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Dividend क्या होता है?

Dividend क्या होता है?
कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को किये जाने वाले नकद भुगतान को लाभांश (Dividend) कहते है. अगर आप सामान्य स्टॉक के साथ प्रिफर्ड शेयरों में भी निवेश करते हैं तो आप लाभांश प्राप्त करने के हक़दार हैं. कंपनी के स्टॉक में निवेश करते समय आप लाभांश के भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.

Dividend क्या होता है और कैसे मिलता है ? |_40.1

Dividend- डिविडेंड

क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड (Dividend) यानी लाभांश कंपनी की आय के कुछ हिस्से का उसके शेयरधारकों के एक वर्ग के बीच वितरण है। शेयरधारकों को कितना डिविडेंड मिलेगा यह कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा निर्धारित किया जाता है। लाभांश अदा करने वाली कंपनियों के साधारण शेयरधारक आम तौर पर तब तक पात्र होते हैं जब तक कि लाभांश-पूर्व तिथि से पहले उनके पास स्टॉक होता है। लाभांश का भुगतान नकदी या अतिरिक्त स्टॉक के रूप में किया जा सकता है। लाभांश का भुगतान सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा निवेशकों को उनके पैसे को वेंचर में रखने के पुरस्कार स्वरूप किया जाता है। लाभांश पेआउट की घोषणा आम तौर पर किसी कंपनी की स्टाॅक कीमत में आनुपातिक वृद्धि या कमी के साथ की जाती है।

डिविडेंड से संबंधित मुख्य बातें
डिविडेंड की स्वीकृति अनिवार्य रूप से शेयरधारकों के वोटिंग अधिकारों द्वारा होनी चाहिए। हालांकि नकदी लाभांश सबसे आम हैं लेकिन लाभांशों को शेयरों या अन्य संपत्ति के रूप में भी जारी किया जा सकता है। कंपनियों के साथ साथ, विभिन्न म्युचुअल फंड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) भी लाभांश का भुगतान करते हैं। लाभांश शेयरधारकों को किसी कंपनी की इक्विटी में उनके निवेश के लिए भुगतान किया जाने वाला सांकेतिक भुगतान है और यह साधारणतया कंपनी के शुद्ध लाभ से उत्पन्न होता है। कभी कभार कंपनियां तब भी लाभांश का भुगतान करती हैं जब उन्हें अनुकूल लाभ प्राप्त न हुआ हो। ऐसा वे नियमित लाभांश अदा करने के कंपनी के स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड को बनाये रखने के लिए करती हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) लाभांश देने की विभिन्न समय सीमाओं और विभिन्न पेआउट दरों को चुन सकते हैं। इसे मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक रूप से अदा किया जा सकता है।

JNU Times

जब कंपनी अपने profit का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ शेयर करती है, उसे dividend कहते है। वर्तमान में भारत में 10 लाख तक के dividend पर शेयर होल्डर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

  • अपने share holders को डिविडेंड देना किसी भी कंपनी के लिए अनिवार्य नही होता है।
  • अगर कोई कंपनी हर बार अपने लाभांश का Dividend क्या होता है? हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ बांट रही है तो आपको इसकी गारंटी नही है की वो आगे भी dividend देगी।
  • Dividend देने से संबंधित सभी अधिकार कंपनी के Board of directors के पास होते है।
  • आपने देखा होगा छोटी कंपनी बहुत कम ही dividend देती है क्योंकि अभी उन्हें और ग्रो करना है।
  • कंपनी हमेशा dividend अपने शेयर की face value पर ही देती है। जैसे किसी कंपनी के शेयर की कीमत मार्केट में ₹10000 है और फेस वैल्यू ₹100 है, और कंपनी कहती है की हम इस बार 100% dividend देने वाले है तो वो इस बार हर शेयर पर ₹100 देने वाली है।

dividend yield क्या होता है उदाहरण सहित

dividend yield का अर्थ कंपनी ने अपने शेयर की मार्केट वैल्यू का कितना प्रतिशत dividend (लाभांश) दिया है।

