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अरबपति बनने के लिए

अरबपति बनने के लिए
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बास्केट बॉल की दुनिया के मशहूर खिलाड़ी लेब्रोन जेम्स अपने खेल की वजह से 37 साल की उम्र में अरबपति बन गए थे.

Real Life Success Story
Renuka Aradhya & Vicky Roy

Success पाने के लिए,किस्मत मुकद्दर हाथों की लकीर यह सब कमजोर सोच के Pillars हैं। जिन्हें अगर तुमने अपने Mind में बैठा लिया। तो फिर तुम्हारी Life की इमारत कभी मजबूत नहीं बन सकती। इन चुनोतियों का डटकर सामना करते हुए। success की सीढ़ी पर चढ़ने वाले ऐसे ही दो लोगो है। जिनकी real life success story से आप सभी को रूबरू करवा रहे है।

सपने और लक्ष्य में एक ही अंतर है सपने के लिए बिना मेहनत अरबपति बनने के लिए की नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत।

Real Life Success Story- Renuka Aradhya

कौन कह सकता था।बचपन में घर-घर जाकर अनाज मांगने वाला लड़का। जो दसवीं कक्षा में फेल हो गया था।जिसके पास खुद एक रुपया नहीं था। वह आज 50 करोड़ की कंपनी का मालिक है। उनकी कंपनी की वजह से, हजारों लोगों के घर का चूल्हा जलता है। घनघोर गरीबी से निकलकर। आज अपना करोड़ों का साम्राज्य स्थापित करने वाले। इस शख्स की जिंदगी की कहानी। आज के युवा के लिए प्रेरणा सोत्र है।

हम बात कर रहे हैं। 50 वर्षीय रेणुका आराध्य की। जो बेंगलुरु के नजदीक गोपासन्द्र गांव से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिताजी राज्य सरकार द्वारा आवंटित(allotted) मंदिर के पुजारी थे। हालांकि इसके लिए उन्हें, कोई तयशुदा वित्तीय मदद नहीं मिलती थी। पूजा के बाद वह और उनके पिताजी गांव में घूम-घूमकर दाल,चावल और आटा मांगा करते थे। उस मिले राशन को पास के बाजार में बेचा जाता है। उससे मिले पैसों से, बड़ी मुश्किल से घर का गुजारा होता।

Life Ka Turning Point

रेणुका जी के जीवन में, तब जाकर नए अध्याय की शुरुआत हुई। जब उन्होंने ड्राइवर बनने का, एक अहम फैसला लिया। तब उनके पास driving सीखने के भी पैसे नहीं थे। अपनी शादी की अंगूठी गिरवी रखकर। उन्होंने गाड़ी चलाने के लिए, Driving License प्राप्त किया। उसके बाद उन्हें ड्राइवर का एक जगह job मिला। लेकिन एक बार फिर unfortunately, उनके हाथों से एक दुर्घटना(accident) हो गई।जिसकी वजह से,उनकी नौकरी चली गई।

उसके बाद उन्होंने hospital में डेड-बॉडी के transportation का काम 4 साल तक किया। लेकिन पैसे कम मिलने के कारण, उन्होंने दूसरी कंपनी में काम करने का सोचा। जहां विदेशी पर्यटकों(tourist) को tour पर ले जाना होता। Tourist उन्हें Dollar में tip भी देते। रेणुका इन पैसों को जमा करने लगे। इन्हीं जमा पैसों और पत्नी के PF से रेणुका ने 2001 में पुरानी इंडिका कार खरीदी। इसकी कमाई से डेढ़ साल के भीतर ही, दूसरी गाड़ी अरबपति बनने के लिए खरीद ली। धीरे-धीरे 2006 तक उनके पास 5 गाड़ियां हो गई थी।

ये हैं दुनिया में सबसे कम उम्र में अपनी मेहनत से अरबपति बनने वाली मशहूर शख्सियतें

TV9 Bharatvarsh | Edited By: समर्थ सारस्वत

Updated on: Aug 17, 2022, 8:16 AM IST

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें बेहद कम उम्र में सफलता हासिल हुई है. आइए आज जानते हैं, दुनिया की उन मशहूर शख्सियतों के बारे में जो सबसे कम उम्र में अपनी मेहनत के बल पर अरबपति बन गए.

