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म्यांमार में सैन्य कू के बाद बच कर मिजोरम आए शरणार्थियों के बिगड़ रहे हालात

ोंम्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां से भागकर आए एक पुलिस अधिकारी ने मिजोरम के पहाड़ी ईलाके में अपना अस्थायी ठिकाना बसा लिया. मिजोरम सरकार के अनुसार लगभग 14 हजार शरणार्थी राज्य में शरण ढूंढ रहे हैं.

ोंम्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां से भागकर आए अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए एक पुलिस अधिकारी ने मिजोरम के पहाड़ी ईलाके में अपना अस्थायी ठिकाना बसा लिया. मिजोरम सरकार के अनुसार लगभग 14 हजार शरणार्थी अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए राज्य में शरण ढूंढ रहे हैं.

फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद भारत आने वाले शरणार्थियों में से एक 57 वर्षीय न्गुंचन ने मुझे बताया कि “गांव में गोलीबारी चल रही थी और गोलियां खिड़की से होकर गुजर रही अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए थीं. हम सोफे के नीचे छिप गए. जब थोड़ी शांति हुई तो हम भूखे पेट जंगल की ओर भागे. हम बहुत डरे हुए थे. मेरे पति नहीं रहे. मैं और मेरी बेटी इस बात से डरे हुए थे कि सेना के लोग पता नहीं हमारे साथ क्या करेंगे. हम अपने साथ कुछ भी नहीं ले सके. हम बस भाग निकले.”

भारत और म्यांमार की सीमा पर छह सौ की आबादी बाले मिजोरम के आखिरी गांव थेकटे में मेरी मुलाकात न्गुंचन से हुई थी. कार से मिजोरम की राजधानी आइजोल से थेकटे तक पहुंचने में लगभग दस घंटे लगते हैं. पड़ोस में कुछ शहरों के होने के कारण यह म्यांमार से भागकर आने वालों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार तख्तापलट का विरोध अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए कर रहे देशवासियों की आवाज को दबाने के लिए म्यांमार की सेना ने कम से कम एक हजार लोगों को मार अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए डाला और हजारों को गिरफ्तार किया है. मई में संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया था कि तख्तापलट के बाद लगभग चार से छह हजार शरणार्थी म्यांमार से भारत भाग आए हैं. दिसंबर में मिजोरम सरकार ने अनुमान लगाया कि लगभग 14000 म्यांमार नागरिक राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने की जगह ढूंढ रहे हैं. वर्तमान में शरणार्थी अपनी दैनिक जरूरतों के लिए स्थानीय लोगों, गिरजाघरों और मानवाधिकार संगठनों के दान पर निर्भर हैं. मिजोरम में एक प्रमुख गैर-लाभकारी संस्था सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के स्वयंसेवक शरणार्थियों के लिए अस्थायी आश्रय बनाने और दान के जरिए भोजन और कपड़ों जैसी दैनिक आवश्यक चीजें उपलब्ध करा रहे हैं. थेकटे में दूसरे दिन एक गैर-लाभकारी संस्था के नेता ने मुझे गांव में कई शरणार्थियों से मिलाने में मदद की. जब मैं उनसे मिली तब वे एक स्थानीय घर में फर्श और लकड़ी की बेंचों पर बैठे हुए थे.

म्यांमार के लुंगडिंग के एक शरणार्थी थंगछिना ने सबसे पहले अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि 25 मार्च की सुबह कुछ लोगों ने घोषणा की कि उनके गांव में सेना आ गई है. उन्होंने बताया, "जैसे ही मेरी पत्नी को पता चला कि हमारे गांव में सेना है उसका दिल तेजी से धड़कने लग और उसे घबराहट होने लगी. उसे फेफड़े की बीमारी है. मैं बहुत चिंता में था. भले ही वे हम पर हमला न करें लेकिन इस हालत में वह बहुत जल्द मर जाएगी. इसलिए जैसे ही मेरी पत्नी की हालत ठीक हुई हमने जल्दी से खाना खाया और घर से निकल गए.” थांगछिना ने आगे बताया कि "हमारे पास कोई वाहन नहीं है इसलिए हमने अपने सात और बारह साल के दो बच्चों के साथ जंगल से होकर तियाउ नदी पहुंचकर पैदल ही सीमा पार की. हम पूरे दिन चलते रहे. हम म्यांमार के समयानुसार सुबह 9 बजे घर अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए से चले थे और भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे इस गांव में पहुंचे. सेना से बचने के लिए हमें लंबा रास्ता तय करना पड़ा. बीच-बीच में मुझे अपने बच्चों को अपनी पीठ पर बिठाना पड़ता था क्योंकि वे बहुत थक गए थे. जैसे ही हम थेकटे पहुंचे हमने पहला घर देखते ही खाना मांगा क्योंकि मेरे बच्चे बहुत भूखे थे.”

