मौद्रिक नीति के घटक

मौद्रिक नीति समिति का गठन जून 2016 में किया गया था इसका उद्देश्य नीतिगत ब्याज दर निर्धारण को अधिक उपयोगी एवं पारदर्शी बनाना था।
मौद्रिक नीति क्या है | मौद्रिक नीति के कार्य | मौद्रिक नीति के प्रकार
मुद्रा की आपूर्ति ब्याज दर को प्रभावित करने वाली नीति मौद्रिक नीति कहलाती है मौद्रिक नीति पर नियंत्रण एवं संचालन केंद्रीय बैंक (आरबीआई) करता है मौद्रिक नीति के घटक मौद्रिक नीति में निवेश प्रवाह के समायोजन के माध्यम से कार्य करती है।
- मौद्रिक नीति का प्रमुख कार्य कीमत स्थिरता को बनाए रखना होता है।
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी मौद्रिक नीति का महत्वपूर्ण योगदान है।
- मौद्रिक नीति ब्याज दरों को नियंत्रित करता है। मौद्रिक नीति के घटक
- आर्थिक सवृद्धि कि दर को तीव्र करती है।
मौद्रिक नीति के उपकरण monetary policy tools
मात्रात्मक उपकरण | गुणात्मक मौद्रिक नीति के घटक उपकरण |
रेपो रेट | सीमांत आवश्यकता मौद्रिक नीति के घटक margin requirement |
रिवर्स रेपो रेट | मौद्रिक नीति के घटकसाख की राशनिंग |
बैंक दर | नैतिक प्रभाव moral |
नकद आरक्षित अनुपात | |
वैधानिक तरलता अनुपात | |
खुले बाजार की क्रियाएं |
रेपो दर Repo rate
रेपो रेट वह रेट है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराता मौद्रिक नीति के घटक है।
रेपो दर में वृद्धि का प्रभाव Effect of hike in repo rate
- वाणिज्यिक बैंकों के पास पूंजी की कमी होना
- वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ब्याज मौद्रिक नीति के घटक दरों में वृद्धि
- अर्थव्यवस्था में तरलता में कमी
- समग्र मांग में कमी
- वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में कमी।
रेपो दर में कमी का प्रभाव Impact of Repo Rate Reduction
- वाणिज्यिक बैंकों के पास पूंजी अधिक अर्थात तरलता में वृद्धि
- वाणिज्यिक बैंक द्वारा मौद्रिक नीति के घटक ब्याज दरों में कमी
- समग्र मांग में वृद्धि
- वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में वृद्धि।
रिवर्स रेपो दर reverse repo rate
वह ब्याज दर जिस पर रिजर्व बैंक LAF के बैंकों से रातों-रात आधार पर तरलता प्राप्त करता है।
प्रत्येक बैंक को अपने नगद का निश्चित हिस्सा आरबीआई के पास रखना होता है इसे नगद आरक्षित अनुपात करते हैं।