जैसे दो कंपनी Jaipur और alwar दोनो ने अपने प्रत्येक शेयर पर ₹20 डिविडेंड दिया है तो आप dividend yield का प्रयोग कर कंपनी की मार्केट वैल्यू से dividend का प्रतिशत निकाल सकते हो।

Jaipur कंपनी के शेयर की कीमत ₹500 और उसने dividend दिया है ₹20 तो आप 20÷500×100 करदे जिससे dividend का प्रतिशत 4% निकलकर आएगा और ऐसे ही आप दूसरी कंपनी alwar के शेयर की कीमत ₹2000 होगी Dividend क्या होता है? तो इसके dividend का प्रतिशत 1% निकलेगा।

dividend yield को शेयर प्राइस प्रभावित करती है या कई बार कंपनियां ही ज्यादा dividend देती है।

कैसे किया जाता है Dividend का भुगतान

डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार निर्धारित है. डिविडेंट की घोषणा के बाद एक विशेष तिथि की इसका भुगतान कंपनी करती है. इस तिथि को देय तिथि कहा जाता है. जब कंपनी लाभ कमाती है तो अपने लाभ को बचाकर रखती है और उसको अपने शेयर धारकों में वितरित करने के फैसला करती है. कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि को जारी करती है. डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है –

अधिकांश कंपनियां इस प्रकार के डिविडेंट का भुगतान करती हैं. यह नकद भुगतान है जिसे सीधे कंपनी से शेयरधारक के Dividend क्या होता है? खाते में भेजा जाता है. आमतौर पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जा सकता है.

स्टॉक डिविडेंट (Stock dividend)

शेयरधारकों के लिए नए शेयर जारी करके स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है. सामान्य शेयरों में निवेश करने वाले लोग स्टॉक लाभांश भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं. इस डिविडेंट को Cash dividend से बेहतर माना जाता है. कंपनी शेयरधारकों की अपनी इच्छा के अनुसार स्टॉक डिविडेंट को नकदी में परिवर्तित करने का विकल्प देती है.

कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में भौतिक संपत्ति, अचल संपत्ति और अन्य के रूप में गैर मौद्रिक भुगतान भी कर सकती है.

Scrip dividend

जब कंपनी के पास डिविडेंट जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती है तो कंपनी स्क्रिप (Scrip) डिविडेंट जारी कर्ट सकती है, यह एक तरह Dividend क्या होता है? का वादा है, जो भविष्य में किसी तिथि को भुगतान करने की गारंटी देता है.

जब कोई कंपनी बिज़नेस बन कर रही होती है तो वह अपने शेयरधारकों को liquidating dividend के रूप में भुगतान करती हैं. शेयरधारकों को उस कंपनी द्वारा किया गया यह अंतिम भुगतान होता है यह भुगतान शेयर की संख्या के आधार पर किया जाता है.

Special Dividend क्या होता है, कंपनी के कौन-से निवेशक उठा सकते हैं इसका फायदा, यहां जानें डीटेल

Special Dividend: कंपनी की ओर से तिमाही नतीजों के दौरान निवेशकों के लिए डिविडेंड का ऐलान किया जाता है. ऐसा नहीं है कि सभी कंपनी डिविडेंड देती हैं लेकिन जो कंपनियां देती हैं वो अलग-अलग तरह से डिविडेंड देती है.

