मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं

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हम में से कई लोग फ्लैट एब्स (पेट की मांसपेशियां) का सपना देखते हैं, लेकिन उस जिद्दी पेट की चर्बी को हटाने के लिए संघर्ष करते हैं। वास्तव में ऐसा लगता है कि एक सपाट पेट और परिभाषित सिक्स पैक की तलाश एक जुनून में बदल गई है। इसने बहु-मिलियन पाउंड के बाजार में उत्पादों और कार्यक्रमों की पेशकश की है, जो उस सपाट पेट को देने का वादा करते हैं जिसकी हम लालसा रखते हैं। दुर्भाग्य से इसने हमारे शरीर के बारे में अवास्तविक उम्मीदों को जन्म दिया और जब हमारे पेट की मांसपेशियों की बात आती है तो व्यायाम के माध्यम से हम क्या हासिल कर सकते हैं। इससे पहले कि आप निराश हों और टूट जाएं, यह समय उन मिथकों को खत्म करने और एब्स के बारे में वास्तविक तथ्यों को जानने का है।
एब्स के बारे में लोकप्रिय मिथक
जब जीवन में कुछ सच होने के लिए बहुत अच्छा लगता है, तो यह आमतौर पर होता है। यह निश्चित रूप से मामला है जब यह सही सिक्स पैक का वादा करने वाले उत्पादों की बात आती है (आमतौर पर इसमें बहुत कम काम शामिल होता है)। मैं आपको एब्स के बारे में वास्तविक तथ्य और आपका शरीर वास्तव में क्या करने में सक्षम है, देता हूं। एब्स के बारे में सबसे अधिक माने जाने वाले कुछ मिथक यहां दिए गए हैं: -
1. अंतहीन क्रंचेस आपको सपाट पेट नहीं देंगे
लगातार क्रंचेस (या कोई अन्य विशिष्ट व्यायाम) करने से पेट की चर्बी नहीं हटेगी और आपका पेट सपाट रहेगा। पेट के व्यायाम आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत और टोन करेंगे, लेकिन उनके ऊपर पड़ी पेट की चर्बी को नहीं जलाएंगे। सिर्फ आपके शरीर के एक निश्चित हिस्से पर काम करने से उस क्षेत्र से शरीर की चर्बी नहीं हटती है। वसा खोने का एकमात्र तरीका व्यायाम और आहार (कैलोरी घाटा पैदा करना) के माध्यम से आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली कैलोरी से अधिक कैलोरी जलाना है, लेकिन हमारा कोई नियंत्रण नहीं है कि हमारे शरीर के किन क्षेत्रों में हम पहले वसा खो देंगे।
2. अन्य स्नायु समूहों की तुलना में एब्स को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है
जब व्यायाम की बात आती है तो लोग पेट की मांसपेशियों को अन्य मांसपेशी समूहों की तुलना में अलग तरह से व्यवहार करते हैं। अपने पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए आपको दिन-ब-दिन उच्च मात्रा में पुनरावृत्ति करने की आवश्यकता नहीं है। सप्ताह में 3-4 बार पेट के व्यायाम के 2-3 सेट करना पर्याप्त से अधिक है, अपनी मांसपेशियों को अधिभारित करें और उन्हें कड़ी मेहनत करें, लेकिन नियमित रूप से आराम करें क्योंकि मांसपेशियों को बनाने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।
3. हम सभी का पेट सपाट हो सकता है
जब सपाट पेट की बात आती है तो ऐसे कई कारक होते हैं जो उम्र, आनुवंशिकी और लिंग जैसे कारक होते हैं। पुरुष स्वाभाविक रूप से अपने पेट के चारों ओर कमर जमा करते हैं, उदाहरण के लिए, अतिरिक्त टायर प्रभाव। आप यह नियंत्रित नहीं कर सकते कि आप शरीर की चर्बी कहाँ खोते हैं, इसलिए यदि मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं आप एक संपूर्ण सिक्स पैक प्राप्त नहीं करते हैं तो अपने आप को मत मारो। एक स्वस्थ जीवन शैली जीते हैं और यथार्थवादी व्यायाम मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं लक्ष्य रखते हैं।
4. आपको कंडीशन एब्स के लिए विशिष्ट उपकरण की आवश्यकता है