थांगछिना ने आगे अपने भविष्य को लेकर बात की और बताया कि "हम फिलहाल के लिए सिर्फ विदेश में शरण लेना चाहते हैं." उन्होंने जब यह शब्द कहे तो कमरे में हंसने की आवाज गूंज उठी. विदेश में शरण लेने का विचार उनके आस-पास बैठे लोगों की कल्पना से इतना दूर था कि उन्हें यह एक हल्का मजाक लग रहा था. उन्होंने कहा कि उनके सुनने में आया कि शरणार्थियों को दूसरे देशों में भेजा जा सकता है. "अगर ऐसा है तो मैं ऑस्ट्रेलिया या अमेरिका जाना चाहूंगा, कृपया हमें भी भेज दें. अगर हम नहीं गए, तो यहां के लोगों को हर समय हमारी देखभाल करनी होगी."

सेना के डर से उपजी हर एक शरणार्थी की कहानी में संघर्ष के अलग-अलग रूप मौजूद थे. ऐसी ही अपनी कहानी के बारे में लुंगडिंग के रहने वाले 65 वर्षीय बुआनसांगा ने मुझे बताया कि अप्रैल में उन्हें और उनके परिवार के पांच सदस्यों को भोजन और अन्य संसाधनों की कमी के कारण भागना पड़ा था. “एक ऐसा समय भी आया जहां हम सोचने लगे कि हम अब क्या खाएंगे. सेना द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में तनाव पैदा करने के बाद सब कुछ दुर्लभ हो गया था." कुछ लोगों के लिए यह यात्रा अपने आप में जोखिम भरी थी. 65 वर्षीय लवीचेमा को सेना ने भागने की कोशिश करते समय रास्ते पर रोक लिया. उन्होंने मुझे बताया, "शहर से हर कोई घर छोड़कर भाग रहा था क्योंकि सेना हर जगह गोलीबारी कर रही थी. हम शांति से नहीं बैठ सकते थे इसलिए हम अपने उन दोस्तों के साथ शामिल हो गए जिन्होंने मिजोरम जाने के लिए एक वाहन किराए पर लिया था. हम सुबह जल्दी निकल गए और लगभग 3 बजे म्यांमार में चिन राज्य की राजधानी हखा पहुंच गए. उसके बाद हमने वहीं की एक बस्ती थंटलांग जाने की कोशिश की लेकिन सेना ने हमें रोक दिया. उन्होंने हमें अपना फोन और पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा. हम बहुत डर गए थे. उन्होंने हमारा फोन चेक किया अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए और हमें काफी देर तक वहीं बैठाए रखा. और जब कुछ नहीं मिला तब रात करीब 8 बजे उन्होंने हमें जाने दिया.” इस तरह बाल-बाल बचे होने के बावजूद भारत पहुंचने पर वह और अधिक बोझ से दब गए हैं. लवीचेमा ने कहा, "हम एनजीओ के सहारे ही रह रहे हैं. सरकार अब तक कुछ क्यों नहीं कर रही है? क्या उन्होंने कुछ करने की योजना नहीं बनाई है? हम चाहते हैं कि न केवल राज्य सरकार बल्कि केंद्र हमारी मदद करे और हमें स्वीकार करे." उन्होंने आगे कहा, "मैं पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं हूं. मैं कोई मुश्किल काम नहीं कर सकता और मेरी पत्नी काम कर हमारे तीन बच्चों का पेट भर रही है. हमें राहत शिविर में रहने की जरूरत है. क्या कोई जगह है जहां हम रह सकते हैं? क्या कोई तरीका है जिससे आप हमारे लिए कुछ योजना बना सकते हैं?"

25 वर्षीय शरणार्थी ओंगसू के लिए भी यात्रा विशेष रूप से कठिन रही क्योंकि उन्हें अपनी गर्भवती पत्नी और एक बच्चे के साथ पैदल भागना पड़ा. मैं उनसे उस दिन मिली जब उनकी पत्नी ने अपने बच्चे को जन्म दिया था. ओंगसू ने मुझे बताया कि उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है और उनके लिए तीन से चार लोगों के हो चुके अपने परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है.

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वजन कैसे कम करे? मोटे लोग जरुर पढ़े

वजन कैसे कम करे? How to loose weight in Hindi. अगर कोई ऐसा सोचता है की मोटापा (obesity) कोई बड़ी समस्या नहीं है तो वो बिलकुल गलत सोचते है। शरीर में होने वाली आधी से ज्यादा बीमारियों की वजह मोटापा ही है। Wajan kam kaise kare?

