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प्लेटफार्म के नुकसान

प्लेटफार्म के नुकसान
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS) सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 9 सदस्यों की एक सलाहकार समिति का गठन किया है जिसमें इंफोसिस के नंदन नीलेकणी और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर आर एस शर्मा शामिल हैं। इस समिति की रचना का मुख्य उद्देश्य को ONDC की स्वीकार्यता को बढ़ाना और तेजी से इसे प्रमोट करने के तरीके ढूंढना है।

प्लेटफार्म पर चढ़ी मालगाड़ी, 2 की मौत

भुवनेश्वर। ओडिशा के जाजपुर जिले में कोरेई रेलवे स्टेशन पर सोमवार सुबह करीब 6ः40 बजे एक मालगाड़ी प्लेटफार्म में चढ़ गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए। उन्हें अस्पताल भेजा गया। फिलहाल रेल आवागमन प्रभावित है। रेलवे ने लंबी दूरी की आठ गाड़ियों को आसपास के स्टेशनों पर रोक दिया है। साथ ही कुछ ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया है।

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक हादसे के बाद अप और डाउन दोनों लाइनों पर आवागमन बंद है। मालगाड़ी के बेपटरी होने से आठ बोगियां प्लेटफार्म में चढ़ गईं। इससे प्लेटफार्म के नुकसान कोरेई स्टेशन की इमारत को भी नुकसान हुआ है। सूचना मिलते ही रिलीफ ट्रेन और मेडिकल टीम को कोरेई भेजा गया। डीआरएम भी मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। यह मालगाड़ी डांगुआपोशी से छत्रपुर की ओर जा रही थी। इस हादसे से फुट ओवर ब्रिज भी क्षतिग्रस्त होकर टूट गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतीक्षालय और स्टेशन की इमारत का काफी हिस्सा ध्वस्त हो गया है। मलबा साफ करने में वक्त लग सकता है। क्रेन और प्लाजमा कटर की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।रेलवे के जन संपर्क अधिकारी के मुताबिक ने बताया कि दुर्घटना के कारण के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी । इस मालगाड़ी में 54 बोगी थीं। इनमें से आठ बेपटरी हुईं। मलबे में कुछ अन्य लोगों के दबे होने की आशंका जताई गई है। इसलिए मलबा हटाने में सावधानी बरती जा रही है। लोगों को सुरक्षित निकालना पहली प्राथमिकता है।

छोटे दुकान दारों को इ-कॉमर्स क्रांति का लाभ दिलाने सरकार ने बनाया है ये प्लान

सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम का नया प्लेटफार्म लांच कर रही, पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

इंटरनेट के आज के दौर में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। विभिन्न प्रकार के कारोबार भी अब ऑनलाइन होते जा रहे हैं जिसे ई-कॉमर्स के नाम से जाना जा रहा है। ई-कॉमर्स के इस क्षेत्र में देखा गया है कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी इक्का-दुक्का कंपनियों का बोलबाला हो गया है। प्लेटफार्म के नुकसान जिससे देशभर के छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इसी बेमेल परिस्थिति को कुछ हद तक नया जीवन देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयंबटूर में ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के नाम से एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। सब कुछ सही रहा प्लेटफार्म के नुकसान तो सरकार को आशा है कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से भी यूपीआई जैसी ही क्रांति लाई जा सकेगी।

सरकार के इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य छोटे दुकानदारों को लाभ पहुंचाना है। जो दुकानदार इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ेंगे उनके व्यापार करने के खर्च में कटौती आएगी। देश के ऐसे करोड़ों दुकानदारों को इससे लाभ होगा और ई-कॉमर्स सिस्टम से जुड़ने का अवसर मिलेगा। आज हालात यह हैं कि देश के तुलनात्मक दृष्टि से कम संख्या में कारोबारी फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ जुड़कर व्यापार कर रहे हैं। जो इनके साथ नहीं जुड़े हुए हैं उन्हें नुकसान हो रहा है और अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। इतना ही इन दिग्गज कंपनियों की मोनोपोली इस हद तक है कि वे चाहें तो कुछ कारोबारियों को बढ़ावा दे सकती हैं और बाकियों को पीछे धकेल सकती हैं।

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS) सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 9 सदस्यों की एक सलाहकार समिति का गठन किया है जिसमें इंफोसिस के नंदन नीलेकणी और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर आर एस शर्मा शामिल हैं। इस समिति की रचना का मुख्य उद्देश्य को ONDC की स्वीकार्यता को बढ़ाना और तेजी से इसे प्रमोट करने के तरीके ढूंढना है।

