बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है

कोरोना काल में सोना, चांदी, प्लैटिनम की कीमत कई गुना बढ़ी है। इस लिस्ट में बिटकॉइन भी शामिल हो गया है। अपनी खास बनावट के कारण अब बिटकॉइन ज्यादा संख्या में नहीं बन पा रहा है सो ऐसे में जो भी बिटकॉइन हैं, उनका कारोबार तेज हो गया है।
लाखों डॉलर की कीमत का हो सकता है १ बिटकॉइन यहां ख़रीदे और बेचे
गौरतलब है कि अकेले दिसंबर में इसमें 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। क्रिप्टोकुरेंसी भुगतान पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक RBI के आदेश के बाद बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोक्यूरेंसी की ओर रुख किया है। जैसे-जैसे लोग इस दिशा में बढ़ रहे हैं, बिटकॉइन से संबंधित निवेश के बारे में लोगों को जागरूक करना आवश्यक हो गया है।
आप बिटकॉइन ऑनलाइन (पीयर-टू-पीयर) क्रिप्टो एक्सचेंज से या सीधे किसी से खरीद सकते हैं। दूसरा माध्यम काफी जोखिम भरा है और धोखेबाजों द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि इसके आदान-प्रदान भी किसी प्रकार के विनियमन द्वारा नियंत्रित नहीं होते हैं, लेकिन भारत में इन्हें सिविल और आपराधिक कानूनों के दायरे में रखा जाता है, जैसे कि अनुबंध अधिनियम, 1872 और भारतीय दंड संहिता, 1860। निवेश करने से पहले। उन्हें, जाँच करें कि एक्सचेंज का पंजीकृत पता कहाँ है और क्या इसे भारतीय कानून के तहत शामिल किया गया है। कुछ एक्सचेंज केवाईसी और एंटी मनीलाडिंग प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में बिटकॉइन की यात्रा!
बिटकॉइन दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोक्यूरेंसी बन गया है जिसमें लगभग 350 बिलियन डॉलर का बाजार पूंजीकरण है। यह 2009 में लॉन्च किया गया था जब दुनिया आर्थिक संकट में थी। गणितीय गणनाओं को हल करने के आधार पर, कंप्यूटरों ने बिटकॉइन के अलावा इकाइयां बनाईं। प्रत्येक बार इकाई को जोड़ने पर यह गणना और भी जटिल हो जाती है। इस आभासी मुद्रा के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसके खातों को हजारों कंप्यूटरों में एक साथ सार्वजनिक रूप से रखा जाता है। यह उस प्रक्रिया के बिल्कुल विपरीत है जिसमें बैंकों के सर्वर में पारंपरिक मुद्राओं का हिसाब होता है।
बिटकॉइन का उपयोग शुरू में तकनीकी पेशेवरों या फ्रीलांसरों द्वारा किया गया था, जिसमें उन्हें शुरुआती वर्षों में छोटी मात्रा में भुगतान किया गया था। वर्ष 2017 तक, यह एक निवेश उत्पाद में बदल गया जब इसकी कीमत 20 गुना बढ़ गई और दिसंबर 2017 में इसने $ 20000 (12.6 मिलियन रुपये) हासिल किए। यह 2018 में बहुत गिर गया और प्रति यूनिट 2.3 लाख रुपये तक गिर गया। मार्च 2020 में कोविद की दस्तक के बाद, इसने फिर से गति पकड़ी। अब यह 13.97 लाख रुपये प्रति यूनिट के पिछले स्तर पर पहुंच गया है।
क्या भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग कानूनी है?
