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एक्रेडिटेड इनवेस्टर

एंकर निवेशक कौन होते हैं और आईपीओ में उनकी क्या भूमिका होती है

IPO: चालू वित्तवर्ष में अक्टूबर तक IPO से जुटाए 52,759 करोड़, 10 दिसंबर तक ये 4 कंपनियां दे रही बंपर कमाई का मौका, चेक करें डिटेल्स

By: ABP Live | Updated at : 06 Dec 2021 05:01 PM (IST)

Edited By: Shivani

आईपीओ मार्केट (फाइल फोटो)

IPO Status: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि इस वित्त वर्ष में अक्टूबर महीने तक देश की 61 कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के जरिये 52,759 करोड़ रुपये जुटाए. उन्होंने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में अक्टूबर महीने तक जो 61 कंपनियां आईपीओ लेकर आईं, उनमें 34 MSME थीं. सीतारमण ने बताया कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की कई कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली हैं.

10 दिसंबर तक ओप होंगे 4 कंपनियों के आईपीओ
आपको बता दें कल से यानी 7 दिसंबर से 10 दिसंबर तक लगातार 4 कंपनियों के आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन होंगे. 7 दिसंबर को रेलगेन ट्रेवल (RateGain Travel) का आईपीओ खुलेगा. 8 दिसंबर को श्रीराम प्रॉपर्टीज (Shriram Properties) का इश्यू ओपन होगा. 9 दिसंबर को मैपमाईइंडिया (MapmyIndia) का आईपीओ और मेट्रो ब्रांड्स (Metro Brands) का 10 दिसंबर को ओपन होने वाला है.

निवेशकों के फायदे के लिए SEBI के इन हालिया 9 बदलावों के बारे में आपको पता है?

  • Harsh Chauhan
  • Updated On - July 5, 2021 / 01:21 PM IST

निवेशकों के फायदे के लिए SEBI के इन हालिया 9 बदलावों के बारे में आपको पता है?

SEBI: कोविड-19 संक्रमण फैलना शुरू होने के बाद से बड़ी तादाद में नए निवेशक स्टॉक मार्केट (stock markets) से जुड़ रहे हैं. 2 जुलाई 2021 तक रजिस्टर्ड इनवेस्टर्स की संख्या बढ़कर 7,22,28,575 हो गई है जो कि सालाना आधार पर 41.07 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है. ये संख्या थाइलैंड, युनाइटेड किंगडम, फ्रांस या सिंगापुर की आबादी से भी ज्यादा है. इस तरह के हालात में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की भूमिका काफी व्यापक हो गई है. इसे देखते हुए हालिया वक्त में निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए सेबी ने कई कदम आरंभिक मार्जिन उटाए हैं. यहां हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं.

REITs and InvITs में रियायत

सेबी (SEBI) बोर्ड ने न्यूनतम आवेदन मूल्य और कारोबार ‘लॉट’ को लेकर रीट और इनविट नियमनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है.

इसमें कहा गया है ‘‘संशोधित न्यूनतम आवेदन मूल्य 10,000 से 15,000 के दायरे में होना चाहिए और संशोधित कारोबारी लॉट एक यूनिट हो सकता है.’’

मौजूदा नियमों के तहत आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम के लिये न्यूनतम आवेदन मूल्य इनविट के मामले में कम-से-कम एम लाख रुपये और रीट के लिये 50,000 रुपये है.

वहीं लॉट यानी यूनिट की संख्या के मामले में प्रारंभिक सूचीबद्धता के समय कारोबारी लॉट 100 यूनिट रखी गई है. जबकि अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम के अंतर्गत प्रत्येक लॉट में इतनी संख्या में यूनिट होने चाहिए जितनी कि प्रारंभिक पेशकश के समय थी.

इंडिपेंडेंट डायरेक्टर

एक और प्रमुख घटनाक्रम में सेबी (SEBI) ने स्वतंत्र निदेशकों या इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति, इन्हें हटाने और इनके वेतन-भत्तों को लेकर नियमों में बदलाव किया है. इस तरह से इन निदेशकों पर प्रमोटरों का प्रभाव खत्म करने की कोशिश की गई है.