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें बेहद कम उम्र में सफलता हासिल हुई है. आइए आज जानते हैं, दुनिया की उन मशहूर शख्सियतों के बारे में जो सबसे कम उम्र में अपनी मेहनत के बल पर अरबपति बन गए.

इस लिस्ट में पहला नाम मेटा यानि फेसबुक कंपनी के मालिक मार्क जकरबर्ग का है. मार्क अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा के बल पर 23 साल की उम्र में अरबपति बन गए थे.

ठंडा ठंडा कूल कूल सिंफनी

कूलर को स्टाइल स्टेटमेंट बनाकर सिंफनी ने खुद बनाया और अपने निवेशकों को भी छप्पर फाड़ कमाई कराई. 1999 में सिंफनी का शेयर सिर्फ 60 पैसे का था मतलब एक रुपए से भी कम. आज इसका भाव है करीब 1560 रुपए.

सिंफनी का 16 सालों का डिविडेंड वगैरह जोड़ दिया जाए तो इस शेयर ने 2,53000 परसेंट का रिटर्न दिया है. 2001 में निवेश किए गए 10,000 रुपए करीब 2.5 करोड़ रुपए हो गए.

आयशर मोटर्स; रॉयल बना दे

बुलेट बनाने वाली कंपनी आयशर मोटर्स का प्रदर्शन देखकर तो आप चौंक ही जाएंगे. 2001 नवंबर में इस शेयर का भाव था सिर्फ 20 रुपए के आसपास. 16 साल बाद अब इसका भाव है 30,000 रुपए से ज्यादा.

सोचिए अगर जिसने इस शेयर अरबपति बनने के लिए में 2001 में एक लाख रुपए लगाए वो रकम अब 15 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है. अभी रुकिए इसमें डिविडेंड की रकम शामिल नहीं है.

इसके अलावा भी कई शेयर हैं जिनमें 1 लाख रुपए का निवेश 10 से 15 साल में बंपर कमाई करा चुका है. कहने का मतलब यही है कि हीरे की पहचान करना मुश्किल है. लेकिन निवेश के दिग्गजों का मानना है कि कोई भी गुप्त खजाना हासिल कर सकता है, बस शर्त इतनी है कि कुछ बातों का ध्यान रखें और पैसे बढ़ाने पर भरोसा रखें. तो तैयार हो जाइए हम आपको बता रहे हैं इस छिपे हुए खजाने को ढूंढ निकालने का नक्शा या कहिए मंत्र.

1. ढेरों जगह थोड़ा थोड़ा निवेश अनाड़ीपन

कई अच्छे निवेशक जोखिम से बचने के लिए कई जगह पैसे लगाने की सलाह देते हैं पर बफेट इससे सहमत अरबपति बनने के लिए नहीं हैं. वो कहते हैं ये अनाड़ियों का तरीका है. उनके मुताबिक कुछ शेयर चुनिए. निवेश से पहले उन कंपनियों के बारे पूरी जानकारी जुटाइए, बिजनेस मॉडल समझिए और फिर भरोेसे के साथ लंबी अवधि के लिए निवेश कर दीजिए. बफेट के अरबपति बनने के लिए मुताबिक “जब सोना बरस रहा हो तो बाल्टी लगाइए, मग नहीं.

सबसे पहले खुद पर भरोसा करना सीखिए. खुद पर निवेश सबसे अच्छा निवेश होता है. बफेट कहते हैं कि खुद के निवेश फैसलों पर भरोसा करना सबसे मुश्किल काम होता है. उनके मुताबिक शेयर बाजार की चाल से अक्सर लोग सोचने लगते हैं कि दूसरे सही हैं और खुद को गलत मान लेते हैं. ऐसा करने के बजाए जानकारी जुटाइए और खुद पर भरोसा करिए.

