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अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है
At 10:30 AM tomorrow, 6th May, will address the inaugural ceremony of JITO Connect. This platform, organised by the Jain International Trade Organisation (JITO), will bring together young businesspersons who are doing work in different fields. — Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2022

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बुनियादी सिद्धांतों के 6 कुछ

7 कमोडिटी की मांग और उत्पादन प्रतिक्रिया की आपूर्ति के कारकों

माल के भाग III और कारक गतिशीलता

आठ क्षेत्रीय माल परिवहन लागत

क्षेत्रों और माल की आवाजाही के साथ अपने रिश्ते के बीच 9 कारक गतिशीलता

10 क्षेत्र पारगमन लागत और कारक गतिशीलता: सैद्धांतिक पहलुओं के सामान्य लेआउट लेआउट थ्योरी (जारी): श्रम और पूंजी के अंतर की आपूर्ति जहां 11

व्यापार सिद्धांत सिद्धांत का एक ही लेआउट क्षेत्र के साथ 12

उत्पादन के कारकों के चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आंदोलन

13 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

14 अंतरराष्ट्रीय कीमत रिश्तों

आयात शुल्क के प्रभाव के 15 कुछ लगाया

पूंजी और श्रम के 16 अंतरराष्ट्रीय प्रवाह

अंतरराष्ट्रीय व्यापार और पूंजी प्रवाह तंत्र में वी. परिवर्तन

17 अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन

18 घरेलू पूंजी प्रवाह तंत्र

अंतरराष्ट्रीय पूंजी प्रवाह के 19 तंत्र

अंतरराष्ट्रीय पूंजी प्रवाह का 20 तंत्र

21 आयात शुल्क और मूल्य समायोजन

22 अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बदलाव

एक सरल गणितीय की कीमत निर्धारित करने के लिए परिशिष्ट मैं व्यापार के क्षेत्र को स्पष्ट

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला जैसी एक प्रदर्शनी गर्मियों में भी आयोजित की जाएः गोयल

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) की तर्ज पर एक प्रदर्शनी मई-जून में आयोजित करने का सोमवार को सुझाव देते हुए कहा कि इसमें स्वदेशी क्षमताओं और इसकी बढ़ती ताकत को दर्शाया जा सकता है।

गोयल ने यहां के प्रगति मैदान में आयोजित आईआईटीएफ का उद्घाटन करते हुए कहा कि गर्मियों में होने वाली उस प्रदर्शनी में महिला उद्यमियों और एमएसएमई इकाइयों को शामिल होने के लिए खास तौर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

गोयल ने कहा, ‘भारत की क्षमता में खासी बढ़ोतरी हुई है। क्या हम आईआईटीएफ की ही तरह की एक प्रदर्शनी गर्मियों में भी आयोजित कर सकते हैं ? उस समय लोग उत्तर भारतीय इलाकों में जाने के लिए दिल्ली से होकर गुजरते हैं। हमें वह प्रदर्शनी मई-जून में आयोजित करने के बारे में सोचना चाहिए जिसमें स्टार्टअप, एमएसएमई और व्यापार संगठनों पर खास ध्यान दिया जाए। क्या हम अपनी स्वदेशी क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए एक स्वदेशी मेला आयोजित कर सकते हैं?’

उन्होंने कहा कि गर्मियों में होने वाली इस प्रदर्शनी को लोकप्रिय बनाने के लिए इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) इसे ‘न नफा, न नुकसान’ के मॉडल पर आयोजित करने के बारे में सोच सकता है। आईआईटीएफ का भी आयोजन आईटीपीओ ही करता है।

इसके साथ ही उन्होंने रामनवमी या दिवाली के समय अयोध्या में भी एक व्यापार मेला आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या का मेला पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है।

प्रगति मैदान में 14-17 नवंबर तक चलने वाले आईआईटीएफ में ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत 12 देशों के अलावा घरेलू स्तर के भी करीब 2,500 प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं।