आ रहा एक और कंपनी का IPO, निवेशकों को मुनाफा कमाने का मिलेगा मौका

आ रहा एक और कंपनी का IPO, निवेशकों को मुनाफा कमाने का मिलेगा मौका

ट्रैवल प्लेटफॉर्म इक्जिगो का संचालन करने वाली ट्रेवेन्यूज टेक्नोलॉजी लिमिटेड आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी में है। इसके जरिए कंपनी 1,600 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए हैं। आईपीओ आने का फायदा निवेशकों को मिलने की उम्मीद है। इसमें दांव लगाकर निवेशक मुनाफा कमा सकेंगे।

750 करोड़ रुपए के नए शेयर: जानकारी के मुताबिक आईपीओ में 750 करोड़ रुपए के नये शेयर जारी किए जाएंगे और साथ ही मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 850 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) शामिल है। ओएफएस के एक हिस्से के रूप में, सैफ पार्टनर्स इंडिया 4 इक्जिगो में अपने 550 करोड़ रुपए के शेयर बेचेगी, माइक्रोमैक्स इंफॉर्मेटिक्स 200 करोड़ के शेयर बेचेगी।

एंकर निवेशकों की क्या भूमिका होती है?

आईपीओ में एंकर निवेशक अहम भूमिका निभाते हैं। जैसे:

  • हालांकि, खुदरा निवेशक कभी भी ब्रोकर्स की रिपोर्ट से आईपीओ लाने वाली कंपनी की क्षमता का आकलन कर सकते हैं, लेकिन एंकर निवेशक आईपीओ की अधिक पेशेवर और गहन समझ प्रदान करते हैं।
  • ये निवेशक आईपीओ के शुरुआती निवेशक होते हैं। नतीजतन, वे आईपीओ की प्रामाणिकता की पुष्टि करते हैं और इसे आम निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाते हैं।
  • जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, ये निवेशक आईपीओ लाने वाली कंपनी और आम निवेशकों के बीच के अंतर को पाटते हुए एंकर की तरह काम करते हैं। जाने-माने एंकर निवेशकों की लिस्ट से किसी भी आईपीओ की मांग बढ़ सकती है।
  • वे आईपीओ की सही कीमत को तय करने में भी मदद करते हैं।

अब जबकि आप एंकर निवेशक का अर्थ जान गए हैं, आईपीओ में निवेश करने आरंभिक मार्जिन से पहले एंकर निवेशकों की लिस्ट जरूर देखें। यह आपको बेहतर निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है।

एंकर निवेशक कौन होते हैं?

एंकर निवेशक योग्य संस्थागत निवेशक होते हैं। एंकर निवेशक किसी भी आईपीओ के शुरुआती निवेशक होते हैं, जो किसी भी आईपीओ को जनता के लिए उपलब्ध कराने से पहले उस आईपीओ में निवेश करते हैं। आमतौर पर, किसी भी एंकर निवेशक को किसी भी आईपीओ में कम से कम रु. 10 करोड़ निवेश करना होता है। एंकर निवेशक अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं, जैसे म्युचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक, बैंक, भविष्य निधि बगैरह। एंकर निवेश वाले हिस्से में म्युचुअल फंडों को एक तिहाई आरक्षण मिलता है।

एंकर निवेशक किसी भी आईपीओ में योग्य संस्थागत निवेशकों के 60% तक शेयर प्राप्त कर सकते हैं। पहले, संस्थागत निवेशकों के पास आवंटन में केवल 30% हिस्सा था। किसी भी कंपनी को 250 करोड़ रुपये तक के इश्यू साइज के लिए कम से कम दो एंकर निवेशकों की जरूरत होती है। बड़े इश्यू साइज के लिए किसी भी कंपनी को अधिकतम पांच एंकर निवेशकों की आवश्यकता हो सकती है।

एंकर निवेशक कैसे काम करते हैं?

एंकर निवेशक अपने आवेदन के 25% मार्जिन के साथ आईपीओ में आवेदन कर सकते हैं। शेष राशि इश्यू की समाप्ति से दो दिनों के भीतर देनी होती है। इश्यू मूल्य तब बुक-बिल्डिंग प्रक्रिया के अनुसार निर्धारित किया जाता है। यदि एंकर निवेशकों की कीमत निश्चित मूल्य से कम होती है, तो अंतर को पाटने की जिम्मेदार उनकी होती हैं। हालांकि, अगर कीमत अधिक होती है, तो एंकर निवेशकों को अतिरिक्त फंड लाना होता है। एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि होती है और वे आवंटन के 30 दिन बाद ही अपने शेयर बेच सकते हैं।

