूप से इन बाजारों को प्रभावित करता है। जो व्यापारी चौबीसों घंटे सक्रिय नहीं हैं , वे आसानी से कुछ महत्वपूर्ण समाचारों से चूक सकते हैं। एक महत्वपूर्ण समाचार विज्ञप्ति वित्तीय बाजार के पाठ्यक्रम को बदल सकती है। लेकिन आप वित्तीय बाजार के विकास में सक्रिय रहने के लिए ऑनलाइन समाचार स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं।
व्यापारियों के उपयोग के लिए 5 महत्वपूर्ण उपकरण
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी की प्रगति द्वारा पेश किया गया एक वरदान है। लेकिन यह उपहार उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जिनके पास सीमित ज्ञान है। एक ऑनलाइन व्यापारी के रूप में , आपको उन सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना होगा जो आपको ऑनलाइन मिल सकते हैं। कभी – कभी , हाल ही में लॉन्च किए गए XPro Markets जैसे स्थापित प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले व्यापारियों को उपयोगी ट्रेडिंग टूल्स की तलाश करने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन दूसरों के लिए , सही ट्रेडिंग टूल ढूंढना और चुनना मुश्किल हो सकता है।
तो बिना किसी देरी के , आइए हम 5 सबसे महत्वपूर्ण ट्रेडिंग टूल्स से परिचित हों जिनका उपयोग आप एक लाभदायक ट्रेडिंग अनुभव के लिए कर सकते हैं।
व्यापारिक पत्रिका
एक व्यापारिक पत्रिका किसी की भी व्यापारिक शैली में स्थायी परिवर्तन कर सकती है। यह एक आसान उपकरण है जहां आप दिन भर में अपने द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम का नोट रख सकते हैं। ट्रेडिंग रणनीतियाँ और आँकड़े किसी भी वित्तीय उत्पाद को ऑनलाइन ट्रेडिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन कई बार , व्यापारी ट्रैक रखने में विफल हो जाते हैं और इसलिए बाजार पर अपना दबदबा व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प खो देते हैं।
चार्टिंग टूल
चार्टिंग टूल उन व्यापारियों के लिए आवश्यक हैं जो बाजार की गतिविधियों पर कड़ी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं। यदि कुछ वित्तीय साधन हैं जिनमें आप रुचि रखते हैं , तो चार्ट आपको मूल्य कार्रवाई को समझने में मदद कर सकते हैं। कुछ प्रमुख चार्टिंग प्लेटफॉर्म हैं जिन पर ट्रेडर भरोसा करते हैं जैसे कि Tradingview.com.
स्थिति आकार कैलकुलेटर
जब आप किसी वित्तीय उत्पाद का व्यापार करते हैं तो व्यापार करने के लिए स्थिति के उपयुक्त आकार को जानना आवश्यक हो जाता है। जोखिमों के प्रबंधन के लिए स्थिति के आकार की गणना पहले ही कर ली जानी चाहिए। स्थिति का आकार एक सूत्र को आसानी से लागू करके पता लगाया जा सकता है। लेकिन अगर आपने इसे पहले कभी नहीं आजमाया है तो एक और विकल्प है। स्थिति आकार कैलकुलेटर उपयोगी व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प उपकरण हैं जो आपको सेकंड के भीतर सटीक स्थिति आकार बता सकते हैं।
स्टॉक चित्रान्वीक्षक
वर्षों पहले , व्यापारियों को एक से अधिक स्टॉक या विदेशी मुद्रा जोड़ी में रुचि रखने पर बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। ऐसा कोई उपकरण नहीं था जो लाभदायक व्यापारिक अवसरों के लिए पूरे वित्तीय बाजार को स्कैन कर सके। लेकिन अब यह नवीनतम तकनीकों की बदौलत संभव है। स्टॉक स्कैनर उपकरणों की एक श्रेणी है जो उपयोगकर्ताओं के पसंदीदा स्टॉक के लिए पूरे बाजार की निगरानी कर सकता है और उन्हें जानकारी दे सकता है।
आर्थिक कैलेंडर
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप XProMarkets का उपयोग करके क्या व्यापार करते हैं , समाचार निश्चित रूप से इन बाजारों को प्रभावित करता है। जो व्यापारी चौबीसों घंटे सक्रिय नहीं हैं , वे आसानी से कुछ महत्वपूर्ण समाचारों से चूक सकते हैं। एक महत्वपूर्ण समाचार विज्ञप्ति वित्तीय बाजार के पाठ्यक्रम को बदल सकती है। लेकिन आप वित्तीय बाजार के विकास में सक्रिय रहने के लिए ऑनलाइन समाचार स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं।
''ट्रंप की यात्रा भारत-अमेरिका रिश्तों में नई ऊर्जा भरेगी''
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 24-25 व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प फरवरी की भारत यात्रा से खासी उम्मीदें हैं. दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में पिछले दिनों तनाव रहा है. यात्रा की सफलता इस पर टिकी है कि व्यापार समझौते पर दस्तखत हो पाते हैं या नहीं. अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल की प्रेसिडेंट निशा बिस्वाल ने इंडिया टुडे के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में इस यात्रा से जुड़ी संभावनाओं पर बातचीत की. प्रमुख अंश:
राज चेंगप्पा
- नई दिल्ली,
- 18 फरवरी 2020,
- (अपडेटेड 18 फरवरी 2020, 7:52 PM IST)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यह यात्रा क्यों अहम है?
