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विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना

विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना
हिमालय का पानी भूटान के जलविद्युत क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुआ है।

केंद्रीय बैंक की परिसंपत्तियों पर रोक कितनी कारगर?

यूक्रेन पर हमला करने के बाद अमेरिका के नेतृत्व में यूरोपीय देशों ने रूस पर कई आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें केंद्रीय बैंक की परिसंपत्तियों पर रोक लगाना भी शामिल है। ऐसा समझा जाता है कि परिसंपत्तियों पर लेनदेन संबंधी प्रतिबंध लगाने से केंद्रीय बैंक पर काफी प्रतिकूल असर पड़ता है मगर सच्चाई यह है कि यह असर उतना नहीं होता है जितना प्राय: समझा जाता है। प्रतिबंधों के बाद भी रूस का केंद्रीय बैंक रूबल छाप सकता है और महंगाई नियंत्रित करने के उपाय जारी रख सकता है। हां, प्रतिबंधों के कारण केंद्रीय बैंक बाजार में विनिमय दर पर किसी तरह का असर डाल पाने में असमर्थ रहता है।

जब चीन ने भारत के खिलाफ सीमा पर अतिक्रमण किया था तो उसने तर्क दिया कि सीमा पर भले ही सैनिक एक दूसरे से उलझे हैं मगर आर्थिक गतिविधियां जारी रहनी चाहिए। भारत के लिए यह असहज स्थिति थी। भारत ने चीन के साथ आर्थिक संबंधों को किनारे कर दिया और कहा कि पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक सहयोग उनके अच्छे एवं अनुकूल व्यवहार पर आधारित है। हालांकि भारत एक सीमा तक ही चीन के साथ आर्थिक गतिविधियों पर विराम लगा सकता है। इसका कारण स्पष्ट है। भारत चीन की अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक महत्त्व नहीं रखता है। इसके विपरीत चीन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण है। चीन के साथ बिगड़े हालात का सामना भारत ने स्वयं अपने दमखम पर किया है। भारतीय विदेश नीति दशा-दिशा को देखते हुए कोई भी देश ऐसे कदम उठाने के लिए तैयार नहीं था जो चीन पर प्रभाव डाल सकता था।

यूक्रेन की विदेश नीति अलग है। यूक्रेन अलग-थलग नहीं है और वहां के राष्ट्रपति व्लोदोमिर जेलेंस्की विश्व पटल पर छा गए हैं। पूरी दुनिया में कई देश उस नए सिद्धांत का हिस्सा बन गए हैं कि वैश्वीकरण का लाभ अच्छे व्यवहार पर निर्भर करता है। अगर रूस पूर्ववर्ती सोवियत संघ की तरह व्यवहार करता है तो वह भी सोवियत संघ की तरह अलग-थलग पड़ जाएगा। इस बीच, चीन रूस के कदम पर पैनी नजर रख रहा है और संभव है कि वह भी ताइवान पर अपना आधिपत्य करने के लिए उपलब्ध विकल्पों पर विचार करेगा।

आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने में केंद्रीय बैंक की परिसंपत्तियां जब्त करना भी शामिल है। इसका आशय एवं मीडिया में जिक्र थोड़ा बढ़ा-चढ़ा कर किया गया है। इस भ्रम का कारण 'विदेशी मुद्रा भंडार' की परिभाषा है। 'विदेशी मुद्रा भंडार' का तात्पर्य प्राय: केंद्रीय बैंक के पास उपलब्ध परिसंपत्तियों के भंडार से है। ऐसा मानना उपयुक्त नहीं है। प्रत्येक केंद्रीय बैंक का अपना 'मौद्रिक बहीखाता' होता है। इस बहीखाते में रूबल देनदारी समझी जाती है और इसके बदले उसी अनुपात में परिसंपत्तियों का भी प्रावधान किया जाता है। ये परिसंपत्तियां और देनदारियां अवश्य बराबर होनी चाहिए। इसका अर्थ है कि प्रत्येक रूबल के समतुल्य परिसंपत्ति का प्रावधान होना चाहिए। रूस का केंद्रीय बैंक रूबल छापता है और इसकी मदद से नई परिसंपत्तियां खरीदता है। इन परिसंपत्तियों को सहेज कर रखा जाता है। केंद्रीय बैंक परिसंपत्तियां बेच भी सकता है और इस क्रम में रूबल जमा कर सकता है।

