ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं

बजाज फिनसर्व में निवेशक नि:शुल्क डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोल सकते हैं। खाता खोलने का कोई शुल्क और वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं है। यह दो सब्सक्रिप्शन ऑफर- एक फ्रीडम पैक और एक प्रोफेशनल पैक ऑफर करता है, जिनमें विभिन्न ब्रोकरेज शुल्क होते हैं। ध्यान दें कि वार्षिक सदस्यता शुल्क केवल पहले साल नहीं देना होगा। उसके बाद के वर्ष के लिए 431 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
DP Charges क्या होता है?
स्टॉक मार्केट में जब हम इनवेस्टमेंट करते हैं तो हमें कई तरह के चार्जेज देने होते हैं। कई बार कुछ चार्ज के बारे में हमें ठीक से पता नहीं होता। हम आज कि इस ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं पोस्ट में ऐसे ही एक चार्ज को जानेंगे जिसे DP Charges कहा जाता है। हम जानेंगे कि DP Charges क्या होते हैं यह हमें कैसे देना होता है और डीपी चार्जेज कितना होता है। तो आप इस बेहद इंपोर्टेंट टॉपिक को आखिर तक ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं देखे और डीपी चार्जेज को अच्छे से समझे।
नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है हमारी वेबसाइट the-gyan.in पर। आइए चलते हैं पहले सवाल पे डीपी चार्जेज क्या होते हैं।
DP Charges क्या है?
दोस्तो DP Charges का पुरा नाम होता है डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट चार्जेस। और डीपी चार्जेज को समझने से पहले हमें depositary को समझना होगा। स्टॉक मार्केट में डिपॉजिटरी का मतलब होता है वह जगह जहां पर हमारे शेयर्स डिपॉजिट होते हैं। जब हम किसी भी ब्रोकर के प्लेटफॉर्म से शेयर डिलिवरी पर बाय करते हैं तो वह शेर डिजिटली हमारे डीमैट एकाउंट में सेव होते हैं और डीमैट एकाउंट सिर्फ और सिर्फ एक डिपॉजिटरी ही ओपन कर सकती हैं।
दोस्तो इंडिया में सिर्फ दो ही डिपॉजिटरी हैं जो डीमैट अकाउंट प्रोवाइड करती हैं। एक का नाम है सीडीएसएल यानी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड और दूसरी का नाम है एनएसडीएल यानी नैशनल सिक्युरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड। हम चाहे किसी भी ब्रोकर के जरिए इनवेस्टमेंट करें हमारा डीमैट एकाउंट इन्हीं दो डिपॉजिट्रीस में से किसी एक में होगा।
दोस्तो जब हम शेयर्स बाय करते हैं तो हमारे शेयर्स ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं इन्हीं दो डिपॉजिटरी के डीमैट अकाउंट में से होते हैं और जब हम अपने डीमैट एकाउंट में होल्ड के शेयर्स को सेल करते हैं तो हमारे शेयर्स यही से सेल होते हैं। यानी कि हमारे बाय करने से लेकर सेल करने के टाइम तक हमारे शेयर्स इन डिपॉजिटरी के डीमैट अकाउंट में होते हैं। और अगर हम जिस भी ब्रोकर के जरिए शेयर्स बाय करते हैं उस ब्रोकर के बिजनेस बंद हो गया तो घर सीडीएसएल से या एनएसडीएल के अपने डीमैट एकाउंट से अपने शेयर ऐक्सेस कर सकते हैं।
Parts of DP Charges
दोस्तो डीपी चार्जेज में डिपॉजिटरी के अलावा अगर ब्रोकर चाहें तो वो भी कुछ फीस add करके ले सकता है। क्योंकि ब्रोकर को भी अपनी डिपॉजिटरी को कई तरह की फीस की पेमेंट करनी होती है और अगर ब्रोकर्स की ब्रोकरेज चार्जेज कम हैं तो फिर डीपी चार्जेज के जरिए अक्सर ऐसे ब्रोकर कुछ फीस लेते हैं।
इसका मतलब है दोस्तो डीपी चार्जेज के दो भाग होते हैं:
पहला चार्ज जो डिपोजिटरी चार्ज करती है और वो हमें हर ब्रोकर के पास देना ही होता है और दूसरा चार्ज ब्रोकर का चार्ज जो ब्रोकर टू ब्रोकर अलग अलग होता है।
DP Charges में कितनी फीस देनी होती है?
