DSO क्या है

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग-मध्यप्रदेश
Department of Food, Civil Supplies and Consumer Protection - e-Governance and Transparency Portal
समान्य प्रश्नों के जवाब तथा शंकाओं का निराकरण :–
जिन परिवारों के राशन की दुकान से मेपिंग नहीं की गई है उन परिवारों की पात्रता पर्ची पोर्टल से बनकर डाउनलोड नही होगी एवं उन परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है जो की उचित नहीं है
परिवारों के राशन की दुकान से मेपिंग की रिपोर्ट मे केवल पात्र परिवारों के रूप मे सत्यापित परिवारों की जानकारी प्रदर्शित की जा रही है।
DSOs परिवारों के राशन की दुकान से मेपिंग की रिपोर्ट का प्रति दिन अध्यनन करेंगे तथा छूटे हुए पात्र परिवारों की FPS जानकारी तत्काल पंजीकृत करेंगे जिससे की पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची पोर्टल से बनकर डाउनलोड कर योजना का लाभ बिना किसी विलम्ब से किया जा सके।
पोर्टल पर यह सुविधा केवल DSO के लोग-इन पर दी गई है। किसी परिवार की FPS जानकारी को अपडेट करने की सुविधा केवल DSO के लोग-इन पर दी गई है।
प्रश्न 1 – इस माह की पात्रता पर्ची जनरेट होने तथा डाउनलोड करने के पश्चात मेने परिवार की पात्रता श्रेणी का जानकारी, सदस्यों की संख्या, राशन की दुकान के सांथ मेपिंग की तथा अन्य कोई बदलाव किया। इसके पश्चात मैने इसी माह की पात्रता पर्ची पुन: डाउनलोड की परंतु पात्रता पर्ची मे कोई बदलाव नही आया एवं पूरानी पात्रता पर्ची ही डाउनलोड हो रही है। क्यों ?
उत्तर - यदि पात्रता पर्ची जनरेट होने के पश्चात किसी नये परिवार को पात्र परिवार की श्रेणी मे पहली बार शामिल किया जाता है तथा उनकी किसी राशन शॉप से मेपिंग की जाती है तो यह परिवर्तन अगले माह जब पात्रता-पर्ची बनेगी तो उसमे परिलक्षित होगा ।
प्रश्न 2 – पात्रता पर्ची डाउनलोड होने के बाद मैने कुछ नवीन परिवारों को पात्र बना दिया परंतु उनकी पात्रता पर्ची डाउनलोड नही हो रही है। क्यों ?
उत्तर - यदि पात्रता पर्ची जनरेट होने के पश्चात किसी नये परिवार को पात्र परिवार की श्रेणी मे पहली बार शामिल किया जाता है तथा उनकी किसी राशन शॉप से मेपिंग की जाती है तो तो यह परिवर्तन अगले माह जब पात्रता-पर्ची बनेगी तो उसमे परिलक्षित होगा ।
प्रश्न 3 –अ. इस माह की पात्रता पर्ची जनरेट होने के बाद मैने किसी परिवार के सदस्यों को डिलीट कर सदस्यों की संख्या को कम कर दिया लेकिन इस माह की पात्रता पर्ची मे कोई बदलाव नही हुआ।
ब. इस माह की पात्रता पर्ची जनरेट होने के बाद मैने किसी परिवार को ही डिलीट कर दिया लेकिन इस माह की पात्रता पर्ची फिर भी डाउनलोड हो रही है।
उत्तर - किसी माह की पात्रता-पर्चियां जारी होने के बाद यदि किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन किया जाता है अथवा नये परिवारों /सदस्यों को जोड़ा या हटाया जाता है तो यह परिवर्तन अगले माह की पात्रता पर्चियों मे दिख पायेगा ।
प्रश्न 4 – क्या मुझे प्रत्येक माह की पात्रता पर्ची निकालना होगी ?
