खरीदें और रखें

शुद्ध बीमा खरीदें, ध्यान रखें परिपक्वता पर कोई रकम नहीं मिलती है।
बीमा खरीदना आपके बजट में होता है, परंतु असलियत यह है कि लोग बीमा खरीदना ही नहीं चाहते हैं, वे तो कोई ऐसा उत्पाद खरीदना चाहते हैं जिसमें परिपक्वता पर उनको अपनी खर्च की गई रकम वापिस मिल जाये। सबसे पहले तो आपको अपनी भ्रांति मिटा देनी चाहिये कि बीमा की परिपक्वता पर आपको कोई रकम वापिस मिलने वाली है। हम बचपन से ही हमारे सामाजिक वातावरण में यही देखते आ रहे हैं कि बीमा से आपको परिपक्वता पर एक वांक्षित रकम वापिस मिलती है, इसलिये हमारी मानसिकता ही ऐसी है कि हम बीमा को निवेश का उत्पाद मानने लगे हैं।
बीमा मतलब कि शुद्ध खर्च होता है, जैसे कि आप अपनी कार या बाईक के लिये बीमा खरीदते हैं तो आपको कोई भी रकम परिपक्वता पर वापिस नहीं होती है, बस अंतर यह है कि वाहन बीमा की प्रीमियम थोड़ी ज्यादा होती है क्योंकि उसमें आपका और थर्ड पार्टी बीमा के साथ वाहन का भी बीमा होता है। परंतु शुद्ध जीवन बीमा वाहन बीमा के मुकाबले बहुत सस्ता होता है। अगर आपकी कार 4 लाख रूपये से बीमित है तो बीमा की प्रीमियम लगभग 15-16 हजार रूपये होगी और 30 हजार की कीमत वाली बाईक का बीम लगभग 1100 रूपये होगा।
बिल्कुल वैसे ही जैसे स्वास्थ्य बीमा आपके लिये खर्च है जिसमें कि परिपक्वता पर कुछ भी नहीं मिलता है, परंतु आप व आपका परिवार दोनों स्वास्थ्य बीमा के साये में हमेशा ही वित्तीय रूप खरीदें और रखें से होने वाली किसी भी स्वास्थय आपदा से सुरक्षित होते हैं। जैसे कि निजी दुर्घटना बीमा भी एक शुद्ध खर्च खरीदें और रखें है जिसमें कि आपका शरीर बीमित है, शरीर के हर अंग के लिये अलग अलग बीमा रकम भी निश्चित है, परंतु इसमें भी परिपक्वता पर कोई रकम वापिस नहीं मिलती है। शुद्ध बीमा में हमेशा ध्यान रखें कि यह आपके लिये खरीदें और रखें खर्च है, और इसमें कभी भी प्रीमियम की रकम किसी भी प्रकार से वापिस नहीं मिलेगी।
अब बात करते हैं जीवन बीमा खरीदें और रखें खरीदें और रखें की, तो यह हम लोगों की सबसे बड़ी कमजोरी है और हम पारंपरिक बीमा योजना लेते हैं, जिसमें कि सालाना 12,खरीदें और रखें 000 रूपये का बीमा लेते हैं जिसमें कि हमें अगले 15-20 वर्षों तक पैसा भरना होता है और मात्र 2-3 लाख रूपयों से हम बीमित होते हैं। हम खुश होते हैं कि हमें 20 वर्ष के बाद परिपक्वता पर जो भी प्रीमियम हमने भरी है वह और उस पर कुछ ब्याज हमें वापिस मिल जायेगा और हम बीमा उत्पाद को निवेश का उत्पाद मानने लगते हैं, क्योंकि इससे हमें आयकर में भी बचत पर छूट मिलती है।
जीवन बीमा में शुद्ध बीमा अगर खरीदने जायेंगे तो 35 वर्ष की उम्र के व्यक्ति को 50 लाख रूपयों का बीमा ही मात्र 7-8 हजार रूपयों खरीदें और रखें में मिल जायेगा। केवल परिपक्वता पर पैसा वापिस नहीं मिलेगा। परंतु यहाँ बीमित व्यक्ति के परिवार का भविष्य सुरक्षित रहता है। अगर पारंपरिक बीमा लिया है और बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को केवल 2-3 लाख रूपये ही मिलेंगे और परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, परंतु अगर शुद्ध जीवन बीमा लिया है तो उन्हें 50 लाख रूपये मिलेंगे और परिवार को किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना होगा। शुद्ध जीवन बीमा का मुख्य उद्देश्य होता है कि परिवार अपने अभी के जीवन स्तर को बरकरार रख पाये।
साधारणत: शुद्ध जीवन बीमा अपनी वार्षिक कमाई का कम से कम 10 गुना लेना चाहिये और अधिकतम 20 गुना तक ले सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक कमाई 3.50 लाख रूपये है तो उनको कम से कम परिवार की सुरक्षा के लिये 35 लाख रूपयों का बीमा व अधिकतम 70 लाख रूपयों का बीमा लेना चाहिये। अगर किसी व्यक्ति की उम्र 28 वर्ष है और मासिक आय 20 हजार रूपये है तो उनको कम से कम 25 लाख रूपयों का बीमा अगले 30 वर्षों के लिये लगभग 2,500 रूपये की वार्षिक प्रीमियम पर ही मिल जायेगा। आपको जो भी बचत अब करनी है वह आप निवेश खरीदें और रखें उत्पाद में लगायें, जैसे कि इक्विटी, म्यूचुयल फंड, फिक्सड डिपॉजिट इत्यादि।
