शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो

सक्रिय व्यापारी
बाजारों में वास्तव में क्या हो रहा है, इसका पता लगाने के लिए सक्रिय व्यापार का उपयोग करें। सक्रिय व्यापार सदस्यों के पास लाइव कीमतों, स्ट्रीमिंग चार्ट और असीमित स्तर 2 रीयल-टाइम डेटा के साथ-साथ बाजार और निवेश रणनीतियों के निर्माण और परीक्षण के लिए विशेष विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि तक पहुंच है।
सक्रिय ट्रेडर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध टूल की खोज करें
उत्पाद की विशेषताएँ
रीयल टाइम टर्मिनल
- चार्टिंग: शेयर अनुभाग यूके के सभी शेयरों, क्षेत्रों और सूचकांकों पर व्यापक शोध प्रदान करता है।
- पोर्टफोलियो और वॉचलिस्ट: आपका पोर्टफोलियो लाइव स्ट्रीमिंग मूल्य दिखा रहा है।
दैनिक पोर्टफोलियो ईमेल अलर्ट
- हीट मैप्स: विभिन्न सूचकांकों और क्षेत्रों में कंपनियों की कीमत एक नज़र में देखें।
प्रीमियम समाचार
- प्रदर्शन तालिकाएँ: सूचकांकों और क्षेत्रों में कंपनियों के प्रदर्शन को एक नज़र में देखें
- भाव और व्यापार: आपकी चुनी हुई कंपनी के लिए नवीनतम मूल्य और ट्रेड जानकारी खोजने का एक त्वरित तरीका है।
- किसी कंपनी के लिए नवीनतम मूल्य और ट्रेड जानकारी पर जाने के लिए या उसके स्ट्रीमिंग चार्ट को देखने के लिए क्विक कोट टूल का उपयोग करें।
आप कैसे पैसे देना पंसद करेंगे?
कृपया ध्यान दें कि यह एक सदस्यता सेवा है। हमारे के अनुरूप नियम और शर्तों, इस सेवा को रद्द करने के लिए पर्याप्त नोटिस की आवश्यकता होगी।
पोर्टफोलियो ट्रेडिंग पद्धति - ट्रेडिंग उपकरण की रेंज का विस्तार करना
कई व्यापारियों के लिए, वित्तीय बाजारों में सक्रिय व्यापार में लगे हुए हैं, बड़ी संख्या में व्यापारिक उपकरणों की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है। अगर किसी व्यापारी ने एक व्यापार प्रणाली (मैकेनिकल या विज़ुअल, कुछ चलने वाली ग्राफिकल छवियों की पहचान के आधार पर) तैयार की है, तो अधिक उपकरण उपलब्ध हैं, अधिक बार बाजार में प्रवेश करने के अवसर पैदा हो सकते हैं.
व्यापारी के लिए नए अवसर
इस लेख में मैं संक्षेप में आपको एक नई कार्यात्मक पोर्टफोलियो उद्धरण विधि (PQM) बारे में बताना चाहूंगा, जो कि व्यापारियों को व्यापारिक उपकरणोंकी सीमा को विस्तृत करने की अनुमति देता है, पहले से ही विद्यमान व्यापारिक उपकरणों की सूची से अन्य, बिल्कुल नई ट्रेडिंग परिसंपत्तियों और यहां तक कि परिसंपत्तियों के पोर्टफोलियो बनाने के लिए। ऊपर उल्लिखित कार्यात्मक व्यापार-विश्लेषणात्मक प्लेटफॉर्म NetTradeX के नवीनतम संस्करण में उपलब्ध हो गया है.
