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आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी

आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी
जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती है, एसआईपी में निवेश बढ़ाना चाहिए. इसके लिए टॉप अप का विकल्प चुन सकते हैं. उदाहरण के लिए हर साल आप निवेश की राशि टॉप अप के जरिए 5,000 रु. प्रतिमाह बढ़ा सकते हैं. इससे आप आर्थिक लक्ष्य को जल्दी हासिल कर सकेंगे.

share market basics hindi

Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जानिए ये 3 बाते ! राकेट की स्पीड से करे निवेश !

शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है शेयर बाजार वह बाजार है जो किसी भी आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस तरह किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए रोटी कपड़ा मकान आदि जरूरी होते हैं वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिए शेयर बाजार बहुत जरूरी है उद्योग धंधों को चलाने के लिए कैपिटल चाहिए होता है उन्हें ये शेयर बाजार से मिलता है

शेयर बाजार के माध्यम से हर आम आदमी बड़े से बड़ा उद्योग मैं अपनी भागीदारी प्रदान कर सकता है इस तरह वह बड़े उद्योग में होने वाले मुनाफे में बराबर का हिस्सेदार बन सकता है मान लीजिए कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल और सीएनजी व्हीकल की और जमाना ज्यादा बड़ रहा है तो इन से संबंधित कंपनियों के शेयर खरीद कर रखने से आगे जाकर आपको बहुत मुनाफा देंगे और ऐसा करने से के लिए तो व्यवस्था चाहिए वह शेयर बाजार प्रदान करता है

जानिए शेयर बाजार कैसे काम करता है

शेयर बाजार काम एक सब्जी मंडी की तरह करता है शेयर बाजार में डिमांड एंड सप्लाई चलती है अगर इसके अंदर किसी चीज की बहुत ज्यादा डिमांड है तो रेट बड़ जायेगा लेकिन कोई ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड कम है लेकिन सप्लाई बहुत ज्यादा आ गई है तो उस सब्जी के रेट घट जाएंगे ।

शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर खरीदे भेजे जाते हैं किसी भी अन्य बाजार की तरह शेयर बाजार में खरीदने और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और मोलभाव करके शादी पक्की करते हैं और हां से कुछ समय पहले शेरों की खरीद बिक्री मौके गोलियों से होती थी और खरीदने बेचने वाले मुंह जवानी ही सौदा किया करते थे लेकिन आज के समय में सहारा लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े ऑनलाइन कंप्यूटरों के जरिए होता है ऑनलाइन इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है और आज के आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी समय में शेयर खरीदने बेचने वाले सामने नहीं आ पाते

शेयर बाजार से जुडी मुख्या जानकारियाँ

एनएससी (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बीएसई (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यहीं पर जाकर आप ट्रेडिंग करते हैं यहीं से आपको पता चलता है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज निफ़्टी फिफ्टी (NIFTY50) मैं आता है जिसमें शेयर बाजार की सारी कंपनियों का समावेश होता है उसी से पता चलता है कि सारी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं या हल्का परफॉर्म कर रही है

Nifty एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (National stock exchange fifty) मार्केट है यह दो शब्दों से मिलकर बनी है उसको nifty50 भी कहा जाता है लेकिन आमतौर पर लोग से Nifty के नाम से ही जानते हैं और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (National stock exchange of India) का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क होता है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मैं लिस्टेड 50 प्रमुख शेयर का सूचकांक होता है यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जोकि लिस्टेड है यह उन कंपनियों के शेयर्स जोकि लिस्टेड है उनके भाव में होने वाली तेज या मदी का भी ध्यान रखता है और उनकी सूचना प्रदान करता है।

शेयर बाजार की गिरावट के समय म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे होता फायदेमंद, एक्सपर्ट से समझिए

बाजार की गिरावट के समय एसआईपी बंद कर और पुरानी यूनिट बेचकर कुछ लोग बड़ी महंगी गलती करते हैं.

बाजार की गिरावट के समय एसआईपी बंद कर और पुरानी यूनिट बेचकर कुछ लोग बड़ी महंगी गलती करते हैं.

बाजार में तेजी हो या गिरावट, दोनों मौकों पर एसआईपी सबसे ज्यादा प्रभावी होती है. म्यूचुअल फंड में जब आप निवेश करते हैं त . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 02, 2022, 12:40 IST

Investment Tips : दुनियाभर के साथ साथ भारतीय शेयर बाजार भी इस समय गिरावट में चल रहे हैं. मार्केट में गिरावट के वक्त अक्सर लोग पैसा निकालने लगते हैं या निवेश रोक देते हैं. म्यूचुअल फंड की एसआईपी में भी लोग निवेश रोक देते हैं. लेकिन एक्सपर्ट कहते हैं कि ये गलत निवेश रणनीति है. बाजार में तेजी हो या गिरावट, दोनों मौकों पर एसआईपी सबसे ज्यादा प्रभावी होती है.

