मुख्य व्यापारिक स्थिति

पाकिस्तान का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा फैसला गैरकानूनी है और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ, महत्व/लाभ, हानियां
antarrashtriya vyapar arth mahatva labha haniya;एक ही देश के विभिन्न क्षेत्रों, स्थानों या प्रदेशों के बीच होने वाला व्यापार "घरेलू" "आंतरिक व्यापार" कहलाता भै। इसके विपरीत, दो या अधिक देशो के बीच होने वाला व्यापार "अंतर्राष्ट्रीय व्यापार" या विदेशी व्यापार कहलाता है।
अन्य मुख्य व्यापारिक स्थिति शब्दों मे," जब वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय-विक्रय दो भिन्न देशो के मध्य जल, थल तथा वायु मार्गों द्वारा होता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय मुख्य व्यापारिक स्थिति व्यापार कहते है। जैसे-- अगर भारत, इंग्लैंड के साथ व्यापार करे वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होगा।
फ्रेडरिक लिस्ट के अनुसार," घरेलू व्यापार हम लोगो के बीच होता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हमारे और उनके बीच होता है।"
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व/लाभ
1. श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण के लाभ
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भौगोलिक श्रम विभाजन के कारण कुल विश्व उत्पादन अधिकतम किया जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक देश उन्ही वस्तुओं का उत्पादन करता है, जिसमे उसे अधिकतम योग्यता एवं कुशलता प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप उत्पादन की अनुकूलतम दशाएं प्राप्त हो जाती है और उत्पादन अधिकतम होता मुख्य व्यापारिक स्थिति है।
2. साधनों का पूर्ण उपयोग
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे एक देश मे सिर्फ उन्ही उद्योग-धंधो की स्थापना की जाती है, जिनके लिए जरूरी साधन देश मे उपलब्ध होते है। इससे देश मे उपलब्ध साधनों का मुख्य व्यापारिक स्थिति पूर्ण उपयोग होने लगता है एवं राष्ट्रीय आय मे वृद्धि होती है।
3. उत्पादन कुशलता मे वृद्धि
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र स्पष्ट से बढ़कर संपूर्ण विश्व हो जाता है। विश्वव्यापी प्रतियोगिता मे सिर्फ वे ही उद्योग जीवित रहते है जिनके उत्पादन की किस्म उच्च तथा कीमत कम होती है। अतः हर देश अपने उद्योग-धंधो को जीवित रखने तथा उनका विस्तार करने हेतु कुशलतम उत्पादन को अपनाता है। इससे देश की उत्पादन तकनीक मे सुधार होता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रमुख हानियां
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रमुख हानियां इस प्रकार है--
1. विदेशों पर निर्भरता
विदेशी व्यापार के कारण एक देश की अर्थव्यवस्था दूसरे देश पर कुछ वस्तुओं के लिए निर्भर हो जाती है। परन्तु यह निर्भरता सदैव ही अच्छी नही होती, विशेषकर युद्ध के समय तो इस प्रकार की निर्भरता अत्यन्त हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
2. कच्चे माल की समाप्ति
विदेशी व्यापार द्वारा देश के ऐसे बहुत से साधन समाप्त हो जाते है, जिनका प्रतिस्थापन संभव नही होता है। अनेक कोयला, पेट्रोल तथा अन्य खनिज पदार्थ इसी प्रकार समाप्त होते जा रहे है। यदि उन वस्तुओं का उपयोग देश के भीतर ही औद्योगिक वस्तुओं को तैयार करने मे किया जाए तो एक ओर तो इनके उपयोग मे बचत की जा सकती है और इनका अधिक लाभपूर्ण उपयोग हो सकता है।
3. विदेशी प्रतियोगिता से हानि
भारत से कपास का आयात कर सकता है पाकिस्तान
एलओसी पर 2003 के संघर्ष विराम समझौते में मिली सफलता ने वाणिज्य मंत्रालय को इस निर्णय पर दोबारा विचार करने का अवसर प्रदान किया है और पाकिस्तान सरकार के सूत्रों द्वारा साझा किए गए विवरण मुख्य व्यापारिक स्थिति के अनुसार, इस्लामाबाद भारत से कपास का आयात कर सकता है।
संघीय वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, सलाहकार अगले हफ्ते भारत से कपास और धागे का आयात करने के बारे में फैसला कर सकते हैं।
अधिकारी ने कहा, एक बार जब मुख्य निर्णय लिया जाता है, तो कैबिनेट की आर्थिक समिति के सामने एक औपचारिक सारांश (समरी) प्रस्तुत किया जाएगा।
सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि भारत से पहले चरण में कपास और धागे के आयात की बहाली पर विचार-विमर्श पहले से ही चल मुख्य व्यापारिक स्थिति रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा सारांश पर स्वीकृति दिए जाने के बाद निर्णय लिया जाएगा, क्योंकि उनके पास वाणिज्य मंत्री का प्रभार भी है।
लगातार दूसरे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बना अमेरिका
अमेरिका लगातार दूसरे साल 2019-20 में भी भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बना रहा, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों को दर्शाता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 88.75 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2018-19 में 87.96 अरब डॉलर था।
17.42 अरब डॉलर रहा व्यापार अंतर
अमेरिका उन चुनिंदा देशों में एक है, जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर बढ़कर 17.42 अरब डॉलर भारत के पक्ष में रहा। 2018-19 में अधिशेष 16.86 अरब डॉलर था। अमेरिका 2018-19 में चीन को पीछे छोड़कर भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार बन गया था।
झारखंड के स्टाल का किया अवलोकन
झारखंड दिवस समारोह में शामिल होने से पूर्व मुख्यमंत्री मुख्य व्यापारिक स्थिति हेमंत सोरेन भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में झारखंड पवेलियन का परिभ्रमण किया और मेले में भाग मुख्य व्यापारिक स्थिति लेने वाले झारखंड के प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने मेले में पलाश, झारक्राफ्ट, खादी, कृषि, पशुपालन विभाग का जैविक कृषि का स्टाल, वन विभाग का स्टाल, ऊर्जा विभाग का जरेडा स्टाल, लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के स्टाल में विशेष रूची दिखाई।
मुख्यमंत्री के साथ, मौके पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक दिनेश विलियम मरांडी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, उद्योग सचिव वंदना दाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे एवं अन्य उपस्थित थे। मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में झारखंड पार्टनर स्टेट मुख्य व्यापारिक स्थिति के तौर पर शामिल होकर एक अमिट छाप छोड़ी है।