जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है

ये रही Top-5 महंगे स्टॉक्स की लिस्ट, सबसे ज्यादा कीमत वाले MRF शेयर के नतीजों ने किया हैरान
डिविडेंड्स: एक महाशक्ति जिसे पहचाना जाना चाहिए
दो प्रमुख कारकों के कारण, पूरे समय में निवेशकों के बीच इक्विटी निवेश की लोकप्रियता बढ़ी है। सबसे पहले, यह निवेश के एक सीधे और अविश्वसनीय रूप से व्यावहारिक रूप के रूप में कार्य करता है। दूसरा, इक्विटी निवेश का एक मिश्रित रूप है। दूसरे शब्दों में, लंबी अवधि के इक्विटी निवेशक इक्विटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले दो प्रकार के रिटर्न से लाभ प्राप्त करने के लिए खड़े होते हैं। सबसे पहले, वे लाभांश के रूप में निवेशकों को नियमित आय प्रदान करते हैं। दूसरा, निवेशकों को लाभ तब होता है जब उनके शेयरों का मूल्य समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ता है; इसे कैपिटल गेन या कैपिटल एप्रिसिएशन कहा जाता है। अधिकांश निवेशक, लगभग जुनून की हद तक, रिटर्न के अपने पसंदीदा तरीके के रूप में पूंजीगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, इक्विटी मार्केट कैपिटल गेन पर ध्यान देने के कारण, हम अक्सर डिविडेंड को एक अलग घटक और एक अलग प्रकार के रिटर्न के रूप में नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, मैं इस बात पर चर्चा करने जा रहा हूं कि आज की पोस्ट में पूंजीगत प्रशंसा के रूप में लाभांश कितना आकर्षक हो सकता है।
एक महीने मे 20% का रिटर्न, विदेशी निवेशकों ने खरीदे 3 करोड़ शेयर
शेयर बाजार मे स्टॉक के प्रदर्शन पर भारतीय निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों की निगाह भी टिकी रहता है। जब कोई स्टॉक बेहतर प्रदर्शन कर रहा होता है तो उसे खरीदने में विदेशी निवेशक भी देरी नहीं करते हैं। सालासार टेक्नो इंजीनियरिंग उन्हीं स्टॉक में से एक है जिसने निवशकों को इस साल शामदार रिटर्न दिया है। इस स्टॉक के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए बड़ा दांव खेला है।
"शेयर बाजार में पैसा बनाना आसान नहीं", Zeordha के सीईओ नितिन कामत ने निवेश को लेकर दी ये सलाह
देश के सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) का कहना है कि वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने के जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है लिए जरूरी है, जितनी जल्दी हो सके उतना जल्दी निवेश करने की आदत डालनी चाहिए। मनीकंट्रोल (Moneycontrol) के जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है साथ एक बातचीत में कामत में पैसों से जुड़े अपने कुछ व्यक्तगित अनभुव साझा किए। साथ ही ट्रेडिंग के अपने शुरुआती दिनों से लेकर जीरोधा को शुरू करने तक के बीच में सीखी बातों को शेयर किया। पेश हैं बातचीत के संपादित अंश:
सवाल: फिनफ्लुएंसर्स (फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स) के इस जमाने में, लोगों के लिए पैसों कों संभालने से जुड़ी जरूरी जानकारी हासिल करने का सही तरीका क्या हो सकता है।
जवाब: इन्फ्लुएंसर्स ने ऐसा महसूस कराया है कि शेयर बाजार से पैसा कमाना बहुत आसान है, जबकि ऐसा नहीं है। हम एक बुल मार्केट के बीच में हैं, और एक कहावत है कि एक बुल मार्केट में एक मूर्ख भी बहुत स्मार्ट महसूस करता है क्योंकि इस दौरान सब ऊपर की तरफ जाता है। पिछले दो-तीन सालों से हम जो बुल मार्केट देख रहे हैं, वैसा कई दशकों में एक बार आता है।
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शेयर बाजार में पैसा कमाना आसान नहीं है। यहां निवेश शुरु करने का एक सही तरीका इंडेक्स म्यूचुअल फंड हो सकता है। फिर एक बार जब आप बाजार पर नजर रखना शुरू कर देते हैं तो जाहिर तौर पर एक किसी खास सेक्टर में आपकी दिलचस्पी जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है काफी बढ़ जाएगी।
उदाहरण के लिए, जब मैंने शुरुआत की, तो फाइनेंशियल सर्विसेज मार्केट मुझे पंसद आया और मैं इस निगरानी लगने लगा। जैसे NBFC फर्में क्या कर रही हैं, ब्रोकर्स क्या कर रहे हैं आदि। जब जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है आप किसी खास सेक्टर के समीकरण और उसके बिजनेस मॉडल को समझने लगते हैं, मेरी राय में तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए। कोई भी स्टॉक टिप्स के जरिए लंबी अवधि में पैसा नहीं कमा सकता है।
शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त ध्यान रखें ये बातें, मुनाफा होने का चांस हो जाएगा डबल
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त कंपनी का चुनाव और पैसे लगाने का समय बहुत अहम होता है. इसके अलावा भी कई चीजें होती हैं, जिनसे तय होता है कि आपको फायदा होगा या नुकसान.
