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वित्तीय नवाचार

वित्तीय नवाचार
संदर्भ
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा वित्तीय नवाचार है कि भारत के वित्तीय क्षेत्र के नियामकों को वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नये विचारों को बाधित नहीं करना चाहिये और इसके बदले अभिनव वित्तीय प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के पोषण के लिये एक विनियामक सैंडबॉक्स दृष्टिकोण का विकल्प चुनना चाहिये।

वित्तीय नवाचार

Schumpeter द्वारा प्रस्तावित अभिनव अवधारणा नई उत्पादन, नई प्रौद्योगिकी उत्पादों या नए उत्पादन वित्तीय नवाचार के तरीकों के आवेदन के लिए मतलब था, नया बाजार, कच्चे माल की खोज और महारत की आपूर्ति के नए स्रोतों खोला, उत्पादन के आयोजन के अन्य नए तरीके का कार्यान्वयन . वित्तीय नवाचार सोचा की इस पंक्ति का पालन प्रस्तावित है.

वित्तीय नवाचार के पीछे मूलभूत आर्थिक ताकतों यह आमतौर पर वित्तीय कार्य करने के लिए बेहतर तरीके से करने के लिए सुराग, प्रतिस्पर्धा है.

वित्तीय नवाचार वित्तीय नवाचार के निहितार्थ, कोई समान व्याख्या देश और विदेश में है. ज्यादातर प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री जोसेफ Schumpeter देखने से व्युत्पन्न (यूसुफ Alois Schumpeter, ~ 1950 1883) पर आधारित वित्तीय नवाचार की परिभाषा. Schumpeter 1912 में "आर्थिक विकास की थ्योरी" (Econoforc विकास के सिद्धांत) के तहत नवाचार की परिभाषा के रूप में अपनी प्रसिद्धि में हैं: नवीनता, नई उत्पादन समारोह की स्थापना है कि, एक नए उद्यम को लागू करने के लिए उद्यमियों का तत्व है संयोजन.

वित्तीय नवाचार

नवाचार और अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से प्रौद्योगिकी का परिवर्तन उत्पादकता वृद्धि, आर्थिक विकास तथा सामाजिक परिवर्तन का मुख्य कारक वित्तीय नवाचार है और हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को पुनर्परिभाषित करने हेतु प्रौद्योगिकीय नेतृत्व आर्थिक रूप से वैश्विक नेतृत्व के लक्ष्य वित्तीय नवाचार को प्राप्त करने के प्रमुख कारकों में से एक है।

सूचना, संचार प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिकी (आईसीटीई) विश्व का सबसे बड़ी और सबसे तेजी से प्रगति वित्तीय नवाचार करने वाला उद्योग है और यह अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में तीव्र अनुप्रयोगों की तलाश कर रहा है। विभिन्न उद्योगों की प्रतिस्पर्धा का निर्धारण उनकी व्यापार प्रक्रियाओं में आई.सी.टी.ई. के वित्तीय नवाचार एकीकरण की क्षमता के आधार पर किया जा रहा है। इसलिए आई.सी.टी.ई. को विकास में प्रमुख शक्ति के रूप में चिन्हित किया गया है और विश्व स्तर पर इसे "मेटा– रिसोर्स" के तौर पर स्वीकार किया गया है।

रिजर्व बैंक के वित्तीय नवाचार केंद्र का बेंगलुरु में उद्घाटन

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि आरबीआईएच की स्थापना देश में वित्तीय वित्तीय नवाचार नवाचार को प्रोत्साहन देने के इरादे से की गई है। इस नवाचार केंद्र के जरिये वित्तीय सेवाओं एवं उत्पादों तक निम्न-आय समूह की पहुंच को बढ़ावा देने वाली पारिस्थितिकी बनाने की कोशिश की जाएगी।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारत में वित्तीय क्षेत्र तक विश्वस्तरीय नवाचार लाने के साथ ही वित्तीय समावेशन की दिशा में भी यह केंद्र काम करेगा। इसके जरिये बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र, स्टार्टअप पारिस्थितिकी, नियामकों और अकादमिक जगत को एक मंच पर लाने की कोशिश की जाएगी।

रिजर्व बैंक वित्तीय नवाचार ने कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा आठ की कंपनी के तौर पर आरबीआईएच का गठन किया है। इसके लिए शुरुआती तौर पर 100 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई गई है।

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