इस साल बिहार, झारखंड एवं महाराष्ट्र इस मेले में साझेदार राज्य हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल फोकस राज्य हैं। लेह-लद्दाख पहली बार इस मेले में शामिल हो रहे हैं।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

व्यापार

व्यापार अवलोकन

व्यापार मंडल के निर्यात और कृषि वस्तुओं के आयात पर नीति सिफारिशें करने की जिम्मेदारी सौंपी है। व्यापार मंडल विश्व व्यापार संगठन के (डब्ल्यूटीओ) कृषि पर कृषि के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर वाणिज्य मंत्रालय, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के साथ (एफआईपीबी), वित्त मंत्रालय के साथ साथ मामलों में समझौते से संबंधित पर प्रतिक्रियाएं तैयार करने / समन्वय के लिए नोडल विभाग के डिवीजन है कृषि जिंसों पर और तरजीही व्यापार समझौते (पीटीए) / मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए विभिन्न देशों के साथ से संबंधित मामलों में वाणिज्य मंत्रालय के साथ कस्टम / उत्पाद शुल्क में संशोधन करने के लिए।

निम्नलिखित कार्य व्यापार मंडल के लिए आवंटित किया गया है: -

  • कृषि और अन्य संबद्ध समझौतों पर विश्व व्यापार संगठन समझौते में भारत की स्थिति के निर्माण में वाणिज्य विभाग के साथ कार्य करना।
  • विभिन्न रिटर्न / रिपोर्ट तैयार करने के लिए विश्व व्यापार संगठन के अधिसूचित होने के लिए।
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है
  • सभी मामले कृषि जिंसों के संबंध में नीति सिफारिशों सहित अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित।
  • विभिन्न तरजीही व्यापार व्यवस्था (पीटीए) में कृषि जिंसों के संबंध में वार्ता के संबंध में वाणिज्य विभाग से प्राप्त प्रस्तावों की परीक्षा / मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीए) और भारत के प्रस्ताव और अनुरोध सूची तैयार करने।
  • डीआईपीपी के साथ कृषि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परामर्श से संबंधित नीति तैयार।.
  • एफडीआई प्रस्तावों की परीक्षा विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से प्राप्त किया।
  • निर्यात और कृषि जिंसों के आयात से संबंधित आंकड़ों का संकलन / विश्लेषण।
  • सीमा शुल्क में संशोधन के संबंध में सुझाव भी शामिल है बजट प्रस्तावों

वैश्विक कृषि व्यापार में भारत की स्थिति

भारत दुनिया में कृषि उत्पादों के 15 प्रमुख निर्यातकों में से एक है। देश में चावल, मांस, मसाले, कच्चा कपास और चीनी जैसे कुछ कृषि वस्तुओं में एक महत्वपूर्ण निर्यातक के रूप में उभरा है। भारत बासमती चावल, ग्वार गम और अरंडी के तेल की तरह कुछ विशिष्ट कृषि उत्पादों में निर्यात प्रतिस्पर्धा विकसित की है। विश्व व्यापार संगठन के व्यापार आंकड़ों के अनुसार, कृषि निर्यात और दुनिया में आयात में भारत की हिस्सेदारी 2.46% और 2014 में 1.46% क्रमशः थे इस वर्ष के दौरान भारत के कुल वैश्विक कृषि तथा संबद्ध निर्यात और आयात अमेरिका में थे 43.47 $ अरब डॉलर और अमेरिका 27.31 अरब $ क्रमशः।

कृषि व्यापार नीति

निर्यात - वर्तमान में चावल, गेहूं, चीनी, कपास, फल और सब्जियों सहित प्राचार्य कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए किसी भी मात्रात्मक प्रतिबंध के बिना "मुक्त" कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है थोक (नारियल तेल और चावल की भूसी का तेल को छोड़कर) में दालों (काबुली चना को छोड़कर) के निर्यात और खाद्य वनस्पति तेल घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 'प्रतिबंधित' है।

प्राचार्य कृषि उत्पादों के आयात Imports- ज्यादातर कोई मात्रात्मक प्रतिबंध के बिना "मुक्त" कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है रहे हैं।