Special Dividend: शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां हर तिमाही अपने नतीजे पेश करती है. इन तिमाही नतीजों के दौरान कंपनी अपने बिजनेस एक्सपेंशन और कॉरपोरेट एक्शन को लेकर जानकारी देती है. बता दें कि मौजूदा समय में तिमाही नतीजों का सीजन चल रहा है और इस दौरान बाजार में लिस्टेड कंपनियां Dividend क्या होता है? अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे पेश कर रही हैं. हालांकि कुछ कंपनियां नतीजों के साथ-साथ कंपनियां कई बार निवेशकों को खुश करने के लिए डिविडेंड का भी ऐलान करती हैं. एक वित्त वर्ष में कंपनी कई तरह से अपने निवेशकों को डिविडेंड देती है. इसमें डिविडेंड, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड और स्पेशल डिविडेंड शामिल होते हैं. कंपनी डिविडेंड अपने प्रॉफिट में से देती है. डिविडेंड को हिंदी मे लाभांश कहते हैं और लाभ के अंश के तौर पर ही इसे दिया जाता है. यहां जानते हैं कि कंपनी स्पेशल डिविडेंड कब और किन निवेशकों को देती है.

स्पेशल डिविडेंड क्या होता है?

डिविडेंड और स्पेशल डिविडेंड के बीच एक बस यही फर्क है कि स्पेशल डिविडेंड के जरिए निवेशकों को कंपनी की ओर से ज्यादा अमाउंट दी जाती है. स्पेशल डिविडेंड एक नॉन-रिकरिंग पेमेंट है, जो कि रेगुलर डिविडेंड की तरह हर तिमाही नहीं दिए जाते हैं. बता दें कि स्पेशल डिविडेंड हमेशा लिक्विड फॉर्म में दिया जाता है.

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बता दें कि स्पेशल डिविडेंड कंपनी की ओर से एक ही बार दिया जाता है. स्पेशल डिविडेंड अलग इवेंट्स जैसे असाधारण मुनाफा, एसेट सेल और दूसरी तरह के विंडफॉल इवेंट के दौरान दिए जाते हैं. हाल ही में आईटी सेक्टर की दमदार कंपनी टेक महिंद्रा ने अपने निवेशकों के लिए 360 फीसदी के स्पेशल डिविडेंड का ऐलान किया था.

डिविडेंड के दौरान ये तारीख होती हैं अहम

डिविडेंड के दौरान निवेशकों को कई सारी डेट्स का ध्यान रखना पड़ता है. इसमें डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, डिविडेंड पेआउट डेट जैसे तारीखें शामिल Dividend क्या होता है? होती हैं. सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होती है और इस दिन कंपनी के बोर्ड की ओर से डिविडेंड का ऐलान होता है. इसके बाद रिकॉर्ड डेट अहम होती है. रिकॉर्ड डेट का मतलब ये है कि इस तक कंपनी के पास रिकॉर्ड होता है कि किन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर हैं.

इसके अलावा एक्स डिविडेंड डेट भी काफी अहम है. ये डेट बताती है कि इस दिन से पहले निवेशकों के डीमैट अकाउंट में कंपनी के शेयर होने चाहिए. वहीं डिविडेंड पेआउट डेट वो होती है, जिस दिन डिविडेंड का भुगतान किया जाता है.

डिविडेंड के दौरान ये तारीख होती हैं अहम

डिविडेंड के दौरान निवेशकों को कई सारी डेट्स का ध्यान रखना पड़ता है. इसमें डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, डिविडेंड पेआउट डेट जैसे तारीखें शामिल होती हैं. सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होती है और इस दिन कंपनी के बोर्ड की ओर से डिविडेंड का ऐलान होता है. इसके बाद रिकॉर्ड डेट अहम होती है. रिकॉर्ड डेट का मतलब ये है कि इस तक कंपनी के पास रिकॉर्ड होता है कि किन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर हैं.

इसके अलावा एक्स डिविडेंड डेट भी काफी अहम है. ये डेट बताती है कि इस दिन से पहले निवेशकों के डीमैट अकाउंट में कंपनी के शेयर होने चाहिए. वहीं डिविडेंड पेआउट डेट वो होती है, जिस दिन डिविडेंड का भुगतान किया जाता है.

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