विधि की विशिष्टता
PQM विधि एक अभिनव बाजार विश्लेषण विधि है जिसके माध्यम से शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो आप प्लेटफार्म पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के वित्तीय उपकरणों से परिसंपत्ति पोर्टफोलियो बना सकते हैं और एक दूसरे की कीमत के आधार पर एक पोर्टफोलियो की कीमत निर्धारित कर सकते हैं, इस प्रकार एक नया और अनूठे सिंथेटिक इंस्ट्रूमेंट (PCI) बना सकते हैं। इस विधि की विचारधारा विदेशी मुद्रा बाजार में अपनाई गई व्यापार जोड़ी संबंध बी / क्यू की अवधारणा पर आधारित है, जहां संपत्ति बी (आधार) संपत्ति क्यू (उद्धृत) के खिलाफ कारोबार किया जाता है। और यह एक बहुत ही सरल संरचित समग्र यंत्र दोनों के रूप में संभव है, जब प्रत्येक पोर्टफोलियो में एक संपत्ति होती है, और प्रत्येक पोर्टफोलियो में संपत्ति की एक विस्तृत श्रेणी के साथ एक बहुत ही जटिल एक है। कार्यक्रम समग्र संरचना में प्रत्येक संपत्ति के लिए विशिष्ट वजन निर्धारित करने की अनुमति देता है। सभी परिसंपत्तियों की कीमतों को स्वचालित रूप से अमेरिकी डॉलर में गणना की जाती है (यदि वे किसी अन्य मुद्रा में व्यक्त की जाती हैं), जो एक दूसरे के साथ दोनों पोर्टफोलियो को सही ढंग से तुलना करने की अनुमति देता है पूर्वनिर्मित पीसीआई के आधार पर चार्ट निर्माण दो मिनट से अधिक नहीं लेता है.
उपकरण का उदाहरण
नए ट्रेडिंग उपकरणों के चयन के लिए PCI कैसे लागू करें, इसका एक ठोस उदाहरण हमें आइए। उपयोग में दिए गए उपकरणों की सूची में हैं CFDs स्टॉक इंडेक्स पर यूरोपीय देशों के संयुक्त राज्य अमेरिका (DJI)) का, जैसे कि इंग्लैंड (GB 100) और फ्रांस (FR 40)। हम एक इंडेक्स सीधे व्यापार के साथ-साथ उस रिश्ते के साथ सूचकांकों और व्यापार के बीच संबंध बदलने के संबंध में एक चार्ट का निर्माण कर सकते हैं। नीचे दिए गए चार्ट में हमने GB 100 और DJI के खिलाफ FR 40 के खिलाफ DJI के रिश्ते को प्राप्त किया है.
सभी सूचकांकों की कीमतों को 100 000 अमरीकी डालर तक बराबर कर दिया गया है.
एक मौलिक दृष्टिकोण से, देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है, कमजोर अर्थव्यवस्था के मुकाबले इसकी स्टॉक सूचकांक अधिक स्थिर और बेहतर होना चाहिए.
यह परिकल्पना प्रस्तुत चार्ट द्वारा पुष्टि की गई है। यूरोपीय सूचकांकों के खिलाफ डीजेआई के रिश्ते पर एक स्थिर वृद्धि की प्रवृत्ति देखी जाती है, जो दुर्लभ लेकिन बल्कि गहरी सुधारों (15-20%) से बाधित है। इस विश्लेषण का व्यापारिक विचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, डीजेआई खरीदकर और साथ ही यूरोपीय सूचकांकों में से किसी भी बेच कर, और शायद मजबूत सुधारों पर बढ़ती स्थिति.
मूलभूत विश्लेषण को तकनीकी विश्लेषण से मजबूत किया जाना चाहिए और नेटटाडएक्स में सभी आवश्यक तरीकों का एक शस्त्रागार है। दोनों चार्ट पर आंदोलन काफी तुल्यकालिक होता है, जो कि पहले के चरणों में प्रवृत्ति निरंतरता या संभव सुधार को निर्धारित करने की अनुमति देता है। दोनों चार्ट पर 2013 की शुरुआत में कुछ उलटा पैटर्न उभरे, "सिर और कंधों" के समान, जो लंबे समय तक बंद होने के बारे में संकेत देते थे।.
इसलिए, तकनीकी विश्लेषण की क्षमताओं के साथ संयोजन में मौलिक दृष्टिकोण से पोर्टफोलियो व्यवहार और बेहतर समझने वाले विभिन्न परिसंपत्ति संयोजनों के बीच संबंधों को समझना होता है। इस संबंध में, पीसीआई, प्लेटफॉर्म पर विकसित नेटट्रैडएक्स, सक्रिय व्यापार में लगे लोगों के लिए एक बहुत प्रभावी उपकरण है.