कोरोना काल के दौरान बहुत सारे लोगों ने अपने डीमैट अकाउंट खुलवाए और शेयर बाजार (Investing in Share Market) में पैसे लगाए. कुछ ने फायदा भी कमाया और कुछ को तगड़ा नुकसान भी हुआ. शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान किसे फायदा होगा और किसे नुकसान, यह बहुत हद तक आपके चुनाव और आपके फैसलों जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है पर निर्भर करता है. अगर आप शेयर बाजार से तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा.
1- शेयरों का चुनाव सबसे अहम
शेयर बाजार में निवेश करने में सबसे अहम होता है शेयरों का चुनाव. आपको जिस भी कंपनी का शेयर खरीदना है सबसे पहले उसके बारे में पूरी एनालिसिस करें. देखें कि कंपनी का बिजनस क्या है और कैसा चल रहा है. चेक करें कि कंपनी को फायदा हो रहा है या नुकसान. ये भी देखें कि कंपनी भविष्य को लेकर क्या प्लान बना रही है. इतना ही नहीं, कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में भी जरूर स्टडी करें, क्योंकि अगर मैनेजमेंट में ही गड़बड़ होगी तो तगड़ा मुनाफा देने वाली कंपनी भी भारी नुकसान का सबब बन सकती है.
वैसे तो शेयर बाजार में निवेश करने का सही समय क्या है, ये कोई नहीं बता सकता, लेकिन आपको इसका अनुमान लगाना होगा. इसके लिए आपको खबरों को अच्छे से पढ़ना होगा, ताकि इस बात का अंदाजा लगाया जा सके कि शेयर बाजार में तेजी कब से शुरू हो सकती है या ये पता चल सके कि कब तक बाजार गिरेगा. कोरोना काल में जब बाजार गिरने लगा तो बहुत सारे लोगों ने पैसे निकालने शुरू कर दिए. वहीं जो लोग बाजार और खबरों को अच्छे से ट्रैक कर रहे थे, उन्होंने निचले स्तरों पर पैसा लगाया और चंद महीनों में ही दोगुना-तिगुना मुनाफा कमाया. उस सही समय को अगर आप पहचान लेते हैं तो आपको भी तगड़ा मुनाफा हो सकता है.
3- निवेश पर करें फोकस, ट्रेडिंग पर नहीं
शेयर बाजार में पैसा लगाने का मतलब अधिकतर लोग ये समझते हैं कि हर रोज सुबह से शाम तक शेयर बाजार ही देखते रहें. उन्हें लगता है कि जैसै ही दाम बढ़ेंगे, शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेंगे. कई लोग एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच देते हैं, जिसे इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है. वहीं कुछ लोग कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों में मुनाफा काट लेते हैं, जिसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं. वहीं सबसे तगड़ा मुनाफा मिलता है निवेश से, जो लंबे वक्त के लिए किया जाता है. राकेश झुनझुनवाला से लेकर वॉरेन बफे तक सभी निवेश की सलाह देते हैं. कभी-कभी ट्रेडिंग बुरी बात नहीं, लेकिन अधिकतर समय निवेश के बारे में सोचना चाहिए.
शेयर बाजार में वह लोग अक्सर मुंह की खाते हैं, जो अपना सारा पैसा एक ही शेयर में झोंक देते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त सारा पैसा एक ही शेयर में नहीं लगाना चाहिए, बल्कि एक पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. अगर आप एक ही शेयर में पैसे लगाएंगे और उसमें नुकसान होता है तो आपके सारे पैसे डूब सकते हैं. वहीं अगर आपने एक पोर्टफोलियो बनाया होगा और आप कई शेयरों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाते हैं तो एक के नुकसान की भरपाई दूसरे शेयर से हो जाएगी.