म्यूचुअल फंड में जब आप निवेश करते हैं तो आपको यूनिट मिलती है और बाजार की गिरावट में आपको ज्यादा यूनिट मिलती है. मतलब जब बाजार आगे चढ़ेगा तो आपको ज्यादा सामान्य से ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

शेयर बाजार की गिरावट के समय आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे होता फायदेमंद, एक्सपर्ट से समझिए

बाजार की गिरावट के समय एसआईपी बंद कर और पुरानी यूनिट बेचकर कुछ लोग बड़ी महंगी गलती करते हैं.

बाजार की गिरावट के समय एसआईपी बंद कर और पुरानी यूनिट बेचकर कुछ लोग बड़ी महंगी गलती करते हैं.

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म्यूचुअल फंड में जब आप निवेश करते हैं तो आपको यूनिट मिलती है और बाजार की गिरावट में आपको ज्यादा यूनिट मिलती है. मतलब जब बाजार आगे चढ़ेगा तो आपको ज्यादा सामान्य से ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

पेटीएम फाउंडर विजय शेखर बोले- बाजार में मंदी जरूर, लेकिन लॉन्ग टर्म में भारत वर्ल्ड कप जीत कर आएगा

जयपुर. पेटीएम फाउंडर विजय शेखर शर्मा का मानना है कि भारत में मंदी जरूर है। लेकिन यह शॉर्ट टर्म के लिए है। आने वाला समय हमारा है। भारत शतक लगाकर शिखर पर होगा। बुधवार को जयपुर के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित दैनिक भास्कर उत्सव के तीसरे दिन बिजनेस टॉक शो में उन्होंने ये बातें कहीं। विजय शेखर ने इस दौरान बिजनेस टिप्स भी दी। भास्कर समूह आपको कैसे पता चलेगा कि बाजार में तेजी है या मंदी के निदेशक गिरीश अग्रवाल ने टॉक शो में विजय शेखर से बात की। बातचीत के प्रमुख अंश:

सवाल: पूरा हिंदुस्तान मंदी की बात कर रहा है। लेकिन एक कंपनी हिंदुस्तान में है जिसका वैल्युएशन 1 लाख करोड़ रुपए हो गया। हम मंदी की बात कर रहे हैं आप तेजी की बात कर रहे हैं। यह कैसे है जरा समझाइए?

जवाब : (विजय हंसते हुए) जब भी कहीं मंदी हो रही होती है तो कहीं तेजी भी हो रही होती है। जहां तक तेजी की बात है मेरा मानना है कि दुनिया में जिस तरीके से पैसे का इनवेस्ट होता हैं। उसमें दुनिया की ओवरऑल इकोनॉमी में तो पैसे बनते ही जा रहे हैं, अब ये पैसे कहां जाते हैं किसके पास जाते हैं यही डिफरेंस है। लंबे दौर में तो यह भारत के लिए पॉजिटिव है। पहले जो इमरजिंग मार्केट थे। ब्राजील, रूस, भारत और चीन जिन्हें ब्रिक्स इकॉनॉमी भी कहा जाता था। इनमें भारत ब्राइट स्पॉट है। चीन एक प्रकार से विकसित मार्केट कैटेगरी में चला गया। यह जरूर है कि आजकल थोड़ा बुखार आया हुआ है, सर्दी-जुकाम है। लेकिन लॉन्ग टर्म में इंडिया जरूर शतक मारेगा और वर्ल्ड कप जीत कर आएगा।

Bear Market क्या है- what is bull market.

Bear Market की बात करें तो, यदि आप किसी कंपनी के गिरते दामों के शेयर से, यदि आपको लाभ होता है तो उसे हम Bear Market कहते हैं. इस Market में यह होता है की, यदि शेयर का प्राइस घटेगा तब जाकर आपको इससे लाभ प्राप्त होगा

उदाहरण :- समझने के लिए मान लीजिए कि jobkaisepaye.com एक कंपनी है जिस कंपनी के 1 शेयर का प्राइस ₹2000 है, और आपको लगता की कुछ समय बाद इस कंपनी का शेयर का Price घट कर ₹1000 हो जायेगा तो आप किसी ब्रोकर से उसका शेयर लेकर sell कर देते हैं, और जब उस शेयर प्राइस ₹1000 हो जाता है तो आप उस कंपनी का शेयर buy कर के उस ब्रोकर को दे देते हैं.

आप इसे कुछ इस प्रकार समझ सकते हैं, जब आप शेयर के घटते कीमतों में लाभ प्राप्त करते हैं तो, उसे हम Bear Market kehte hain.

Bull और Bear Market में क्या अंतर है-what is the difference in a bull and bear market.

दोस्तों bull और bear मार्केट में अंतर बताने से पहले हम लोगों द्वारा सुनी गई एक कहानी बताते हैं जो लोग bull और bear मार्केट के बारे में बताते हैं.

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