भारत के कृषि निर्यात

कृषि निर्यात रुपये से कम किया है। रुपये के लिए वर्ष 2013-14 में 2,62,778 करोड़ रुपए है। लगभग 18% की गिरावट के साथ वित्त वर्ष 2015-16 में 2,13,555 करोड़ रुपए है। 2015-16 समुद्री उत्पादों, बासमती और गैर अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है बासमती चावल, भैंस के मांस, मसाले और कपास के दौरान भारत के कृषि निर्यात के शीर्ष वस्तुओं थे। देश के कुल निर्यात में कृषि निर्यात की हिस्सेदारी 2015-16 में 12.46% करने के लिए वर्ष 2013-14 में 13.79% से कम किया है।

भारत की कृषि आयात

भारत की कृषि आयात रुपये से वृद्धि हुई है। 2015-16 में 1,39,933 करोड़ रुपये पर वित्त वर्ष 2013-14 में 85,727 करोड़ रुपए की इस अवधि के दौरान कृषि आयात के मूल्य में लगभग 63% बढ़ाएँ की वृद्धि दर्ज की मुख्य रूप से वनस्पति तेल, दाल, काजू, मसाले और के आयात के कारण था चीनी। कुल आयात में कृषि आयात का हिस्सा 2015-16 में 5.63% करने के लिए वर्ष 2013-14 में 3.16% से वृद्धि हुई है।

कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति

वर्तमान एफडीआई नीति के अनुसार, 100% अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है एफडीआई स्वत: मार्ग के माध्यम से कृषि की निम्नलिखित गतिविधियों में अनुमति दी है।

  1. फूलों की खेती, बागवानी, मधुमक्खी पालन और नियंत्रित परिस्थितियों में सब्जियों और मशरूम की खेती।
  2. विकास और बीज के उत्पादन और रोपण सामग्री।
  3. पशुपालन (कुत्तों के प्रजनन सहित), मछली पालन, मत्स्य पालन, नियंत्रित परिस्थितियों में।
  4. कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित सेवाएं।

100% एफडीआई भी बागान क्षेत्र अर्थात् चाय बागानों, कॉफी बागान, रबड़ वृक्षारोपण, इलायची वृक्षारोपण, ताड़ के तेल वृक्षारोपण और स्वत: मार्ग के माध्यम से जैतून का तेल पेड़ वृक्षारोपण में अनुमति दी है।

उपरोक्त के अलावा, एफडीआई किसी भी अन्य कृषि क्षेत्र / गतिविधि में अनुमति नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी आज जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के जीतो कनेक्ट-2022 के उद्घाटन सत्र को करेंगे संबोधित, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए होगा कार्यक्रम

तीन-दिवसीय जीतो कनेक्ट-2022 (JITO Connect-2022) का आयोजन पुणे स्थित गंगाधाम एनेक्स की ओर से छह से आठ मई तक किया जा रहा है. इसमें व्यवसाय और अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी आज जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के जीतो कनेक्ट-2022 के उद्घाटन सत्र को करेंगे संबोधित, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए होगा कार्यक्रम

TV9 Bharatvarsh | Edited By: दीपक पोखरिया

Updated on: May 06, 2022 | 2:13 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के आयोजन जीतो कनेक्ट-2022 (JITO Connect-2022) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister Office) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री छह मई को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन (Jain International Trade Organisation) दुनियाभर के जैन समुदाय को एक मंच प्रदान करने वाला वैश्विक संगठन है. जीतो कनेक्ट कार्यक्रम के माध्यम से ये संगठन व्यवसाय व उद्योग जगत को आपसी नेटवर्किंग और निजी संवाद के माध्यम से आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करता है.

तीन-दिवसीय जीतो कनेक्ट-2022 का आयोजन पुणे स्थित गंगाधाम एनेक्स की ओर से छह से आठ मई तक किया जा रहा है. इसमें व्यवसाय और अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को गेहूं की आपूर्ति, भंडार और निर्यात की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने गुणवत्ता मानदंडों और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि भारत को खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों के एक पक्के स्रोत के रूप में विकसित किया जा सके.

