कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वर्ल्ड बैंक के चीफ डेविड मालपास ने भारत के डिजिटलीकरण के सफल प्रयासों को दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की है, जिससे बाकी देशों को भी इसका लाभ मिल सके।
G20 का अध्यक्ष बनने के बाद क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन बनाना होगी भारत की प्रमुख प्राथमिकता: FM निर्मला सीतारमण
भारत क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) के लिए कुछ मानक नियम और प्रक्रियाएं बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रहा है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत अगले वर्ष जी20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) के लिए कुछ मानक नियम और प्रक्रियाएं (SOPs) विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी देश आगे बढ़ने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन वे इसका दुरुपयोग होता नहीं देखना चाहते हैं।
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक (World Bank) की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए अमेरिका दौरे पर गई सीतारमण ने मीडिया से बात कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम करते हुए, "जी20 अध्यक्षता के दौरान यह (क्रिप्टो) भी भारत के लिए एक एजेंडा होगा।" भारत के पास अगले एक साल तक (दिसंबर 2022 से शुरू होकर 30 नवंबर 2023 तक) जी20 की अध्यक्षता रहेगी। इस दौरान भारत 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी करेगा।
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वित्त मंत्री ने कहा, "हम निश्चित रूप से इन सबका मिलान करके अध्ययन करना चाहते हैं और फिर इसे G20 की मेज पर लाना चाहते हैं ताकि सभी सदस्य देश इस पर चर्चा कर सकें और कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम एक रूपरेखा या मानक प्रक्रिया (SOP) पर पहुंचें और दुनिया भर में देशों के पास टेक्नोलॉजी से संचालित रेगुलेटरी फ्रेमवर्क हो।"
सीतारमण ने कहा कि कोई भी देश अपने स्तर पर क्रिप्टो का किसी भी रूप में रेगुलेशन नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, "G20 के कई सदस्य देशों ने पैसों के आवागमन, मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग बिजनेस आदि को लेकर चिंता जताई है। सब यह मानते हैं कि इसे लेकर रेगुलेशन की जरूरत है और सब देशों को इस पर एक साथ करना होगा क्योंकि कोई एक देश अकेला इसे नहीं संभाल सकता। तभी जाकर हम कुछ कर पाएंगे।" भारतीय रिजर्व बैंक भी कई मौकों पर क्रिप्टोकरंसी को लेकर अपनी कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम ओर से चिंता व्यक्त कर चुका है।
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ें हर सवाल के जवाब, कितना है जोखिम क्या है फायदा ?
फाइनेंसियल वर्ल्ड में क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा जोर-शोर से चल रही है. देश में पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह भी है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें जोखिम रहने के बावजूद तेजी से रिटर्न मिलता है.
वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों के मन में उलझन बनी हुई है कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं और आखिर यह क्या है और इसमें ट्रेड कैसे होता है.
निवेश के लिए सही प्लेटफॉर्म जरूरी
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए सही प्लेटफॉर्म का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. सही प्लेटफॉर्म का चुनाव नहीं करने पर ट्रेडिंग करते वक्त ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है. दुनिया में ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं. यहां कारोबार कभी नहीं रुकता. इसमें कभी भी किसी भी समय निवेश कर सकते हैं या निकाल सकते हैं.
भारत में अभी के समय में सबसे पोपुलर प्लेटफॉर्म - वजीरएक्स है. इसे क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज के रूप में भी जाना जाता है. इसके अलावा देश में कॉइनस्विच, कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, जेबपे भी उपलब्ध हैं जिनके जरीये क्रिप्टो में कारोबार हो सकता है.
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना चाहते हैं, तो पहले कुछ जांची-परखी गयी क्रिप्टोकरेंसी को समझें और फिर तय करें कि आपको कहां ट्रेड करना है. ऐसे कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानें.
यह दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सबसे पहले 2009 में संतोषी नाकामोटो के नाम से, किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बनाया गया था. यह एक ब्लॉकचेन पर चलता है. किसी ब्रोकर के बिना रीयल–टाइम में ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करता है. किसी भी टाइप की हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित है.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
क्रिप्टोकरेंसी के अपने फायदे और नुकसान हैं. इन पर देश की मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ता है. इसके कई डार्क पहलू भी हैं. इसलिए इसमें निवेश से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
क्रिप्टोकरेंसी का कोई कानूनी पक्ष नहीं है : क्रिप्टोकरेंसी में किया गया निवेश किसी भी तरह के कानूनी पहलू का हिस्सा नहीं होता है. भविष्य में कुछ गलत होता है, तो आप कोई क्लेम नहीं कर सकते हैं.
