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स्वैप क्या हैं?

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सिम स्वाइप फ़्राड से सतर्क रहें और साइबर सुरक्षित रहें। pic.twitter.com/oE2p9tnvBr — Cyber Dost (@Cyberdost) April 19, 2022

SIM Card Swapping से आपको लग सकता है लाखों का चूना! मिनटों में खाली हो जाता है बैंक अकाउंट

सिम कार्ड को बदलकर किए जाने वाले फ्रॉड को सिम कार्ड स्वैपिंग कहते हैं. इस फ्रॉड में अपराधी आपके मोबाइल के सिम कार्ड को अपने नकली सिम कार्ड से बदल देते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 21 Apr 2022 07:57 AM (IST)

सिम कार्ड स्वैपिंग (PC: Freepik)

SIM Swap Fraud: बदलते समय के साथ आजकल बैंकिंग बहुत आसान हो गई है. लोग आसानी से नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि के जरिए अपने काम को आसानी से कर लेते हैं. इन सभी मोड से पेमेंट करने के लिए हमें मोबाइल नंबर में ओटीपी को जरूरत होती है. इस कारण आजकल सिम कार्ड स्वैप फ्रॉड मामले बढ़ गए हैं.

सिम कार्ड को बदलकर किए जाने वाले फ्रॉड को सिम कार्ड स्वैपिंग कहते हैं. इस फ्रॉड में अपराधी आपके मोबाइल के सिम कार्ड को अपने नकली सिम कार्ड से बदल देते हैं. इस काम के लिए वह टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी से दूसरा सिम एक नंबर पर ही जारी करवा लेते हैं. इससे बैंक खाते का कंट्रोल उसके हाथ में चला जाता है. वह बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं.

सिम फ्रॉड को इस तरह दिया जाता है अंजाम
साइबर अपराधी लोगों की निजी जानकारी चुराने के लिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. वह फिशिंग, स्मिशिंग आदि का प्रयोग करते हैं. सबसे पहले वह आपके डिटेल्स जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि जैसे जानकारी चुराते हैं. वह आपको कई तरह के मैसेज जैसे सस्ते डिस्काउंट ऑफर्स आदि देते हैं. उनके द्वारा भेजे गए लिंक्स पर क्लिक करने पर करने पर वह आपसे अपने डिटेल्स और बैंक अकाउंट की जानकारी शेयर करने के कहते हैं.

इसके बाद बैंक अकाउंट से जुड़े नंबर को ब्लॉक करने के अपराधी टेलिकॉम ऑपरेटर के पास जाकर नकली आईडी दिखाकर उसे ब्लॉक करवा देते हैं और उसी नंबर का दूसरा सिम जारी करवा लेते हैं. फिर आपके बैंक के सभी मैसेज उन्हें मिलने लगते हैं. आगे आपके बैंक अकाउंट से सारे पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए जाते हैं. सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए जालसाज अबतक कई लोगों को लाखों का चूना लगा चुके हैं.

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सिम स्वाइप फ़्राड से सतर्क रहें और साइबर सुरक्षित रहें। pic.twitter.com/oE2p9tnvBr

— Cyber Dost (@Cyberdost) April 19, 2022

इस तरह सिम कार्ड स्वैपिंग से रहे सुरक्षित

  • फिशिंग, स्मिशिंग जैसी जालसाजी के तरीकों से सावधान रहें.
  • जब भी जालसाज नए सिम को एक्टिवेट कराते हैं तो ऐसी स्थिति में पुराना सिम एनएक्टिव हो जाता है. सिम एनएक्टिव होने की स्थिति में तुरंत टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करें.
  • किसी तरह के फ्रॉड होने स्वैप क्या हैं? की स्थिति में जल्द से जल्द नेट बैंकिंग आदि का पासवर्ड बदलें.
  • ईमेल पर भी रेगुलर बैंक ट्रांजैक्शन के डिटेल्स को चेक करते रहें.
  • समय-समय पर बैंक स्टेट जरूर निकलवाए.
  • फ्रॉड होने की स्थिति में बैंक से तुरंत संपर्क करें.