बहुत सारे व्यायाम हैं (प्लैंक, क्रंचेस, आदि) जो आपके पेट की मांसपेशियों को प्रशिक्षित करेंगे, इसलिए अपना पैसा बचाएं और इसमें चूसना बंद करें। यदि आप एक एब मशीन खरीदना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन एक उपकरण जो कई मांसपेशी समूहों का काम करता है पैसे के बेहतर मूल्य का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
तो अब जब आप एब्स के बारे में वास्तविक तथ्य जान गए हैं, तो अपने संपूर्ण शरीर की चर्बी को कम करने के लिए नियमित व्यायाम के साथ संतुलित आहार का संयोजन करें।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया
मुंबई, भारत, 05 मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।
इस मौके पर सुश्री फोर ने कहा, "भारतीय व्यापार समूह में यह समझ बढ़ रही है कि साझी मान्यताएं - जो इस विचार से उत्पन्न होती है कि परोपकार ही अच्छा व्यापार है - स्वस्थ, बेहतर शिक्षित, और अधिक संपन्न जन समूह को समर्थन देकर विकसित की जा सकती है। व्यापार जगत के लिए यह अनिवार्य नहीं कि उसका मुनाफा समुदाय हित की अनदेखी कर के ही प्राप्त किया जाए। वास्तव में, उनका मुनाफा स्थानीय समुदाय और वहां रहने वाले लोगों की बेहतर सेवा और मदद करके भी कमाया जा सकता है। एक पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्ट्स ने चर्चा की, मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं कि कैसे व्यवसायी और उद्योगपति यूनिसेफ और एनएसई जैसे संगठनों के साथ मिलकर बच्चों और युवाओं के हित के लिए समाधान खोज सकते हैं। चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह व्यवसाय लिंग भेद का मुकाबला करने के लिए अधिक कार्य कर सकते हैं, और ऐसी सामाजिक बाधाओं का विरोध कर सकते हैं जो कार्यस्थल में लैंगिक असमानताओं को मजबूत करती हैं। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी गौर किया कि विश्व में किशोरों और युवाओं की तेज़ी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यकुशलता में कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में तत्काल निवेश की आवश्यकता है।
एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"
ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने कहा, “हम जैसे युवा जो कर सकते हैं, उसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। हमें ज़रूरत है सही अवसर और कौशल की। मैं हर तरह से यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" वर्तमान परिवेश में युवा लोगों में समान निवेश ही सबसे अच्छा और मूल्यवान लम्बी अवधि का निवेश है, जो सरकारें और व्यवसाय कर सकते हैं। युवा लोगों में निवेश करना वास्तव में उपयोगी है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और समाज को सकारात्मक लाभ मिलते हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में यूनिसेफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर 'युवाह!' का शुभारंभ किया। यह युवाओं, सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र को एक साथ लाने वाला मंच है, जिसका उद्देश्य है ऐसे समाधान खोजना जो युवाओं के लिए आवश्यक बदलावों में तेजी ला सके।
संपादकों के लिए टिपप्णी
सुश्री फोर, जो 1 जनवरी 2018 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की सातवीं कार्यकारी निदेशक बनीं, उन्हें सार्वजनिक विकास, निजी क्षेत्र और गैर-लाभकारी क्षेत्र में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवीय सहायता और आपदा राहत में अपने काम व नेतृत्व के लिए जाना जाता है।