जीतो कनेक्ट-2022 के उद्घाटन सत्र को कल संबोधित करेंगे पीएम मोदी

At 10:30 AM tomorrow, 6th May, will address the inaugural ceremony of JITO Connect. This platform, organised by the Jain International Trade Organisation (JITO), will bring together young businesspersons who are doing work in different fields.

— Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2022

पीएम मोदी ने गेहूं की खरीद और निर्यात की भी समीक्षा की

प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा से लौटने के कुछ घंटे बाद यह महत्वपूर्ण बैठक की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि मोदी ने गेहूं की आपूर्ति, भंडार और निर्यात के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए एक बैठक की. बयान में कहा गया कि उन्हें मार्च-अप्रैल 2022 के महीनों में फसल उत्पादन पर गर्मी के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही गेहूं की खरीद और निर्यात की समीक्षा की गई.

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भारत के कृषि उत्पादों की बढ़ती मांग के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि गुणवत्ता मानदंडों और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएं. उन्होंने भारत को खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों के पक्के स्रोत के रूप में विकसित करने का आह्वान भी किया. मोदी ने अधिकारियों से किसानों को अधिकतम मदद पहुंचाने के लिए भी कहा. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री को मौजूदा बाजार दरों के बारे में भी बताया गया, जो किसानों के लिए फायदेमंद हैं. बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, सलाहकार, कैबिनेट सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग तथा कृषि विभाग के सचिव शामिल हुए.

International Trade Fair 2022: प्रगति मैदान में 14 नवंबर से लगेगा भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, जानें क्या होगी टिकट की कीमत और टाइमिंग?

International Trade Fair 2022 in Delhi: मेले के प्रवेश टिकट और पार्किंग शुल्क को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। सुरंग सड़क शुरू हो जाने से इस बार प्रगति मैदान के भीतर भी पार्किंग की जगह मिल सकेगी। खास बात यह भी कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है तो इसकी झलक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में भी जरूर देखने को मिलेगी।

November 11, 2022

नई दिल्ली। किताबों के मेले के लिए दुनिया भर में मशहूर दिल्ली का प्रगति मैदान अपने आप में किताब प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। अब दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से 41वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2022 शुरू होने जा रहा है। यह मेला कई मायनों में खास होगा। 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले का थीम इस बार ”वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल” रखी गई अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है है। मेले का क्षेत्रफल 1979 के बाद यानी 40 सालों का सबसे ज्यादा रहेगा।

प्रगति मैदान के मेले में पहली बार भाग ले रहा लद्दाख

आपको बता दें कि मेले के प्रवेश टिकट और पार्किंग शुल्क को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। सुरंग सड़क शुरू हो जाने से इस बार प्रगति मैदान के भीतर भी पार्किंग की जगह मिल सकेगी। खास बात यह भी कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है तो इसकी झलक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में भी जरूर देखने को मिलेगी। गौरतलब है कि इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है मेले में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ही नहीं, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा भी इसके मद्देनजर अपनी अपनी उपलब्धियों को शो- केस किया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख मेले में पहली बार भाग ले रहा है।

इसके साथ ही इस मेला क्षेत्र में देश-विदेश के पवेलियन, स्टाल आदि के लिए करीब 73 हजार वर्ग मीटर का क्षेत्रफल रिजर्व रखा गया है। पिछले साल 65 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में मेला लगा था। उसमें नेट एरिया 27 हजार वर्ग मीटर था। इस बार नेट एरिया भी करीब 33 हजार वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है।

मेले में सभी 29 राज्य और यूटी ले रहे भाग

जम्मू-कश्मीर सहित देश के सभी 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के आवेदन व औपचारिकताएं आइटीपीओ को मिल चुकी है। इनमें लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, एमपी, महाराष्ट्र, पांडिचेरी, असम, तमिलनाडु, उड़ीसा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, कर्नाटक, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम शामिल हैं।

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