शुक्रवार को देश के 5 शहरों में ONDC को चुनिंदा ग्राहकों, विक्रेताओं और लॉजिस्टिक प्रदान करने वालों के लिए लांच किया। फिलहाल 150 रिटेलर्स को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। इस बारे में जानकारी देते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार प्रमोशन विभाग (DPIIT) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने मीडिया को बताया है कि ONDC एक सामूहिक प्लेटफार्म है जिसमें विक्रेताओं अथवा लॉजिस्टिक प्रदाताओं या पेमेंट गेटवे को स्वेच्छा से जुड़ना होगा। फिलहाल 80 कंपनियां ONDC के साथ काम कर रही हैं और उनका एकीकरण विभिन्न चरण में पहुंचा है। यह कंपनियां विक्रेताओं, खरीदारों, लॉजिस्टिक प्रदाताओं अथवा पेमेंट गेटवे के लिए अपनी ऐप बना रही हैं।

आपको बता दें कि ONDC के तहत खरीदने वाले और बेचने वाले को एक ही प्लेटफार्म पर होना जरूरी नहीं है। इसके अंतर्गत कारोबारी और ग्राहक अपने पसंदीदा प्लेटफार्म पर रहते हुए भी व्यवहार कर सकते हैं। अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, बिग बास्केट, ग्रोफर्स और जोमैटो जैसे सभी प्लेटफार्म डीपीआईआईटी और क्यूसीआई द्वारा बनाए गए प्लेटफार्म पर पंजीकरण करवाएंगे।

नागपुर प्लेटफार्म टिकट बंदी का झटका

Platform Nagpur Station

Representational Pic

  • पिछले 7 महीनों में लाखों का नुकसान

नागपुर. कोरोना संक्रमण के कारण रेलवे को कई क्षेत्रों में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इनमें प्लेटफार्म टिकट भी शामिल है. इस सुविधा को 23 मार्च से लगे लाकडाउन के बाद से बंद रखा गया है. 7 महीनों बाद भी इसके दोबारा शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे. मंडल को पिछले वर्ष केवल प्लेटफार्म टिकट से ही 1.89 करोड़ प्लेटफार्म के नुकसान रुपये की अच्छी-खासी आय हुई थी. ऐसे में मध्य रेल नागपुर मंडल भी भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा.

ट्रेनें शुरू पर सुविधा बंद

2 महीने के ऐतिहासिक लाकडाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया के श्रमिक एक्सप्रेस से शुरू करके रेलवे दोबारा अपनी व्यवस्था का पटरी पर लाने की जद्दोजहद कर रही है लेकिन यात्रियों की घटती संख्या में माथे पर बल लाकर रखे हैं. अभी तक 700 से अधिक स्पेशल ट्रेनें शुरू कर दी गई लेकिन इनमें से आधी ट्रेनों में ही यात्री की संख्या अधिक मिल रही है. दूसरी तरफ, केवल कन्फर्म टिकटधारी यात्री के ही प्लेटफार्म परिसर में प्रवेश करने के नये नियम के चलते रेलवे को प्लेटफार्म टिकट जैसे आय के स्त्रोत को भी बंद रखना पड़ रहा है.

पिछले वर्ष बिकी 19 लाख टिकटें

नागपुर स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों में शामिल हैं. कोरोना काल से पहले यहां से प्रतिदिन 30,000 से अधिक यात्रियों की आवाजाही रहती थी. ऐसे में प्लेटफार्म टिकटों भी काफी होती थी. मिली जानकारी के अनुसार, गत वर्ष 2019 में 18,89,000 प्लेटफार्म टिकट बिकें थे. इससे मंडल प्रबंधनन को 1,88,99,000 रुपये की आय हुई थी. यानि पहले प्रति माह करीब 1.50 लाख टिकटें बिकती थी. यानि औसतन 15 लाख रुपये की आय प्रति माह तय थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. 23 मार्च से बंद हुई इस सेवा से अभी तक 7 महीनों में करीब 1 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

मुंबई में 50 रुपये का PF टिकट

रेलवे द्वारा प्लेटफार्म टिकट पर 10 रुपये की दर तय की गई है जो पूरे देश में लागू हैं. लेकिन मुंबई में विशेष तौर पर 50 रुपये वसूले जा रहे हैं. रेलवे ने कहा कि इतनी अधिक दर में प्लेटफार्म टिकट बेचने का मुख्य कारण है स्टेशन परिसर में लोगों की भीड़ को कम करना ताकि कोरोना प्रसार से बचाव हो सके. रेलवे का यह कदम असर भी दिखा रहा है. 50 रुपये प्रति टिकट दर होने से अब यात्री के साथ आने वाले लोग स्टेशन परिसर में प्रवेश से बच रहे हैं.

