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कम न्यूनतम जमा

कम न्यूनतम जमा
एनपीएस तीन अलग-अलग फंड ऑफर करती है, जैसे इक्विटी फंड (ई) जो निफ्टी स्टॉक्स (अधिकतम 50% तक) में निवेश करते हैं, डेट फंड्स (सी) जो कॉरपोरेट बॉन्ड और जी-सेक (जी) में निवेश करते हैं जो सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। एक साल में एक बार आप अपने पोर्टफोलियो को फिर से जोड़ सकते हैं और प्रदर्शन से संतुष्ट न होने पर दूसरे फंड मैनेजर में जा सकते हैं।

न्यूनतम बैलेंस पर पेनाल्टी से ग्राहक परेशान, बैंक बिना सूचना काट रहे पैसे

काॅरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, देना बैंक आदि न्यूनतम बैलेंस के लिए 500 से 1000 रुपए की राशि ही ले रहे हैं, वहीं एसबीआई और आईडीबीआई अपने ग्राहकों को तीन से पांच हजार रुपए का न्यूनतम बैलेंस रखने के लिए बाध्य कर रहे हैं। इन दो बैंकों के ग्राहकों में इससे आक्रोश है। अधिक समस्या इस बात को लेकर है कि ग्राहकों को इसकी पहले से जानकारी नहीं दी जा रही है।

सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम बैलेंस वाले खातों से स्वत: पेनाल्टी के रूप में रुपए काट लिया जा रहे कम न्यूनतम जमा हैं। इससे नाराज आईडीबीआई और एसबीआई के कई ग्राहक खाता बंद करवा चुके हैं। एसबीआई की बोर्ड ऑफिस शाखा से एक महिला ग्राहक ने खाता खोलने के 15 दिनों के अंदर ही उसे बंद करवा लिया। उन्होंने बताया कि 2100 रुपए से खाता खोला, लेकिन बाद में उन्हें बताया गया कि तीन हजार बैलेंस रखने पड़ेंगे। इससे उन्होंने खाता बंद करवा दिया। इस बीच बैंक ने उन्हें दौड़ाया भी और 100 रुपए जुर्माने के रूप में काट भी लिए। ऐसे ही मामले आईडीबीआई के ग्राहकों के भी हैं।

कम न्यूनतम जमा

सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति की आय प्रदान करने के उद्देश्य से 1 जनवरी, 2004 को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) शुरू की गई थी। एनपीएस का उद्देश्य पेंशन सुधारों की स्थापना नागरिकों के बीच सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत पैदा करना है ।

1मई 2009 से प्रभावी होने के साथ असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों सहित स्वैच्छिक आधार पर देश के सभी नागरिकों के लिए एनपीएस प्रदान किया गया है । सेवानिवृत्ति से कम न्यूनतम जमा ग्राहक को बचाने में मदद करने के लिए एनपीएस निम्न महत्वपूर्ण विशेषताएं प्रदान करता है:
सब्सक्राइबर को एक अनूठा स्थायी रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (पीआरएएन) आवंटित किया जाएगा
यह अनूठा खाता संख्या ग्राहक के लिए जीवनपर्यंत के लिए रहेगा। यह अद्वितीय PRAN भारत में किसी भी स्थान से इस्तेमाल किया जा सकता है।

न्यूनतम जमा राशि नहीं होने पर एसबीआई कम न्यूनतम जमा ने 41.16 लाख बचत खाते बंद किए: आरटीआई

भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम औसत मासिक राशि नहीं रखने पर लगाए जाने वाले दंड शुल्क को तीन चौथाई से भी कम कर दिया है. The post न्यूनतम जमा राशि नहीं होने पर एसबीआई ने 41.16 लाख बचत खाते बंद किए: आरटीआई appeared first on The Wire - Hindi.

भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम औसत मासिक राशि नहीं रखने पर लगाए जाने वाले दंड शुल्क को तीन चौथाई से भी कम कर दिया है.

(फोटो: रॉयटर्स)

इंदौर/मुंबई: सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि न्यूनतम जमा राशि नहीं रखे जाने पर ग्राहकों से जुर्माना वसूली के प्रावधान के कारण मौजूदा वित्तीय कम न्यूनतम जमा वर्ष के शुरुआती 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) के दौरान देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में करीब 41.16 लाख खाते बंद कर दिए गए हैं.

मध्य प्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने मंगलवार को को बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी पर एसबीआई के एक आला अधिकारी ने उन्हें 28 फरवरी को भेजे पत्र में यह जानकारी दी.

इस पत्र में बताया गया कि न्यूनतम जमा राशि उपलब्ध नहीं होने पर दंड शुल्क लगाने के प्रावधान के कारण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 जनवरी तक बंद किए गए बचत खातों की संख्या लगभग 41.16 लाख है.

