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क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध
डिजिटल परिवर्तन मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार, कीव पोस्ट के साथ बात करते हुए, संसद से क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध अपने कर और नागरिक संहिताओं में बदलाव को अपनाने और साल के अंत से पहले व्यवसायों और निवेशकों क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध के लिए आधिकारिक तौर पर खुले “बाजारों” में बदलाव करने की उम्मीद है।

यूक्रेन की संसद ने क्रिप्टोक्यूरेंसी बिटकॉइन को वैध करने वाला एक कानून पारित किया

यूक्रेन की संसद ने देश में क्रिप्टोक्यूरेंसी बिटकॉइन को वैध और विनियमित करने वाला एक कानून पारित किया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि यूक्रेन ने बिटकॉइन को वैध कर दिया है। बिल का मसौदा 2020 में तैयार किया गया था और यूक्रेनी संसद में कुल 276 सांसदों ने इसका समर्थन किया, जबकि छह इसके खिलाफ थे।

ऐसा माना जाता है कि इस बिल के पीछे मुख्य उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी पर उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट करना और बिटकॉइन खरीदारों की रक्षा करना है क्योंकि बिटकॉइन अब तक देश में कानूनी या अवैध नहीं क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध रहा है।

कीव पोस्ट के अनुसार, यूक्रेनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को धोखाधड़ी के रूप में माना, जब यह अवैध नहीं था, जिसके कारण कई बिटकॉइन कंपनियों पर छापे पड़े।

पारित कानून के साथ, अदालतें अब व्यक्तियों और कंपनियों की रक्षा कर सकती हैं क्योंकि यह आधिकारिक तौर पर बिटकॉइन कंपनियों को देश के भीतर काम करने की अनुमति देती है। हालांकि, कानून कुछ दिशानिर्देश भी निर्धारित करता है कि कैसे यूक्रेन भविष्य में बिटकॉइन को और अधिक विनियमित करने का प्रयास कर सकता है।

क्रिप्टो मुद्रा पर कर से बाजार की ‘गहराई’ का पता चलेगा: CBDT प्रमुख

नई दिल्ली/एजेंसी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा है कि बजट में क्रिप्टो करेंसी या ऑनलाइन डिजिटल संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की घोषणा आयकर विभाग के लिये देश में इस मुद्रा के कारोबार की ‘गहराई’ का पता लगाने, निवेशकों तथा उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मददगार होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा। महापात्र ने कहा कि कर अधिकारियों के लिये इस क्षेत्र में प्रवेश का यह सही समय है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और उससे निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर राष्ट्रीय नीति और नियमन तैयार किये जाएंगे। वित्त मंत्री ने 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों पर कराधान को स्पष्ट किया। उन्होंने ऐसी संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाली आय को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध का भी प्रस्ताव किया।

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

नई दिल्ली (वीएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही । उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी के दुष्प्रभाव के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है और क्या सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी के उपभोग को परिसीमित करने वाला कोई कानून लाने की कोई योजना है।

वित्त मंत्री ने कहा, जी, हां। भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी चिंता जाहिर की है। आरबीआई ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है क्योंकि प्रत्येक मुद्रा को केंद्रीय बैंक/सरकार द्वारा जारी किया क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा ।

दिल्ली कोर्ट ने रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना क्रिप्टोकरेंसी में फॉरवर्ड ट्रेडिंग करने के व्यवसाय के खिलाफ समन जारी किया

दिल्ली कोर्ट ने रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना क्रिप्टोकरेंसी में फॉरवर्ड ट्रेडिंग करने के व्यवसाय के खिलाफ समन जारी किया

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश गीतांजलि एक विद्युत कायारकर द्वारा ओलंप ट्रेड नामक एक वेबसाइट के खिलाफ दायर एक मुकदमे से निपट रहे थे। इसे सालेडो ग्लोबल एलएलसी द्वारा संचालित किया गया है। मामले में कोर्ट में एक दिशा की मांग की गई कि क्रिप्टोक्यूर्यूशंस में आगे व्यापार करने का ऐसा व्यवसाय भारत की नीति के खिलाफ है। साथ ही और इस आशय का कोई भी समझौता भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 23 के तहत वर्जित होगा। धारा 23 एक समझौते के वैध विचार/उद्देश्य को निर्धारित करती है।

क्रिप्टो मुद्रा नहीं है, संपत्ति के रूप में नियमन किए जाने की जरूरत: पूर्व क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध डिप्टी गवर्नर, आरबीआई

क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा नहीं है (File Photo)

इसे एक संपत्ति के रूप में समझा जाना चाहिए
गांधी ने कहा कि कई नीति निर्माताओं के बीच इसको लेकर आम सहमति है कि इसे एक संपत्ति के रूप में समझा जाना चाहिए, न कि एक मुद्रा के रूप में। इसे एक भुगतान साधन के रूप में या एक वित्तीय साधन के रूप में भी नहीं स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि इसका कोई स्पष्ट जारीकर्ता नहीं है। उन्होंने भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ (IAMAI) और ब्लॉकचैन एवं क्रिप्टो संपत्ति परिषद (BACC) द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसलिए एक बार जब हम समझ जाते हैं और इस बात की स्वीकृति मिल जाती है कि यह एक संपत्ति है (मुद्रा नहीं), तो इसका विनियमन करना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।’’

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