कंपनी को इश्यू खोलने से पहले एंकर निवेशकों का विवरण सार्वजनिक रूप से साझा करना होता है। यह जानकारी आईपीओ लॉन्च की तारीख से एक दिन पहले बीएसई नोटिस और एनएसई परिपत्रों में आप देख सकते हैं।

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना

युवा उद्यमी योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1 अगस्त , 2014 को शुरू की गई थी और 16 नवंबर , 2017 को इसमें संशोधन किया गया। समाज के सभी वर्गों के लिये स्वयं का उद्योग (विनिर्माण)/सेवा उद्यम स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना है। योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता, ब्याज अनुदान, ऋण गारंटी एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जाएगा।

योजना के क्रियान्वयन सूक्ष्म , लघु और माध्यम उद्यम विभाग नोडल विभाग होगा तथा महाप्रबंधक , जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से योजना को आरंभिक मार्जिन क्रियान्वित किया जाएगा।

पात्रता

योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश होगा (अर्थात् योजना का लाभ उन्हीं उद्यमों को देय होगा जो मध्यप्रदेश सीमा के अन्दर स्थापित हों)

  1. मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
  2. न्यूनतम 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण हो।
  3. आवेदन दिनांक को आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो।
  4. आय सीमा का कोई बंधन नहीं पराँती आवेदक का परिवार पहले से ही उद्योग / व्यापार क्षेत्र में स्थापित होकर आयकरदाता न हो।
  5. किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक(Defaulter) नहीं होना चाहिए।
  6. यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो, तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा।
  7. सिर्फ एक बार ही इस योजना के अंतर्गत सहायता के लिए पात्र होगा।
  8. योजना केवल उद्योग (विनिर्माण) एवं सेवा क्षेत्र की समस्त परियोजनाएं जो CGTMSE अंतर्गत बैंक शरण गारंटी के लिए पात्र हैं, के लिए मान्य होगी , परन्तु व्यापारिक गतिविधियां , समस्त प्रकार के वाहन , भैंस पालन , पशु पालन एवं कुक्कुट पालन सम्बन्धी परियोजनाओं को पात्रता नहीं होगी।

सहायता

  • इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत न्यूनतम रूपये 10 लाख से अधिकतम रूपये 2 करोड़ होगी।
  • इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर मार्जिनमनी सहायता 15 प्रतिशत(अधिकतम रूपये 12 लाख) देय होगी।
  • BPL के लिए परियोजना के पूंजीगत लागत पर 20% (अधिकतम 18 लाख ) देय होगी।
  • इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर 5% (महिलाओं के लिए 6%) की दर से अधिकतम 7 वर्ष तक ब्याज अनुदान देय होगा।
  • इस योजना के अंतर्गत गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्ष तक देय होगी।
  1. आवेदक द्वारा एमपी - ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र में ज़रूरी सहपत्रों के साथ ऑनलाइन आवेदन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में प्रस्तुत किया जायेगा।
  2. आवेदन पत्र निःशुल्क रहेगा।
  3. सभी प्राप्त आवेदन पंजीबद्ध किये जावेंगे। अपूर्ण आवेदन पूर्ण करनेके लिए 15 दिन के अन्दर संभव आवेदक को सूचित किया जायेगा।
  4. आवेदक द्वारा प्रस्तावित गतिविधि की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) चार्टर्ड एकाउंटेन्ट द्वारा प्रमाणित कर आवेदन के साथ संलग्न किय जाना होगा।

आवेदन पत्रों का निराकरण :

जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र तथा बैंक में प्राप्त आवेदन पत्र तथा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन योजनांतर्गत गठित जिला टास्कफोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जावेंगे।

आवेदन पत्रों के निराकरण एवं समीक्षा के लिए निम्नानुसार जिला टास्कफोर्स समिति गठित होगी-

क्र. अधिकारी पद
1 कलेक्टर अध्यक्ष
2 मुख्या कार्यपालन अधिकारी , जिला पंचायत सदस्य
3 जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सदस्य
4 कोई एक प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक के जिला समन्वयक/प्रतिनिधि सदस्य
5 परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण सदस्य
6 आई. टी आई / पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रतिनिधि सदस्य
7 महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द सदस्य
8 संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक/प्रतिनिधि सदस्य
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