मोटापे की वजह से आप खेल-कूद अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए में भाग नहीं ले सकते, अपने दोस्तों के साथ समय बिताने में आपको सरम आती है, आप किसी को अपना अच्छा दोस्त नहीं बना पाते, आप जल्दी थक जाते है और भी कई काम ऐसे है जो मोटापे की वजह से आप कर नहीं सकते। मोटापे कि वजह से कई बीमारियाँ आपके शरीर में पनपने लगती है।

इसलिए अगर आप अपने दोस्तों या फिर अपने परिवार में जरूरत से ज्यादा मोटे हो तो तुरंत संभल जाए, वरना एक बार मोटापे ने अपना काम कर दिया तो आप इलाज करते-करते थक जायेंगे पर मोटापे से होने वाली बीमारियाँ खत्म नहीं होगी।

अक्सर हम देखते है, मोटापा कम करने के लिए लोग परहेज या फिर व्यायाम करते है। पर वे कुछ दिनों या फिर कुछ हफ्तों में निराश हो जाते है, उन्हें अपने वजन में कुछ बदलाव नहीं दीखता, वे सोचते हैं कि इतने दिनों या इतने हफ्तों में कुछ फर्क नहीं हुआ तो आगे क्या होगा?

पर दोस्तों एक बात आप खुद सोचिये आपका वजन बढ़ने में कितना समय लगता है 1 दिन, 2 दिन, 1 हफ्ते, 2 हफ्ते? नहीं वजन बढ़ने में महीनों और सालों लग जाते है, पर कैसे कुछ दिनों में या फिर कुछ हफ्तों में आपका वजन कम हो। कुछ समय तो आपको देना ही होगा और आखिर में जीत आपकी ही होगी।

वजन कम करते समय क्या क्या ध्यान रखे?

वजन कैसे कम करे? मोटे लोग जरुर पढ़े

  • अपना पूरा ध्यान आपको अपने शरीर पर देना होगा।
  • अगर आप तुरंत परिणाम की उम्मीद करेंगे तो शुरुवात में निराशा हो सकते है, थोड़ा समय दे।
  • अपनी तैयारी को 100% तैयार रखना जरूरी है।
  • किसी पेशेवर की सलाह के बिना शुरू ना करे।

मोटापा कम करने के लिए क्या छोड़े?

  • सबसे पहले अपने पुरे दिन की calorie intake को कम कीजिए।
  • सादा और साफ खाना शुरू कीजिए जैसे की सलाद।
  • अगर आप धुम्रपान (smoking) करते है तो इसे अभी छोड़ दें और gym join करे।
  • अपनी शरीर की हरकत को बढ़ा दीजिए जिस से आपका fat burn होना शुरू हो जाए।
  • अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए
  • अपने daily food को low carbohydrate और low calories वाले food से बदल दीजिए।
  • गाड़ी या फिर किसी vehicle के इस्तेमाल की बजाय पैदल चले।

इस time table को अपने daily schedule में डाले और मोटापा कम करे

  • सुबह 5 बजे उठे और कम से कम 2-3 गिलास पानी पिए। पानी बिलकुल ठंडा नहीं होना चाहिए।
  • उसके बाद jogging या फिर walk के लिए बाहर जाए। ऐसी जगह जाए जहाँ हरियाली हो।
  • किसी शांत जगह पे बैठ कर योगा करे।
  • कुछ समय योगा करने के बाद पूरे शरीर का व्यायाम करे। Jumping, push-ups, stretching, setups करे ताकि पसीना निकले।
  • अगर आपको कोई खेल पसंद हो जैसे- football, cricket, volleyball, badminton तो इसे खेल सके तो अच्छा होगा।
  • उसके बाद तेज चलते हुए घर आए तो गरम पानी में निम्बू और शहद (honey) मिलाकर ले। इससे fat (चर्बी) बहुत जल्दी कम होती है।
  • इसके बाद अच्छी तरह से नहा लें।
  • सुबह का नाश्ता पेट भर के खाए, दोपहर के खाने में नाश्ते के मुकाबले कम खाए और रात में खाना भी कम खाए।
  • दोपहर को थोड़ी शरीर की हरकत होनी जरूरी है इसलिए कम से कम chair से उठ कर शरीर को stretch ज़रूर करे।
  • रात को खाना आप जितनी जल्दी खा ले उतना अच्छा होगा, 7 बजे से देर बिलकुल नहीं होना चाहिए, अगर आपके घर रात का खाना देर से बनता है तो इस आदत को बदलना होगा, क्योंकि सूर्यास्त (sun set) से ज्यादा देर बाद खाया हुआ खाना ठीक से पचता नहीं है।
  • रात के खाने के बाद कम से कम 2 घंटे तक सोना या लेटना अपना घर छोड़े बिना पैसे कैसे कमाए बिलकुल नहीं चाहिए। खाने के बाद हलकी सैर करे।
  • रात को 7-8 घंटे की अच्छी और पूरी नींद लेना बेहद जरूरी है।

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