5- टिप्स के चक्कर में कभी ना फंसें
शेयर बाजार में जो निवेश की शुरुआत करता है, वह शुरू-शुरू में कुछ लोगों से ये जरूर पूछता है कि किस शेयर में पैसे लगाने चाहिए. अगर आपने भी ऐसा कुछ किया है या करने की सोच रहे हैं तो ये ख्याल अपने मन से अभी निकाल दीजिए. तमाम दिग्गज निवेशकों की भी हमेशा यही सलाह रहती है कि टिप्स के चक्कर में ना पड़ें. ना ही झुनझुनवाला या बफे जैसे निवेशकों के पैटर्न को फॉलो करें. अगर कुछ गड़बड़ दिखती है तो वो तो अपना पैसा मार्केट से निकाल लेंगे, लेकिन आप फंसे रह जाएंगे. कभी भी टिप्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि कंपनी के बारे में पूरी रिसर्च करने के बाद ही उसमें पैसे लगाने चाहिए.
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ग्लोबल न्यूज पर विशेष ध्यान रखें, खासकर अमेरिकन मार्केट पर. अगर विदेशी बाजार में उथल-पुथल होती है, तो उसका भारतीय शेयर बाजार पर असर दिखता ही है. जैसे ग्लोबल मंदी या अमेरिका में मंदी आने का असर भारत पर दिखता है. अगर फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं, तो उसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता ही है. ऐसे में आपको ग्लोबल न्यूज और मार्केट सेंटिमेंट को ध्यान में रखते हुए ही शेयर बाजार में पैसे लगाने चाहिए.
कैसी गाजर खरीदें?
गाजर खरीदने से पहले डिसाइड करना होगा कि हम क्या बनाने वाले हैं जैसे- अगर हलवा बनाने के लिए गाजर खरीदनी है, तो हमेशा बड़ी और मोटी गाजर खरीदें क्योंकि मोटी गाजर मीठी होती है। वहीं, सब्जी या फिर नमकीन चीज के लिए पतली गाजर सही रहती है। ऐसा कहा जाता है कि पतली गाजर ज्यादा मीठी नहीं होती, जिसकी सब्जी अच्छी बनती है। (गाजर के बेकार छिलके यूं करें इस्तेमाल)
गहरे रंग की गाजर खरीदना होगा बेहतर
अच्छी गाजर खरीदने के लिए जरूरी है कि हम इसके कलर पर भी ध्यान दें। कहा जाता है कि गहरे रंग की गाजर अच्छी होती है। हालांकि, मार्केट में कई तरह की गाजर जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है मिल जाएंगी जैसे- बैंगनी, लाल, पीली गाजर, लेकिन कहा जाता है कि डार्क नारंगी या लाल कलर की गाजर खरीदना बेस्ट रहेगा। वहीं, अगर आप हल्के रंग की गाजर खरीद रहे हैं, तो पतली गाजर ही खरीदें।
कैसे पता लगाएं गाजर ताजी है या नहीं?
गाजर की ताजगी का अंदाजा हम गाजर के पत्तों से लगा सकते हैं क्योंकि यह हम सब जानते ही हैं कि ताजे पत्ते हरे होते हैं। अगर गाजर के ऊपर की पत्तियां मुरझाई हुई हैं, तो इसका मतलब यह ताजी नहीं हैं। वहीं, हम ताजी गाजर का पता इसकी महक से लगा सकते हैं। अगर आपको गाजर से कोई महक नहीं आ रही है, तो बेहतर होगा कि इसे न खरीदें।
इन बातों का रखें ध्यान
- दाग या निशान वाली गाजर न खरीदें क्योंकि यह गाजर खाने का स्वाद बेकार कर सकती है।
- गाजर खरीदने के पहले हम एक सैंपल के तौर पर टेस्ट करके देख सकते हैं। (गाजर की छह बेहतरीन रेसिपीज)
- ज्यादा हैवी गाजर न खरीदें क्योंकि कहा जाता है कि वजनदार गाजर के अंदर गंठल ज्यादा निकलता है।
हमें उम्मीद है कि आप सब समझ गए होंगे कि आपको बाजार से किस तरह की गाजर खरीदनी है। वहीं, अगर आपको कोई और हैक पता है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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