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश न तो पूरी तरह से कानूनी है और न ही इस पर कोई प्रतिबंध है। 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने RBI के प्रतिबंध को खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्टों बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है में कहा गया है कि सभी क्रिप्टोकरेंसी को रोकने के लिए एक बिल 2019 में संसद में लाया जाएगा, लेकिन इसे संसद में कभी पेश नहीं किया गया। वकीलों ने कहा कि इस बिल को पास करना बहुत मुश्किल होगा।
शेयर बाजार में एक शेयर की कीमत उस कंपनी की लाभ स्थिति या किसी बांड की लाभप्रदता से निर्धारित होती है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं है। इसकी कीमत तय करने का कोई आधार नहीं है। इसके अधिवक्ताओं का दावा है कि सोने जैसे अन्य निवेश संसाधनों में, उनके मूल्य से कोई मूल्य नहीं जुड़ा है। बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव काफी तनावपूर्ण हो सकता है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है
पहले तो अनजान लोग यह जान लें कि बिटकॉइन है क्या? तो जनाब यह एक डिजिटल मुद्रा है। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी है। इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है। यानी इस मुद्रा को लेने या देने वाले गुप्त रहते हैं। बिटकॉइन या इसके जैसी किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को यूजर खुद ही बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको ‘माइन’ करना पड़ता है।
माइन को खदान न समझिये, यह कंप्यूटर में जटिल कैलकुलेशन वाली माइनिंग है। इसमें बहुत ज्यादा बिजली और कंप्यूटर की जबरदस्त ताकत लगती है। यह मान लीजिये कि क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में किसी छोटे शहर जितनी बिजली खप जाती है।
bitcoin (PC: social media)
यूजर को ‘माइन’ के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है
बहरहाल, यूजर को ‘माइन’ के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है। इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। बिटकॉइन के सिक्कों को शेयर बाजारों में अमेरिकी डॉलर और दूसरी मुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में इस्तेमाल होती है हालांकि बीते कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता ठहरी हुई है।
दिसंबर 2017 में बिटकॉइन फ्यूचर को शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज और शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड ने इनकी खरीद बिक्री को मंजूरी दी थी। बिटकॉइन को लेकर दिलचस्पी इतनी ज्यादा थी कि कारोबार की अनुमति मिलते ही इसकी कीमतों बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है में भारी उछाल आया।2017 के शुरुआत में इस मुद्रा की कीमत 1000 डॉलर थी जो साल के आखिर में बढ़ कर 19,783 तक पहुंच गई।
हालांकि कारोबार शुरू होने के बाद बिटकॉइन फ्यूचर अगले कुछ महीनों में तेजी से नीचे आया। एक साल बाद ही इसकी कीमत घट कर 4000 डॉलर पर चली गयी। निवेशकों और बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वालों का कहना है कि 2017 में आए उछाल की बड़ी वजहें सट्टेबाजी और मीडिया का आकर्षण थे।
बिटकॉइन का क्या मोल
डिजिटल करेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस के मुताबिक एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,700 डॉलर है। कॉइनबेस दूसरे टोकन और मुद्राओं का भी कारोबार करती है। हालांकि बिटकॉइन की कीमत अस्थिर है। यह एक हफ्ते में ही सैकड़ों या हजारों डॉलरों का उतार चढ़ाव देखती है। एक महीने पहले इसकी कीमत 17,000 डॉलर थी । एक साल पहले 7000 डॉलर।
बिटकॉइन एक बहुत जोखिम वाला निवेश है और पारंपरिक निवेश के तरीकों जैसे कि शेयर या फिर बॉन्ड की तरह व्यवहार नहीं करता, जब तक कि खरीदार कई सालों तक इस मुद्रा को अपने पास ना रखे। उदाहरण बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने 100 अमेरिकी डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे ताकि वह इस मुद्रा पर नजर रख सके और व्यापार में इसके इस्तेमाल के बारे में खबर दे सके। इस पोर्टफोलियो का खर्च इस महीने जा कर अपने मूलधन पर पहुंचा है।
इतना लोकप्रिय क्यों
दरअसल कंप्यूटर कोड की एक सीरीज है। यह जब भी एक यूजर से दूसरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं। लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है। इसी वजह से यह अच्छे और बुरे, दोनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।
बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है जिसे या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए। बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
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कुछ कारोबार बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि ‘ओवरस्टॉक डॉट कॉम’ बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करता है। ये मुद्रा इतनी मशहूर है कि ब्लॉकचेन डॉट इंफो के मुताबिक औसतन हर दिन 3,00,000 लेनदेन होते हैं। हालांकि इसकी लोकप्रियता नगद या क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ही है। बहुत सारे लोग और कारोबार में इसे भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
क्रिप्टोकरेंसी की प्रकृति में अब तक स्पष्टता नहीं
टैक्स कंसल्टिंग फर्म एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने बताया कि टैक्स लगाने के लिए फीफो (FIFO) पद्धति का उपयोग किया जाना चाहिए.
लेकिन समस्या यह है कि आज तक इसके बारे में कोई स्पष्टता नहीं है क्योंकि मुख्य रूप से एसेट क्लास भी अब तक परिभाषित नहीं है.
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिक्री मूल्य में से लागत मूल्य घटाने पर जो लाभ प्राप्त होता है टैक्स हमेशा उसी लाभ पर लगता है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की प्रकृति ऐसी है कि लागत और लाभ का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की गणना पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं
टैक्स लगाने को लेकर सबसे बड़ी समय यह कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है, इस पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी एक करेंसी है, एसेट है, कमोडिटी है या कुछ और है इस पर अब भी असमंजस बना हुआ है.