काम की बात: लार्ज और मिडकैप निवेश का बेहतर विकल्प, लंबे समय में देता है फायदा
बाजार में पिछले दो महीने से चल रही गिरावट में लार्ज और मिडकैप स्टॉक कम टूटे हैं, जबकि स्माल कैप में ज्यादा गिरावट आई है। ऐसे उतार-चढ़ाव निवेश का एक आकर्षक मौका लेकर आते हैं। इसी का गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-
आप्टिमा मनी मैनेजर के एमडी पंकज मथपाल कहते हैं कि अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण आधारित विकल्पों को देखते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो में मौजूद है।
इसकी विशेषता यह है कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है। इसलिए यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। इसमें पोर्टफोलियो का कम से कम 35-35 फीसदी हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है। इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है।
वास्तव में इस योजना के लिए निवेश में बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष पर 250 सूचीबद्ध कंपनियां हैं। शेयर बाजार की तेज गिरावट में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में इस उद्योग में निवेशकों के निवेश की कुल कीमत यानी एयूएम बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 38 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप और 101-250 तक की कंपनियां मिडकैप कहलाती है।
गिरावट के माहौल शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो में अच्छा रिटर्न
यह श्रेणी मुख्य रूप से सेबी के फिर से वर्गीकरण योजना के बाद से अस्तित्व में आई है। हालांकि अक्तूबर के बाद से बाजार में चल रही गिरावट में भी इस फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उदाहरण के तौर पर बीएसई लार्ज मिड कैप बेंचमार्क का रिटर्न एक साल में 7.78 फीसदी का रिटर्न दिया है तो 3 साल में 13.19 फीसदी का फायदा दिया है। म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी ने इसी समय में 6.93 और 13.64 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज और मिड कैप ने एक साल में 14.93 और तीन साल में 15.21 फीसदी का फायदा दिया है।
स्मॉलकैप में महज चार फीसदी निवेश
इस तरह के लगातार बेहतर प्रदर्शन का कारण काफी हद तक स्मार्ट पोर्टफोलियो के निर्माण के विकल्पों को माना जाता है। 30 अप्रैल, 2022 तक पोर्टफोलियो के 57 फीसदी हिस्से में लार्जकैप शामिल था। इसके बाद मिडकैप में 33 फीसदी और स्मॉलकैप में केवल 4 फीसदी शामिल हैं। आमतौर पर पोर्टफोलियो का 40-55 फीसदी लार्ज कैप और 35-45 फीसदी मिडकैप में निवेश किया जाता है।
आर्थिक सुधार से फायदा पाने वाले सेक्टर पर फोकस
पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं। इसलिए पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल हैं। इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 फीसदी हिस्सा होता है। इसमें जो शेयर शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फंड मैनेजर पराग ठक्कर का कहना है कि "हम निवेश का फैसला लेते समय उन शेयरों से दूर रहते हैं जिनमें कमजोर कैश फ्लो, नाजुक व्यापार का मॉडल और चुनौतीपूर्ण बैलेंसशीट हो। साथ ही संदेहास्पद मैनेजमेंट हो। हमारा उद्देश्य उचित मूल्य पर बेहतर शेयरों की तलाश करना है।"
विस्तार
आप्टिमा मनी मैनेजर के एमडी पंकज मथपाल कहते हैं कि अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण आधारित विकल्पों को देखते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप में मौजूद है।
इसकी विशेषता यह है कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है। इसलिए यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। इसमें पोर्टफोलियो का कम से कम 35-35 फीसदी हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है। इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है।
वास्तव में इस योजना के लिए निवेश में बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष पर 250 सूचीबद्ध कंपनियां हैं। शेयर बाजार की तेज गिरावट में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में इस उद्योग में निवेशकों के निवेश की कुल कीमत यानी एयूएम बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 38 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप और 101-250 तक की कंपनियां मिडकैप कहलाती है।
