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ट्रावेल फॉरेक्स कार्ड

एक कार्ड जो आपकी विदेश यात्रा के लिए फॉरेक्स प्रबंधित करने का सबसे सरल और कुशल तरीका प्रदान करता है। यह क्लब विस्तारा पॉइंट्स कमाने में मदद करता है जिसे अवार्ड फ्लाइट्स और अपग्रेड अवार्ड्स के लिए भुनाया जा सकता है।

एक कार्ड जो विदेश यात्रा को एक यादगार अनुभव बनाने के लिए सुविधाजनक, परेशानी मुक्त भुगतान प्रदान करता है।

वर्ल्ड ट्रैवलर फॉरेक्स कार्ड

माइल्स एंड मोर एक्सिस बैंक वर्ल्ड ट्रैवलर कार्ड पर पैसे लोड करने और खर्च करने पर आप माइल्स कमा सकते है।

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फॉरेक्स कार्ड के बारे में अधिक

फॉरेक्स कार्ड क्या है?

एक फॉरेक्स कार्ड आपकी विदेशी मुद्रा को संभालने का एक आसान और अधिक सुरक्षित विकल्प है। सामान्य बैंक (क्रेडिट / डेबिट) कार्ड की तरह, फॉरेक्स कार्ड का उपयोग लेनदेन करने और एटीऍम से नकदी निकालने के लिए किया जा सकता है, हालाँकि, इन राशियों को पहले से कार्ड पर लोड किया जाता है। कार्ड पर 16 विभिन्न मुद्राओं को लोड किया जा सकता है, जिससे आप विदेश यात्रा करते समय स्थानीय मुद्रा में भुगतान कर सकते हैं एवं एटीऍम से नकदी भी निकाल सकते हैं।

फॉरेक्स कार्ड के प्रकार क्या हैं?

एक्सिस बैंक अपने ग्राहकों को 4 प्रकार के फॉरेक्स कार्ड प्रदान करता है।

  • एक्सिस बैंक क्लब विस्तारा फॉरेक्स कार्ड
  • मल्टी-करेंसी फॉरेक्स कार्ड
  • वर्ल्ड ट्रैवलर फॉरेक्स कार्ड
  • डायनर्स कार्ड

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कॉपीराइट © 2021 एक्सिस बैंक

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आईएमएफ ने युआन को बनाया आधिकारिक मुद्रा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चीनी मुद्रा युआन को एसडीआर बास्केट में शामिल करके उसे अपनी आधिकारिक मुद्रा का दर्जा देने का फैसला किया है। अभी तक यह इज्जत सिर्फ चार मुद्राओं- अमेरिकी डॉलर, यूरोपीय संघ की साझा मुद्रा यूरो, ब्रिटेन के सिक्के पाउंड और जापान के येन को हासिल रही है। दुनिया विदेशी मुद्रा क्लब के सारे देश अपना विदेशी मुद्रा भंडार इन्हीं चार मुद्राओं में रखते हैं। अगले साल से उनके खजाने में डॉलर, यूरो, पाउंड और येन के अलावा युआन के भी वास्तविक या डिजिटल बंडल मौजूद होंगे। इस एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल होने का गौरव किसी भी विकासशील देश की मुद्रा को पहली बार मिला है।

पिछले कुछ दिनों से पूंजी पलायन का खतरा झेल रहा चीन अपने सिक्के की हैसियत बदलने के बाद सस्ते कर्ज के बल पर धारा पलटने की उम्मीद कर सकता है। दुनिया के बाकी देशों के लिए इसका सिर्फ इतना मतलब होगा कि चीन के साथ होने वाली बिजनेस डील्स में डॉलर का रोल खत्म हो जाएगा।

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर जारी, इस सप्ताह 4.854 अरब डॉलर की आई कमी

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर जारी, इस सप्ताह 4.854 अरब डॉलर की आई कमी

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.518 अरब डॉलर पर रहा था। वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
पिछले सप्ताह विदेशीमुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर हो गया था जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी।

एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था। देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है।

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गयीं।

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2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की विदेशी मुद्रा क्लब सेहत पर क्या असर डालेगा?

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन रिजर्व असेट्स (एफसीए) और गोल्ड रिजर्व्स का कम होना है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया. यह अक्टूबर, 2020 के बाद पिछले दो साल का निम्नतम स्तर है. हालांकि, एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी का कहना है यह पिछले 20 सालों के रिजर्व की तुलना में अधिक ही है.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मुद्रा भंडार को किसी देश की हेल्थ का मीटर माना जाता है. इस भंडार में विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व्स, ट्रेजरी बिल्स सहित अन्य चीजें आती हैं जिन्हें किसी देश की केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. ये संस्थाएं पेमेंट बैलेंस की निगरानी करती हैं, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर देखती हैं और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखती हैं.

आरबीआई अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, विदेशी मुद्रा क्लब 1999 विदेशी मुद्रा भंडार को नियंत्रित करते हैं. इसे चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है. पहला और सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा संपत्ति है जो विदेशी मुद्रा क्लब कि यह कुल पोर्टफोलियो का लगभग 80 फीसदी है. भारत अमेरिकी ट्रेजरी बिलों में भारी निवेश करता है और देश की विदेशी मुद्रा संपत्ति का लगभग 75 फीसदी डॉलर मूल्यवर्ग की सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है.

इसके बाद गोल्ड में निवेश और आईएमएफ से स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) यानी विशेष आहरण अधिकार आता है. सबसे अंत में आखिरी रिजर्व ट्रेंच पोजीशन है.

विदेशी मुद्रा भंडार का उद्देश्य क्या है?

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो आरबीआई के पास बैकअप फंड है. दूसरा उद्देश्य यह है कि यदि विदेशी मुद्रा की मांग में वृद्धि के कारण रुपये का मूल्य घटता है, तो आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है ताकि रुपये के गिरने की रफ्तार को रोका जा सके. तीसरा उद्देश्य यह है कि विदेशी मुद्रा का एक अच्छा स्टॉक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशी मुद्रा क्लब देश के लिए एक अच्छी छवि स्थापित करता है क्योंकि व्यापारिक देश अपने भुगतान विदेशी मुद्रा क्लब के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.

अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उभरते बाजारों को खाद्य पदार्थों की अधिक कीमतों, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व और टाइट फाइनेंशियल कंडीशंस से बड़े पैमाने पर बाहरी दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

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