उत्तर - प्रत्येक माह आपको यह विकल्प होगा की आप समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्चियां निकाल सकते हैं अथवा केवल उन्ही की पात्रता पर्ची निकाल सकते हैं जिनमे बदलाव हुआ है अथवा जो नये परिवार पात्र परिवारों की श्रेणी मे शामिल हुए हैं।
प्रश्न 5 – हमारे यहां शून्य सदस्य वाली पात्रता पर्ची भी निकलीं हैं ऐसा क्यों ?
उत्तर - मार्च माह के प्रथम चरण मे इस प्रकार से पात्रता पर्ची निकली थीं परंतु अब नयी प्रणाली मे केवल शून्य से अधिक सदस्यों के परिवार की ही पात्रता पर्ची निकल रही हैं।
डीएसओ की तानाशाही से खौफजदा फरियादी
AGRA। शासनादेश के अनुसार सुबह 10 से 12 बजे तक सभी प्रशासनिक अधिकारी अपने ऑफिस में फरियादियों से मिलने को प्राथमिकता देंगे, लेकिन यहां फरियादी पढ़ा-लिखा नहीं हो, बावजूद इसके उसका ऑफिस के गेट पर रजिस्टर में एंट्री करना जरूरी है। इसके बाद भी अगर अधिकारी का मूड हुआ तो वह समस्या लेकर पहुंचे लोगों से मिलना जरूरी समझती हैं, नहीं तो फरियादी नारेबाजी करें या हंगामा, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। जिला पूर्ति अधिकारी के ऑफिस पर कुछ ऐसी ही मुश्किलों से अपनी शिकायत लेकर पहुंचने वाले फरियादियों को रोज जूझना पड़ता है।
कालाबाजारी की शिकायत करने पहुंची महिलाएं
जयपुर हाउस में जिला पूर्ति अधिकारी का ऑफिस है। यहां जिला पूर्ति अधिकारी के रूप में हाल ही में बागपत से स्थानांतरण होकर आई विजय प्रभा ने पदभार संभाला है। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष सरोज सिंह व सचिव किरन सिंह के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में महिलाएं राशन की कालाबाजारी की शिकायत करने यहां पहुंची। इस दौरान जिला पूर्ति अधिकारी अपने ऑफिस में बैठी हुई थीं। जैसे ही महिलाएं ऑफिस के गेट पर पहुंची, तो बाहर बैठे सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोक दिया।
ऑफिस का गेट बंद करा दिया
शिकायत करने पहुंची महिलाओं ने गार्ड को अधिकारी से मिलने के बारे में जानकारी दी, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं था। शोरगुल की आवाज सुनकर ऑफिस में बैठीं महिला अधिकारी ने गार्ड से पूछा कि 'शोरगुल की आवाज कहां से आ रही है, इन्हें हटाओ यहां से'। इसके बाद ऑफिस का दरवाजा बंद करा दिया। इस पर फरियाद लेकर पहुंची महिलाओं का पारा चढ़ गया।
हंगामा होते देख बैकफुट पर आई
महिला अधिकारी का ऐसा रुख देखकर महिलाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। गेट पर खड़े गार्ड से महिलाओं की जमकर नोकझोंक हुई। हंगामा होते देख अधिकारी बैकफुट पर आ गई। ऑफिस का गेट खुलवाया। इसके बाद भी फरियाद लेकर पहुंची महिलाओं से मुलाकात करने के लिए अपनी शर्त रख दी। इसके तहत कुछ ही महिलाओं ऑफिस में आने की अनुमति दी।
राशन की हो रही कालाबाजारी
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की पदाधिकारियों ने बताया कि खंदारी, बापूनगर, बूढ़ी का नगला, जेपी नगर, मऊ रोड, लोहामंडी, जगदीशपुरा, नौबस्ता, बाग मुजफ्फरखां, पीपलमंडी, नगला देवजीत में राशन की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है। दो महीने में एक बार ही राशन बंटता है। वे भी मानक के अनुसार नहीं मिलता है। गेहूं तो ऐसा मिलता है, कि जानवर भी उसे न खाएं। दुकानों का खुलने का कोई समय निर्धारित नहीं है। फरियादियों में मोनिका सिंह, रामा, उमा, पुष्पा, कलावती, पुष्पा, विनती, कांति, श्यामदेई, सरोज सिंह, किरन सिंह समेत तीन दर्जन महिलाएं मौजूद रहीं।