परिसंपत्ति के मामले में केंद्रीय बैंक घरेलू या विदेशी परिसंपत्तियां रखने का विकल्प चुन सकता है। इन विदेशी परिसंपत्तियों को ही भ्रमवश 'विदेशी मुद्रा भंडार' का नाम दे दिया जाता है। वे इस अर्थ में भंडार नहीं जानी जा सकती क्योंकि इनका इस्तेमाल इच्छानुसार नहीं किया जा सकता है। अगर केंद्रीय बैंक इस भंडार को बेचने का निर्णय लेता है तो इससे अर्थव्यवस्था में रूबल की मात्रा उसी अनुपात में कम करनी होगी। इससे अल्प अवधि की ब्याज दर बढ़ जाएगी। व्यावहारिक स्तर पर कुछ नहीं बदला है। रूसी अर्थव्यवस्था में रूबल को समर्थन देने वाले लेनदेन हो रहे हैं। ये लेनदेन कुछ उन परिसंपत्तियों से जुड़े हैं जिनका कारोबार नहीं हो सकता है। रूस सरकार की तरफ से मुद्रा जारी करने वाला बुनियादी ढांचा पहले की तरह ही काम कर रहा है। केंद्रीय बैंक रोजमर्रा की तरह बहीखाते के आकार में लगातार बदलाव (अल्प अवधि की ब्याज दरों बदलाव) ला रहा है ताकि महंगाई दर स्थिर और कम स्तर पर रहे। वे ऐसा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।

वास्तव में केंद्रीय बैंक के बहीखाते में विदेशी परिसंपत्तियां अहम नहीं हैं। केंद्रीय बैंक के बहीखाते में केवल घरेलू परिसंपत्तियां रखकर मुद्रा छापना पूरी विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना तरह संभव है। हां, रूस का केंद्रीय बैंक मुद्रा बाजार में अपनी गतिविधियां चलाने में स्वयं को सक्षम नहीं पा रहा है। सामान्य तौर पर आपूर्ति एवं मांग विनिमय दर करती हैं। केंद्रीय बैंक स्थानीय मुद्रा छाप कर अमेरिकी सरकारी बॉन्ड जैसी विदेशी परिसंपत्तियां खरीदने में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बड़े आकार के सौदे मुद्रा बाजार में बाजार द्वारा तय कीमतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। मगर एक बार वैश्विक वित्तीय प्रणाली से रूस के केंद्रीय बैंक के अलग होने से उसके लिए ऐसे सौदे कर पाना संभव नहीं रह जाता है।

अधिकांश सुदृढ़ संरचना वाले केंद्रीय बैंक मुद्रा बाजार को हानि नहीं पहुंचाते हैं। उनका मूल उद्देश्य महंगाई दर नियंत्रित करने के इर्द-गिर्द रहता है। किसी अर्थव्यवस्था में विनिमय दर एक महत्त्वपूर्ण पक्ष होती है। जिस तरह सरकार इस्पात या पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य नियंत्रित के लिए हस्तक्षेप करती है उसी तरह विनिमय दर भी नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। एक सुव्यवस्थित मौद्रिक नीति तब तैयार होती है जब केंद्रीय बैंक विनिमय दर तय करने से स्वयं को दूर रखता है और अपना सारा ध्यान महंगाई नियंत्रित करने केंद्रित करता है।

जब रूस का केंद्रीय बैंक विदेशी परिसंपत्तियों में कारोबार नहीं कर पाता है तो इसका असर तुलनात्मक रूप से कम होता है। इससे रूबल छापने और घरेलू स्तर पर महंगाई दर नियंत्रित करने के केंद्रीय बैंक के कार्यों पर कोई असर नहीं होता है। जब तक प्रतिबंध लगे रहते हैंं तब तक रूस का केंद्रीय बैंक मुद्रा नीति में शामिल नहीं हो सकता है।

पिछले एक सप्ताह में अमेरिका डॉलर की तुलना में रूबल 84 से 124 तक चला गया है। यूक्रेन पर आक्रमण करने के खिलाफ दुनिया के देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों के असर वाजिब लग रहे हैं। इससे युद्ध छेडऩे के लिए रूस को वित्तीय स्तर पर कठिनाइयों का सामना करना होगा और आत्मनिर्भर बनने की राह में आने वाले प्रतिकूल असर से निपटना होगा। अगर रूसी केंद्रीय बैंक की विदेशी परिसंपत्तियों तक पहुंच होती और रूबल में आई इस कमजोरी से लडऩे की उसने कोशिश की होती तो यह रूस के लिए हानिकारक होता।