3. निवेश वहीं कीजिए जो आप समझते हों

बहुत से लोग निवेश करने से पहले जरूरत से ज्यादा सोचते हैं. इसलिए ऐसी कंपनी पकड़िए जिसका बिजनेस मॉडल आप समझते हों. बफेट के मुताबिक वो किसी शेयर में निवेश करने से पहले उस कंपनी का बिजनेस मॉडल समझने की कोशिश करते हैं. अगर 10 मिनट में समझ गए तो ठीक है वरना उसमें निवेश नहीं करते.

उनके मुताबिक फैशन से जुड़ी कंपनियां हमेशा जोखिम वाली होती है क्योंकि कोई ये नहीं कह सकता कि अगला फैशन ट्रेंड क्या होगा. इसलिए जिन कंपनियों के भविष्य को लेकर फिक्र हो उससे दूर रहें.

अरबपति बनने से चूक गई लड़की, मात्र अरबपति बनने के लिए 2 रुपये कम थे

क्या हो अगर आपको पता चला कि आपने एक झटके में करोड़ों रुपये जीत लिए हैं? जाहिर तौर पर आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा. एक 19 साल की लड़की के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उसे पता चला कि वो रातोंरात करोड़पति बन गई है. उसने एक दो नहीं बल्कि 1734 करोड़ रुपये इनाम में जीत लिए हैं. लेकिन उसकी ये खुशी पल भर में ही गम में तब्दील हो गई. आइए जानते हैं कैसे.

'द सन' के अरबपति बनने के लिए मुताबिक, ब्रिटेन में रहने वाली रेचेल कैनेडी (Rachel Kennedy) नाम की लड़की अपने 21 साल के पार्टनर लियाम मैकक्रोहन (Liam McCrohan) के साथ मिलकर पिछले कई हफ्तों से EuroMillions का टिकट खरीद रही थी. लेकिन उसे इनाम नहीं लग रहा था.

रेचेल और लियाम मिलकर एक ही सीरीज के नंबर (6, 12, 22, 29, 33, 6 और 11) पर दांव खेल रहे थे. इस बीच रेचेल को पता चला कि अरबपति बनने के लिए उसका नंबर लग गया है और उसने 182 मिलियन पाउंड (1734 करोड़ रुपये से अधिक) जीत लिए हैं. ये जानते ही वो खुशी से झूम उठी और पार्टनर लियाम और अपनी मां के साथ भविष्य की प्लानिंग करने लगी.

Podcast

धीरजलाल हीरालाल अंबानी जिन्हे धीरू भाई अंबानी भी कहा जाता है। भारत के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक। धीरूभाई अंबानी ने 1966 में रिलायंस टैक्सटाइल की नींव रखी। धीरू भाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के जूनागढ़ जिले के छोटे से गांव चोरवाड़ में हुआ था। पिता का नाम हीरालाल अंबानी और माता का नाम जमनाबेन अरबपति बनने के लिए था। हीरालाल अंबानी एक शिक्षक थे। धीरू भाई का बचपन कठिनाईयों से भरा था। आर्थिक परेशानी के कारण उन्हें स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी। वह अपने पिताजी के साथ छोटे-मोटे काम करके उनकी मदद भी करते थे।

धीरूभाई ने पढ़ाई छोड़ने के बाद फल, नाश्ता-पकौड़े बेचने का काम शुरू किया पर धीरूभाई को लगा कि ये काम अच्छा नहीं चल रहा है तो उन्होंने इसको भी बंद कर दिया। उसके बाद वह यमन गए जहाँ उनके भाई रहते थे। वहां उन्होंने पेट्रोल पंप पर काम किया। वहां पर उन्हें मासिक वेतन मात्र 300 रूपये मिलता था। उनका मन उस काम में भी नहीं लगा। उनकी इच्छा व्यापार करने की थी। इसलिए उनका ध्यान नौकरी से ज्यादा व्यापार करने में था। उन पर बस व्यवसाय करने का जुनून सवार था। धीरू भाई बिजनेस की बारीकियों को सुनने और समझने की कोशिश करते थे। उनको मालूम था कि कुछ कमाने के लिए जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा।

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