फरियादी ही नहीं स्टाफ भी परेशान
करीब 20 दिन पहले जिला पूर्ति अधिकारी का पदभार संभालने वालीं विजय प्रभा की कार्यप्रणाली से सिर्फ फरियादी ही परेशान नहीं हैं, बल्कि उनका स्टाफ का भी कुछ ऐसा ही हाल है। हालांकि खुले तौर पर इस पर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं होता, लेकिन दबी जुबान में कर्मचारी इस पर अपनी सहमति जताते दिखते हैं।
20 दिनों में ऑफिस से बाहर नहीं निकलीं
जिला पूर्ति अधिकारी विजय प्रभा ने एक अगस्त को कार्यभार संभाला। इन 20 दिनों में जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा अभी तक ना तो कहीं निरीक्षण और ना ही राशन वितरण का भौतिक सत्यापन किया गया। जबकि शासन के निर्देश हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, लेकिन राशन कार्ड फीडिंग का जो डाटा पूर्व जिला पूर्ति अधिकारी नीरज कुमार सिंह के समय में था, वहीं स्थिति अब भी है। डाटा फीडिंग का काम भी रूका हुआ है।
हर समय जनता के लिए तैयार
अगर पूर्व जिला पूर्ति अधिकारी की कार्यप्रणाली पर नजर डालें तो, वे बिना रोक-टोक के किसी भी समय अपने कार्यालय में जनता से मुलाकात करते थे, शिकायत पर तुरन्त एक्शन लेते थे। उनके कार्यकाल में तमाम बड़ी कार्रवाइयां हुई, जिसमें काले तेल का कारोबार, गैस एजेंसियों पर छापे, राशन की दुकानों के निलम्बन की दर्जनों कार्रवाइयां शामिल हैं।
सीएम सन्दर्भ शिकायतों पर भी नहीं गंभीर
जिला पूर्ति विभाग में सीएम सन्दर्भ में तमाम शिकायतें लम्बित पड़ी हुई हैं, उन पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं कि जब सीएम सन्दर्भ की शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा
DSO रीना कुमारी ने BJP सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष की निकाली हेकड़ी
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जिला पूर्ति अधिकारी रीना कुमारी ने भाजपा के सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष की हेकड़ी निकाल दी। यह मामला जिले में सुर्खियों में है। जिला पूर्ति अधिकारी पर कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता, विधायक राजेंद्र मौर्य और जिला अध्यक्ष हरिओम मिश्र ने जिलाधिकारी से मुलाकात की और जिला पूर्ति अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की।
जिलाधिकारी ने इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी को बुलाकर पूछा तो जिला पूर्ति अधिकारी ने हकीकत सामने रख दी। इसके बाद जिलाधिकारी ने प्रकरण की जांच करने की बात कह कर दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर वापस कर दिया। भाजपा सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष यह समझ रहे थे कि उनकी शिकायत करते ही जिलाधिकारी फौरन जिला पूर्ति अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही कर देंगे।
जानें क्या है मामला
17 सितंबर 2022 को भाजपा नेता रामजी मिश्रा और मनीष शुक्ला जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय गए हुए थे। यह दोनों लोग बाघराय के रामपुर कोटवा स्थित ओम नारायण किसान पैट्रोल पंप के पार्टनरशिप की पत्रावली लेकर पहुंचे थे और उस पर एनओसी चाह रहे थे। इस मामले को लेकर भाजपा नेताओं और जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के लिपिक से काफी कहासुनी भी हुई। इसके बाद भाजपा नेताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी रीना कुमारी पर भी दबाव बनाकर एनओसी लेना चाह रहे थे किंतु उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
