मोमबत्ती का व्यापार

देश की एकता, सम्प्रभुता, भाईचारे पर लपकने वाला और बहुमत जनता के जीवन के हर आयाम पर झपटने वाला भेड़िया कहाँ है ? हांका और हुंकार उसी अनुपात में तो होगी। जहां टूटन ज्यादा है जोड़ना वही से शुरू होगा। यात्रा का मार्ग इससे मेल नहीं खाता। केरल में 18 दिन गुजरात में 0, यूपी में 3-4 दिन, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में एक सप्ताह या सप्ताह से भी कम !! ये कौन सा अनुपात है ? यही हाल आंध्रा, तेलंगाना, असम . महाराष्ट्र, का है। समस्या सिर में हैं मरहम पट्टी पाँव की जा रही है। विघटन और विग्रह के राक्षस की जान जिस कौए में है वह जहां बसता हैं उस ओर पाँव तक नहीं बढ़ रहे, जहां से उसे स्थायी रूप से खदेड़ा जा चुका है उस मोमबत्ती का व्यापार कोयलों के केरल में धमाधम हो रही है।
गाँव में प्रवचन हो रहे थे बाबा जी बोले
वर्मा जी लाईट जाने के बाद , मोमबत्ती ले कर टायलेट जा रहे थे.
कोई कम्बख्त फूँक मार के कह गया-हैपी बर्थ डे टू यु ।
.अब बताओ ….इमरजेन्सी में भी मजाक.
हवलदार:- सर कल रात सभी कैदियों ने जेल में रामायण प्ले किया था।
जेलर:- ये तो अच्छी बात है, इसमें इतना परेशान क्यों हो रहे हो?
हवलदार:- सर परेशानी ये है कि हनुमान बना कैदी अभी तक ‘संजीवनी लेकर वापस नहीं आया
भारत जोड़ो यात्रा : ऐ भाई राहुल! जाना किधर है ? मंजिल कहाँ है ?
तीन महीने पूरा कर चुकी भारत जोड़ो यात्रा 20 नवम्बर को मोमबत्ती का व्यापार सप्ताह भर के लिए मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। यह यात्रा हमारे कालखंड की एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट घटना है। भारत जोड़ो यात्रा को सरासर खारिज करने या दोनों बाँहें फैलाकर गले लगाने की दोनों अतियों से बचते हुए इसे पायथागोरस की मशहूर प्रमेय; त्रिभुज के तीनों कोण मिलकर दो समकोण के बराबर होते हैं की तर्ज पर तीन कोणों से देखना ठीक रहेगा।
लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य ‘भारत दैट इज इंडिया’ के नागरिक के नाते देखें तो हमारा समय जटिल समय है; यह समय घुटन का समय है। किसी भी सभ्य और लोकतांत्रिक समाज के लिए सबसे जरूरी है खुलापन, बेबाक बहस, असहमति और प्रतिरोध। भारत और दुनिया में समाज इन्ही की दम पर आगे बढ़ा है, आगे बढ़ता है। हाल के दौर में, खासकर 2014 के बाद से यह लगभग गायब है। एकपक्षीय गरल का प्रवाह है। बेहिचक संवाद तो दूर बोलने और लिखने के कामों को भी अघोषित रूप से लगभग मोमबत्ती का व्यापार प्रतिबंधित कर दिया गया है। मीडिया, शिक्षा, विश्वविद्यालय, मंदिर हर माध्यम पर जॉर्ज मोमबत्ती का व्यापार ऑरवेल का बिग ब्रदर खाकी नेकर पहने लाठी लिए बैठा है। वो कुछ भी कह सकता है, कुछ भी बोल सकता है, उसके कहे की समीक्षा नहीं की जा सकती। इस देश में ईश्वर से प्रश्न किये जा सकते हैं मगर यह बिग ब्रदर जो भी कहे उसको लेकर कोई सवाल जवाब नहीं किये जा सकते। सूचना और कम्युनिकेशन के हर माध्यम पर वर्चस्व कायम कर लिया गया है। अब सिर्फ अमावस की बात करनी है, उसकी सराहना करनी है। पूर्णिमा तो दूर रही – मोमबत्ती या दीपक जलाना भी अपराध है; राष्ट्रद्रोह है।
हमलावरों के निशाने पर वर्तमान और अतीत दोनों हैं
यह हमला सर्वग्रासी है, सर्वआयामी है ; निशाने पर सिर्फ वर्तमान नहीं है। अतीत भी है। पिछले 5 हजार वर्षों में भारतीय समाज की जड़ता पर हुए प्रहारों से जो सामाजिक समझ, संस्कार और साझा विवेक हासिल हुआ है उसे वापस लौटाने की मुहिम है। अब तक के सारे सकारात्मक हासिल का निषेध है। इसलिए यह मसला सिर्फ चुनावी हार जीत का नहीं है। दूबरे के दो आषाढ़ की तर्ज पर यह समय सन्निपात का भी समय है। उधर हड़बड़ी है – एक फासिस्ट राज कायम करने की जल्दबाजी है तो इधर भी झुंझलाहट है। चिड़चिड़ापान है, खुद को एकमात्र सही मानने और बाकी सब कुछ को खारिज कर देने का भाव है। समग्रता में मूल्यांकन का विवेक गायब हो रहा है। ऐसे में अनेक प्रयासों की तरह यह भारत जोड़ो यात्रा इस प्रायोजित और जानबूझकर रचे गए सन्नाटे को तोड़ने कोशिश है। इसीलिए यह हमारे कालखंड की एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट घटना मोमबत्ती का व्यापार है।
असम-मेघालय सीमा पर हिंसा: हालात अब भी तनावपूर्ण, 7 जिलों में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद
(Violence on Assam-Meghalaya Border)
शिलांग। असम-मेघालय बॉर्डर डिस्प्यूट के चलते सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। दरअसल इन इलाकों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इन जगहों में इंटरनेट निलंबन 26 नवंबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू हो गया है। इससे पहले मेघालय की राजधानी शिलांग में गुरुवार शाम को उपद्रवियों ने ट्रैफिक बूथ में आग लगा दी और मोमबत्ती का व्यापार एक सिटी बस समेत तीन पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया। इस घटना के बाद वहां तनाव की स्थिति व्याप्त हो गई। यह घटना 22 नवंबर कोअसम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा के विरोध में कुछ समूहों द्वारा आयोजित मोमबत्ती जुलूस के दौरान हुई।
मेघालय सरकार ने किया एसआईटी का गठन
मेघालय सरकार ने असम-मेघालय हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। डायरेक्टर मोमबत्ती का व्यापार जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) डॉ. एल.आर.बिश्नोई ने कहा कि हालात पर हम नजर बनाए हुए हैं, एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी। सात सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व आईजी स्तर का अधिकारी करेगा। उन्होंने कहा कि हमने राज्य की सीमाओं को बंद नहीं किया है, बल्कि सुरक्षा के लिए केवल एडवाइजरी जारी की थी। पर्यटकों सहित सभी की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। पर्यटक आ जा रहे हैं, हालात में काबू में आ रहा है। एक से दो दिन में स्थिति बिल्कुल सामान्य हो जाएगी।
असम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा में छह लोगों की मौत के बाद सरकार पूरी तरह सतर्क है। मेघालय सरकार ने 26 नवंबर से सात जिलों में मोबाइल मोमबत्ती का व्यापार इंटरनेट और डेटा सेवाओं के निलंबन को 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया है। पुलिस की माने तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि में कानून और व्यवस्था को गंभीर रूप से भंग करने की क्षमता है। यह फैसला मेघालय और असम के बीच सीमा पर हुई हिंसा में 6 लोगों की मौत के बाद लिया गया है।
Assam-Meghalaya Dispute: हिंसा को देखते हुए बढ़ाया गया इंटरनेट सस्पेंशन ऑर्डर, अगले 48 घंटों तक इन जिलों में बंद रहेगा इंटरनेट
Assam-Meghalaya Dispute: कुछ दिन पहले असम और मेघालय सरकार के बॉर्डर पर हुई हिंसा के बाद स्थिति सामान्य करने के मोमबत्ती का व्यापार लिए सरकारें पूरा जोर लगा रही है। शुक्रवार को मेघालय सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए अपने यहां के सात जिलों में इंटरनेट निलंबन को 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया है। इंटरनेट पर रोक लगाने के लेकर राज्य पुलिस का कहना है कि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि में कानून और व्यवस्था को गंभीर रूप से भंग करने की क्षमता है।
गौरतलब है कि असम-मेघालय सीमा के सीमावर्ती इलाकों में हिंसक घटना हुई थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को एक सार्वजनिक आदेश जारी करते हुए मेघालय सरकार ने राज्य के सात जिलों में इंटरनेट बंद जारी रखने का फैसला किया। उन जिलों में जैंतिया हिल्स, ईस्ट जयंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री-भोई, ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स जिला शामिल है। इन सभी जिलों में 26 नवंबर की सुबह 10:30 बजे से इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाएगी।
डोरंडा में वृद्धि फाउंडेशन ने महिलाओं के लिए खोला ट्रेनिंग सेंटर
Ranchi : महिला कौशल विकास योजना के तहत एनजीओ वृद्धि फाउंडेशन द्वारा डोरंडा में नये ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की गयी है. यहां महिलाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे, ताकि उन्हें रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके. ट्रेनिंग सेंटर में चूड़ी, मोमबत्ती , बिंदी व अगरबत्ती बनाने के साथ ही सिलाई , ब्यूटीशियन सिखाया जाएगा. वृद्धि फाउंडेशन संगठन के संस्थापक मनीष सिंह चंदेल ने कहा कि ऐसा प्रशिक्षण केंद्र झारखंड के विभिन्न जिलों में खोला जायेगा.