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सुबह का तारा

सुबह का तारा
Q. निम्नलिखित में से किसको सुबह का तारा लाल ग्रह कहा जाता है?

Kis Grah Ko Bhor Ka Tara Kahate Hain

भोर या सांझ का तारा किस ग्रह को कहते है ? | bhor ya saanjh ka taara kis grah ko kahate hai ?

भोर सुबह का तारा का तारा किस ग्रह को कहा जाता है|#shorts

भोर का तारा किसे कहते हैं

शुक्र ग्रह सुबह का तारा को सांझ या भोर का तारा क्यों कहते हैं?#shorts @Facts by Rahul Agrahari

जानिए, भोर का तारा किस ग्रह को कहा सुबह का तारा जाता है?

भोर का तारा जगदीश चंद्र माधुर Bhor ka tara 5 मिनट में समझे पूरी कहानी Nk की जुबानी

भारत के किस राज्य को चावल का कटोरा कहा जाता है || किस ग्रह को भोर का तारा कहा जाता है ||

भोर का तारा एवं शाम का तारा किस ग्रह को कहा जाता है //Bhor ka Tara Sham ka Tara kis grah ko kahte h.

भोर का तारा एकांकी || Bhor Ka Tara Ekanki Hindi

किस ग्रह को सुबह का तारा और शाम का तारा सुबह का तारा कहाँ जाता हैं ?

Bhor Ka Tara भोर का तारा

भूगोल से जुड़े कुछ सवाल भाग 1 | SSC Geography Question

SSC के एग्जाम में भूगोल से जुड़े सवाल भी पूछे जाते है जैसे की सुबह का तारा, पृथ्वी का जुड़वां और इस तरह के कई सवाल एग्जाम में आते है. यहाँ पर आपको कुछ सवालों के जवाब दिए गए है जो बार बार एग्जाम में पूछे जाते है.

भूगोल से जुड़े सवाल

भूगोल से जुड़े सवाल

भूगोल से जुड़े कुछ सवाल भाग 1 | SSC Geography Question

Q. विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस निचय वाला देश है?

A) सऊदी अरब
B) कुवैत
C) रूस
D) संयुक्त राज्य अमेरिका

Q. खगोल-भौतिकी में बाह्य अंतरिक्ष में परिकल्पित होल को जहाँ से तारे और ऊर्जा निकलती है, क्या नाम दिया गया है?

A) ब्लैक होल
B) ओजोन होल
C) एस्टीराँयड बेल्ट
D) हाइट होल

Q. एक खगोलीय मात्रक निम्नलिखत में से किसके बीच की औसत दूरी है?

A) पृथ्वी और सूर्य
B) पृथ्वी और चंद्रमा
C) बृहस्पति और सूर्य
D) प्लूटो और सूर्य

Q. निम्नलिखित में से, किसके भीतर बृहस्पति का गैलिलियन उपग्रह नहीं है?सुबह का तारा

A) यूरोपा
B) गैनीमेड
C) कैलिस्टो
D) डीमोस

Q. पृथ्वी सूर्य से अपनी अधिकतम दूरी पर होती है?

एक अक्तूबर को डूबेगा तारा, शुभ कार्य होंगे 25 नवंबर से

Jammu and Kashmir Bureau

जम्मू और कश्मीर ब्यूरो
Updated Wed, 28 Sep 2022 02:33 AM IST

cultural

जम्मू। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह एवं मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र तारा का उदय होना एवं शुभ मुहूर्त महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष एक अक्तूबर सुबह पांच बजकर पांच मिनट पर शुक्र तारा पूर्व में अस्त होगा। इस दौरान विवाह आदि मांगलिक कार्य से बचना चाहिए। वहीं 25 नवंबर शाम पांच बजकर 21 मिनट पर शुक्र पश्चिम में उदय होगा। पंचांग के अनुसार तारा उदय होने के बाद विवाह के मुहूर्त 2, 4, 7, 8, 9 और 14 दिसंबर को हैं।
महंत रोहित शास्त्री के अनुसार गुरु और शुक्र तारा अस्त के दौरान सगाई आदि का कार्य यानी मंगनी आदि कार्य शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। इसमें कोई समस्या वाली बात नहीं है। तारा डूबने या चढ़ने का तात्पर्य तारा के अस्त और उदय हो जाने से होता है। जैसे सूर्य का उदय और अस्त होना। खगोल के मुताबिक सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है, जो अपने ही प्रकाश से चमकता है। अन्य ग्रह सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं। भारतीय ज्योतिष में गुरु सुबह का तारा एवं शुक्र ग्रह को तारा माना गया है।
गुरु एवं शुक्र अस्त के इन दिनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शपथ ग्रहण करना, शिलान्यास, व्रत उद्यापन, यज्ञोपवीत संस्कार आदि शुभ मांगलिक कार्य वर्जित है। इसी तरह स्वयंवर के लिए भी गुरु व शुक्र के अस्त का समय त्याज्य माना गया है। पुराने या मरम्मत किए गए मकान में गृह प्रवेश हेतु गुरु एवं सुबह का तारा शुक्र के अस्त काल का विचार नहीं किया जाता। अर्थात जीर्णोद्धार वाले मकान बनाने के लिए गुरु व शुक्र अस्त काल में प्रवेश कर सकते हैं।
यात्रा हेतु सुबह का तारा शुक्र का सामने और दाहिने होना त्याज्य है। वधू का द्विरागमन गुरु व शुक्र के अस्त काल में वर्जित है। यदि आवश्यक हो तो दीपावली के दिन ऋतुवती वधू का द्विरागमन इस काल में कर सुबह का तारा सकते हैं। राष्ट्र विप्लव, राजपीड़ावस्था, नगर प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, एवं तीर्थयात्रा के समय नववधू को द्विरागमन के लिए शुक्र दोष नहीं लगता।

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