उतार-चढ़ाव से भरा है बाजार: क्रिप्टोकरेंसी निवेश बाजार जोखिमों के आधीन हैं. रोजाना काफी उतार-चढ़ाव होते हैं. ऐसे में इनमें मुनाफा और घाटा काफी तेजी से होता है.
क्रिप्टो व्हेल : सबसे बड़ी समस्या क्रिप्टो व्हेल है यानी वे निवेशक जो बड़ी मात्रा में अपने पैसे डंप करते हैं और उतार-चढ़ाव को प्रभावित करते हैं. इससे छोटे और मध्यम दर्जे के निवेशकों को घाटा होता है.
जोखिम है, पर बेहतर रिटर्न पाने का मौका भी
क्रिप्टोकरेंसी बिलकुल एक नयी दुनिया है. अर्थव्यवस्था में या यूं कहें कि बैंकिंग, निवेश, आय-व्यय आदि हर जगह इसका प्रभाव पड़ने वाला है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो बिलकुल नयी है. यह अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए इसको लेकर बहुत सारे भ्रम हैं. लेकिन सबसे अच्छी बात है कि इसमें जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाने का बहुत ही अच्छा अवसर है.
इससे लोगों की आय बढ़ेगी. और आय बढ़ेगी तो लोग खर्च भी करेंगे. इससे सरकार का इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. अपने देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया है.
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क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार | Types Of Cryptocurrency
शुरुआती दौर में तो केवल बिटकॉइन ही एकमात्र क्रिप्टोकरेंसी था. लेकिन धीरे-धीरे इंटरनेट एक्सपर्ट्स ने तमाम तरीके की क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत कर दी उनमें से कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी निम्नलिखित हैं.
- बिटकॉइन (BTC) – बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है इसे 2009 में सातोशी नाकामोटो ने बनाया था और आज भी यह दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी है.
- ईथोरियम (ETH) – यह Coinmarket cap के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे 2015 में लांच किया गया था यह ईथर नाम से भी प्रसिद्ध है.
- लाइटकॉइन (LTC) – लाइट कॉइन भी अन्य तरीके की क्रिप्टोकरेंसी की ही तरह एक पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है. यह डिसेंट्रलाइज होने के साथ-साथ पियर टू पियर टेक्नोलॉजी के तहत भी काम करती है. इसकी शुरुआत सन 2011 में हुई थी.
क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं | Features Of Cryptocurrency
क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो ऐसे में इसे इस्तेमाल करने के कई सारे फायदे होते हैं इसे इस्तेमाल करने के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं
- क्रिप्टोकरेंसी के लिए आपको किसी बैंक की जरूरत नहीं पड़ती है. आप बिना बैंक के हस्तक्षेप के इसे खरीद बेच सकते हैं
- क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करना काफी ज्यादा आसान होता है. इसकी ट्रेडिंग के लिए इंटरनेट पर कई सारे वैलेट प्रचलिच हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में किसी भी तरीके का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता है.
- क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी क्रिप्टोग्राफी नामक तकनीक से की जाती है. तो ऐसे में उसकी सुरक्षा में चूक की संभावनाएं लगभग शून्य हो जाती है.
- क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज द्वारा ट्रांजैक्शन पर किसी तरह की का कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लिया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages Of Cryptocurrency
हर सिक्के के 2 पहलू तो होते ही हैं. इसी तरीके से क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ फायदे हैं तो उन फायदों के साथ कुछ नुकसान भी उसके साथ आते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी इंटरनेट आधारित करेंसी है. तो ऐसे में इसे हैक किया जा सकता है. ईथेरियम नामक करेंसी के साथ ऐसा हो भी चुका है.
- क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी सरकारी अथॉरिटी का कोई नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे में इसकी कीमतों को रेगुलेट नहीं किया जा सकता इसीलिए इसकी कीमत में अप्रत्याशित रूप से उतार चढ़ाव देखा जाता है.
