शेयर बाजार के इतिहास

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य
दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) क्या है ?
एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इतिहास
1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के शेयर बाजार के इतिहास साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित शेयर बाजार के इतिहास कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य
एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।
- सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
- सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
- शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष शेयर बाजार के इतिहास बनाना।
- ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
- प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य
दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।
अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।
जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।
जब निवेशक का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा हो जाता है तो निवेशक के डीमैट अकाउंट में खरीद आर्डर या बेच आर्डर में स्वतः ही देखने लगता है। इस तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के शेयर के लेन देन को पारदर्शी बनता है। डीमैट अकाउंट किसी भी शेयर बाजार के इतिहास स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। जो ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देते हैं। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।
दोस्तों, हमने शेयर बाजार के इतिहास नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के बारें में विस्तार से समझा। अब आप समझ गए है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्थापना प्रतिभूति बाज़ार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए किया गया, जिससे सभी निवेशक विश्वास के साथ प्रतिभूति बाज़ार में निवेश कर सके। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।
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शेयर बाजार के इतिहास
नई दिल्ली। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में ट्रेंडिंग की शुरुआत लाल निशान पर हुई, लेकिन जल्द ही निवेशकों का भरोसा लौट आया और उन्होंने खरीदारी शुरू कर दी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेसेक्स करीब 250 अंकों की गिरावट के बाद फिर बढ़त बनाने में कामयाब रहा। हालांकि, बाजार खुलने के समय इस पर वैश्विक बाजार का दबाव दिखा।
फिलहाल 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 111.60 अंक यानी 0.18 फीसदी की उछाल के साथ 62,405.24 के स्तर पर ट्रेंड कर रहा है। इसी तरह नेशनल स्टॉक (एनएसई) का निफ्टी 29.20 अंक यानी 0.16 फीसदी की मामूली बढ़त के शेयर बाजार के इतिहास साथ 18,541.95 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निवेशकों ने कारोबार के शुरुआत में हीरो मोटोकॉर्प, बीपीसीएल, टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो और मारुति सुजुकी के शेयरों पर दांव लगाया और निवेश किया, जिससे इन कंपनियों के स्टॉक टॉप गेनर की सूची में आ गए।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचडीएफसी बैंक और अपोलो अस्पताल जैसी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली हुई, जिससे ये टॉप लूजर की श्रेणी में पहुंच गए। कारोबार को यदि सेक्टर्स के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा गिरावट मेटल के शेयरों में दिख रही है, जो एक फीसदी के नुकसान पर ट्रेडिंग कर रहा है। हालांकि, ऑयल एंड गैस सेक्टर में शुरुआत से ही एक फीसदी का उछाल दिख रहा है। इसी तरह कारोबार में बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप पर भी 0.6 फीसदी का उछाल दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन दिनभर के उतार-चढाव के बाद बीएसई का सेंसेक्स 20.96 अंकों की बढ़त के साथ 62.293.64 अंकों पर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी 28.65 अंकों की बढ़त के साथ 18,512.72 अंकों पर बंद हुआ था।
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लंदन स्टॉक एक्सचेंज में ब्रिटिश स्टॉक्स का कारोबार होता है। यह एक्सचेंज दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध है। IFC मार्केट्स बार्कलेज, वोडाफोन ग्रुप, BP, लॉयड्स बैंकिंग ग्रुप, यूनिलीवर और अन्य के स्टॉक्स सहित 40 सबसे लोकप्रिय स्टॉक्स ऑफर करता है.
स्टॉक सीएफडी प्रत्येक 100 शेयरों के अनुबंध आकार के साथ कारोबार कर रहे हैं। स्टॉक एक्सचेंज के शेयरों पर पेंस में उद्धृत किया जाता है जबकि GPB में अनुबंध उद्धृत किए जाते हैं.