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Published at : 21 Apr 2022 09:01 AM (IST) Tags: cyber fraud Cyber Alert SIM Swap Fraud SIM Swap Fraud Prevention Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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भारत ने श्रीलंका को $400 मिलियन की मुद्रा विनिमय सुविधा की अवधि बढ़ाई

भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा विनिमय की सुविधा का विस्तार किया है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया स्वैप क्या हैं? राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार ने 12 अप्रैल को अस्थायी रूप से विभिन्न कर्जों की अदायगी को निलंबित कर दिया था।

उसके बाद यह पहला मौका है जब श्रीलंका के लिये कर्ज सुविधा को आगे बढ़ाया गया है।

इससे पहले श्रीलंका ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौता होने तक वह किसी अंतरराष्ट्रीय कर्ज को चुका नहीं पाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क 2019-22 के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के साथ मुद्रा स्वैप समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

समझौते के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका अमेरिकी डॉलर, यूरो या भारतीय रुपये के मद में अधिकतम 40 करोड़ डॉलर या इसके बराबर राशि निकाल सकता है।

करेंसी स्वैप क्या है?

करेंसी स्वैप एक ऐसा लेनदेन है जिसमें दो पक्ष एक दूसरे के साथ लेकिन अलग-अलग मुद्राओं में समान राशि का आदान-प्रदान करते हैं।

इसके तहत पार्टियां अनिवार्य रूप से स्वैप क्या हैं? एक-दूसरे को पैसे उधार देती हैं और एक निर्दिष्ट तिथि और विनिमय दर पर राशि का भुगतान करती हैं।

इसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा में उधार लेने की लागत को कम करना है।

मुद्रा स्वैप में शामिल पक्ष आमतौर पर वित्तीय संस्थान होते हैं।

सार्क मुद्रा विनिमय सुविधा

सार्क मुद्रा विनिमय सुविधा 15 नवंबर, 2012 को लागू हुआ।

यह सुविधा सभी सार्क सदस्य देशों के लिए उपलब्ध है, बशर्ते वे द्विपक्षीय स्वैप समझौतों पर हस्ताक्षर करें।

भारत के अलावा, अन्य दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं।

यह अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं या भुगतान तनाव के अल्पकालिक संतुलन के लिए धन प्रदान करता है।

फर्जी सिम के जरिए अपराधी खाली कर सकते हैं आपका बैंक अकाउंट, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

पिछले कुछ समय में बैंक धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं. अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है.

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अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है.

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Jun 05, 2022 | 7:15 PM

कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन (Smartphone) या लैपटॉप पर बिताते हैं. ऐसे में लोग अपना बैंक (Bank) से जुड़ा कामकाज भी ऑनलाइन करते हैं. साइबर अपराधी भी अब इसका फायदा उठा रहे हैं. वे लोगों को झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका बैंक अकाउंट स्वैप क्या हैं? खाली कर देते हैं. पिछले कुछ समय में बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले तेजी से बढ़े हैं. अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है. आइए जानते हैं कि सिम स्वैप क्या है और इससे कैसे बचा सकता है.

सिम स्वैप स्वैप क्या हैं? क्या है?

मोबाइल फोन बैकिंग के लिए एक आसान माध्यम है. व्यक्ति को मोबाइल के जरिए अकाउंट से संबंधित अलर्ट, वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP), यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN), 3 डी सिक्योर कोड आदि मिलते हैं.

सिम स्वैप या एक्सचेंज के तहत, अपराधी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के लिए मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के जरिए नया सिम कार्ड जारी करा लेता है. नए सिम कार्ड की मदद से, अपराधी को आपके बैंक अकाउंट के जरिए वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए जरूरी URN/OTP और अलर्ट मिल जाते हैं.

क्या है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी, और क्या होगा इसका फायदा

Battery Swapping Policy: बैटरी स्वैपिंग के लिए जरूरी है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल होने वाली बैटरी एक स्टैंडर्ड मानक के स्वैप क्या हैं? तहत बनी हो. ऐसा होने पर ही इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर अपनी बैटरी को दूसरी बैटरी के साथ स्वैप कर सकेगा.

पिछले साल ईवी इंडस्ट्री की ग्रोथ बहुत तेज रही है

पिछले साल ईवी इंडस्ट्री की ग्रोथ बहुत तेज रही है

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2022,
  • (Updated 09 फरवरी 2022, 12:15 PM IST)

वितमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट (Budget 2022) में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping policy) का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि बैटरी स्वैपिंग के लिए एक स्पेशल स्कीम आएगी. यह देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) का इस्तेमाल बढ़ाने के लिहाज से बहुत अहम है. बैटरी स्वैपिंग क्या है, इसके क्या फायदे हैं, इससे इलेक्ट्रि व्हीकल्स इंडस्ट्री को कितना बढ़ावा मिलेगा? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं.