- क्रिप्टो करेंसी दुनिया के लिए अभी एक नया ट्रेन है तो ऐसे में अगर आप भूल से किसी के दूसरे व्यक्ति को यह करेंसी ट्रांसफर कर देते हैं तो उसे वापस पाने की कोई तकनीकी नहीं है
- दुनिया के कई देशों में इसके प्रतिबंधित होने का सबसे बड़ा कारण है अवैध कामों में इसका उपयोग इसीलिए इसे भी क्रिप्टोकरंसी का एक बड़ा नुकसान माना जाता है
क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें | How To Trade Cryptocurrency
इस लेख में आपने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम जानकारियों को पढ़ा. अब हम आपको बताएंगे कि आप किस तरीके से क्रिप्टोकरंसी खरीद या बेच सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए आपको एक ऑनलाइन वैलेट की जरूरत होगी. इस वैलेट में ही आपकी करेंसी होल्ड की जाएगी. आप वैलेट की मदद से क्रिप्टो करेंसी के मूल्य के बराबर रुपए चुका कर उसे खरीद सकते हैं और जब आपको क्रिप्टो करेंसी की कीमत में इजाफा दिखे तब आप उसको बेच सकते हैं. इस तरीके से क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा जरिया है. हालांकि भारत में इसका मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQs
प्रश्न.क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
उत्तर: क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी है. इसे एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम द्वारा मैरिज किया जाता है. इसके माध्यम से आप दुनिया में कहीं भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.
जानिए क्या है प्राइवेट Cryptocurrency, जिस पर बैन लगाने जा रही है केंद्र सरकार, ये है प्रमुख बातें
Ban on Private Cryptocurrency । भारत सरकार जल्द ही प्राइवेट Cryptocurrency पर बैन लगाने के लिए कानून लाएगी। इस संबंध में संसद में एक विधेयक पेश करने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार द्वारा विधेयक लाने की घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट में हलचल बढ़ गई है और अचानक ही Cryptocurrency मार्केट धराशायी हो गया है। क्रिप्टो करेंसी मार्केट में 15 से 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम गौरतलब है कि Cryptocurrency बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं एथेरियम में लगभग 15 प्रतिशत और टीथर में लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट आई है।
निवेश के लिए सही प्लेटफॉर्म जरूरी
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए सही प्लेटफॉर्म का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. सही प्लेटफॉर्म का चुनाव नहीं करने पर ट्रेडिंग करते वक्त ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है. दुनिया में ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं. यहां कारोबार कभी नहीं रुकता. इसमें कभी भी किसी भी समय निवेश कर सकते हैं या निकाल सकते हैं.
भारत में अभी के समय में सबसे पोपुलर प्लेटफॉर्म - वजीरएक्स है. इसे क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज के रूप में भी जाना जाता है. इसके अलावा देश में कॉइनस्विच, कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, जेबपे भी उपलब्ध हैं जिनके जरीये क्रिप्टो में कारोबार हो सकता है.
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना चाहते हैं, तो पहले कुछ जांची-परखी गयी क्रिप्टोकरेंसी को समझें और फिर तय करें कि आपको कहां ट्रेड करना है. ऐसे कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानें.
यह दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सबसे पहले 2009 में संतोषी नाकामोटो के नाम से, किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बनाया गया था. यह एक ब्लॉकचेन पर चलता है. किसी ब्रोकर के बिना रीयल–टाइम में ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करता है. किसी भी टाइप की हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित है.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
क्रिप्टोकरेंसी के अपने फायदे और नुकसान हैं. इन पर देश की मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ता है. इसके कई डार्क पहलू भी हैं. इसलिए इसमें निवेश से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
क्रिप्टोकरेंसी का कोई कानूनी पक्ष नहीं है : क्रिप्टोकरेंसी में किया गया निवेश किसी भी तरह के कानूनी पहलू का हिस्सा नहीं होता है. भविष्य में कुछ गलत होता है, तो आप कोई क्लेम नहीं कर सकते हैं.
उतार-चढ़ाव से भरा है बाजार: क्रिप्टोकरेंसी निवेश बाजार जोखिमों के आधीन हैं. रोजाना काफी उतार-चढ़ाव होते हैं. ऐसे में इनमें मुनाफा और घाटा काफी तेजी से होता है.
क्रिप्टो व्हेल : सबसे बड़ी समस्या क्रिप्टो व्हेल है यानी वे निवेशक जो बड़ी मात्रा में अपने पैसे डंप करते हैं और उतार-चढ़ाव को प्रभावित करते हैं. इससे छोटे और मध्यम दर्जे के निवेशकों को घाटा होता है.
जोखिम है, पर बेहतर रिटर्न पाने का मौका भी
क्रिप्टोकरेंसी बिलकुल एक नयी दुनिया है. अर्थव्यवस्था में या यूं कहें कि बैंकिंग, निवेश, आय-व्यय आदि हर जगह इसका प्रभाव पड़ने वाला है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो बिलकुल नयी है. यह अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए इसको लेकर बहुत सारे भ्रम हैं. लेकिन सबसे अच्छी बात है कि इसमें जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाने का बहुत ही अच्छा अवसर है.
इससे लोगों की आय बढ़ेगी. और आय बढ़ेगी तो लोग खर्च भी करेंगे. इससे सरकार का इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. अपने देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया है.
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