लेखक – विवेक रस्तोगी, बैंगलोर में बहुराष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कंपनी में बैंकिंग विशेषज्ञ के तौर पर सेवारत।
पशुओं को खरीदने के समय रखें इन बातों का ध्यान
पशुओं को खरीदने के समय कई बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। पशुओं की खरीदारी के समय हमारी जरा सी लापरवाही बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। अगर आप भी पशु पालन से जुड़े हैं और खरीदना चाहते हैं गाय या भैंस तो इस पोस्ट में दी गई बातों को ध्यान में रखना न भूलें।
पशुओं को खरीदने के समय रखें इन बातों का ध्यान
नस्ल : पशुओं को खरीदते समय हमेशा उनकी नस्ल का ध्यान रखें। विभिन्न नस्ल के पशु सभी तरह की जलवायु एवं वातावरण को सहन नहीं कर सकते हैं। जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होता है। इसलिए हमेशा अपने क्षेत्र के अनुसार ही पशुओं की नस्ल का चयन करें।
स्थान : पशुओं को हमेशा किसी मान्यताप्राप्त संस्थान या स्थान से ही खरीदें। पशु खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की वहां टीबी, आईबीआर, ब्रूसेलोसिस, एफएमडी, आदि रोगों का प्रकोप न हो।
आयु : दूध उत्पादन की दृष्टि से छोटी आयु के पशुओं को खरीदना अधिक फायदेमंद साबित होता है। पशुओं की आयु का पता आप उनकी सींग एवं दांतों से कर सकते हैं।
स्वास्थ्य : किसी भी रोग से प्रभावित पशुओं को खरीदने से बचें। स्वस्थ पशुओं की पहचान उनकी आंखों के साथ उनकी नाक, सांसें, वजन, शारीरिक तापमान, हृदय की गति एवं पशुओं के व्यवहार से कर सकते हैं।
दूध उत्पादन : पशुओं को खरीदते समय दूध उत्पादन की क्षमता के साथ बछड़ों की संख्या का भी ध्यान रखें।
टीकाकरण : पशुओं को पहले रोग हुआ है या नहीं, पशुओं को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए टीका लगाया गया है या नहीं, इन बातों का भी विशेष ध्यान रखें।
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Dhanteras 2022: इस धनतेरस सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है परेशानी
अगर आप भी आज के शुभ दिन पर सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो ऐसी कई बाते हैं, जिन्हें आपको सोना खरीदने से पहले ध्यान में रखना जरूरी है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Oct 22, 2022 | 12:56 PM
Dhanteras 2022: आज धनतेरस का त्योहार है. आज के दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. लोग आज के दिन सोने में निवेश करते हैं. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर सोना खरीदने से अच्छी किस्मत और भाग्य बनता है. इस दिन सोने के अलावा चांदी की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है. परंपरा की वजह से इस दिन लोग बड़ी संख्या में कुछ न कुछ खरीदारी के लिए बाहर निकलते हैं. वहीं फेस्टिव सीजन के संकेत भी बता रहे हैं कि इस साल भारतीय जमकर शॉपिंग कर रहे हैं. इसी वजह से कंपनियां और ज्वैलर्स भी मौके का पूरा फायदा उठाने के लिए ऑफर्स की बारिश कर रहे हैं. अगर आप भी आज के शुभ दिन पर सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो ऐसी कई बाते हैं, जिन्हें आपको सोना खरीदने से पहले ध्यान में रखना जरूरी है.
हॉलमार्क वाली ज्वैलरी को चुनें
हर ज्वैलरी आइटम जो आप खरीदते हैं, उनमें हॉलमार्क होना जरूरी होता है. बीआईएस लोगो, हॉलमार्क सेंटर का नाम/ लोगो, मैन्युफैक्चरर का लोगो होना जरूरी है.
मेकिंग चार्ज को चेक कर लें
ज्वैलरी की पूरी कीमत में जीएसटी से पहले मेकिंग चार्जेज जोड़े जाते हैं, जिन पर ज्वैलरी स्टोर्स पर बात की जा सकती है. इस बात का ध्यान रखें कि मेकिंग चार्ज डिजाइन और मार्केट रेट्स पर आधारित होता है. ज्यादा मेकिंग चार्ज देने से ज्वैलरी की कीमत बढ़ जाती है और ग्राहकों को ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं.