आइए हम देखते हैं कि आखिर हमें DP Charges में कितनी फीस देनी होती है। दोस्तो डीपी चार्ज हमेशा तभी लगता है जब हम अपनी होल्डिंग्स यानी डीमैट अकाउंट के शेयर सेल करते हैं। और पर कंपनी पर सेलिंग डे का सीडीएसएल हमसे 5 रुपये 50 पैसे चार्ज करती है और एनएसडीएल हमसे 4 रुपये 50 पैसे पर कंपनी पर सेलिंग डे का चार्ज लेती है। यानी कि अगर हमारा डीमैट एकाउंट सीडीएसएल में है तो एक दिन में हमें एक कंपनी के शेयर सेल करने पर 5 रुपये 50 पैसे सीडीएसएल को देने होंगे।
यहां पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम एक कंपनी के एक दिन में एक शेयर सेल करे या 1000 शेयर्स सीडीएसएल हमसे हर कंपनी के शेयर्स पर 5 रुपये 50 पैसे ही चार्ज करेगी।
डिपॉजिटरी के अलावा हर ब्रोकर के चार्ज अलग अलग हो सकते हैं। आइए हम कुछ ब्रोकर्स की टोटल डीपी चार्जेस को देखते हैं।
angel broking kya hai hindi | क्या एंजेल ब्रोकिंग सेफ है ?
angel broking एक भारत का सबसे जायदा पॉपुलर है जिसमें आप आसानी से अपना एक डिमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं ऑफिस में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं यह जीरोधा से भी अच्छा ऐप है जिसमें आप अपने शेयर को खरीद सकते हैं और भेज सकते हैं
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एंजेल ब्रोकिंग के स्थापना कब हुई
8 अगस्त 1996 महेंद्र बुकिंग को शुरू किया गया जिसमें आप अपना पैसा निवेश कर सकते हैं और आप इसमें कितना डिमैट अकाउंट ओपन करने के बाद लंबे समय तक पैसे को निवेश करके रख सकते हैं क्योंकि यह एक सबसे ज्यादा सुरक्षित प्लेटफार्म है
अगर अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो एंजल ब्रोकिंग डिमैट अकाउंट के साथ जा सकते हैं क्योंकि एंजेल ब्रोकिंग फ्यूचरिस्टिक प्लेटफार्म में जहां पर आप अपना पैसा निवेश कर सकते हैं।
और ऐसा निवेश किया हुआ सबसे अच्छे तरीकों से इनमें स्टॉक में रहता है इसमें आपका चार्ज भी कम लगता है इंडिया में सबसे पहले एंजेल ब्रोकिंग को लाया गया।
क्या एंजल ब्रोकिंग लंबे समय के लिए सुरक्षित है
एंजल ब्रोकिंग लंबे समय के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित है जिसमें आप अपना पसंद भेज कर ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं सकते हैं और सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी एडवांस इसी के अंदर यूज किया गया है जब आप अपने किसी भी तरह के स्टॉक को मॉनिटर कर सकते हैं।
इसको किसी भी समय से आउट कर सकते हैं यह सब जानकारियां एंजेल बुकिंग के अंदर ही है
एंजल ब्रोकिंग शेयर कैसे खरीदे
एंजेल बुकिंग मैसेज भेजने के लिए आपको इसकी ट्रेडिंग के बटन पर जाना है एक्सप्लॉरर पर चेक करना है जिस भी शेर को खरीदना चाहते हैं उसका नाम दर्ज करें और वह आपको ऊपर ही मिल जाएगा इससे आप आसानी से शेयर खरीद सकते हैं
एंजल ब्रोकिंग में किसी भी स्टाफ को लेने बेचना बहुत ही आसान है क्योंकि एंजेल बुकिंग सबसे ज्यादा यूजर्स के लिए फायदा पहुंचाने वाले चीजें हैं।
एंजेल ब्रोकिंग में मार्जिन प्लेस क्या है?
