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मूल्य लड़ाई

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लड़ाई (Laddai ) मीनिंग : Meaning of लड़ाई in English - Definition and Translation

  1. ShabdKhoj
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लड़ाई MEANING IN ENGLISH - EXACT MATCHES

उदाहरण : सामाजिक-विज्ञान में निहित मूल्यों की लडाई और नैतिक विरोधाभासों को,
Usage : The Kurds are combating Iraqi troops in Nothern Iraq

Usage : The terrorists were killed in an encounter with the police.
I had a brief encounter with a angry man.

Usage : And We taught him the making of metal coats of mail (for battles), to protect you in your fighting. Are you then grateful?

Usage : Already, there is criticism surrounding the act and civil - liberty groups are jumping into the fray.

OTHER RELATED WORDS

Usage : They said, 'Moses, we will never enter it so long as they are in it. Go forth, thou and thy Lord, and do battle; we will be sitting here.'

Usage : To have superior fire power is very important in winning modern wars.
This company has lots of financial fire power to avoid takeover by other company.

Usage : The top brass of the army is never at the firing line, they control the war from behind the front lines.

उदाहरण : सोमवार को अफगानिस्तान के पार्कटिका प्रान्त में एक U. S. सैनिक की गोलीबारी में मौत हो गयी.
Usage : On Monday, a U. S. soldier was killed in a gun battle in Afghanistan\\\'s Paktika province.

RELATED SIMILAR WORDS (Synonyms):

Information provided about लड़ाई ( Laddai ):

लड़ाई (Laddai) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is COMBAT (लड़ाई ka matlab english me COMBAT hai). Get meaning and translation of Laddai in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning मूल्य लड़ाई of Laddai in English? लड़ाई (Laddai) ka matalab Angrezi me kya hai ( लड़ाई का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने)

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Congress On MSP: कांग्रेस ने लिया संकल्प, MSP के लिए सड़क से संसद तक लड़ेगी लड़ाई

Congress On MSP: कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह सरकार की ‘‘जन विरोधी नीतियों’’ का विरोध करती है और किसानों की उपज के वास्ते MSP सुनिश्चित कराने के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी।

Akash Mishra

Edited By: Akash Mishra
Published on: July 31, 2022 18:35 IST

Congress Flag (File Photo)- India TV Hindi News

Image Source : PTI Congress Flag (File Photo)

Highlights

  • MSP सुनिश्चित कराने के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी पार्टी: कांग्रेस
  • कांग्रेस ने AIKC के पदाधिकारियों की बैठक के बाद यह बात कही
  • कांग्रेस जल्द ही एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी: AIKC मूल्य लड़ाई प्रमुख

Congress On MSP: कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह सरकार की ‘‘जन विरोधी नीतियों’’ का पूरे तरीके से विरोध करती है। कांग्रेस ने कहा कि वह किसानों की उपज के वास्ते न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) सुनिश्चित कराने के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी। पार्टी ने अखिल भारतीय किसान कांग्रेस(AIKC-All India Kisan Congress) के पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक के बाद यह बात कही। AIKC के नए प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि वह किसानों और मजदूरों की समस्याओं को मूल्य लड़ाई जानने के लिए देश भर में दौरा करेंगे और उन्हें समर्थन देंगे।

"केंद्र की जनविरोधी नीतियों का विरोध करेगी कांग्रेस"

सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि वह सड़क से संसद तक किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जैसी संस्थाओं का जितना चाहे ‘‘दुरुपयोग’’ करे, लेकिन पार्टी डटी रहेगी और केंद्र की ‘‘जनविरोधी’’ नीतियों का विरोध करेगी। खैरा ने किसान कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष नाना पटोले और उनकी टीम के काम की सराहना की।

"लगन से काम करने वालों को निश्चित रूप से पदोन्नत किया जाएगा"

सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि जिसने भी पिछले चार वर्षों में लगन से काम किया है, उसे निश्चित रूप से पदोन्नत किया जाएगा। साथ ही खैरा ने कहा कि किसान कांग्रेस जल्द ही एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी। जिसमें पार्टी के बड़े नेता भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों के जरिए देश के किसानों और मजदूरों के साथ ‘‘धोखा’’ किया था।

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यूक्रेन-रूस युद्ध की आंच में उबले रिफाइंड, बिगड़ा बिहारवासियों का घरेलू बजट