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शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार पर दबाव
नई दिल्ली। मजबूत वैश्विक संकेतों के बावजूद आज घरेलू शेयर बाजार में दबाव की स्थिति बनती दिख रही है। शेयर बाजार ने आज मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की। मगर पहले 15 मिनट के कारोबार के बाद बिकवाली के दबाव की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक गिरते चले गए। शुरुआती एक घंटे का कारोबार होने के बाद सेंसेक्स 0.14 प्रतिशत और निफ्टी 0.08 शेयर बाजार के इतिहास प्रतिशत की मामूली मजबूती के साथ कारोबार कर रहे थे।
पहले एक घंटे का कारोबार के दौरान स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से सिप्ला, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मारुति सुजुकी, टाइटन कंपनी और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के शेयर 1.50 प्रतिशत से लेकर 0.87 प्रतिशत की मजबूती के साथ कारोबार करते नजर आ रहे थे। दूसरी ओर अडाणी इंटरप्राइजेज, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और अडाणी पोर्ट्स के शेयर 0.98 प्रतिशत से लेकर 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
अभी तक के कारोबार में स्टॉक मार्केट में 1,895 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हो रही थी। इनमें से 1,308 शेयर मुनाफा कमाकर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 587 शेयर नुकसान उठाकर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 17 शेयर लिवाली के सपोर्ट से हरे निशान में और 13 शेयर बिकवाली के दबाव के कारण लाल निशान में बने हुए थे। जबकि निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 35 शेयर हरे निशान में और 15 शेयर लाल निशान में कारोबार करते दिख रहे थे।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने आज मजबूत वैश्विक संकेतों के सपोर्ट से मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की। सेंसेक्स 360.75 अंक की बढ़त के साथ 61,779.71 अंक के स्तर पर खुला। शुरुआती 15 मिनट के कारोबार के बाद बाजार में तेज बिकवाली शुरू हो गई, जिसके कारण ये सूचकांक अगले 15 मिनट के कारोबार में ही गिरकर 61,488.16 अंक तक पहुंच गया।
इस गिरावट के बाद खरीदारों ने एक बार बाजार को सहारा देने की कोशिश भी की, लेकिन बिकवाली के जबरदस्त दबाव की वजह से सेंसेक्स की स्थिति में ज्यादा अंतर नहीं आ सका। बाजार में लगातार जारी खरीद बिक्री के बीच शुरुआती 1 घंटे के कारोबार के बाद सुबह 10:15 बजे सेंसेक्स 88.65 अंक की बढ़त के साथ 61,507.61 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स की तरह ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने भी आज 81 अंक की उछाल के साथ 18,325.20 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में ही बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण निफ्टी भी पहले आधे घंटे के कारोबार में ही गिर कर 18,263 अंक के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि इसके बाद खरीदारों ने जोर लगाया, जिससे इस सूचकांक की स्थिति में कुछ सुधार होता नजर आया। लेकिन थोड़ी ही देर बाद बाजार पर एक बार फिर बिकवाल हावी हो गए, जिससे ये सूचकांक नीचे गिरता चला गया। बाजार शेयर बाजार के इतिहास में लगातार जारी लिवाली और बिकवाली के बीच शुरुआती 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10:15 बजे निफ्टी 15.40 अंक की मामूली बढ़त के साथ 18,259.60 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
पॉजिटिव ग्लोबल संकेतों के कारण आज प्री ओपनिंग सेशन में भी शेयर बाजार ने मजबूती के साथ ही कारोबार की शुरुआत की थी। इस सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 415.11 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की उछाल के साथ 61,834.07 अंक के स्तर पर था। वहीं निफ्टी प्री ओपनिंग सेशन में 83.65 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,327.60 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ था।
इसके पहले पिछले कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 274.12 अंक यानी 0.शेयर बाजार के इतिहास 45 प्रतिशत की तेजी के साथ 61,418.96 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी ने 84.25 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,244.20 अंक के स्तर पर मंगलवार के कारोबार का अंत किया था।