एंजेल ब्रोकिंग में आज के समय में सबसे अच्छा प्लेटफार्म तो एंजेल ब्रोकिंग ही है और इसमें आप लोगो को कम से कम 18 % का gst काट लिया जाता है।
जिसमे आप लोगो को अपने एंजेल ब्रोकिंग के इस अकाउंट से बहुत अच्छा पैसा कमा सकते है जिसमे आप लोग आसानी से अपना पैसा निवेश कर सकते है।
शेयर मार्केट में डिलीवरी का मतलब क्या होता है?
शेयर मार्किट में डिलीवरी का मतलब किसी भी अकाउंट में अपने फण्ड को होल्ड पर रखना ही डिलीवरी में आता है जिसमे आप लोग अपने शेयर को होल्ड पर रख सकते ही जिसको आप लोग डिलीवरी बोलते है।
आइए जानते हैं क्या होता है डीमैट अकाउंट, इसे कैसे खोलते हैं
डीमैट का पूरा फुल फॉर्म Dematerialize है। डीमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जिसके माध्यम से लोग शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री आसानी से कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है। इसके लिए पैन कार्ड (PAN CARD) होना जरूरी है। बिना पैन कार्ड के कोई भी व्यक्ति डीमैट अकाउंट नहीं खुलवा सकता है।
इस तरह से हम कह सकते हैं कि डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए लोग करते हैं। जिस तरह से लोग अपना पैसा बैंक अकाउंट में जमा करके रखते हैं। ठीक उसी तरीके से डीमैट अकाउंट में लोग शेयर को जमा कर के रखते है। डीमैट अकाउंट होने से हम जिस तरह से ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट करते हैं उसी तरीके से शेयर को भी एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में डिजिटल ट्रांसफर कर सकते हैं। अर्थात शेयरों को भौतिक रूप में बदलने की प्रक्रिया को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है। पहले के समय में जब लोग शेयर को खरीदते थे तो कंपनी शेयर से जुड़े दस्तावेज भेज दी थी। जो इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी के शेयर में निवेश कर रखा है। वही जब आप शेयर को बेचते थे तो वही दस्तावेज कंपनी को दिया जाता था और उसमें लिखें भाव के हिसाब से आपको पैसा दिया जाता था। यह प्रक्रिया काफी जटिल होती थी। यही वजह थी कि आम जनता शेयर मार्केट में निवेश करने से बचती थी। समय के साथ नई तकनीक आई। आज इंटरनेट के दौर में सब कुछ डिजिटल हो गया है। ऐसे में शेयर की खरीद और बिक्री भी डिजिटल माध्यम से होने लगी है और अब डीमेट अकाउंट के जरिए होती है।
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
- पैन कार्ड PAN CARD
- आधार कार्ड AADHAR CARD
- पासपोर्ट साइज की दो फोटो
- कैंसिल चेक
- सेविंग बैंक खाता पासबुक
भारत में डीमेट अकाउंट खोलने के लिए जो संस्थाएं है –
- एनएसडीएल (NSDL – National Security Depository Limited)
- सीडीएसएल (CDSL – Central Security Depositary Limited)
आज भारत में इन दोनों कंपनियों के 500 से भी अधिक एजेंट है। जिन्हें डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के नाम से जाना जाता है। यह लोगों का डीमेट अकाउंट खोलने का काम करती है। डीमेट अकाउंट बैंक ही नहीं बल्कि अन्य संस्थाएं भी हो सकते हैं जिसमें प्रमुख रूप से भारत में डीमेट अकाउंट खोलने वाली संस्था sharekhan, india infoline आदि है।
शेयर बाजार ट्रेडिंग के लिए फ्री में खोलें डीमैट अकाउंट ,ये ब्रोकिंग कंपनियां दे रही हैं शानदार मौका
शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना बहुत जरूरी है। आप डीमैट अकाउंट किसी बैंक के साथ खोल सकते हैं या फिर ब्रोकरिंग कंपनियों के साथ भी डिमैट अकाउंट खोला जा सकता है। पहली बार निवेश करने वाले ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ब्रोकिंग कंपनियां उन्हें मुफ्त डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने का मौका दे रही हैं। चलिए, इन पर एक नजर डालते हैं।