इसकी जानकारी भाजपा नेताओं ने फोन के जरिए जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा को दी। उस समय जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा, सांसद संगम लाल गुप्ता और विधायक राजेंद्र मौर्य के साथ शादी हाल में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित थे। यह सभी लोग भाजपा नेताओं द्वारा दी गई जानकारी के बाद जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पर पहुंच गए और जिला पूर्ति अधिकारी पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं भाजपा के सांसद और विधायक ने जिला पूर्ति अधिकारी पर एन ओ सी के लिए पैसे मांगने की बात कही।
इसके बाद जिलाधिकारी डॉ नितिन बंसल ने जिला पूर्ति अधिकारी को अपने कार्यालय बुलाया और पूरे मामले की जानकारी ली। जिला पूर्ति अधिकारी ने जिलाधिकारी के सामने हकीकत को बयां कर दिया। हकीकत जानने के बाद जिलाधिकारी ने प्रकरण की जांच कराने की बात कह कर दोनों पक्ष के लोगों को समझा-बुझाकर वापस कर दिया।
महिला मोर्चा की नेत्री का भाजपा नेताओं ने नहीं दिया था साथ
कुछ माह पहले ही ईट भट्टे के विवाद को लेकर भाजपा महिला मोर्चा की नेत्री ने जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा और सांसद संगम लाल गुप्ता से सहयोग मांगा था किंतु इन दोनों नेताओं ने भाजपा महिला मोर्चा की नेत्री का साथ देने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। किंतु अब इसी तरह के दूसरे प्रकरण में भाजपा के जिलाध्यक्ष और सांसद का जिलाधिकारी के पास पहुंचकर हस्तक्षेप करना लोगों की समझ में नहीं आ रहा है।
Bulandshahr News: औचक निरीक्षण में डीएसओ सहित 4 कर्मचारी मिले अनुपस्थित, डीएम ने वेतन रोकने के दिये निर्देश
मंगलवार को डीएम रविन्द्र कुमार ने जिला पूर्ति कार्यालय का औचक निरीक्षण तो कार्यालय में कार्य दिवस के दौरान जिला पूर्ति अधिकारी व 2 पूर्ति लिपिक सहित 4 कर्मचारी अनुपस्थित मिले।
Bulandshahr News: बुलंदशहर के डीएम रविन्द्र कुमार ने समय पर कार्यालय न पहुंचने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर चाबुक चलना शुरू कर दिया है। आज यानी मंगलवार को डीएम रविन्द्र कुमार ने जिला पूर्ति कार्यालय का औचक निरीक्षण तो कार्यालय में कार्य दिवस के दौरान जिला पूर्ति अधिकारी व 2 पूर्ति लिपिक सहित 4 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। डीएम ने बिना पूर्व सूचना के कार्यालय से नदारद जिला पूर्ति अधिकारी सहित चारों अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने व अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के आदेश दिये हैं।
योगी राज में समय पर अपने कार्यालय क में पहुंचकर कार्यदिवस में जन समस्याओं के निस्तारण के सरकार ने निर्देश जारी किये थे, लेकिन शासन के निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर शासन व सिस्टम के उच्चाधिकारी लगातार सख्ती बरत रहे है।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने बताया कि आज प्रातः 10.40 बजे औचक रूप से जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय का स्थलीय निरीक्षण किया, तो वहं जिला पूर्ति अधिकारी की कुर्सी व दफ्तर खाली देख दंग रह गये, आनन फानन में उपस्थिति पंजिका मंगाई गई और वहाँ मौजूद कर्मचारियों की उपस्थिति चेक की तो जिला पूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह, पूर्ति लिपिक योगेन्द्र कुमार, पूर्ति लिपिक राजवीर सिंह एवं जीप चालक मौ0 इलियास अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने अनुपस्थित पाए गए अधिकारी व कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज कर एक दिन का वेतन काटे जाने तथा अग्रिम आदेशों तक वेतन रोके जाने के निर्देश दिये हैं।
