जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है

ऑक्युलर माइग्रेन का सही कारण अभी भी ज्ञात नहीं है। मुख्य परिकल्पनाओं में इसका कारण रेटिना की रक्तवाहिनियों में ऐंठन और रेटिना की नसों की कोशिकाओं में होने वाला परिवर्तन माना गया है । परिकल्पनाओं में यह भी कहा गया है कि इसका कारण दिमाग में होने वाली विद्युतीय गतिविधि है। जब एक विद्युतीय तरंग कोई असामान्य गतिविधि करती है, जो वह दिमाग की सतह पर फेल जाती है और ऑक्युलर माइग्रेन करती है।
आंखों के सामने जिग-जैग लाइंस या तारे दिखना? हो सकता है ‘ऑक्युलर माईग्रेन', जानें क्या जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है है यह बीमारी
Written by Anshumala | Published : February 15, 2019 2:38 PM IST
क्या आपको जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है रोशनी की चमक बर्दाश्त नहीं होती? आंखों के सामने धुंधलापन या कालापन छा जाता है, तो ये लक्षण ऑक्युलर माईग्रेन के हो सकते हैं।ऑक्युलर माईग्रेन को रेटिनल माईग्रेन भी कहते हैं। यह एक अलग स्थिति है और इसे सिरदर्द का माईग्रेन समझकर धोखा नहीं खाना चाहिए। इसे माइग्रेन औरा कहते हैं। इससे दोनों आंखों की दृष्टि प्रभावित होती है। ऑक्युलर जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है माईग्रेन से एक आंख की दृष्टि आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से खराब हो जाती है और ऐसा लगभग 15 से 30 मिनट तक रहता है, जिसके बाद दृष्टि धीरे-धीरे वापस आती है।
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ऑक्युलर माइग्रेन, माइग्रेन औरा से अलग क्यों है?
इन दोनों स्थितियों के लक्षण कुछ संकेतों के अलावा लगभग एक समान हैं। आम माइग्रेन से भी दृष्टि की समस्याएं हो सकती हैं, जिसे औरा कहा जाता है, इसमें रोशनी फ्लैश करती है और ब्लाइंड स्पॉट आते हैं लेकिन ये लक्षण आमतौर पर दोनों आंखों में महसूस होते हैं और सिर में भारी दर्द होता है। मुख्य अंतर यह है कि औरा वाला माइग्रेन दोनों आंखों को प्रभावित करता है, जबकि ऑक्युलर माइग्रेन में केवल एक आंख प्रभावित होती है। इसमें जरूरी नहीं कि सिर में दर्द हो। दोनों माइग्रेन में दृष्टि की समस्याएं होती हैं, जैसे-
ऑक्युलर माइग्रेन क्यों होता है?
डॉ. अरिंदम डे कहते हैं कि ऑक्युलर माइग्रेन उच्च रक्तचाप, तनाव, अत्यधिक गर्मी, धूम्रपान, नींद के अनियमित चक्र, ऊंचाई से और ज्यादा बढ़ जाता है और यह महिलाओं में या 40 साल से कम उम्र के लोगों में या फिर उन लोगों में ज्यादा होता है, जिनके परिवारों में इसका कोई इतिहास रहा हो।
मधुमक्खियों द्वारा शहद कैसे बनाया जाता है
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मधुमक्खियां शहद कैसे बनाती हैं?