अमेरिका के राष्ट्रपति आधिकारिक हैसियत से अपनी पहली भारत यात्रा पर आ रहे हैं, यह बात बताती है कि अमेरिका-भारत रिश्तों की अहमियत बनी हुई है. इस प्रशासन के दौरान भागीदारी लगातार गहरी हुई है, संवाद के नए अवसर बने हैं, जिनमें रक्षा और विदेश मामलों पर अमेरिका-भारत 2+2 मंत्रीस्तरीय संवाद भी है. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई कई मुलाकातें दिखाती हैं कि दोनों के बीच मजबूत निजी तालमेल है. राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा रिश्तों में नई ऊर्जा और आवेग का संचार करेगी. दोनों देश दोतरफा व्यापार में बढ़ोतरी के साथ ही ज्यादा रणनीतिक मेल और मजबूत सुरक्षा भागीदारी देखना चाहते हैं.
भारत-अमेरिकी रिश्ते फिलहाल कहां खड़े हैं?
हम अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक मेल बढ़ता देख चुके हैं. दोनों देशों के मिलते-जुलते विचार हैं कि मुक्त और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के लिए क्या करना होगा. मगर यह एकदम साफ होता जा रहा है कि रणनीतिक मेल की मजबूती के लिए आर्थिक मेल भी दोनों देशों के बीच बढऩा चाहिए. यह ज्यादा चुनौती से भरा है क्योंकि आर्थिक विकास पर हमारे दोनों देशों का बुनियादी तौर पर अलग-अलग नजरिया है और हम व्यापार तथा व्यावसायिक मुद्दों पर बुनियादी तौर पर अलग-अलग नजरिया अपनाते हैं. भारत उभरती हुई अर्थव्यवस्था है जबकि अमेरिका ज्यादा स्थापित अर्थव्यवस्था है, तो कुछ तनाव तो स्वाभाविक रूप से होगा.
अमेरिकी सरकार—और अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स—ने ऐतिहासिक तौर पर मुक्त व्यापार की वकालत की है और इन्हें अमेरिकी ग्रोथ, अमेरिकी वर्कर्स और अमेरिकी कंज्यूमर्स के लिए अच्छा माना है. मगर ज्यादा से ज्यादा ग्लोबलाइज होती जाती आर्थिक व्यवस्था जरूर आर्थिक गड़बडिय़ां पैदा करती है और आपने राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिए में ये चिंताएं देखी हैं. ट्रंप उचित और आपसी फायदे के व्यापार की अहमियत पर जोर देते हैं. इसका मतलब है कि अगर अमेरिका व्यापारिक भागीदारों को कम शुल्क और सामान के अहम आयात की पेशकश करता है, तो उम्मीद यह है कि सामने वाला देश भी इसी तरह अपने बाजार तक पहुंच मुहैया करेगा. इस सोच ने अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं की दिशा बदल दी है, जो अक्सर तनाव का क्षेत्र रहा है.
हाल में दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर जो मतभेद रहे हैं, उनको देखते हुए क्या इस यात्रा में व्यापार समझौते पर दस्तखत होंगे?
व्यापार समझौते की संभावनाओं को लेकर मेरी उम्मीदें कायम हैं. मैं इसलिए व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प आशावादी हूं क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी अगर यह प्रदर्शित करते हैं कि उनमें मतभेदों को सुलझाने और समझौते पर पहुंचने की क्षमता है, तो वे अहम संदेश दे रहे होंगे. अगर वे व्यापार पैकेज पर आगे बढ़े बगैर साथ आते हैं, तो मैं समझती हूं कि यह दोनों देशों के लिए अहम झटका होगा.
क्या बड़ा व्यापार समझौता होने की संभावना है?
इस पड़ाव पर दोनों देश छोटे वक्त में समग्र समझौते पर काम नहीं कर रहे हैं. इस पहले चरण के समझौते में, जो बाद में ज्यादा बड़े समझौते की बातचीत के लिए बुनियाद का काम करेगा, दोनों तरफ के वार्ताकार कुछ विवादित मुद्दों को सुलझाने और बाजारों को ज्यादा खोलने पर काम कर रहे हैं.
