दलाल का परिचय

प्रवेश कुमार ने बताया कि उसने पहले गालियां दी और कहा कि हमारा काम क्यों नहीं कर रहे. जब एआरटीओ ने वेरिफिकेशन मंगाने की बात की तो दलाल कहने लगा कि मैं कुछ नहीं जानता, मेरा आज काम हो जाना चाहिए. उनके साथ एक और आदमी था जिसके पास असलहा था. वो हॉल में खड़े हुए थे. वह अंदर आए थे और तुरंत मोबाइल का कैमरा ऑन करके हमको दवाब में लेना चाहते थे. कमरे के अंदर घटना हुई है इसका कोई सीसीटीवी नहीं है. मैंने मामले में तहरीर दे दी है.
दलाल का परिचय
मूल नाम : लक्ष्मीचंद बलदेवदास स्वामी
बिस्मिल देवदास मेरठ में १३ नवंबर १९४३ को पैदा हुए और उनका नाम लक्ष्मीचंद रखा गया। उनके वालिद का नाम बलदेवदास स्वामी था । उस ज़माने में मेरठ उर्दू का गतिशील और सरगर्म केंद्र था। यहीं से उन्हें शायरी का शौक़ पैदा हुआ और मैट्रिक में पहुंचते पहुंचते वो शे’र कहने लगे। नववी कक्षा में लक्ष्मीचंदने सूरदास और तुलसीदास के काव्यपर आर्टिकल लिखा । फिल्मो का भूत सवार होने से वह बंबई चले आए । वो सीडीए (कंट्रोलर ऑफ डिफेन्स अकाउंट) में दाखील हुए। वहा उन्होंने १७२० से लेकर आजतक का डिफेन्स का इतिहास लिखा । संरक्षण मंत्रालय का रिसाला 'पश्चिमांचल' का काम भी उन्होंने कई साल किया। उन्होंने बचपन और जवानी में बहुत मुश्किल और कठिन दिन गुज़ारे। बंगाली,उर्दू, सिंधी, मराठी,हिंदी,इंग्रजी,गुजराथी भाषा में लिखनेवाले बिस्मिलजी का २५ जनवरी २०२२ दलाल का परिचय को दिल का दौरा पड़ने से इंतिक़ाल हुआ। उनके पीछे बीबी माया, बेटा आलोक,बहू सीमा और पोती निहारिका हैं ।
प्रकाशित कृतियाँ
टुकडे-टुकडे जिंदगी, ख्वाब कितने बुने, गीत गाने दो मुझे, दरख्तों के लंबे होते साये, तेरी हंसी, उम्रभर सफर में,अमर सहगल के अमर गीत,
राम -रावण महाभारत युद्ध का अंतरकाल
भारत की एक प्रख्यात भोजन लेखिका व रसोइया तरला दलाल की तीन किताबो का अनुवाद
'कप्तान' सेट तो टेस्ट में पास
कन्फ्यूज न हों। यहां जिले के कप्तान की बात बिल्कुल नहीं हो रही है। बेसिकली यह डीटीआई नैनी में दलाली करने वाला शख्स है। इसका नाम ही कप्तान मिश्रा है। फिलहाल इसे किसी का कोई खौफ नहीं है। यह खुलेआम सौदा करता है। आपको टेस्ट में पास होना है तो इसके साथ सौदा करके बेफिक्र हो सकते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए यह सौदा डेढ हजार रुपये में करता है। इसे न तो अफसरों का खौफ है और न ही जेल जाने का डर। मंगलवान को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के स्टिंग में यह सच बेनकाब हुआ।
महीने भर के भीतर खड़े हो गए दलाल
नैनी स्थित आईटीआई कैंपस में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रैक तैयार किया गया है। यहीं पर परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वालों को भी भेजा जाने लगा है। इसका नतीजा यह हुआ है कि यहां दलालों ने कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। यह दलाल कोई दूर दराज के नहीं बल्कि आईटीआई परिसर के आसपास रहने वाले कुछ दबंग किस्म के लोग है। जो आरटीओ के कर्मचारियों की मिलीभगत से अंदर घुसकर खेल करने में जुटे हुए दलाल का परिचय हैं। जबकि इसकी जानकारी दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट को लगी तो हकीकत की पड़ताल करने पहुंच गए। वहां पर दो दलाल बिल्कुल सक्रिय मिले। जो परेशान लोगों का चेहरा देखकर शिकार बना रहे थे। एक अपने आपको कार्यालय के बगल का रहने वाला बता रहा था तो दूसरा लोगों को गाजियाबाद आरटीओ का भाई के नाम से परिचय दे रहा था। रिपोर्टर ने उससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए डील की। कप्तान मिश्रा साथ हुई बातचीत के अंश
Dindoridotnet
