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विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण

विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण
इसीलिए उपाध्याय ने अदालत से मांग की है कि विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए विदेशी बैंक शाखाओं सहित भारतीय बैंकों में जमा की जाने वाली राशि का विवरण एक ही प्रारूप में होना चाहिए, चाहे वह चालू खाते में निर्यात भुगतान हो या बचत खाते या चैरिटी में वेतन हो। YouTuber के खातों में चालू खाते या सेवा को दान के रूप में देय शुल्क। ये सभी भुगतान प्रारूप समान होने चाहिए। चाहे पैसा पश्चिमी देशों से आ रहा हो या किसी राष्ट्रीय बैंक से या भारत में स्थित किसी विदेशी बैंक से।

स्टैंडर्ड एंड लेबलिंग

स्टैंडर्ड एंड लेबलिंग (एस एंड एल) प्रोग्राम में अधिनियम, 2001 ऊर्जा संरक्षण में विस्तृत रूप में ऊर्जा की खपत को कम करने के उद्देश्य से उपकरणों / उपकरण के बिना ह्रासमान की सेवाएं उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने के प्रावधानों को शामिल किया गया है।उपरोक्त अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा खपत की तीव्रता को कम करने का प्राथमिक उद्देश्य के साथ, नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सरकार की सहायता करने के लिए विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण स्थापित किया गया है। चुनाव आयोग के अधिनियम 2001 की 'धारा 14' के अनुसार, केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा ब्यूरो के साथ परामर्श करेगा।

  • प्रक्रियाओं और ऊर्जा की खपत के मानकों के लिए किसी भी यंत्र, उपकरण के लिए जो कि खण्ड(क) के अनुसार खपत, निर्मित, पहुँचाना या आपूर्ति ऊर्जा के प्रति मानदंडों को निर्दिष्ट करें ।
  • इस अधिनियम के खण्ड (ख) के अनुसार उपकरण या उपकरण या उपकरणों के वर्ग के उद्देश्य के लिए जैसे भी हो को निर्दिष्ट करना।
  • खण्ड (घ) के अनुसार नियमों द्वारा निर्दिष्ट किया जा सकता है कि खंड (ख) के तहत और इस तरह के तरीके में निर्दिष्ट उपकरणों पर या उपकरणों पर लेबल पर इस तरह के ब्यौरे का प्रत्यक्ष प्रदर्शन;

तेल उत्पादों को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने वाले उपकरणों पर एस एंड एल कार्यक्रम

पीसीआरए ने बीईई के सहयोग से स्वैच्छिक आधार पर ईंधन विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण के रूप में तेल उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले उपकरणों के लिए एस एंड एल कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह बेहतर उत्पाद की गुणवत्ता के साथ ऊर्जा की बचत के अलावा ऊर्जा कुशल प्रबंधन के विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करती है। कथित लाभ इस प्रकार हैं;

  • बेहतर ऊर्जा कुशल उत्पादों के लिए स्वीकृत उच्च ऊर्जा दक्षता ब्रांडिंग प्रदान करना।
  • ऊर्जा कुशल उत्पादों की खरीद के लिए ग्राहक की पसंद के बारे में बताना।
  • उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो के अनुरूप सुनिश्चित करना।
  • ऊर्जा कुशल उत्पादों के उपयोग के माध्यम से ईंधन की खपत में कमी एवं देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा से विदेशी मुद्रा बोझ को कम करने की दिशा में योगदान।
  • ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी करना।

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श्रीलंका संकट: दवाओं की कमी से बन रहे हैं मेडिकल इमरजेंसी के हालात, विदेशी मुद्रा की कमी की इसकी बड़ी वजह

श्रीलंका संकट

श्रीलंका का आर्थिक संकट अब जानलेवा बनने के मुकाम पर पहुंच गया है। अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी हो गई है। अस्पतालों के मुताबिक उन्हें उन उपकरणों की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिनकी आपातकालीन इलाज में जरूरत पड़ती है। इस अभाव का सीधा कारण देश में विदेशी मुद्रा की कमी है। इस कारण दवाओं और जरूरी उपकरणों का आयात नहीं पा रहा है।