यूक्रेन-रूस के बीच चल रही लड़ाई से रिफाइंड के दाम बढ़ गए हैं। सांकेतिक तस्वीर।

बिहार में पाम रिफाइंड का मूल्य दस रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। ऐसा यूक्रेन-रूस के बीच चल रही लड़ाई के कारण हुआ है। सोया रिफाइंड का दाम एक हफ्ते में 160 रुपये से बढ़कर 170 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।

जागरण संवाददाता, पटना : यूक्रेन-रूस के बीच चल रही लड़ाई की आंच में रिफाइंड उबलने लगा है। युद्ध शुरू होने के बाद से अब मूल्य लड़ाई तक पाम रिफाइंड का मूल्य दस रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। सोया रिफाइंड के भाव में भी 10 रुपये प्रति लीटर की तेजी आ गई है। इससे रसोई घर का बजट फिर बिगड़ने लगा है। सोया रिफाइंड का भाव एक सप्ताह मूल्य लड़ाई के अंदर 160 रुपये से बढ़कर 170 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। इसमें दस रुपये प्रति लीटर की तेजी आई है। इसी तरह से पाम रिफाइंड का भाव भी इसी अवधि में 130 रुपये से बढ़कर 150 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। इसमें 20 रुपये प्रति लीटर की तेजी आ गई है। कयास लगाया जा रहा है कि रिफाइंड का मूल्य भी 200 रुपये प्रति लीटर पर जा सकता है।

BPSC 67th Prelims Result 2022 & BPSC 68th Notification 2022: बीपीएससी जल्‍दी ही जारी करेगा रिजल्‍ट और नोटिफिकेशन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

क्यों बढ़ रही है कीमत

बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश तलरेजा ने कहा कि भारत में कुल खपत का 65 प्रतिशत खाद्य तेल विदेशों से आयात होता है। यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद आयात प्रभावित हुआ है। परिवहन अस्त-व्यस्त हो चुका है। लदान करने वाले जहाज किराया बहुत अधिक ले रहे हैं। विदेशों में सोयाबीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। इन्हीं वजहों से रिफाइंड का मूल्य तेजी से बढ़ रहा है। लड़ाई शीघ्र बंद नहीं हुई तो अभी कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।

Air Quality Index of Bihar बिहार में प्रदूषण की वजह से हवा का बुरा हाल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

  • - सोया रिफाइंड का मूल्य 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ा
  • - पाम रिफाइंड में 20 रुपये प्रति लीटर की जोरदार तेजी

सरसों तेल का मूल्य स्थिर

सरसों तेल का मूल्य अभी स्थिर बना हुआ है। इसका न्यूनतम भाव 175 रुपये और अधिकतम भाव 200 रुपये प्रति लीटर चल रहा है। मंडीदारों का कहना है कि सरसों की नई पैदावार भी छिटपुट तौर पर मंडी में आ रही है लेकिन जबतक रिफाइंड का मूल्य नीचे नहीं आता है सरसों तेल के भाव में गिरावट की उम्मीद कम है।

President Election 2022: मैं सिर्फ मूल्य लड़ाई राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ रहा, सरकारी एजेंसियों के खिलाफ भी है ‘जंग’, बोले यशवंत सिन्हा

विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आगे कहा, 'मैं आज सभी मतदाताओं से अपील करना चाहता हूं कि वो अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुने. मैं उम्मीद करता हूं कि सब प्रजातंत्र को बचाने के लिए मेरे पक्ष में अपना वोट डालेंगे.'

President Election 2022: मैं सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ रहा, सरकारी एजेंसियों के खिलाफ भी है

TV9 Bharatvarsh | Edited By: गरिमा तिवारी

Updated on: Jul 18, 2022 | 11:38 AM

President Election 2022: भारत के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार मूल्य लड़ाई को वोटिंग शुरू हो गई. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का मुकाबला विपक्ष मूल्य लड़ाई के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) से है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट डाला. मतदान की प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है. चुनाव के लिए मतदान शुरू होने के बाद विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि “ये चुनाव लोकतंत्र की दिशा तय करेगा”.