इन तमाम बातों का व्यापक संदर्भ काफी महत्त्वपूर्ण है। यूक्रेन और ताइवान जैसे देश की विदेश नीति अलग-थलग रहने के बजाय गठबंधन तैयार करने में विश्वास रखती है। इस वजह से इन पर कोई देश आक्रमण करता है तो उसे एक नए सिद्धांत से जूझना होगा। वह सिद्धांत यह है कि 'वैश्वीकरण का लाभ तभी मिल सकता है जब आपका व्यवहार अच्छा है। अगर आप गलत व्यवहार करते हैं तो दुनिया एकजुट होकर आपको दंडित करेगी जिसका असर लंबे समय तक दिखेगा।' इस समग्र ढांचे के तहत केंद्रीय बैंक को विदेशी परिसंपत्तियों में कारोबार करने से रोकना मात्र एक छोटा सा कदम है। 'विदेशी मुद्रा भंडार' को लेकर भ्रामक धारणा होने से इस बात को काफी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। बस इसका असर यह होता है कि केंद्रीय बैंक मुद्रा बाजार में छेड़छाड़ नहीं कर सकता है और विनिमय दर का निर्धारण बाजार के माध्यम से होता है।

विदेशी मुद्रा भंडार 4.85 अरब डॉलर बढ़कर 590.18 अरब डॉलर हुआ

मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 4.85 अरब अमरीकी डॉलर बढ़कर 590.18 अरब डॉलर हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 22 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर बढ़कर 585.33 अरब अमरीकी डॉलर हो गया था।
आंकड़ों के मुताबिक 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार में बड़ा इजाफा विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) के रूप में हुआ, जिसकी कुल भंडार में एक बड़ी हिस्सेदारी है।
आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक एफसीए 5.03 अरब डॉलर बढ़ाकर 547.22 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।

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विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना

bhutan

दक्षिण एशियाई देश भूटान जो कभी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने के अपने दर्शन के लिए जाना जाता है वह अब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

8,00,000 से कुछ कम लोगों की आबादी वाला ये राष्ट्र वैश्विक आर्थिक मंदी और राष्ट्रव्यापी कोविड प्रतिबंध के चलते चीन और भारत के बीच इस देश में आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित हुई है।

भूटान के छोटे और मध्यम व्यवसाय अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मूल्य वृद्धि और खाद्य सुरक्षा चिंताएं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियन स्टडीज की प्रोफेसर संगीता थपलियाल ने डीडब्ल्यू को बताया, "इस देश की स्थिति की तुलना अभी श्रीलंका से नहीं की जा सकती है।"

भोजन, ईंधन और दवा का भुगतान करने के लिए पैसे खत्म होने के बाद श्रीलंका की कर्ज से लदी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई जो महीनों तक विरोध प्रदर्शनों का कारण बना।

हालांकि, थपलियाल ने कहा कि भूटान उन लोगों के लिए इसी तरह की आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है जो वर्तमान में अधिकांश राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने विशेष रूप से पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों की स्थिति को और खराब कर दिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "अन्य देशों की तरह, भूटान की अर्थव्यवस्था में भी मुद्रास्फीति, आर्थिक झटके और नौकरियों का नुकसान हुआ है।"

विशेषज्ञों के अनुसार, मज़बूत डॉलर और गिरते भारतीय रुपये जिससे भूटान की नगुलट्रम मुद्रा आंकी जाती है वह भी उच्च आयात लागत की ओर ले जा रही है। यह उस देश के लिए आदर्श से बहुत दूर है जो विदेशों के उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भर है।

भूटान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डीडब्ल्यू को बताया, "भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों से स्थानीय कीमतों में और बढ़ोतरी की चिंता बढ़ गई है।" उन्होंने कहा, "खाद्य आपूर्ति को लेकर चिंता है।"

भूटान अपने जलविद्युत और पर्यटन क्षेत्रों पर केंद्रित है जो देश के बाहर से राजस्व पैदा करते हैं।

इस बीच सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भूटान के विनिर्माण क्षेत्र का शेयर एक दशक से अधिक समय से स्थिर है जबकि औद्योगिक क्षेत्र मुख्य रूप से निर्माण, खनन और बिजली द्वारा संचालित था।