गिरावट के माहौल में अच्छा रिटर्न
यह श्रेणी मुख्य रूप से सेबी के फिर से वर्गीकरण योजना के बाद से अस्तित्व में आई है। हालांकि अक्तूबर के बाद से बाजार में चल रही गिरावट में भी इस फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उदाहरण के तौर पर बीएसई लार्ज मिड कैप बेंचमार्क का रिटर्न एक साल में 7.78 फीसदी का रिटर्न दिया है तो 3 साल शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो में 13.19 फीसदी का फायदा दिया है। म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी ने इसी समय में 6.93 और 13.64 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज और मिड कैप ने एक साल में 14.93 और तीन साल में 15.21 फीसदी का फायदा दिया है।
स्मॉलकैप में महज चार फीसदी निवेश
इस तरह के लगातार बेहतर प्रदर्शन का कारण काफी हद तक स्मार्ट पोर्टफोलियो के निर्माण के विकल्पों को माना जाता है। 30 अप्रैल, 2022 तक पोर्टफोलियो के 57 फीसदी हिस्से में लार्जकैप शामिल था। इसके बाद मिडकैप में 33 फीसदी और स्मॉलकैप में केवल 4 फीसदी शामिल हैं। आमतौर पर पोर्टफोलियो का 40-55 फीसदी लार्ज कैप और 35-45 फीसदी मिडकैप में निवेश किया जाता है।
आर्थिक सुधार से फायदा पाने वाले सेक्टर पर फोकस
पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं। इसलिए पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल हैं। इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 फीसदी हिस्सा होता है। इसमें जो शेयर पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फंड मैनेजर पराग ठक्कर का कहना है कि "हम निवेश का फैसला लेते समय उन शेयरों से दूर रहते हैं जिनमें कमजोर कैश फ्लो, नाजुक व्यापार का मॉडल और चुनौतीपूर्ण बैलेंसशीट हो। साथ ही संदेहास्पद मैनेजमेंट हो। हमारा उद्देश्य उचित मूल्य पर बेहतर शेयरों की तलाश करना है।"
भारत में बढ़ रहा चीन का FPI, चीन शीर्ष 10 देशों में शुमार होने के करीब
नई दिल्लीः भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के लिहाज से चीन शीर्ष 10 देशों में शुमार होने के करीब है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत बाजार नियामक सेबी से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में चीन का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश लगातार बढ़ रहा है। वैश्विक महामारी की शुरुआत शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो से अभी तक के तिमाही आंकड़े बताते हैं कि 2020 के शुरुआती दिनों में जब प्रतिबंधों पर बात चल रही थी तभी से चीन से एफपीआई बढ़ रहा था।
उसके बाद से ही यह बढ़ता जा रहा है। सेबी से मिले आंकड़ों के मुताबिक चीन का एफपीआई निवेश जून 2022 में 80,684 करोड़ रुपए हो गया। यह दसवें सबसे बड़े एफपीआई देश (नीदरलैंड) के निवेश से करीब 20,000 करोड़ रुपए ही कम है। उसी दौरान नीदरलैंड का भारत में एफपीआई निवेश 99,140 करोड़ रुपए था।
सरकार ने अप्रैल 2020 में एक अधिसूचना जारी कर भारत के सीमावर्ती देशों की कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था और उसके बाद एफपीआई निवेश पर निगरानी भी कथित तौर पर बढ़ गई थी। ऐसा केवल बाजार में तेजी के कारण नहीं हुआ है क्योंकि एफपीआई संपत्तियों में चीन की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। दिसंबर 2019 में कुल एफपीआई परिसंपत्तियों में चीन की हिस्सेदारी करीब 1.4 फीसदी थी, जो बढ़कर जून 2022 में 1.8 फीसदी हो गई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मदद करने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा कि कई बड़े देश कर अथवा अनुपालन संबंधी कारणों से दूसरे देशों के रास्ते निवेश करते हैं। इसका मतलब साफ है कि चीन से सीधे आने वाला एफपीआई निवेश शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो एकमात्र स्रोत नहीं है बल्कि चीन की कंपनियां अन्य देशों के जरिये भी भारत में निवेश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि केमैन आईलैंड्स और हॉन्ग कॉन्ग के जरिए भी एफपीआई चीन रकम का निवेश कर रहे हैं।
