रणनीति कैसे लागू करें?

हम - बेटर कॉटन मेंबर्स और पार्टनर्स के साथ - 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप जमीन पर वास्तविक, औसत दर्जे का बदलाव देखना चाहते हैं। जहां भी कपास किसान अपनी स्थिरता यात्रा पर हैं, हम कृषि स्तर पर निरंतर सुधार को प्रोत्साहित करते हैं।
एसजेवीएन के शेयर में गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाएँ: शोमेश कुमार की सलाह
रवि नागी: एसजेवीएन (SJVN) में लंबी अवधि के निवेश के नजरिये से क्या सुझाव है ?
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार: सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) में लंबी अवधि के नजरिये से निवेश कर सकते हैं। इसमें शेयर के भाव टूटने पर खरीदारी की रणनीति अपनाना सही होगा। आप इसमें 35 रुपये पर एक सपोर्ट बना कर भाव टूटने पर खरीदारी कर सकते हैं। इसके नीचे अगर यह बंद होने लगेगा तो इसकी तेजी पर ब्रेक लगेगी की बहुत संभावना है। अभी के 37 रुपये के ऊपर जाने पर इसमें गिरावट पर खरीदारी रणनीति कैसे लागू करें? करें। 35 रुपये पर स्टॉप लॉस लगायें और आगे के लिये इसे होल्ड करें।
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रणनीति कैसे लागू करें?
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वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने कांग्रेस के चर्चित नेता जिग्नेश मेवाणी से उनकी विधानसभा वडगांव के पहाड़ ती तलहटी में बसे गांव हाथीद्रा में बातचीत की और जानना चाहा कि किस तरह से वह भाजपा की कड़ी चुनौती का जवाब दे रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति कैसे भाजपा-आप और ओवैसी की पार्टी से भिड़ेगी।
BPSC 68वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू, ऐसे करें तैयारी
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 281 पदों के लिए 18 नवंबर, 2022 को 68वीं बीपीएससी परीक्षा की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी, 2023 को निर्धारित है. इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थी 20 दिसंबर, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं.
बिहार रणनीति कैसे लागू करें? लोक सेवा आयोग ने बीपीएससी 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता प्रारंभिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. बिहार प्रशासनिक सेवा में जाने का इरादा रखनेवाले युवाओं रणनीति कैसे लागू करें? के लिए यह एक बेहतरीन मौका है अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाने का. इस परीक्षा के माध्यम से बिहार में विभिन्न पदों पर कुल 281 रिक्तियां भरी जायेंगी. बीपीएससी 67वीं मुख्य परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी गयी है. प्रारंभिक हो या मुख्य परीक्षा, सफलता के लिए अपनी तैयारी को मुकम्मल करने का समय आ गया है. इस समय को कैसे आप अपनी मंजिल तक पहुंचने का आधार बना सकते हैं, बता रहे हैं हमारे एक्सपर्ट.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 281 पदों के लिए 18 नवंबर, 2022 को 68वीं बीपीएससी परीक्षा की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी, 2023 को निर्धारित है. इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थी 20 दिसंबर, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि पहली बार 68वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की पद्धति लागू की जा रही है, जो इस परीक्षा की तैयारी करनेवाले अभ्यर्थियों के लिए एक नया अनुभव होगा. वैसे, नेगेटिव मार्किंग पद्धति का आधार क्या होगा, इसे अभी स्पष्ट नहीं किया गया है. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि रिक्त पदों की संख्या घट-बढ़ सकती है, जिसका संकेत है कि परीक्षा से पहले सीटों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. अतः अभ्यर्थी कम सीटों को देखकर परेशान न हों. इस बार बीपीएससी परीक्षा नेगेटिव मार्किंग पद्धति पर आधारित होगी. जाहिर-सी बात है कि अब अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी संबंधी रणनीति बदलनी होगी. जानें कि यह रणनीति क्या हो और परीक्षा में सफलता के लिए अभ्यर्थियों को किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.
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पहली बार नेगेटिव मार्किंग पद्धति पर आधारित होगी बीपीएससी परीक्षा. सफलता के लिए बनाएं नयी रणनीति प्रारंभिक परीक्षा में सफलता के लिए अब अभ्यर्थियों को 120 अंक प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर चलना होगा. वैसे, नेगेटिव मार्किंग में कट-ऑफ स्कोर कम भी जा सकता है.
नेगेटिव मार्किंग पद्धति से अमूमन गंभीर अभ्यर्थियों को लाभ मिलता है और यह बीपीएससी परीक्षा के लिए जरूरी भी था, क्योंकि यहां परीक्षा के लिए आवेदन करने से लेकर सफल होने तक अधिकतर अभ्यर्थी अगंभीर किस्म के होते हैं. प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों का पैटर्न ऐसा होता है कि 'वनडे' अथवा एसएससी परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्र भी इसमें सफल हो जाते हैं, जो मुख्य परीक्षा के लिए तैयार नहीं होते. इसका सीधा नुकसान गंभीर अभ्यर्थियों को होता है, जो बीपीएससी को ही अपना लक्ष्य बनाकर तैयारी करते हैं.
इस परीक्षा की तैयारी के लिए अभी आपके पास लगभग 75 दिन हैं, जो कम नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसका उपयोग दो हिस्सों में करना चाहिए- पहला, जो खंड अथवा टॉपिक नहीं पढ़ा है, उसे तैयार करना चाहिए और दूसरा, जितना पढ़ें उतना ही प्रतिदिन प्रैक्टिस भी करें.