श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कर्ज डिफॉल्ट करने का फैसला किया। यानी उसने एलान कर दिया कि वह तय समयसीमा के अंदर कर्ज और ब्याज को नहीं चुका पाएगी। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद श्रीलंका के लिए विदेशी मुद्रा हासिल करना और कठिन हो जाएगा। टीवी चैनल अल-जजीरा के मुताबिक अब श्रीलंका सरकार ने अपनी सारी उम्मीदें चीन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर टिका दी हैं, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि अब आईएमएफ बेहत सख्त शर्तों पर ही कर्ज देने को राजी होगा।

विस्तार

श्रीलंका का आर्थिक संकट अब जानलेवा बनने के मुकाम पर पहुंच गया है। अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी हो गई है। अस्पतालों के मुताबिक उन्हें उन उपकरणों की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिनकी आपातकालीन इलाज में जरूरत पड़ती है। इस अभाव का सीधा कारण देश में विदेशी मुद्रा की कमी है। इस कारण दवाओं और जरूरी उपकरणों का आयात नहीं पा रहा है।

श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कर्ज डिफॉल्ट करने का फैसला किया। यानी उसने एलान कर दिया कि वह तय समयसीमा के अंदर कर्ज और ब्याज को नहीं चुका पाएगी। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद श्रीलंका के लिए विदेशी मुद्रा हासिल करना और कठिन हो जाएगा। टीवी चैनल अल-जजीरा के मुताबिक अब श्रीलंका सरकार ने अपनी सारी उम्मीदें चीन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर टिका दी हैं, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि अब आईएमएफ बेहत सख्त शर्तों पर ही कर्ज देने को राजी होगा।

IPL सट्टेबाजी का दुबई से जुड़ा लिंक, लाखों रुपये बरामद, कई गिरफ्तार

By: ABP Ganga | Updated at : 15 Apr 2019 12:41 PM (IST)

वाराणसी, एबीपी गंगा: एसटीएफ ने आईपीएल क्रिकेट मैच में चल रही सट्टेबाजी पर काबू पाने के लिए प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी और धरपकड़ का अभियान चलाया है। कानपुर में सट्टेबाजी गिरोह का सरगना जितेन्द्र उर्फ जीतू, आशीष, सुमित, मोहित और हिमांशु को गिरफ्तार किया गया। गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के बाद बनारस में भी कार्रवाई की गई। बनारस में हुई कार्रवाई के दौरान एसटीएफ ने अशोक सिंह, सुनील पाल व विक्की खान नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए आरोपियों के पास से टीम ने 27.75 लाख रुपए नगद, मोबाइल फोन व अन्य उपकरण बरामद किए हैं।

विदेशी मुद्रा बरामद

कानपुर से गिरफ्त में आए आरोपियों के पास से एसटीएफ की टीम ने 2.75 लाख रुपये, 5 लैपटॉप, 3 स्मार्ट विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण टीवी, मोबाइल फोन सहित विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई है। कानपुर में ही दो ऑनलाइन बेटिंग बॉक्स भी मिले जिनमें हर बॉक्स से से 10-10 बुकी एक साथ ऑनलाइन बेटिंग करते है। बॉक्स में माइक विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण और स्पीकर की भी व्यवस्था है। बातचीत रिकॉर्ड करने का भी इंतजाम है। बेटिंग विवाद की दशा में रिकॉर्डिंग सुनाकर विवाद सुलझाते हैं।

विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए समान बैंकिंग कानून की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दायर

Banking Industry, pic by: Forbes India

बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि भारतीय बैंकों में विदेशी पैसा जमा करने के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और इंस्टेंट मनी पेमेंट सिस्टम (IMPS) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसे सुनिश्चित किया जाए। इनके माध्यम से न केवल देश के विदेशी मुद्रा भंडार को नुकसान हो रहा है, बल्कि अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, नक्सलियों, माओवादियों, आतंकवादियों, देशद्रोही, धर्मांतरण माफिया, सिमी और पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों तक भी विदेशी धन पहुंच रहा है।

अपनी मांग के समर्थन में उपाध्याय ने याचिका में तर्क दिया है कि वीजा के लिए आव्रजन नियम समान हैं, चाहे विदेशी यात्री बिजनेस क्लास में यात्रा करें या इकोनॉमी क्लास में। चाहे वह एयर इंडिया का इस्तेमाल करता हो या ब्रिटिश एयरवेज का या फिर चाहे वह अमेरिका से आता हो या युगांडा से।

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