अपने चार दशक से अधिक के कार्यकाल में, सुश्री फोर ने 2007 से 2009 तक एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ़ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और डायरेक्टर ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन असिस्टेंस के रूप में कार्य किया। 2009 में उन्हें डिस्टिंग्विशड सर्विस अवार्ड (विशिष्ट सेवा का पुरस्कार) मिला, जो कि संयुक्त राज्य अमरीका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
2005 से 2007 तक, उन्होंने अंडर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर मैनेजमेंट के रूप में काम किया, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं हैं।
कृपया उनके शैक्षिक अभिलेख और कार्य अनुभव के लिए यह लिंक (link to her CV) देखें।
चाणक्य नीति: काम शुरू करने से पहले खुद से करें 3 सवाल, मिलेगी सफलता
आचार्य चाणक्य ने कामयाबी, जीवन के उद्देश्यों-मूल्यों, संस्कार, चरित्र, व्यापार, नौकरी समेत सभी महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी किताब 'चाणक्य नीति' में उल्लेख किया है. चाणक्य ने नौकरी, व्यवसाय में सफलता पाने के साथ जीवन को सफल बनाने के लिए कई सारी नीतियों का जिक्र किया है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 16 सितंबर 2020,
- (अपडेटेड 16 सितंबर 2020, 4:16 PM IST)
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने कामयाबी, जीवन के उद्देश्यों-मूल्यों, संस्कार, चरित्र, व्यापार, नौकरी समेत सभी महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी किताब 'चाणक्य नीति' में उल्लेख किया है. चाणक्य ने नौकरी, व्यवसाय में सफलता पाने के साथ जीवन को सफल बनाने के लिए कई सारी नीतियों का जिक्र किया है, जो इस प्रकार है-
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, व्यक्ति को इस बात की जानकारी रखनी चाहिए कि हाल का समय कैसा चल रहा है अर्थात सुख के दिन हैं या फिर दुख के दिन. चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने समय के अनुसार कार्य और व्यवहार करता है उसे कामयाबी जरूर मिलती है.
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अपने सच्चे मित्र के बारे में भी पता होना चाहिए, चाहे वो मित्र नौकरी में हों या फिर व्यापार में हों. चाणक्य आगे कहते हैं कि जो व्यक्ति मित्र के रूप में मौजूद शत्रु की पहचान नहीं कर पाते उन्हें जीवन में सदैव असफलता मिलती है, क्योंकि शत्रु आपको सही सलाह देने की जगह आपके काम को बिगाड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि जहां काम कर रहे हों वहां के हालतों के बारे में हमेशा जानकारी रखनी चाहिए. साथ ही ये भी पता होना चाहिए कि कार्यस्थल पर आसपास के लोग कैसे हैं, क्योंकि इससे व्यक्ति कभी धोखा नहीं खाता है और उसे कामयाबी मिलती है.
वहीं, चाणक्य ये भी कहते हैं कि एक समझदार व्यक्ति सदैव अपनी आमदनी के हिसाब से खर्च करता है और जो व्यक्ति अपनी आय से अधिक खर्च करता है वो हमेशा परेशान रहता है. साथ ही आचार्य चाणक्य ये भी कहते हैं कि कोई व्यक्ति जो भी काम करता है उसे ये पता होना चाहिए कि क्या वो उस काम को कर पाने में सक्षम है, क्योंकि इससे कामयाबी मिलने के ज्यादा आसार रहते हैं, इसलिए मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार काम करना चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले अपने आप से तीन सवाल जरूर करें कि मैं ये काम क्यों कर रहा हूं? इस काम का परिणाम क्या होगा? और क्या मुझे कामयाबी मिलेगी? जब इन मैं व्यापार करने में सक्षम क्या हूं तीन चीजों का जवाब मिल जाए तो अपने कदम आगे बढ़ाएं.
वहीं, आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अपने हालात बदलने की हमेशा कोशिश करनी चाहिए. अगर आपको कामयाबी नहीं भी मिल पाए तो भी हार नहीं मानें और कोशिश जारी रखें.