वैसे तो आप सामान्य अध्ययन के प्रत्येक खंड को बराबर महत्व देते हुए अपनी स्टडी करें, लेकिन कुछ खंडों को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दें. परीक्षा पैटर्न के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि बीपीएससी कुछ खंडों से अधिक प्रश्न पूछता रहा है. जैसे-करेंट अफेयर्स से लगभग 30-35 प्रश्न, इतिहास से लगभग 40 प्रश्न, जिसमें बिहार के इतिहास से 5-6 प्रश्न और सामान्य विज्ञान से लगभग 30 प्रश्न, मैथ्स से 10 प्रश्न. इस तरह, यदि आप इन खंडों को ठीक से तैयार कर लेते हैं, तो लगभग 100-110 प्रश्नों की तैयारी हो जाती है. शेष प्रश्नों के लिए पॉलिटी, इकोनॉमी और जियोग्राफी को तैयार करें, जिनमें सभी से औसतन 10-15 प्रश्न पूछे जाते हैं.
कभी भी दुर्लभ तथ्यों या प्रश्नों को लेकर परेशान न हों क्योंकि मुश्किल से 10-12 सवाल ही दुर्लभ तथ्यों पर आधारित होते हैं, जबकि कुछ अभ्यर्थी इन्हीं की तलाश में अपना बहुत अधिक समय गवां देते हैं.
परीक्षा की प्रैक्टिस के दौरान पिछले वर्षों के प्रश्नों को जरूर हल करें. यह प्रश्नों के पैटर्न को समझने में सहायक होता है. साथ ही, इससे कुछ ऐसे प्रश्नों की भी जानकारी होती है, जिसके उत्तर बीपीएससी द्वारा दिये गये हैं और वही सही माने गये हैं.
निश्चित सफलता के लिए जो भी पढ़ें, ठोस पढ़ें और उसकी मूल अवधारणा (कोर) को समझने की कोशिश करें. इस परीक्षा में उत्तर जानते हुए भी दबाव के कारण 'कंफ्यूजन' होता है. विषय की मूल अवधारणा को समझने अथवा स्पष्ट करने के लिए अपने मित्र-मंडली में ग्रुप डिस्कशन जरूर करें.
प्रारंभिक परीक्षा में करेंट अफेयर्स का महत्व बढ़ा है. ऐसे में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन, सरकारी योजनाएं, अंतरराष्ट्रीय संगठन, विभिन्न आंकड़ों, इंडेक्स और रिपोर्ट्स एवं बिहार राज्य से संबंधित तथ्यों को देखना जरूरी है.
आसान लगनेवाले प्रश्नों को दोबारा जरूर देखें, क्योंकि यहां गलती की संभावना अधिक होती है. अब नेगेटिव मार्किंग में कम-से-कम गलती करनी होगी, वरना स्कोर कम हो सकता है.
तैयारी के दौरान परीक्षा पैटर्न, कट-ऑफ मार्क्स आदि विषयों को लेकर मन में कोई भय या अफसोस जैसे नकारात्मक भाव न रखें.
परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन-स्रोत का प्रश्न है, तो मेरा सुझाव होगा कि आप एनसीईआरटी, लुसेंट बुक्स, महेश बरनवाल की भूगोल, पॉलिटी और इकॉनमी प्रतियोगिता दर्पण के अतिरिक्तांक, इतिहास के लिए किरण प्रकाशन का विशेषांक और बिहार के इतिहास के लिए बिहार पर प्रकाशित कोई पुस्तक देख सकते हैं.
आने वाले 75 दिनों की स्पष्ट रणनीति बनायें और उसके अनुरूप तैयारी करें. याद रखें कि अंतिम दिनों की गंभीर तैयारी ही निर्णायक होती है.
बेटर कॉटन ने हमारी नई 2030 रणनीति और जलवायु परिवर्तन शमन लक्ष्य का शुभारंभ किया
बेहतर कपास का मिशन पर्यावरण की रक्षा और पुनर्स्थापना करते हुए कपास की खेती करने वाले समुदायों को जीवित रहने और फलने-फूलने में मदद करना है। 2009 के बाद से, बेटर कॉटन ने दुनिया रणनीति कैसे लागू करें? भर में 2.4 मिलियन लाइसेंस प्राप्त किसानों को शामिल करने के लिए हमारी पहुंच को बढ़ाते हुए, हमारे मानक को विकसित, परीक्षण और लागू किया है। अब इस पैमाने को गहरा प्रभाव उत्पन्न करने के लिए तैनात करने का समय है।
आज, बेटर कॉटन ने हमारी 2030 रणनीति शुरू की, जिसमें 50 तक 2030% बेहतर कपास के प्रति टन कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन शमन लक्ष्य शामिल है। यह निर्धारित किए जाने वाले पांच महत्वाकांक्षी लक्ष्यों में से पहला है, शेष चार अपेक्षित 2022 के अंत तक रिलीज होगी।
ये प्रगतिशील नए मेट्रिक्स कपास उगाने वाले समुदायों के लिए कृषि स्तर पर अधिक स्थायी आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों में बेहतर माप की अनुमति देंगे।
हम - बेटर कॉटन मेंबर्स और पार्टनर्स के साथ - 2030 के सतत विकास लक्ष्यों रणनीति कैसे लागू करें? के अनुरूप जमीन पर वास्तविक, औसत दर्जे का बदलाव देखना चाहते हैं। जहां भी कपास किसान अपनी स्थिरता यात्रा पर हैं, हम कृषि स्तर पर निरंतर सुधार को प्रोत्साहित करते हैं।
जे लूवियन द्वारा जेनेवा में बेटर कॉटन के सीईओ एलन मैक्ले के हेडशॉट्स।