यशवंत सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले दिनों में ये दिशा तय करेगा कि भारत में प्रजातंत्र बचेगा या धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा. अभी तक मिले संकेत से पता चलता है कि हम समाप्ती की ओर बढ़ रहे हैं.मूल्य लड़ाई ’ सिन्हा ने आगे कहा, ‘मैं आज सभी मतदाताओं से अपील करना चाहता हूं कि वो अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुने. मैं उम्मीद करता हूं कि सब प्रजातंत्र को बचाने के लिए मेरे पक्ष में अपना वोट डालेंगे.’ सिन्हा ने कहा, ‘मैं सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ रहा हूं. मैं सरकारी एजेंसियों के खिलाफ भी लड़ रहा हूं. वे इन दिनों बहुत ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं. वे पार्टियों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों को उन्हें वोट देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इसमें सारा पैसे का खेल है.’

राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त तरीके से होता है मतदान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों की विधानसभा में मतदान की प्रक्रिया जारी है. राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त तरीके से मतदान होता है और राजनीतिक दल मतदान के संदर्भ में व्हिप नहीं जारी कर सकते. वोटों की गिनती संसद भवन में होती है. वहीं, चुनाव की मतगणना 21 जुलाई को होगी. जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से इस बार सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है. राज्यों में विधायकों के मतों के मूल्य अलग-अलग हैं.

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उत्तर प्रदेश के विधायकों का मत मूल्य ज्यादा

उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है. उत्तर प्रदेश के विधायकों के मत का मूल्य 208 है, जबकि झारखंड और तमिलनाडु के विधायकों का मूल्य 176 है. महाराष्ट्र में यह 175, सिक्किम में 7, नगालैंड में 9 और मिजोरम में 8 है. मुर्मू अगर यह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो स्वतंत्रता के बाद जन्मी इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली नेता होंगी. वह देश की पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति भी होंगी.

किसानों का आंदोलन आजादी मूल्य लड़ाई की दूसरी लड़ाई, सभी किसान इसमें लें भाग: किसान नेता रामपाल जाट

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केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई में भाग लेने के लिए किसान महापंचायत की ओर से आह्वान किया गया है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने इसे आजादी की दूसरी लड़ाई बताते हुए आह्वान किया है.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से लाई गई कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई में भाग लेने के लिए किसान महापंचायत की ओर से किसानों से आह्वान किया गया है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसानों की ओर से किया जा रहा आंदोलन आजादी की दूसरी लड़ाई है.

इसमें भागीदारी के लिए राजस्थान से किसानों का जंतर–मंतर पर कूच निरंतर चालू है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसी क्रम में 2 दिसंबर को शाहजहांपुर हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर किसान एकत्रित होकर दिल्ली कूच करेंगे. जाट ने कहा कि किसानों को मूल्य लड़ाई उनकी उपजों के पूरे दाम के लिए किसान केंद्रित कृषि आधारित विकास का प्रारूप अपरिहार्य है और निवेश आधारित विकास के प्रारूप पर विराम आवश्यक है.

इसी दिशा में बढ़ने के लिए केंद्र सरकार को तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपजों के लाभकारी दाम दिलाने की दिशा में पहल करनी चाहिए. रामपाल जाट ने बताया कि किसान महापंचायत पिछले एक दशक से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों में बिक्री को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है. यह संघर्ष दूदू से शुरू होकर संपूर्ण देश में पहुंच गया और इसे ऋण मुक्ति के मंत्र के रूप में माना जा रहा है.

जाट ने बताया कि 10 साल पहले राजस्थान के दूदू से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्राम स्तर पर, वर्षभर दाने-दाने की खरीद की गारंटी का कानून बनाने के लिए संघर्ष शुरू हुआ था. उसी में से किसानों की सुनिश्चित आय व मूल्य का अधिकार विधेयक 2012 का प्रारूप तैयार हुआ है. जिसका प्रमुख नारा पूरा मोल– घर में तौल का आगाज हुआ. इस आंदोलन को देश भर में पहुंचाने के लिए किसान संगठनों के विभिन्न समूहों में चर्चा के उपरांत सर्वसम्मति बनाने का काम चला.

जिसका आधार सीकर की कार्यशाला में 'किसान खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है” का उद्घोष किया गया. जाट ने कहा कि इसकी क्रियान्विति का प्रमुख नारा खुशहाली के दो आयाम – ऋणमुक्ति और पूरे दाम' की देश भर में गूंज हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए किसान विरोधी कानूनों के विरोध में देश भर के किसान आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र सरकार किसानों की आवाज सुनने के बजाय उसे दबाने पर उतारू है.

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