आखिरकार हम अभी तक व्यापार समझौते पर क्यों नहीं पहुंच पाए? भारतीय वार्ताकारों का कहना है कि अमेरिका गोल-पोस्ट बदलता रहता है और पिछले जून में वापस ले लिए गए जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेज को बहाल करने पर भी बात आगे नहीं बढ़ी है. आप क्या सोचती हैं?
दोतरफा व्यापार और निवेश को बढ़ाने की साझा इच्छा के बावजूद, व्यापार वार्ताएं व्यापार उपकरणों की सीमित विकल्प दोनों देशों के लिए राजनीतिक चुनौतियां पैदा करती हैं. अमेरिका और भारत दोनों अपने-अपने उपभोक्ताओं के लिए फायदों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं, इसलिए हमें व्यापार वार्ताओं के आसान और तुरत-फुरत होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. कई मामलों में व्यापार समझौते पूरे होने में सालों या यहां तक कि दशकों का वक्त लेते हैं. मगर अमेरिका और भारत एक दूसरे का नजरिया समझने लगे हैं और बातचीत में हमने बहुत सारी लेनदेन की दोतरफा भावना देखी.
अहम बात यह है कि किसी भी पक्ष ने हार नहीं मानी—कोई भी उठकर नहीं चला गया या इस नतीजे पर नहीं पहुंचा कि बातचीत का कोई मतलब नहीं है. दोनों पक्ष चुनौतियों से निपटने और रिश्तों को आगे ले जाने में यकीन करते हैं. बीस साल पहले अमेरिका-भारत रिश्ते वैश्विक अर्थव्यवस्था की बड़ी चीज के तौर पर किसी के रडार पर नहीं थे. व्यापार बढऩे और रिश्ते गहरे होने के साथ यह स्वाभाविक है कि हम टकराव की ज्यादा बातें देखेंगे. यह इस हकीकत को बताता है कि अमेरिका और भारत कहीं ज्यादा अहम व्यापारिक साझेदार हैं. व्यापार जितना अहम होता जाता है, टकराव भी उसमें उतने ही बढ़ते जाते हैं.
टकराव पैदा कर रहे व्यापार मुद्दों का एक उदाहरण भारत सरकार की वह नीति है, जिसमें वह दिल के स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण सरीखे चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में कटौती या उनकी सीमा तय कर रही है, जो अमेरिकी कंपनियों से आयात किए जा रहे हैं. आप इसका कोई समाधान निकलते देखती हैं?
कीमत नियंत्रण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य और चिकित्सा उपकरणों तक सस्ती पहुंच की बात कही है और यह भी कि उन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए रास्ता निकालने की जरूरत है जो अक्सर वसूली जाने वाली ऊंची कीमतें नहीं चुका सकते. यह सरकार की आयुष्मान भारत पहल का अहम हिस्सा है. दूसरी तरफ उद्योग ने कहा है—और मैं उम्मीद करती हूं कि यह संदेश सुना जा रहा है—कि व्यापक कीमत नियंत्रण की नीतियां, जिनमें नई और उन्नत टेक्नोलॉजी को अपवाद नहीं माना जाता, आखिरकार नए प्रयोगों को सीमित करेंगी और उपभोक्ताओं को नुक्सान पहुंचाएंगी. सभी स्टेंट और प्रत्यापोपण एक जैसे नहीं हैं.
कुछ उत्पाद ज्यादा उन्नत तो कुछ कम उन्नत हैं. कीमत के लिहाज से उनमें फर्क करना ही होगा. नए उत्पाद विकसित करने और बनाने की ऊंची लागत को देखते हुए जरूरी है कि कंपनियां अपनी लागतें निकाल पाएं. कई देश अहम दवाइयां कम दामों पर देते हैं, ऐसा वे उन्हें बीमा योजनाओं के जरिए खरीदकर करते हैं, जिसमें बातचीत से कीमत कम करवाने की गुंजाइश होती है. चूंकि भारत में राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर ऐसा कोई तंत्र नहीं है जो सरकारी अस्पतालों की तरफ से बातचीत कर सके, इसलिए अलग तरीका जरूरी है. एक विकल्प यह है कि तमाम चीजों में व्यापार के मुनाफे को बिक्री के बिंदु से गणना करके दुरुस्त किया जाए, ताकि रिसर्च और डेवलपमेंट की लागतें और दूसरे उत्पादन के खर्चों पर विचार किया जा सके और दवा तथा उपकरण कंपनियां नए उत्पाद अच्छी तरह भारतीय बाजार में ला सकें.
दोनों ही पक्षों के वार्ताकार विवादित मुद्दों को सुलझाने और बाजारों को ज्यादा खोलने पर काम कर रहे हैं. यह बड़े व्यापार समझौते की बुनियाद होगा.