डिंडौरी विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने जिले की एक 16 वर्षीय लड़की को दिल्ली से सकुशल वापस लाकर उसके परिजनों को सौंपा है। उन्होंने मंगलवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में मामले की जानकारी प्रदान की। विधायक ने कहा, 'यह मेरा सौभाग्य है कि मैं डिंडौरी की बेटी को दिल्ली से सकुशल वापस लेकर आ पाया। मैं ईश्वर का शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने मुझे इस नेक कार्य के लिए शक्ति दी।' बकौल ओमकार सिंह मरकाम, 'जिले की एक नाबालिग बच्ची को करीब सालभर पहले दलाल के माध्यम से दिल्ली में बेच दिया गया था। मुझे दिल्ली प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश भवन में संपर्क के लोगों ने जानकारी दी कि एक लड़की कुछ समय से दिल्ली के बालिका सुधार गृह में रह रही है, जो संभवतः डिंडौरी जिले की है। जानकारी मिलते ही मैं तत्काल अधिकारियों के साथ वहां दलाल का परिचय गया। मैंने उससे मुलाकात कर हालचाल जाना और परिजनों को दिल्ली लेकर गया। वहां से बच्ची को सुरक्षित वापस लाकर सकुशल परिवार के सुपुर्द किया।' विधायक दलाल का परिचय ने कहा कि बच्ची दिल्ली में काफी बुरी स्थिति में थी। उसके साथ मारपीट की जाती थी और काफी प्रताड़ित भी किया गया।
नौकरी और अच्छी लाइफस्टाइल का सपना दिखाकर दीपक नामक व्यक्ति ने बेचा था
इधर, मीडिया से बातचीत में नाबालिग ने बताया कि उसे पड़ोस में रहने वाले दीपक नामक व्यक्ति ने दिल्ली में एक दंपत्ति को बेचा था। वह दीपक को चाचा कहती थी, जिसने उसे नौकरी और अच्छी लाइफस्टाइल का झांसा देकर बेच दिया। खरीदने वाले लोग लड़की से बेरहमी से पेश आते थे। घर का पूरा काम कराते थे और मारपीट भी करते थे। प्रताड़ना से तंग आकर उसने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने दंपत्ति के चंगुल से मुक्त कराकर दिल्ली सेंटर बालिका सुधार गृह में शिफ्ट कराया, जहां से विधायक मरकाम उसे डिंडौरी लेकर आए। वहीं, मामले की जानकारी मिलने के बाद SP संजय सिंह ने कहा कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस पर तथ्यों के आधार न्यायोचित कार्यवाही की जाएगी।
Aligarh News: काम न होने पर भड़का दबंग दलाल, केबिन में घुसकर ARTO से की मारपीट, आरोपी गिरफ्तार
By: प्रदीप कुमार | Updated at : 31 Aug 2022 11:43 AM (IST)
आरोपी दलाल भूपेन्द्र ठाकुर को ले जाती पुलिस
Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) आरटीओ ऑफिस (RTO Office) से हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक दलाल खुलेआम दबंगई करते हुए नजर आया. एआरटीओ (ARTO) ने जब उसका काम करने से इनकार कर दिया तो ये बात उसे इस हद तक नागवार गुजरी कि दलाल ने केबिन में ही एआरटीओ के साथ मारपीट कर दी. घबराए हुए एआरटीओ साहब दलाल का परिचय थाने पहुंचे और उन्होंने दबंग दलाल के खिलाफ थाने में शिकायत दी. जिसके बाद पुलिस (Aligarh Police) ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
दलाल ने एआरटीओ से की मारपीट
अलीगढ़ के संभागीय परिवहन कार्यालय (RTO Office) में प्रवेश कुमार एआरटीओ पद पर दलाल का परिचय कार्यरत हैं. मंगलवार शाम करीब 4 बजे दलाल भूपेंद्र दफ्तर में आया. वो एक एंबुलेंस के काम से एआरटीओ प्रवेश कुमार के कक्ष में आया. उसने उन को एम्बुलेंस के अप्रूवल के लिए कहा तो एआरटीओ ने कागज पूरे ना होने पर अप्रूवल देने से मना कर दिया. जिसके बाद भूपेंद्र ने एआरटीओ के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया. किसी तरह एआरटीओ साहब वहां से भागकर थाना बन्नादेवी पहुंचे और उन्होंने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
जूस की दुकान का रेट देखकर चौंक जाएंगे आप. पुलिस वाला मांगे एक गिलास तो कीमत एक लाख
एक जूस का गिलास कितना महंगा हो सकता है। सौ रुपए, पांच सौ रुपए. लेकिन राजधानी जयपुर jaipur crime में एक जूस वाले के गिलास की कीमत देखकर चौंक जाएंगे। यदि जूस दलाल का परिचय पीने के लिए कोई पुलिसकर्मी Assistent sub inspector वर्दी में हो और वह किसी के साथ हो तो उस जूस के गिलास की कीमत एक लाख bribeरुपए हो जाती है।
जयपुर
एक जूस का गिलास कितना महंगा हो सकता है। सौ रुपए, पांच सौ रुपए. लेकिन राजधानी जयपुर में एक जूस वाले के गिलास की कीमत देखकर चौंक जाएंगे। यदि जूस पीने के लिए कोई पुलिसकर्मी वर्दी में हो और वह किसी के साथ हो तो उस जूस के गिलास की कीमत एक लाख रुपए हो जाती है। एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर को एसीबी (acb news in jaipur)ने जूस की दुकान पर रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जिसमें थानेदार ने एक लाख रुपए की रिश्वत ली है।