क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए तैयार

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
नेटवर्क फीस
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए तैयार परामर्श कर लें.)
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Cryptocurrency में निवेश करना हुआ और भी आसान, अब ZebPay के जरिए लगाएं पैसा और करें कमाई!
नई दिल्ली: अगर आप बाहरी दुनिया से बेखबर नहीं हैं, तो आपने निश्चित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी, Bitcoin और NFT जैसे शब्द सुने होंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है और हम में से कई लोग इस बारे में जानते हैं. अगर आपको पहले से ही इस बारे में जानकारी है, तो आपको यह भी पता होगा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं.
Paypal, Visa और Mastercard जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ अल सल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है. इसे देखते हुए, अब क्रिप्टो की दुनिया में अपना पैर रखने और इस मौके को भुनाने का समय आ गया है.
2010 में खरीदा होगा Bitcoin तो बन गए होंगे करोड़पति
आइए इस सच्चाई को अपनाएं और FOMO की असलियत को स्वीकार करें. साथ ही, यह भी स्वीकार करें कि Bitcoin, पिछले दशक में किसी भी व्यक्ति के द्वारा किए गए बेहतरीन निवेशों में से एक रहा है. अगर क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए तैयार आपने 2010 में 10,000 रुपये का Bitcoin खरीदा था, तो आप सिर्फ़ सात साल बाद 2017 में 66 करोड़ रुपये के मालिक बन गए होंगे. इस तरह सिर्फ सात सालों में 66,00,000 फीसदी की वृद्धि हुई. यह जुलाई 2017 का आंकड़ा है जब 1 Bitcoin की कीमत 2779 अमेरिकी डॉलर थी.
इस समय 46,000 डॉलर है बिटकॉइन की कीमत
2017 के बाद से Bitcoin की कीमत और भी बढ़ गई है. इस समय, एक Bitcoin की कीमत 46,000 डॉलर (INR 34.46 लाख) से अधिक है. अगर आप किसी ऐसे एसेट क्लास को दिखा सकें जिसने इतनी वृद्धि की है, तो हम अपने शब्दों को तुरंत वापस ले लेंगे.
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
विश्लेषकों का कहना है कि दिसंबर 2025 तक एक Bitcoin की कीमत 3,18,417 अमेरिकी डॉलर (INR 2.36 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है! यह पहली बार निवेश करने की इच्छा रखने वालों के लिए एक अच्छा संकेत है. ऐसे लोग अभी भी Bitcoin की तरक्की की कहानी का हिस्सा बन सकते हैं. आइए शुरू करें.
क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश की शुरुआत?
अब जबकि आपने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का फैसला ले लिया है, तो आपको यह ज़रूर जानना चाहिए कि इस नए एसेट क्लास में आपके लिए क्या अच्छा है. खास तौर पर, जब आपको लगने लगता है कि क्रिप्टो भविष्य के लिए बेहतर है, तो आप अपने-आप उसके लिए तैयार हो जाएंगे.
एक बार अपना मन बना लेने के बाद, आपको यह चुनना होगा कि आप किस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं और कितना पैसा लगाना चाहते हैं. Bitcoin और Ethereum जैसे लोकप्रिय विकल्पों को तो देखें ही, लेकिन उन कॉइन पर भी नज़र रखें जो लोकप्रिय हो चुके कॉइन की तुलना में शानदार छलांग लगाने की क्षमता रखते हैं.
पैसे निवेश करने के लिए, सबसे पहले आपको भारत में किसी क्रिप्टो एक्सचेंज सेवा के साथ साइन अप करना होगा और KYC प्रोसेस को पूरा करना होगा. इसके बाद, अपना पहला क्रिप्टो खरीदने के लिए अपने बैंक से उस एक्सचेंज में फंड ट्रांसफर करना होगा. इसके लिए, हम बिटकॉइन एक्सचेंज ऐप ZebPay को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह देश के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक है.
ZebPay ऐप से कर सकते हैं निवेश
ZebPay, सबके लिए आसान और व्यवस्थित ऐप है, इसमें कुछ ऐसी खास विशेषताएं भी हैं जो इसे इस्तेमाल करने का सुझाव देने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती हैं. उदाहरण के लिए ZebPay Earn को ही लें. यह सुविधा क्रिप्टो को होल्ड करने और उसे आसानी से अर्जित करने की अनुमति देती है – लगभग उसी तरह जैसे क्रिप्टो सेविंग पर ब्याज दर प्राप्त करना. आपके पास मौजूद कॉइन के हिसाब से रिटर्न की दर 1% से 7.5% के बीच बदलती है. सचमुच, क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए तैयार क्रिप्टो को पाना इतना आसान कभी नहीं रहा.
क्रिप्टो में पहली बार निवेश करने वालों के लिए जानने योग्य बातें
एक अतिरिक्त संसाधन के रूप में, पहली बार निवेश करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें.
1. शुरुआत में अपने पोर्टफोलियो की एक छोटी सी राशि क्रिप्टोकरेंसी में लगाएं. आप उतनी ही राशि लगाएं जिसके नुकसान का जोखिम उठा सकते हैं, उससे अधिक न लगाएं.
2. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करने के लिए आपको हजारों रुपये की ज़रूरत नहीं है. एक्सचेंज आमतौर पर INR 100 जितना कम निवेश शुरू करने का विकल्प प्रदान करते हैं. इस तरह, आप पूरे कॉइन के बजाय बिटकॉइन जैसे किसी भी क्रिप्टो का एक अंश खरीद सकते हैं.
3. सरकार के बदलते नियमों और खबरों पर नजर रखें. हालांकि, भारत में क्रिप्टो पर पाबंदी नहीं है, फिर भी इसके नियमन के संबंध में बहुत सारी परस्पर विरोधी बातें हो सकती हैं. लेटेस्ट जानकारी पाते रहने के लिए सही ग्रुप, फोरम और समाचार स्रोतों को फॉलो करें.
4. इस बात को याद रखें, यह इतना अच्छा कि इस पर यकीन करना मुश्किल है. कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज, एक ओर जहां दिमाग को सुन्न कर देने वाले रिटर्न देते हैं, वहीं अगर क्रिप्टोकरेंसी क्रैश हो जाती है, तो आप एक ही बार में सब कुछ खो देते हैं. ZebPay जैसे जाने-माने क्रिप्टो एक्सचेंज से जुड़े रहें.
हम क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखने के लिए आपको शुभकामनाएं देते हैं. हम जल्द ही, एक सफल क्रिप्टोकरेंसी निवेशक बनने से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी शेयर करेंगे. इसलिए, हमारे साथ बने रहें और अपनी नजरें जमाए रखें.
डिसक्लेमर: क्रिप्टोकरेंसी अनियमित डिजिटल एसेट हैं, यह वैध मुद्रा नहीं हैं. इनका पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गांरटी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या ट्रेड करना बाजार जोखिमों और कानूनी जोखिमों के अधीन है.
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Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?
क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न का मिलता है. इसकी वजह भारत में लोग ऐसी करेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं.
सरबजीत कौर
- नई दिल्ली ,
- 07 अक्टूबर 2021,
- (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
- क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
- निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद
भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.
आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टो करेंसी और इसमें निवेश से पहले किन बातों का ध्यान देना जरूरी है? साथ ही यह भी कि एक निवेशक को कितना रिस्क और रिटर्न क्रिप्टों में निवेश से मिल सकता है?
क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
पूरे दुनिया के लोगों या फिर यूं कहें की किसी संस्था को असल में अपनी बेसिक जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी की जरूरत होती है, जिसे हम मुद्रा भी कहते हैं. हर देश की मुद्रा को हम अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे कि भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, सऊदी अरब में रियाल, यूरोपीय देशों में यूरो आदि.
लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है. क्रिप्टो वो मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते जो छुपा हुआ होता है. ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं, वो भी ऑनलाइन. भौतिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच काफी चर्चा में है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं और कोई क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल नहीं करता.
यानी बाकी किसी मुद्रा की तरह कोई सरकार इसे संचालित नहीं करती. इसके प्रयोग के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2009 में शुरू होने के बाद क्रिप्टो की कीमत अब आसमान को पार कर रही है. यही कारण है कि निवेशकों को क्रिप्टो में काफी रुचि होने लगी है. अब 1000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है.
क्रिप्टोकरेंसी को आप कैसे खरीद या बेच सकते हैं?
आज की तारीख में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए पूरी दुनिया में बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टोकरेंसी की खास बात यह है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए तैयार इसमें चौबीसोंं घंटे कारोबार होता है. शेयर बाजार की तरह यह हर दिन एक तय समय पर बंद नहीं होता. इसमें निवेश से आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय रकम निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, वज़ीरएक्स, ज़ेबपे जैसे प्लैटफॉर्म के नाम से शामिल है जिनके जरिए आप क्रिप्टो में खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
इसकी खरीद-बिक्री के लिए प्रक्रिया काफी आसान है. आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरह साइन-अप करना होगा. उसके बाद केवाईसी अपडेट कर आपको अपने वॉलेट से उसमें मनी ट्रांसफर करना होगा. साथ ही, क्रिप्टो खरीदारी करने से पहले आप जैसे शेयर्स में स्टॉपलॉस या टार्गेट तय करते हैं उसी प्रकार क्रिप्टो में प्रि-डिसाइड लिमिट तय कर सकते हैं.
आप किसी भी छोटे अमाउंट से खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं. लेकिन, दिक्कत यह है कि कई बैंक ऐसे एक्सचेंज के साथ काम करने के लिए तैयार नहींं हैं, यही कारण है कि, खरीद-बिक्री में दिक्कत होती है. क्रिप्टो में बैंकों द्वारा पी2पी यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन और लेनदेन की प्रक्रिया होती है. क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के लिए अभी यूपीआई सपोर्ट नहीं करता, इसलिए पी2पी के जरिए ही लेन-देन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आप कुछ खरीद नहीं सकते है. ये सोने और चांदी की तरह आपको वैल्यू क्रिएट और बढ़ाने का एक माध्यम है.