विश्वसनीय विक्रेताओं को खोजें
यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सोना खरीदने से पहले आप विक्रेता की प्रमाणिकता को चेक करें. और केवल विश्वसनीय विक्रेताओं से सोना खरीदें. आप ज्वैलर पर उपलब्ध मशीन पर सोने की शुद्धता को चेक कर सकते हैं.
बाय बैक पॉलिसी
कोई भी ज्वैलरी खरीदने से पहले हमेशा बाय बैक पॉलिसी को चेक करें. अलग-अलग ज्वैलर के पास ज्वैलरी की रिसेल के लिए अलग-अलग पॉलिसी होती हैं. कुछ ज्वैलर कुछ प्रतिशत को काटते हैं. जबकि, कुछ मौजूदा कीमत को विचार में लेते हैं. कभी भी जल्दबाजी न करें और हमेशा बायबैक पॉलिसी को चेक करें.
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ज्वैलरी का सर्टिफिकेशन
ज्वैलरी खरीदना एक बड़ा फैसला होता है और इसमें काफी पैसा खर्च होता है. इसलिए किसी भी ज्वैलरी स्टोर से हमेशा सर्टिफाइड ज्वैलरी खरीदें. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे आप भविष्य में ज्वैलरी को बेच सकते हैं.
तरबूज खरीदने जाएं तो रखें इन बातों का ध्यान, निकलेगा मीठा और लाल
गर्मियों के इस मौसम में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल हैं तरबूज जो स्वाद के साथ ही सेहत भी प्रदान करता हैं। तरबूज में 95 प्रतिशत पानी मौजूद होता है जो शरीर में पानी की कमी को आसानी से पूरी कर देता है। गर्मियों के इन दिनों में तरबूज का सेवन रिफ्रेशमेंट महसूस कराता हैं। तरबूज का सेवा तभी आता है जब वह मीठा और लाल निकले। लेकिन कई लोगों को तरबूज खरीदने को लेकर दुविधा रहती हैं कि कैसे पता करें यह अंदर से मीठा और लाल हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप हमेशा इन्हें खरीदने से पहले मीठे और लाल तरबूज की पहचान कर खरीदें और रखें पाएंगे। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में.
पीले दाग वाला तरबूज
जब भी कभी आप तरबूज खरीदने जाएं तो पर पड़े हुए पीले दाग का ध्यान रखें। ज्यादातर लोग पूरा हरा तरबूज खरीद लेते हैं वो समझते हैं कि पूरा हरा होने के कारण ये बहुत मीठा होगा, पर कभी-कभी ऐसा होता है कि पूरा हरा होने पर भी वो अंदर से पका हुआ नहीं होता है। अंदर से कच्चा निकलता है। तो अगर तरबूज के ऊपर कुछ पीले दाग हैं तो वो तरबूज खूब मीठा निकल सकता है।
हरे रंग के तरबूज
अगर पीले दाग वाले तरबूज नहीं मिल रहे तो गहरे हरे रंग के तरबूज को खरीदना चाहिए। ध्यान रखें जो तरबूज देखने में भद्दे लग रहे हैं वो खरीदे क्योंकि चमकदार दिखने वाले तरबूज हमेशा अंदर से कच्चे निकलते हैं। जबकि भद्दे दिखने वाले तरबूज ज्यादा रसीले और मीठे होते हैं।
हल्के हाथ से ठोक कर देखें
जो भी तरबूज पसंद आए उसे उठाकर एक बार हल्के हाथों से ठोक कर देखें। अगर तरबूज मीठा और लाल होगा तो ढक-ढक जैसी आवाज होगी। लेकिन अगर तरबूज मीठा नहीं है तो उसमें ऐसी आवाज नहीं खरीदें और रखें होगी।
भारी है या नहीं
आप तरबूज उठाने में वजनदार और भरा भरा लगे तो इसमें स्वाद नहीं होगा। लेकिन अगर तरबूज वजन में हल्के और खाली-खाली लगे तो इसका स्वाद अच्छा होगा।
पानी में डालकर जरूर चेक करें
तरबूज खरीदते समय अगर तरबूज का रंग कुछ ज्यादा चटकीला है और मन में कुछ संदेह पैदा हो रहा है तो दुकानदार को तरबूज का एक छोटा टुकड़ा पानी में डालने के लिए बोलें। अगर ऐसा करने पर पानी का रंग तेजी से चमकदार गुलाबी जैसा होने लगे खरीदें और रखें तो उसे बिलकुल नहीं खरीदें। इसमें रंग वाले इंजेक्शन का प्रयोग हो सकता है। यह सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा।
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