ICICI डायरेक्ट
ICICI डायरेक्ट आपको 3-इन-1 ट्रेडिंग खाता प्रदान करता है, जिसमें आपको डीमैट, ट्रेडिंग और बैंक खाता खोलने की सुविधा मिलती है। पहले वर्ष के लिए, डीमैट खाते पर कोई एएमसी (वार्षिक रखरखाव शुल्क) नहीं है। हालांकि, दूसरे वर्ष से 700 रुपये (करों के बिना) का शुल्क लगाया जाता है। यदि डीमैट खाता बीएसडीए द्वारा कवर किया जाता है, तो 50000 रुपये तक मूल्य रखने के लिए कोई एएमसी शुल्क नहीं लिया जाता है। वेबसाइट के अनुसार, कोई खाता खोलने का शुल्क ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं नहीं है और इसे 10 मिनट के भीतर खोला जा सकता है।
What Is Share
किसी भी कंपनी को अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है, इसी लिए वो अपना शेयर जारी करती है, आप जितना शेयर खरीदते हैं उतने परसेंट के मालिक बन जाते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता है कि आपने रिलायंस का शेयर खरीदा है तो आप अगले दिन कंपनी के ऑफिस में घुस कर शेखी बघारने लगे. अगर कंपनी को प्रॉफिट होता है तो आपको भी प्रॉफिट होगा और अगर कंपनी को घाटा होता है तो आपको भी होगा।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए क्या दस्तावेज चाहिए (Documents Required For Investing In Share Market)
1. आपके पास PAN Card होना चाहिए,
2. KYC होनी चाहिए, इससे संस्था अपने ग्राहक के पहचान और पते को वेरिफाई करती है,
ब्रोकर को कैसे चुनें (How To Choose Broking Firm)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने के लिए आपको एक भरोसेमंद ब्रोकिंग फर्म की जरूरत होती है। जैसे Angel Brokering, Sharekhan, आईसीआईसीआई या फिर India Bulls,
किसी भी शेयर की ट्रेडिंग के लिए ब्रोकिंग फर्म ही आपका माध्यम होते हैं। आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकिंग फर्म आपसे चार्ज लेते हैं, जैसे टोटल अमाउंट का 0.1 से लेकर 0.5% तक, ब्रोकिंग फर्म भी 2 तरह की होती हैं एक Full Time Broker, और ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं दूसरा Discounting Service Broking,
Full Time Broker आपको कॉल कर के शेयर मार्केट की जानकरी देते रहते हैं, और अन्य फेसिलिटी भी देते हैं, आपके कहने पर आपका पैसा लगा देते हैं। लेकिन कुछ Full Time Broker कंपनी इसके बदले 0.10% तक ब्रोकिंग लेती है
Discounting Service Broking में आप सिर्फ ट्रेडिंग का काम करते हैं, कंपनी आपको कुछ नहीं बताती,
इन्वेस्ट करने का तरीका (Investing Category)
इन्वेस्ट करने के 2 तरीके होते हैं पहला Intraday Trading, और दूसरा Delivery Base Trading.ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं
इन्वेस्ट करने का यह एक तरीका होता है, जिसे Intraday Trading कहते हैं। इसमें आप उसी दिन शेयर खरीद कर उसी दिन बेचते हैं, अगर शेयर की वेल्यू बढ़ गई और आपने उस वक़्त उसे बेच दिया फिर तो कमाई हो गई, और अगर आप मार्केट बंद होने के बाद भी शेयर नहीं बेच पाते तो जो शेयर की करेंट वेल्यू रहती है उसमे वह खुद बिक जाते हैं।
What Is Delivery Base Trading
इसमें आप शेयर को होल्ड कर के रख सकते हैं, जबतक आपका मन करे तबतक, इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कह लीजिये, इसमें रिस्क कम रहता है और हो सकता है जो शेयर आप आज 10 रुपए का खरीदें वो 10 साल बाद 2 हाज़र रुपए का हो जाए।
आज के समय में शेयर में इन्वेस्ट करना बहुत आसान हो गया है, आप किसी भी ब्रोकिंग कंपनी का ऐप डाउनलोड कर के उसमे रेजिस्टर कर सकते हैं।
6. Kotak Stock Trader App
8. Motilal Oswal Trading App
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