अनुपस्थितों पर होगी कार्रवाई डीएम
डीएम रविन्द्र कुमार के औचक छापे से अधीनस्थों के कार्यालयों में हड़कंप मचा है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने सभी अधीनस्थों से समय पर कार्य पहुंचने व जन समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई भी अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय नही पहुचेगा और बिना पूर्व सूचना के कार्यालय से गायब मिलेगा तो उसके DSO क्या है विरुद्ध नियमानुसार सख्त कर्रवाई की जाएगी।
प्रभारी डीएसओ ने पूछा- क्या चाहते हो? कंट्रोल संचालक बोले- नीमच छोड़ दो
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नीमच। 'आपकी सरकार चाहती है, मैं चाहने वाला कोई नहीं होता। सरकार के बनाए नियमों का पालन तो करना ही पड़ेगा। इसके अतिरिक्त आप क्या चाहते हो. ' यह सवाल प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) सुरेश वर्मा ने कंट्रोल संचालकों से पूछा। नाराज कंट्रोल संचालकों ने एक स्वर में कहा- 'आप नीमच छोड़ दो। मनासा या जावद का ही प्रभार संभालो।' बस फिर क्या था, प्रभारी डीएसओ ने एक कागज उठाया और नीमच के प्रभार से मुक्त करने के लिए कलेक्टर को एक पत्र लिख दिया। इस पर भी कंट्रोल संचालकों का गुस्सा कम नहीं हुआ तो वे कलेक्टर कार्यालय की ओर कूच कर गए।
यह घटनाक्रम गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे कलेक्टोरेट की खाद्य शाखा में हुआ। जिला उपभोक्ता संघ संचालक के पदाधिकारी कमल शर्मा, मोहनसिंह राणावात, महेश चौरसिया सहित दो दर्जन से अधिक कंट्रोल संचालक शाखा में पहुंचे और प्रभारी डीएसओ के समक्ष नाराजगी जताई। शुरुआत हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप से हुई। कंट्रोल संचालकों ने सख्त लहजे में अपना पक्ष रखा। 10 मिनट से ज्यादा देर तक नाराजगी जताई गई। इसके बाद कंट्रोल संचालकों ने एक स्वर में खाद्य विभाग के प्रभारी डीएसओ श्री वर्मा से दो टूक शब्दों में नीमच का प्रभार DSO क्या है छोड़ने को कह दिया। मनासा व जावद के प्रभार से स्थानीय कंट्रोल संचालकों को कोई सरोकार नहीं था। इस पर प्रभारी डीएसओ ने भी तत्काल एक पत्र कलेक्टर के नाम तैयार किया और नीमच के प्रभार से मुक्ति के लिए गुजारिश की।
नियमों की आड़ में प्रताड़ित मत करो
समय : दोपहर 1.10 बजे स्थान : खाद्य विभाग शाखा
कंट्रोल संचालकों ने खाद्य शाखा में DSO क्या है चर्चा के दौरान कई आरोप लगाए। उन्होंने प्रभारी डीएसओ से कहा नियमों की आड़ में प्रताड़ित मत करो। कभी रात को 8 बजे तो कभी और देर से फोन कर परेशान करना कहां तक उचित है। पीओएस मशीन का संचालन अगले महीने से ही शुरू किया जाए।
तल्ख लहजा देखा तो लिख दिया पत्र
समय : दोपहर 1.20 बजे स्थान : खाद्य विभाग शाखा
कंट्रोल संचालक काफी गुस्से में थे। उनके तल्ख लहजे से खाद्य शाखा में सन्नााटा छा गया। कंट्रोल संचालकों की मांग और गुस्से को देखते हुए प्रभारी डीएसओ ने एक कागज उठाया और नीमच के प्रभार से मुक्ति के लिए कलेक्टर को एक पत्र लिखा। इसे सहकर्मी से कम्प्यूटर पर हाथों-हाथ तैयार भी करवा लिया।
. और स्टेनो को सौंप दिया पत्र
समय : दोपहर 1.30 बजे स्थान : कलेक्टोरेट की स्टेनो शाखा