वित्त मंत्री नामगे शेरिंग ने कहा है कि भूटान एक 'अज्ञात गंतव्य' की ओर बढ़ रहा है।

इस तरह की रूपरेखा आर्थिक संरचना को क्षेत्रीय और बाहरी झटकों के प्रति संवेदनशील बनाती रही है, क्योंकि जीडीपी, निर्यात और सरकारी राजस्व ज़्यादातर सिर्फ़ दो क्षेत्रों से पैदा होते हैं।

हाल ही में हुई एक बैठक में भूटान के वित्त मंत्री ल्योंपो नामगे शेरिंग ने कहा कि सरकार आयात पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है लेकिन विदेशी भंडार की रक्षा में मदद करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगा।

शेरिंग ने कहा, "मैं यह नहीं कह सकता कि आर्थिक संकट का कोई ख़तरा नहीं है। मैं यह नहीं कह सकता कि हम संकट में नहीं हैं। साथ ही, मैं यह नहीं कह सकता कि हम सहज हैं।" उन्होंने कहा कि ये हिमालयी राष्ट्र "अज्ञात गंतव्य" की ओर बढ़ रहा है।

शेरिंग द्वारा हाल ही में पेश किए गए वार्षिक बजट में भूटान का अब तक का सबसे अधिक राजकोषीय घाटा 22.882 बिलियन नुग्त्रुम ( 283 मिलियन यूरो) अर्थात देश के सकल घरेलू उत्पाद का 11.25% दिखाया गया है।

कम हो रहा है विदेशी भंडार?

भूटान के रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी द्वारा जुलाई में जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार दिसंबर के अंत में घटकर 970 मिलियन डॉलर (955 मिलियन यूरो) हो गया। यह अप्रैल 2021 में 1.46 बिलियन डॉलर था। जबकि कुल विदेशी ऋण कोरोनवायरस महामारी से पहले 2.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर 3.2 बिलियन डॉलर हो गया।

देश के पास 14 महीने के लिए आवश्यक वस्तुओं के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त विदेशी भंडार है। भूटान का संविधान देश को 12 महीने के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखने का अधिकार देता है।

राजधानी थिंपू से भूटान के राष्ट्रीय अखबार कूएनसेल के सीईओ उग्येन पेनजर ने डिडब्ल्यू को बताया, "हम आयात पर निर्भरता वाले देश हैं। हमें अन्य क्षेत्रों की ओर ध्यान देना शुरू करना होगा और नीतियों को सुधारना होगा जो अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए राजस्व ला सकते हैं। कृषि के लिए नई तकनीक में निवेश करना एक शुरुआत हो सकती है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम डरे नहीं हैं, लेकिन व्यापार घाटा बढ़ रहा है।"

अभी के लिए भूटान को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को कम होने से रोकने के लिए व्यापार घाटे के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

हिमालय का पानी भूटान के जलविद्युत क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुआ है।

भूटान के पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करना

एसोसिएशन ऑफ भूटानी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पेमा तेनज़िन वित्तीय संकट को लेकर चिंतित थे।

तेनज़िन ने डीडब्ल्यू को बताया, "पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और खालीपन ने ढांचागत परियोजनाओं में ठहराव ला दिया है क्योंकि महामारी ने आजीविका को प्रभावित किया है। लेकिन हम वापस हासिल करेंगे।"

पर्यटन जो 50,000 से अधिक लोगों को रोज़गार देता है और भूटान के राजस्व में सबसे अधिक योगदान देने वालों में से एक है उसे किसी भी अन्य क्षेत्र से सबसे ज्यादा झटका लगा।

पिछले वर्ष की तुलना में 2019-2020 में पर्यटन से राजस्व में 41% की गिरावट आई है।

2020 में केवल 28,000 पर्यटक भूटान आए जिससे 19 मिलियन डॉलर (18.67 मिलियन यूरो) का राजस्व प्राप्त हुआ। यह 2019 के 3,15,599 पर्यटकों के आंकड़े से काफी कम था जिससे सरकारी आंकड़ों के अनुसार 225 मिलियन डॉलर कमाई की गई थी।

महामारी शुरू होने के बाद पिछले दो साल से अधिक समय गुजरने के बाद पहली बार सितंबर से यह पर्वतीय राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाएगा।