बाजार नियामक ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि चीन के एफपीआई की कुल संख्या दिसंबर 2019 से 16 ही बनी हुई है। दिसंबर 2019 के बाद पंजीकृत एफपीआई की कुल संख्या में 1,895 (करीब 14.6 फीसदी) की वृद्धि हुई है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत एफपीआई की कुल संख्या फिलहाल 10,895 है। प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से चीन के सभी 16 एफपीआई के नाम का खुलासा होता है। उनमें 15 एफपीआई श्रेणी 1 में आते हैं। एफपीआई की इस श्रेणी में विदेशी सरकार की इकाइयां अथवा बहुराष्ट्रीय एजेंसियां शामिल हैं।
इसमें चीन के नेतृत्व वाले एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक की शाखा बेस्ट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन एवं सात संबंधित कंपनियां, चाइना एएमसी ग्लोबल सेलेक्टिव इक्विटीज फंड, सीआईएफएम एशिया पैसिफिक एडवांटेज फंड, फ्लरिश इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, मैन्यूलाइफ टेडा इंडिया ऑपर्च्यूनिटीज इक्विटी फंड (क्यूडीआईआई), नैशनल सोशल सिक्योरिटी फंड (एनएसएसएफ) और पीपल्स बैंक ऑफ चाइना शामिल हैं। इसके अलावा वेई ची ली भी है, जो दूसरी श्रेणी की एफपीआई निवेशक है। दूसरी श्रेणी के एफपीआई में आमतौर पर म्युचुअल फंड एवं पेंशन योजनाएं शामिल हैं।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
पत्रकार की हत्या मामले में सऊदी शहजादे को बचाने के लिए अमेरिका ने उठाये कदम
अमेरिकी सांसदों ने चीन के खतरों से निपटने के लिए व्यापक रणनीति बनाने का किया आग्रह
तमिलनाडु : निरीक्षण के दौरान डीजीपी ने कैदियों के साथ खाया खाना
नोएडा में निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरने से दो घायल
बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्र की मुश्किलें बढ़ीं, आपराधिक कृत्यों से बनाई गई करीब 11 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त
काम की बात: लार्ज और मिडकैप निवेश का बेहतर विकल्प, लंबे समय में देता है फायदा
बाजार में पिछले दो महीने से चल रही गिरावट में लार्ज और मिडकैप स्टॉक कम टूटे हैं, जबकि स्माल कैप में ज्यादा गिरावट आई है। ऐसे उतार-चढ़ाव निवेश का एक आकर्षक मौका लेकर आते हैं। इसी का गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-
आप्टिमा मनी मैनेजर के एमडी पंकज मथपाल कहते हैं कि अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण आधारित विकल्पों को देखते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप में मौजूद है।
इसकी विशेषता यह है कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है। इसलिए यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। इसमें पोर्टफोलियो का कम से कम 35-35 फीसदी हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है। इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है।
वास्तव में इस योजना के लिए निवेश में बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष पर 250 सूचीबद्ध कंपनियां हैं। शेयर बाजार की तेज गिरावट में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में इस उद्योग में निवेशकों के निवेश की कुल कीमत यानी एयूएम बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 38 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप और 101-250 तक की कंपनियां मिडकैप कहलाती है।
गिरावट के माहौल में अच्छा रिटर्न
यह श्रेणी मुख्य रूप शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो से सेबी के फिर से वर्गीकरण योजना के बाद से अस्तित्व में आई है। हालांकि अक्तूबर के बाद से बाजार में चल रही गिरावट में भी इस फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उदाहरण के तौर पर बीएसई लार्ज मिड कैप बेंचमार्क का रिटर्न एक साल में 7.78 फीसदी का रिटर्न दिया है तो 3 साल में 13.19 फीसदी का फायदा दिया है। म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी ने इसी समय में 6.93 और 13.64 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज और मिड कैप ने एक साल में 14.93 और तीन साल में 15.21 फीसदी का फायदा दिया है।