कर्मचारी मधुमक्खियां (जो पूरी छत्ते पर मधुमक्खियों की संख्या की 98% होती हैं) एक जटिल प्रक्रिया के अंतर्गत शहद का निर्माण करती हैं। बहुत सारी मधुमक्खियां जरुरी हैं; क्योंकि कोई एक मधुमक्खी टीम के अन्य सदस्यों के बिना शहद का निर्माण नहीं कर सकती है। संक्षेप में, “संचरण मधुमक्खियां” फूलों का रस चूसकर इसे अपने दूसरे विशेष पेट में रखती हैं (जो विशेष रूप से शहद रखने के लिए बना होता है) और उड़कर वापस छत्ते पर आती हैं। छत्ते पर आने के बाद, वे इस रस को “चबाने वाली” मधुमक्खियों को देती हैं। चबाने वाली मधुमक्खियां रस इकट्ठा करती हैं और इसे लगभग 30 मिनट तक चबाती हैं। चबाने के दौरान, उनके एंजाइम रस को एक ऐसे पदार्थ में बदलते हैं जिसमें पानी के साथ शहद शामिल होता है। चबाने के बाद, कर्मचारी मधुमक्खियां उस पदार्थ को मधुकोषों में डाल देती हैं ताकि पानी वाष्प बनकर उड़ जाए, जिससे शहद कम पतला होता है। मधुमक्खियां अपने पंखों से हवा करके पानी के वाष्पीकरण की प्रक्रिया को तेज करती हैं। शहद का उत्पादन समाप्त होने के बाद, दूसरी मधुमक्खियां मोम से छत्ते के कोषों को बंद कर देती हैं, ताकि उत्पाद सुरक्षित रहे।
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[Step-By-Step photo] ब्रेड पकौड़ा कैसे बनाते है? Easy bread Bread Pakaura in Hindi
ब्रेड पकौड़ा के लिए दिल्ली शहर बहुत प्रसिद्ध है |अब हमें अगर वहां का ब्रेड पकौड़ा खाने का मन करे तो हम वहां तो नहीं जा कर खा सकते ना अगर हम दूसरे जगह पे रहते है तो और उसे मिस भी नहीं करना | तो क्यों न हम इसे वहां के जैसे बनाना सिख ले जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है तो साडी प्रॉब्लम ही खत्म हो जायेगा | इसे बनाने में ज्यादा पैसा तो नहीं लगता लेकिन हमें बाहर उसी के लिए कितना पैसा देना पड़ता है, तो मैं सोची कि क्यों न हम उसे अपने घर पे ही बनाना सिख ले और अपने हिसाब से जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है बनाये जो कि बाहर के जैसा हानिकारक भी न हो बनाने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगता है और इसे आप ब्रेकफास्ट में खा सकते है या स्नैक्स के साथ तो इस पोस्ट में मैंने आपको बताया है ब्रेड पकौड़ा कैसे बनाते है…. तो चलिए इसे बनाना स्टार्ट करते है…
सामग्री:-
- ब्रेड: 4
- आलू: 2(उबले हुए)
- बेसन: 100 gram
- मिर्च : 1/2 चम्मच
- हल्दी: 1/2 चम्मच
- बेकिंग सोडा: 1/4 चम्मच
- हरी मिर्च: 3
- प्याज :जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है 1
- धनिया पत्ता
- नमक
- काली मिर्च:1/2 चम्मच
- टोमेटो कैचअप
- तेल: तलने के लिए
आप पढ़ रहे है आलू भुजिया कैसे बनाते है? अगर आप कुछ और बनाना चाहे तो जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है ये भी बना सकती है #1 टोमेटो कैटचप कैसे बनाते है? #2.बॉम्बे चीज़ सैंडविच कैसे बनाये?
बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक कटोरे में बेसन को ले लें और उसमे मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, काली मिर्च,बेकिंग सोडा और थोड़ा सा नमक डाल दें|
2. और थोड़ा सा पानी डालकर उसे मिलाये और उसे धोल लें |
3. फिर किसी दूसरे कटोरे में उबले हुए आलू को डाल दें और उसे स्मैश कर लें |
बायोडीजल किसे कहते हैं और इसका उपयोग क्यों बढ़ रहा है?
Biodiesel, सीधे वनस्पति तेल, पशुओं के वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है. इन तेलों को बायोडीजल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रान्स-इस्टरीकरण कहा जाता है. अतः बायोडीजल पारंपरिक या 'जीवाश्म' डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है. शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बायोडीजल का प्रयोग बढ़ाना बहुत जरूरी कदम है.
बायोडीजल किसे कहते हैं (What is Biodiesel)
बायोडीजल पारंपरिक या 'जीवाश्म' डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है. बायोडीजल सीधे वनस्पति तेल, पशुओं के वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है. इन तेलों को बायोडीजेल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रान्स-इस्टरीकरण कहा जाता है.