हालांकि, रेट को बढ़ा दिया गया है और प्रति रात प्रति पर्यटक 200 डॉलर (196 यूरो) का सस्टेनेबल डेवलपमेंट शुल्क लिया जाएगा। यह 65 डॉलर से बढ़ोतरी की गई है जो तीन दशकों से लिया जा रहा था।

जलविद्युत की तेज़ी

भूटान का आर्थिक विकास उसके जलविद्युत क्षेत्र के विकास से जुड़ा है। यह देश भारत को पैदा हुए ऊर्जा का लगभग 70% निर्यात करता है।

भारत भूटान का सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है साथ ही सबसे महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार भी है जो भूटान के व्यापार का 50% हिस्सेदार है और देश के शीर्ष विदेशी निवेशकों में से एक है। जबकि भूटान भारत की नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट नीतियों के लिए महत्वपूर्ण रहा है जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में व्यापार और ऊर्जा संबंधों को बढ़ावा देना है।

ऐसी आशंकाएं हैं कि लंबे समय तक चलने वाले आर्थिक संकट से भारत और भूटान के बीच संबंधों में विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना खटास आ सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसका लाभ चीन उठाने की स्थिति में हो सकता है।

चीन के साथ तटस्थ व्यवहार करते हुए भूटान ने अब तक भारत के साथ एक अनूठा संबंध बनाए रखा है।

थपलियाल ने कहा, 'इस स्थिति में भारत के लिए यह जरूरी है कि वह भूटान की मदद करे, जिसके साथ उसके खास संबंध हैं।'

उन्होंने कहा, "एक आर्थिक रूप से मजबूत भारत जो भूटान को उसकी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद करने में सक्षम है, लंबे समय में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और स्थिर बनाए रखेगा।"

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 01 July, 2022 UPSC CNA in Hindi

 Image Source: BBC

1. संशोधित PSLV ने तीन विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया:

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी-सी53 ने इसरो, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने दूसरे समर्पित मिशन में सिंगापुर के तीन उपग्रहों को उनकी इच्छित कक्षाओं में स्थापित किया।
  • इस मिशन ने वैज्ञानिक प्रयोगों के संचालन के लिए कक्षा में एक स्थिर मंच के रूप में अपने पीएसएलवी-चौथे चरण “पीएसएलवी कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (पीओईएम)” का उपयोग करके इसरो के लिए एक अतिरिक्त उद्देश्य भी पूरा किया।
  • इसरो द्वारा ps 4 stage ko हासिल करने तथा आकाशीय कक्षाओं में लागत प्रभावी प्रयोग , स्टार्टअप, स्टूडनेट्स और वैज्ञानिक समुदाय की बढ़ती मांगो को पूरा कर सकता है।

2. निजी क्षेत्र में कुष्ठ रोग की दवाओं की कमी पर चिंता:

  • भारत में निजी क्षेत्र क्लोफ़ाज़िमाइन (Clofazimine) की कमी का सामना कर रहा है जो कुष्ठ रोग के इलाज के लिए एक प्रमुख विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना दवा है जबकि वैकल्पिक दवाएं बहुत महंगी हैं तथा पहुँच से दूर है।
  • क्लोफ़ाज़िमाइन (Clofazimine), मल्टीबैसिलरी लेप्रोसी (Multibacillary Leprosy (MB-MDT) ) मामलों के मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट में तीन आवश्यक दवाओं रिफैम्पिसिन और डैप्सोन में से एक है।
  • क्लोफ़ाज़िमाइन (Clofazimine) ने मल्टीड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस के खिलाफ सक्रियता दिखाई है और डब्ल्यूएचओ द्वारा दवा प्रतिरोध के इलाज के लिए इसकी सिफारिश की गई है।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि भारत में हर साल कुष्ठ रोग के 1,25,000 से अधिक नए रोगियों की संख्या में इजाफा होता है।
  • क्लोफ़ाज़िमाइन की कमी भारतीय कुष्ठ उपचार परिदृश्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है क्योंकि त्वचा और कुष्ठ रोग विशेषज्ञ कुष्ठ रोगियों के इलाज में एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. एंथ्रेक्स के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. एंथ्रेक्स एक गंभीर संक्रामक रोग है जो बेसिलस ऐंथरैसिस नामक ग्राम-ऋणात्मक, छड़ी के आकार के जीवाणु के कारण होता है।
  2. यह मुख्य रूप से जानवरों को प्रभावित करता है। मनुष्य किसी जानवर के संपर्क में आने या साँस के द्वारा जीवाणुओं को अंदर लेने से संक्रमित हो सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: एंथ्रेक्स एक गंभीर संक्रामक रोग है जो बेसिलस एन्थ्रेसीस नामक ग्राम-पॉजिटिव (सकारात्मक), रॉड के आकार के बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • कथन 2 सही है: एंथ्रेक्स मुख्य रूप से पशुधन और जंगली जानवरों को प्रभावित करता है और मनुष्य बीमार जानवरों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से यासाँस के द्वारा जीवाणुओं को अंदर लेने से संक्रमित हो सकता है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) चार चरणों वाला रॉकेट है।
  2. PSLV कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (POEM) एक ऐसा मंच है जो कक्षीय प्रयोग में मदद करेगा।
  3. POEM, PS4 टैंक के चारों ओर लगे सौर पैनल और लीथियम -आयन बैटरी से ऊर्जा प्राप्त करेगा।