दूसरी बड़ी समस्या यह है कि टैक्स की दरें किसी ऐसे व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकती हैं जो एक निवेशक है और कोई व्यक्ति जो जीविका के लिए व्यापार करता है.
निशीथ देसाई एसोसिएट्स के डिजिटल टैक्स लीडर मेयप्पन नागप्पन ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी से लाभ की गणना कैसे करें और क्या इससे पूंजीगत संपत्ति के बराबर कारोबार किया जाना चाहिए या एक व्यापारी के मामले में इसे बिजनेस में स्टॉक के रूप में माना जाना चाहिए, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
बिटकॉइन का लेन देन कैसे किया जाता है (How to transact bitcoin)
- बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है।
- 1 फरवरी बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ? (What is bitcoin mining in Hindi)
- बिटकॉइन माइनिंग का मतलब एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है |
- बिटकॉइन माइनिंग की सफलता का ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने पर जो पुरस्कार मिलता है वह बिटकॉइन होता है।
- माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता हो, ऐसा नहीं होने पर माइनरस बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा।
- दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है|
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है|
बिटकॉइन का क्या मोल
डिजिटल करेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस के मुताबिक एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,700 डॉलर है। कॉइनबेस दूसरे टोकन और मुद्राओं का भी कारोबार करती है। हालांकि बिटकॉइन की कीमत अस्थिर है। यह एक हफ्ते में ही सैकड़ों या हजारों डॉलरों का उतार चढ़ाव देखती है। एक महीने पहले इसकी कीमत 17,000 डॉलर थी । एक साल पहले 7000 डॉलर।
बिटकॉइन एक बहुत जोखिम वाला निवेश है और पारंपरिक निवेश के तरीकों जैसे कि शेयर या फिर बॉन्ड की तरह व्यवहार नहीं करता, जब तक कि खरीदार कई सालों तक इस मुद्रा को अपने पास ना रखे। उदाहरण के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने 100 अमेरिकी डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे ताकि वह इस मुद्रा पर नजर रख सके और व्यापार में इसके इस्तेमाल के बारे में खबर दे सके। इस पोर्टफोलियो का खर्च इस महीने जा कर अपने मूलधन पर पहुंचा है।
इतना लोकप्रिय क्यों
दरअसल कंप्यूटर कोड की एक सीरीज है। यह जब भी एक यूजर से दूसरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं। लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है। इसी वजह से यह अच्छे और बुरे, दोनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।
बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है जिसे या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए। बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
bitcoin (PC: social media)
कुछ कारोबार बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि ‘ओवरस्टॉक डॉट कॉम’ बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करता है। ये मुद्रा इतनी मशहूर है कि ब्लॉकचेन डॉट इंफो के मुताबिक औसतन हर दिन 3,00,000 लेनदेन होते हैं। हालांकि इसकी लोकप्रियता नगद या क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ही है। बहुत सारे लोग और कारोबार में इसे भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
बिटकॉइन की सुरक्षा
बिटकॉइन नेटवर्क सामूहिक अच्छाई के लिए कुछ लोगों की लालसा पर निर्भर करता है। तकनीक के जानकार कुछ लोग जिन्हें माइनर कहा जाता है वो इस तंत्र में गणना की क्षमता ब्लॉकचेन में डाल कर इसे ईमानदार बनाए रखते हैं। ब्लॉक चेन हर बिटकॉइन के लेनदेन का हिसाब रखता है। इस तरह से यह उन्हें दो बार बेचे जाने को रोकता है। माइनरों को उनकी कोशिशों के लिए तोहफों में बिटकॉइन दिए जाते हैं। जब तक माइनर ब्लॉकचेन को सुरक्षित रखेंगे इसकी नकल करके नकली मुद्रा बनने का डर नहीं रहेगा।
बिटकॉइन को 2009 में एक शख्स या फिर एक समूह ने शुरू किया जो सातोषी नाकामोतो के नाम से काम कर रहे थे। उस वक्त बिटकॉन को थोड़े से उत्साही लोग ही इस्तेमाल कर रहे थे। जब ज्यादा लोगों का ध्यान उस तरफ गया तो नाकामोतो को नक्शे से बाहर कर दिया गया। हालांकि इससे मुद्रा को बहुत फर्क नहीं पड़ा यह सिर्फ अपनी आंतरिक दलीलों पर ही चलता रहा।