क्रिप्टो में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान
क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं. क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है. ऐसे में क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में पैसा डूबने का खतरा हो सकता है.
हमेशा किसी ऑथेन्टिक या किसी नामी प्लेटफॉर्म के जरिए ही क्रिप्टो में पैसा लगाएं. सही चुनाव करना बहुत जरूरी है. साथ ही, किसी अच्छे जानकार की मदद लें ताकि आपको ये पता रहे कि आप किस क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग बिटकॉइन खरीद रहे है. लेकिन इसके अलावा बाजार में Ethereum, Cardano, Dogecoin, Ripple और Litecoin जैसे क्रिप्टोकरेंसी में भी आप पैसा लगा सकते हैं.
सबसे अहम बात है कि, बिना सोचे-समझे कभी भी निवेश न करें. आज की तारीख में हर कोई कम समय में ज्यादा कमाने के लिए क्रिप्टो में पैसा लगा रहा है. लेकिन जब तक आपको क्रिप्टो की पूरी जानकारी न हो आप इसमें पैसा न लगाएं. अपनी प्लानिंग हमेशा फैक्ट्स से जोड़ें और तभी निवेश करें.
कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के एक्जीक्यूटिव वीपी (ग्रोथ एंड स्ट्रैटेजी) मृणाल ठकराल का मानना है कि-‘क्रिप्टो प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन एक उभरता हुआ संपत्ति वर्ग बन गया है. यह देखते हुए कि इस क्षेत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव है, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को किसी परियोजना में निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. एक निवेशक को अपना उचित शोध करना चाहिए और परियोजना के विभिन्न पहलुओं को समझना चाहिए. किसी परियोजना के टोकन, टोकनोमिक्स की उपयोगिता जैसे कारकों को समझना और यह समझना कि परियोजना का उद्देश्य किसी विशेष समस्या को कैसे हल करना है, महत्वपूर्ण है. एक निवेशक अपने धन के एक छोटे से हिस्से से शुरुआत कर सकता है और लंबी अवधि की मानसिकता के साथ निवेश कर सकता है.
मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एवं को-फाउंडर एडुल पटेल का कहना है कि- ‘किसी भी तरह के एसेट क्लास में निवेश से पहले डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान देना जरूरी होता है. हर व्यक्ति के लिए ये जरूरी है कि एक साथ पूरा पैसा कभी भी क्रिप्टो में न लगाएं. कई रिटेल निवेशक आज की तारीख में ये सोचते हैं कि वो क्रिप्टो में पैसा लगाकर बहुत जल्द अमीर बन जाएंगे, तो ऐसा नहीं है. ऐसे निवेशकों को अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, 4-7 फीसदी ही पैसा क्रिप्टो में लगाएं उससे ज्यादा नहीं. अगर किसी व्यक्ति के पास 1000 रुपये हैं तो वो सिर्फ 40 से 70 रुपये ही क्रिप्टो में निवेश करें. रिटर्न की बात करें तो क्रिप्टो में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो एक व्यक्ति हर महीने 4-5 फीसदी तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है. साथ ही, सालाना 60 फीसदी तक का भी रिटर्न मिलने की संभावना होती है.’
बैंक बाजार (bankbazaar) के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक- ‘किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें. अगर आप डिजिटल करेंसी में नए हैं तो सबसे पहले ये जानें कि क्रिप्टो करेंसी में डिजिटल की दुनिया में काम कैसे होता है. साथ ही जो ज्यादा नामचीन, अच्छीी करेंसी हैं उसके बारे जानने की कोशिश करें. ऑनलाइन क्रिप्टो कम्युनिटी के लोगों से जुड़ें ताकि आपको सभी क्रिप्टो से जुड़ी खबरों के बारे पता लगता रहे. हमेशा ध्यान दें कि क्रिप्टो करेंसी बहुत वोलाटाइल होता है इसलिए कई बार आपका पैसा एक साथ डूब भी सकता है. कई दिग्गज लोग हैं जिन्होंने एक साथ अपना पैसा बनाया है. ऐसे में हमेशा ध्यान से और सोच समझकर पैसा लगाएं.’
रहना होगा सचेत
हालांकि, यह ध्यान रखने की बात है कि बहुत से लोग इस कारोबार के जरिए अपने काले धन को व्हाइट मनी के रूप में बदलते हैं. क्योंकि क्रिप्टो को कोई रेगुलेटर नहीं कंट्रोल करता, इसलिए लोगों के लिए खरीद-बिक्री में बड़ी आसानी होती है.
क्रिप्टो में निवेश घाटे का सौदा नहीं है लेकिन, बिना रिसर्च और जानकारी के करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सबसे हट के देखा जाए तो हमेशा ट्रांजैक्शन करने के लिए क्रिप्टो के पूरे ब्लॉकचेन को समझना पड़ता है. पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन बिना सही जांच, रिसर्च और सलाह से कभी भी किसी भी एसेट क्लास में निवेश नहीं करना चाहिए, चाहे क्रिप्टो करेंसी ही क्यो न हो.
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