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) एक चार चरणों वाला रॉकेट है,जिस बारी-बारी से ठोस और तरल प्रणोदन प्रणाली का उपयोग में किया जाता है।
  • कथन 2 सही है: पीएसएलवी कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (पीओईएम) एक ऐसा मंच है जो इसरो के पीएसएलवी के अंतिम चरण का उपयोग करके कक्षा में प्रयोग करने में मदद करेगा।
  • कथन 3 सही है: POEM PS4 टैंक के चारों ओर लगे सौर पैनलों और ली-आयन बैटरी से अपनी ऊर्जा प्राप्त करेगा और यह चार सन सेंसर, एक मैग्नेटोमीटर, जायरोस और एनएवीआईसी का उपयोग करके उन्हें नेविगेट करेगा।

प्रश्न 3. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई थी।
  2. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के गठन से पूर्व, इसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निष्पादन मंत्रिमंडल सचिव द्वारा किया जाता था।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) करता है।

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: NSC की स्थापना 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा की गई थी।
  • ब्रजेश मिश्रा ने देश के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में कार्य किया।
  • कथन 2 सही नहीं है: NSC के गठन से पहले, इन कार्यों को प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव द्वारा किया जाता था।
  • कथन 3 सही नहीं है: NSC का नेतृत्व प्रधान मंत्री करते हैं।
  • एनएसए एनएससी का सचिव होता है। (NSA is the Secretary of NSC.)

प्रश्न 4. हाल ही में चर्चा में रहा स्नेक आइलैंड किसका भाग है? (स्तर – सरल)

उत्तर: c

व्याख्या:

  • स्नेक आइलैंड जिसे सर्पेंट आइलैंड या ज़मीनी द्वीप (Zmiinyi Island/Snake Island) भी कहा जाता है, काला सागर में स्थित एक द्वीप है जो यूक्रेन के अधीन आता है।
  • स्नेक आइलैंड डेन्यूब नदी के मुहाने के करीब स्थित है, जो यूक्रेन के साथ रोमानिया की सीमा बनता है।

प्रश्न 5. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित “गुच्ची” के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. यह एक कवक है।
  2. यह कुछ हिमालयी वन क्षेत्रों में उगता है।
  3. उत्तर-पूर्वी भारत के हिमालय की तलहटी में इसकी वाणिज्यिक रूप से खेती की जाती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: गुच्ची मशरूम एस्कोमाइकोटा (Ascomycota) के परिवार मोरचेलासी (Morchellaceae) के कवक की एक प्रजाति है।
  • कथन 2 सही है: गुच्ची मशरूम कुछ हिमालयी वन क्षेत्रों में उगती है।
  • कथन 3 सही नहीं है: गुच्ची मशरूम की खेती व्यावसायिक रूप से नहीं की जा सकती है क्योंकि यह जंगलों में ही उगती हैं।
  • वे समशीतोष्ण क्षेत्रों एवं हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल तथा जम्मू और कश्मीर की तलहटी में शंकुधारी जंगलों में उगते हैं।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. रुपया क्यों गिर रहा है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था और लोगों को कैसे प्रभावित करेगा? [जीएस-3, अर्थव्यवस्था] (150 शब्द, 10 अंक)

प्रश्न 2. भारत में फिल्म सेंसरशिप से सम्बंधित विवादों के बारे में चर्चा कीजिए। [जीएस-2, राजनीति] (150 शब्द, 10 अंक)

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