अभी तक निर्णय नहीं : ACM राव

मध्य रेल नागपुर मंडल के सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक एसजी राव ने कहा कि स्टेशन परिसर में भीड़ कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए प्लेटफार्म टिकट की बिक्री बंद रखी गई है. हेडक्वार्टर से सूचना मिलते ही यात्रियों के लिए यह सुविधा दोबारा बहाल कर दी जायेगी.

सोशल मीडिया का फायदा

जोखिमों के बावजूद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बच्चों को डिजिटल साक्षरता कौशल विकसित करने और एक अच्छा डिजिटल पदचिह्न बनाने के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान कर सकते हैं। देखें कि सोशल मीडिया से सर्वोत्तम लाभ उठाने में उनकी मदद करने के लिए यह कौन से अन्य लाभ प्रदान करता है।

पेज पर क्या है?

पीडीएफ छवि

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सोशल मीडिया युवाओं को कैसे सपोर्ट कर सकता है

हालांकि सोशल मीडिया कुछ जोखिम पेश कर सकता है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे को अपने सोशल मीडिया के उपयोग से सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन देने के क्या लाभ हैं। नीचे उन तरीकों की सूची दी गई है जिनसे सोशल मीडिया बच्चों और युवा इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए अच्छा स्रोत हो सकता है।

सहयोगपूर्ण सीखना

दुनिया का व्यापक प्लेटफार्म के नुकसान संबंध और समझ

बच्चे अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने और विभिन्न विषयों पर अपने ज्ञान का निर्माण करने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों और विश्व साक्षात्कारों को सीख और सराहना कर सकते हैं। कई प्लेटफार्मों पर साझा किए गए इतने सारे विचारों के साथ, वे रुचि के क्षेत्रों की खोज कर सकते हैं प्लेटफार्म के नुकसान और एक शैक्षिक क्षमता में प्लेटफार्मों का उपयोग कर सकते हैं।

डिजिटल मीडिया साक्षरता

संचार और तकनीकी कौशल विकसित करना

चूंकि सोशल मीडिया अब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है, इसलिए बच्चों और युवाओं के लिए यह सीखना महत्वपूर्ण है कि कार्यस्थल में भविष्य के अवसरों के लिए उन्हें तैयार करने के लिए ऑनलाइन संवाद कैसे करें और दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत में उनका समर्थन करें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता विकसित करने में मदद मिल सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य और भलाई

कनेक्शन विकसित करने के लिए सीमाओं को हटाना

सोशल मीडिया लोगों से मिलने और बनाए रखने और सीमाओं से परे बांड बनाने की सीमाओं को हटा देता है। उन बच्चों के लिए जिनके पास विकलांगता हो सकती है या महसूस नहीं कर सकते हैं कि वे अपने समुदाय के भीतर दूसरों के साथ जुड़ सकते हैं, यह अन्य लोगों के साथ जुड़ने का एक शानदार तरीका हो सकता है जो अपने विचारों और रुचियों को साझा करते हैं।

रिश्तों को मजबूत करें

परिवार के सदस्यों के लिए उपयोग करना, जो एक स्थानीय क्षेत्र से चले गए दोस्तों के अलावा मीलों तक रह सकते हैं, रिश्तों को बनाए रखने और उन्हें संपर्क में रहने और आसानी से अपने जीवन को साझा करने की अनुमति दे सकते हैं।

सहारा लेने की जगह

यह उन मित्रों और परिवार को सहायता प्रदान करने के अवसरों को खोल सकता है जो किसी विशेष मुद्दे का अनुभव कर रहे हों। कुछ युवाओं के लिए फ्लिप की तरफ, यह एक ऐसी जगह हो सकती है जहां वे समर्थन की तलाश कर सकते हैं यदि वे किसी ऐसी चीज से गुजर रहे हैं जिसके बारे में वे उन लोगों से बात नहीं कर सकते हैं।

सामाजिक भलाई के लिए अभियान चलाना

सोशल मीडिया युवाओं को एक विशेष कारण के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिसमें वे रुचि रखते हैं, जहां वे इसे देखना चाहते हैं, परिवर्तन को प्रभावित करने पर वास्तविक दुनिया का प्रभाव पड़ता है।

एक सकारात्मक डिजिटल फुटप्रिंट विकसित करें

युवा लोग अपने खातों का उपयोग अपनी उपलब्धियों को साझा करने, अपनी प्रतिभा दिखाने और बाद में जीवन में उन्हें लाभान्वित करने के लिए एक सकारात्मक ऑनलाइन पोर्टफोलियो बनाने के लिए bespoke CVs के रूप में भी कर सकते हैं।

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