लिंग की परिभाषा
लिंग का तात्पर्य ऐसे प्रावधानों से जिसके द्वारा वक्ता के स्त्री, पुरूष तथा निर्जीव और सजीव अवस्था के अनुसार परिवर्तन होते हैं। विश्व में लगभग एक चौथाई भाषाओं किसी ना किसी प्रकार की ‘लिंग’ व्यवस्था है। अर्थात “संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध हो, उसे व्याकरण में ‘लिंग’ कहते हैं। दूसरे शब्दों में- संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति होने का पता जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है चलता है, उसे लिंग कहते हैं। सरल शब्दों में- शब्द की जाति को ‘लिंग’ कहते हैं।
लिंग का शाब्दिक अर्थ है— निशान के साथ पहचान का साधन, शब्द के जिस रूप से यह जाना जाय कि वर्णित वस्तु या व्यक्ति पुरूष् जाति का है, या स्त्री जाति का,उसे लिंग कहते है।
लिंग संज्ञा का गुण है,अत: हर संज्ञा शब्द या तो पुल्लिंग होगा या स्त्री लिंग।
लिंग के द्वारा संज्ञा, सर्वनाम,विशेषण आदि शब्दों की जाति का बोध होता है ।
लिंग के भेद
लिंग के मुख्यतः तीन भेद होते हैं-
- पुल्लिंग (पुरुष जाति)
- स्त्रीलिंग (स्त्री जाति)
- नपुंसकलिंग (जड़)
पुल्लिंग: वे संज्ञा शब्द जो हमें पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे शब्द पुल्लिंग शब्द कहलाते हैं। जैसे :
- सजीव : घोडा, कुत्ता, गधा, आदमी, लड़का, आदि।
- निर्जीव : गमला, दुःख, मकान, नाटक, लोहा, फूल आदि।
कुछ पुल्लिंग शब्द एवं उनका वाक्य में प्रयोग:
यहाँ लिंग में पुल्लिंग शब्द के कुछ उदाहरण हैं I
- इंधन : इंधन जलाने से प्रदुषण होता है।
- घाव : तीर लगने से घाव हो गया है।
- घी : हमें चावल के साथ घी खाना चाहिए।
- अकाल : हमारे यहाँ हर साल अकाल पड़ता है।
- आँसू : मेरी आँखों से आंसू आ रहे हैं।
- रुमाल : मेरा रुमाल मैंने तुम्हे दे दिया था।
- आइना : आइना आज साफ़ नज़र आ रहा है।
- स्वास्थ : तुम्हारा स्वास्थ ठीक जिग जैग इंडिकेटर कैसे बनता है रहना चाहिए।
- क्रोध : क्रोध करना हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक है।
- होश : उस लड़की को देखते ही मेरे ओश उड़ गए।
- तीर : मुझे हवा में तीर चलाना आता है।
- दाग : स्याही लगने से मेरी सफ़ेद कमीज़ पर नीला दाग हो गया।
परिवर्तन
लिंग परिवर्तन लिंग की अवधारणा का एक महत्वपूर्ण पहलू है I जब स्त्रीलिंग को पुल्लिंग में या पुल्लिंग को स्त्रीलिंग में बदला जाता है, तो हम इसे लिंग परिवर्तन कहते हैं।लिंग परिवर्तन के कुछ उदाहरण:
- लेखक: लेखिका
- विद्वान्: विदुषी
- महान: महती
- साधु: साध्वी
- पंडित: पण्डिताइन
- हाथी: हथिनी
- सेठ: सेठानी
- स्वामी: स्वामिनी
- दास: दासी
- माली: मालिन
- लुहार: लुहारिन
- तपस्वी: तपस्विनी
लिंग का तात्पर्य ऐसे प्रावधानों से जिसके द्वारा वक्ता के स्त्री, पुरूष तथा निर्जीव और सजीव अवस्था के अनुसार परिवर्तन होते हैं।