खाद्य शाखा में कंट्रोल संचालकों के आक्रोश के बाद प्रभारी डीएसओ कार्यालय से सीधे कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़े। उन्होंने कंट्रोल संचालकों से भी साथ चलने को कहा। इस पर कुछ संचालक साथ आए। बाकी वहीं रुके। प्रभारी डीएसओ ने कलेक्टर के मीटिंग में व्यस्त होने के कारण स्टेनो बलदेव राज शर्मा को नीमच के प्रभार से मुक्ति संबंधी पत्र सौंप दिया।
पहले रास्ते में रोका, फिर कार्यालय पहुंचे
कंट्रोल संचालक पीओएस मशीन व खाद्य विभाग की व्यवस्था से परेशान हैं। उन्होंने गोमाबाई अस्पताल के समीप प्रभारी DSO क्या है डीएसओ श्री वर्मा को रोका। रास्ते में चर्चा की बजाय कार्यालय में चर्चा की बात सुन कंट्रोल संचालक कलेक्टोरेट पहुंचे और खाद्य शाखा में प्रभारी डीएसओ से चर्चा की।
कंट्रोल संचालकों की पीड़ा
-पीओएस मशीन के संचालन में दिक्कत आ रही है।
-सर्वर डाउन के साथ प्रशिक्षक भी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।
-जनवरी का आधा राशन वितरित हो चुका है। पीओएस का संचालन फरवरी से किया जाए।
-जांच व कार्रवाई के नाम पर कंट्रोल संचालकों को परेशान नहीं किया जाए।
-अधिकारी कार्यालयीन दायित्व के अतिरिक्त काम कराते हैं।
-अधिकारी कंट्रोल संचालकों से दुर्व्यवहार करते हैं।
(जैसा कंट्रोल संचालकों ने चर्चा में बताया।)
दिनभर रणनीति बनाई, फिर मिले कलेक्टर
खाद्य शाखा में गतिरोध के बाद जिला उपभोक्ता संघ के सदस्यों ने रणनीति बनाई। उन्होंने कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव से मुलाकात कर पीओएस मशीन के संचालन का प्रशिक्षण सही तरीके से नहीं मिलने की बात कही। व्यावहारिक परेशानियां बताईं। इस पर कलेक्टर ने खाद्य विभाग के अधिकारी व तकनीकी विशेषज्ञ को तलब कर बेहतर प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश दिए। शाम को गांधी वाटिका में कंट्रोल संचालकों की बैठक भी हुई।
उपभोक्ताओं की परेशानी
चार माह से राशन नहीं मिला। कंट्रोल संचालक सूची में नाम नहीं होने की जानकारी देते हैं तो खाद्य विभाग के कर्मचारी भी जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। वे सूची कंट्रोल पर भेजने की बात कहते हैं।
- बबीता विशाल भरंग, आम्बेडकर नगर
राशन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ना कंट्रोल पर सुनवाई हो रही है और ना ही खाद्य विभाग के अधिकारी सुन रहे हैं। चक्कर काट-काटकर परेशान हो गए हैं।
- कैलाश भवानी शंकर कणिक, आम्बेडकर नगर
पीओएस सिस्टम जनता के हित में राज्य सरकार ने लागू किया है। इसका पालन कंट्रोल संचालकों को करना है। पीओएस मशीन के वितरण के साथ कंट्रोल संचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रही बात आरोप-प्रत्यारोप की तो इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता। मेरा काम सिर्फ नियम व शासन की गाइड लाइन का पालन कराना है। रही बात प्रभार की तो यह कलेक्टर को तय करना है।
- सुरेश वर्मा, प्रभारी डीएसओ
सभी को पालन करना है
कंट्रोल संचालक मिले थे। उन्होंने पीओएस मशीन के संचालन से संबंधित परेशानी बताई। खाद्य विभाग के अधिकारी व तकनीकी विशेषज्ञ को बेहतर तरीके से प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। व्यवस्था का पालन सभी को करना है। रही बात खाद्य शाखा में हुए घटनाक्रम की तो मैं पता करता हूं।
- रजनीश श्रीवास्तव, कलेक्टर
पीओएस से बंटेगा राशन
जिले में अब पीओएस मशीन से राशन बंटेगा। जिले के कंट्रोल संचालकों को खाद्य शाखा से पीओएस मशीन वितरित की जा रही है। उन्हें संचालन का तरीका भी बताया जा रहा है। खाद्य शाखा कार्यालय में पीओएस मशीन लेने के लिए कंट्रोल संचालक पहुंच रहे हैं।