क्या होता है बैटरी स्वैपिंग

बैटरी स्वैपिंग (battery swapping) यानी बैटरी की अदला-बदली करना… बजट में वित्त मंत्री ने ईवी सेक्टर के लिए बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लागू करने की बात कही हैं. बैटरी स्वैपिंग के जरिए पूरी तरह से खत्म हो चुकी बैटरी को पूरी तरह से चार्ज बैटरी से बदल दिया जाता है. ये पॉलिसी ना सिर्फ नए बैटरी खरीदने के झंझटों से बचाती है साथ ही नए बैटरी पैक खरीदने में लगने वाली लागत से भी बचाती है. और इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल यूजर्स की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ता है.

अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कुछ चुंनिंदा कंपनियां बैटरी स्वैपिंग का विकल्प ऑफर करती हैं. इनमें हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा मोटर्स, सिंपल एनर्जी और बाउंस इलेक्ट्रिक शामिल हैं. उधर, एथर एनर्जी, ओला इलेक्ट्रिक, टोर्क मोटर्स जैसी कंपनियों के ईवी में नॉन-रिमूवल बैटरी का इस्तेमाल होता है. इसका मतलब है कि इनके ईवी की बैटरी को स्वैप नहीं किया जा सकता. उन्हें दोबार चार्ज करने पर ही व्हीकल को चलाना जा सकता है. दुपहियों स्वैप क्या हैं? में तो इससे काम चल सकता है, लेकिन कार सहित बड़ी गाड़ियों में इसका इस्तेमाल व्यहवहारिक नहीं है.

बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का क्या फायदा होगा?

सरकार अगर जल्द बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (battery swapping policy) का ऐलान करती है तो इससे ईवी इंडस्ट्री को फायदा होगा. पिछले साल ईवी इंडस्ट्री की ग्रोथ बहुत तेज रही है. बैट्री को एक सेवा कारोबार की शक्ल देने से बैट्री से चलने वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों की कीमत भी कम हो जाएगी और इसका चलन बढ़ेगा. बता दें कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमत में 40-50 फीसद हिस्सेदारी बैट्री की होती है. बैट्री स्वैपिंग कारोबार के आने से इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदार बिना बैट्री के स्कूटर खरीद सकेगा और बैट्री स्वैपिंग सेंटर पर जाकर मामूली कीमत देकर किराए पर बैट्री लेकर स्कूटर या कोई दूसरा इलेक्ट्रिक वाहन चला सकेगा.अभी इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी अपने ग्राहकों को चार्जिंग प्लग भी दे रही है. लेकिन देश के कई ऐसे शहर है जहां जगह की कमी की वजह से उन जगहों पर चार्जिंग स्टेशन नहीं बन पाए हैं. ऐसे में, बैट्री स्वैपिंग काफी कारगर साबित होगी.

इस स्वैप क्या हैं? फैसले से बढ़ेंगी इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड?

इस फैसले से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में कमी आएगी. ऐसे में जाहिर है कि गाड़ियों की डिमांड भी बढ़ेगी. क्योंकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाने के लिए लोग इसे एक अच्छे ऑप्शन के तौर पर देखेंगे. इसलिए बजट भाषण में पॉलिसी का ऐलान करते समय यह बात भी कही गई थी कि इससे पेट्रोल डीजल पर निर्भरता कम होगी.

ऑटो सेक्टर के लिए बजट 2022-23 कितना महत्तवपुर्ण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping Policy) का ऐलान किया. दरअसल काफी लंबे समय से सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. वहीं इस बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के ऐलान के पीछे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना ही मुख्य मकसद है.

आपको बता दें, हर चार-पांच किलोमीटर पर बैट्री स्वैपिंग सेंटर होने पर लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएंगे. सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी अपने स्वैपिंग सेंटर लगाएंगे या फिर सिर्फ बैट्री स्वैपिंग का काम करने वाली कंपनियां निर्माता कंपनियों के लिए बैट्री स्वैपिंग सेंटर बना रही हैं. बैट्री स्वैपिंग सेंटर को चलाने के लिए बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होगी. इसलिए किराना स्टोर, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप जैसी किसी भी जगह छह मीटर की जगह में बैट्री स्वैपिंग मशीन रखी जा सकती है. यह मशीन एटीएम मशीन की तरह होती है, जिसमें एक साथ छह से आठ चार्जड बैट्री रखी जाती है. बैट्री स्वैपिंग के दौरान चार्जड बैट्री को निकाल कर उसमें डिस्चार्ज बैट्री लगा दी जाती है. फिलहाल बंगलुरू बैट्री स्वैपिंग का काम कर रही है.

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