रिजर्व बैंक के डिजिटल रुपये से व्यापारियों को कितना होगा फायदा? जानें
News18 हिंदी 3 घंटे पहले News18 Hindi
© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "रिजर्व बैंक के डिजिटल रुपये से व्यापारियों को कितना होगा फायदा? जानें"
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज रिटेल डिजिटल रुपया (Digital Rupee– e₹-R) लॉन्च किया है. शुरुआत में चार बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से इसकी खरीद की जा सकेगी. जहां आम लोगों को इससे फायदा होने की बात कही जा रही है वहीं इस डिजिटल करेंसी से भारत के व्यापारियों को कितना लाभ होगा, ये बड़ा सवाल है.
इस बारे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि खुदरा स्तर पर डिजिटल मुद्रा शुरू करने का भारतीय रिजर्व बैंक का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है और कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जल्द ही व्यापार में भुगतान के तरीके के रूप में डिजिटल रुपये को अपनाने और स्वीकार करने के लिए देश भर के व्यापारिक समुदाय के बीच एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर से बढ़ावा देगा. भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित है. खुदरा विक्रेता और उपभोक्ता अर्थव्यवस्था में राजा हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है लेकिन खुदरा स्तर पर नकद मुद्रा के उपयोग के कारण व्यापार में कैश करेंसी का एक बड़ा हिस्सा है जो बेहिसाब रह जाता है. डिजिटल मुद्रा की शुरुआत के साथ, प्रत्येक लेनदेन भारतीय रिजर्व बैंक की पुस्तकों और भारत सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. हम दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे. हमारे देश में खुदरा बाजार का सटीक आकार रिकॉर्ड किए गए लेन-देन से प्रमाणित होगा.
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि डिजिटल करेंसी डिजिटल इंडिया की स्वीकार्यता के प्रसार में मदद करेगी. खुदरा कारोबार की वास्तविक गणना प्राप्त करने से, भारतीय रिजर्व बैंक और साथ ही भारत सरकार व्यापारी और उपभोक्ता अनुकूल नीतियां बनाने की स्थिति में होगी.
भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने कहा कि प्रमाणित बिक्री कारोबार डेटा के अभाव में खुदरा व्यापारी बैंकों से ऋण प्राप्त करने में असमर्थ हैं. डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के साथ खुदरा विक्रेता के वास्तविक कारोबार को बैंकों से बेहतर ऋण प्राप्त करने के लिए डिजिटल लेनदेन द्वारा प्रमाणित किया जाएगा.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को मुद्रा की छपाई और वितरण में करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. डिजिटल करेंसी से भारतीय रिजर्व बैंक को भारी बचत होगी. डिजिटल करेंसी इको फ्रेंडली भी है. कागजी मुद्रा की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज की बचत होगी. कागज के लिए पेड़ों की कटाई कम होगी. रासायनिक रंगों के कम प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण होगा. डिजिटल करेंसी से सॉफ्टवेयर उद्योग विकसित करने में मदद मिलेगी. इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. जल्द ही हम डिजिटल इंडिया को व्यावहारिक रूप से लागू और स्वीकार करते हुए देखेंगे.
ऐसा होने से आईटी उत्पादों, सॉफ्टवेयर और डिजिटल उद्योग से जुड़े अन्य उत्पादों की बहुत मांग होगी. भारत दुनिया का सबसे युवा देश बनने जा रहा है. देश का युवा तकनीक के साथ चलता है. सरकार भारत के लोगों को डिजिटल तकनीक की ओर ले जा रही है। डिजिटल उत्पादों के लिए विशाल बाजार निकट है. भारत नवीन विचारों वाले युवाओं का देश है. हम बाजारों में आने वाले स्टार्ट अप में अत्यधिक वृद्धि देखेंगे. जिसके फल स्वरुप रोजगार चाहने वाले अब रोजगार देने वाले बनेंगे.