स्मॉलकैप में महज चार फीसदी निवेश
इस तरह के लगातार बेहतर प्रदर्शन का कारण काफी हद तक स्मार्ट पोर्टफोलियो के निर्माण के विकल्पों को माना जाता है। 30 अप्रैल, 2022 तक पोर्टफोलियो के 57 फीसदी हिस्से में लार्जकैप शामिल था। शीर्ष व्यापारी पोर्टफोलियो इसके बाद मिडकैप में 33 फीसदी और स्मॉलकैप में केवल 4 फीसदी शामिल हैं। आमतौर पर पोर्टफोलियो का 40-55 फीसदी लार्ज कैप और 35-45 फीसदी मिडकैप में निवेश किया जाता है।
आर्थिक सुधार से फायदा पाने वाले सेक्टर पर फोकस
पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं। इसलिए पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल हैं। इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 फीसदी हिस्सा होता है। इसमें जो शेयर पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फंड मैनेजर पराग ठक्कर का कहना है कि "हम निवेश का फैसला लेते समय उन शेयरों से दूर रहते हैं जिनमें कमजोर कैश फ्लो, नाजुक व्यापार का मॉडल और चुनौतीपूर्ण बैलेंसशीट हो। साथ ही संदेहास्पद मैनेजमेंट हो। हमारा उद्देश्य उचित मूल्य पर बेहतर शेयरों की तलाश करना है।"
विस्तार
आप्टिमा मनी मैनेजर के एमडी पंकज मथपाल कहते हैं कि अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण आधारित विकल्पों को देखते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप में मौजूद है।
इसकी विशेषता यह है कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है। इसलिए यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। इसमें पोर्टफोलियो का कम से कम 35-35 फीसदी हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है। इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है।
वास्तव में इस योजना के लिए निवेश में बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष पर 250 सूचीबद्ध कंपनियां हैं। शेयर बाजार की तेज गिरावट में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में इस उद्योग में निवेशकों के निवेश की कुल कीमत यानी एयूएम बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 38 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप और 101-250 तक की कंपनियां मिडकैप कहलाती है।
गिरावट के माहौल में अच्छा रिटर्न
यह श्रेणी मुख्य रूप से सेबी के फिर से वर्गीकरण योजना के बाद से अस्तित्व में आई है। हालांकि अक्तूबर के बाद से बाजार में चल रही गिरावट में भी इस फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उदाहरण के तौर पर बीएसई लार्ज मिड कैप बेंचमार्क का रिटर्न एक साल में 7.78 फीसदी का रिटर्न दिया है तो 3 साल में 13.19 फीसदी का फायदा दिया है। म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी ने इसी समय में 6.93 और 13.64 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज और मिड कैप ने एक साल में 14.93 और तीन साल में 15.21 फीसदी का फायदा दिया है।
स्मॉलकैप में महज चार फीसदी निवेश
इस तरह के लगातार बेहतर प्रदर्शन का कारण काफी हद तक स्मार्ट पोर्टफोलियो के निर्माण के विकल्पों को माना जाता है। 30 अप्रैल, 2022 तक पोर्टफोलियो के 57 फीसदी हिस्से में लार्जकैप शामिल था। इसके बाद मिडकैप में 33 फीसदी और स्मॉलकैप में केवल 4 फीसदी शामिल हैं। आमतौर पर पोर्टफोलियो का 40-55 फीसदी लार्ज कैप और 35-45 फीसदी मिडकैप में निवेश किया जाता है।
आर्थिक सुधार से फायदा पाने वाले सेक्टर पर फोकस
पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं। इसलिए पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल हैं। इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 फीसदी हिस्सा होता है। इसमें जो शेयर पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फंड मैनेजर पराग ठक्कर का कहना है कि "हम निवेश का फैसला लेते समय उन शेयरों से दूर रहते हैं जिनमें कमजोर कैश फ्लो, नाजुक व्यापार का मॉडल और चुनौतीपूर्ण बैलेंसशीट हो। साथ ही संदेहास्पद मैनेजमेंट हो। हमारा उद्देश्य उचित मूल्य पर बेहतर शेयरों की तलाश करना है।"