बचत खाते में औसत न्यूनतम राशि नहीं रखने पर एसबीआई ने जुर्माना कम किया

भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम औसत मासिक राशि (एएमबी) नहीं रखने पर लगाए जाने वाले दंड शुल्क को तीन चौथाई से भी कम कर दिया है. शुल्क की नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी.

मेट्रो और शहरी क्षेत्र में न्यूनतम औसत मासिक राशि कम होने पर पहले बैंक 50 रुपये मासिक दंड और उसके साथ माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूल करता था. अब इसे घटाकर 15 रुपये और जीएसटी कर दिया गया है.

इससे बैंक के 25 करोड़ ग्राहकों को लाभ होगा.

बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अर्द्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम औसत मासिक राशि कम होने पर दंड शुल्क 40 रुपये की जगह 12 रुपये और जीएसटी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए 10 रुपये और जीएसटी कर दिया गया है.

बैंक के प्रबंध निदेशक (खुदरा एवं डिजिटल बैंकिंग) पीके गुप्ता ने कहा, ‘बैंक ने इन दरों में यह कटौती ग्राहकों से मिली प्रतिक्रिया एवं उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए की है.’

FD Time Period: जानें, कम से कम कितने दिनों के लिए कर सकते हैं फिक्स डिपॉजिट

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एफडी की अधिकतम समयसीमा की बात करें तो आमतौर पर बैंक 120 महीने यानी 10 साल तक के लिए एफडी को बैंक में रखने की अनुमति देते हैं। हालांकि यह भी कुछ शर्तों के साथ होता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन किसी भी हाल में यह 20 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

फिक्स डिपॉजिट करवाने के फायदे
किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में एफडी कराने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें किसी तरह का रिस्क नहीं रहता। एफडी में वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर भी सामान्य से ज्यादा होती है। इसके अलावा एफडी की समय अवधि समाप्त होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज सहित वापस मिल जाती है।

पंजाब नेशनल बैंक के बचत खाते में अब कम बैलेंस होने पर लगने वाला चार्ज भी दोगुना कर दिया है. इसके अलावा बैंक ने लॉकर विज . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 10, 2022, 17:51 IST

नई दिल्‍ली. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने नए साल पर अपने ग्राहकों को जोर का झटका जोर से ही दिया है. सरकारी बैंक ने सामान्य बैंकिंग परिचालन से संबंधित विभिन्न सेवाओं के लिए लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है. ये बदलाव आगामी 15 जनवरी 2022 से लागू होंगे.

पीएनबी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बैंक ने बचत खातों, लॉकर्स, डिमांड ड्राफ्ट और करंट अकाउंट जैसी सुविधाओं के नियमों में भी बदलाव किया है. बचत खाते में अब कम बैलेंस होने पर लगने वाला चार्ज भी दोगुना कर दिया है. डिमांड ड्राफ्ट को कैंसिल कराने पर अब 50 रुपये ज्‍यादा देने होंगे.

बचत खाते में अब होने चाहिए 10000 रुपये

पीएनबी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अब शहरी इलाकों में रहने वाले ग्राहकों के लिए अपने बचत खाते में कम से कम 10,000 रुपये का बैलेंस होना जरूरी है. अब तक यह राशि 5000 रुपये थी. कम बैलेंस होने पर लगने वाला चार्ज भी दोगुना कर दिया है. अब तक यह 300 रुपये था. अब 600 हो गया है. ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस से कम राशि होने पर 200 रुपये की जगह 400 रुपये प्रति तिमाही चार्ज देना होगा.

पीएनबी ने लॉकर शुल्क (locker charges) में भी बदलाव किए हैं. एक्स्ट्रा लार्ज साइज के लॉकरों को छोड़कर सभी टाइप के लॉकर पर अब ज्यादा शुल्क देना होगा. अर्बन और महानगरों में लॉकर के चार्ज को 500 रुपये तक बढ़ाया गया है. छोटे साइज के लॉकर का चार्ज ग्रामीण इलाके में पहले एक हजार रुपये था, जिसे 1,250 रुपये कर दिया गया है. शहरी इलाके में छोटे लॉकर का चार्ज 1,500 से बढ़ाकर 2 हजार रुपये कर दिया गया है. मध्यम साइज के लॉकर का चार्ज ग्रामीण इलाके में 2 हजार से बढ़कर 2,500, जबकि शहरी इलाके में 3 हजार से बढ़कर 3,500 रुपये हो गया है.

कम हुई लॉकर विजिट

पीएनबी ने लॉकर विजिट की संख्या भी घटा दी है. एक साल में अब 12 बार लॉकर के लिए आप विजिट कर सकते हैं. इसके बाद हर विजिट पर 100 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा. गौरतलब है कि अब तक 15 बार लॉकर विजिट की सुविधा उपलब्ध थी. यानी अब आप अपने लॉकर को देखने के लिए कम विजिट कर सकेंगे.

अब बैंक में करंट अकाउंट (Current account) को खोलने के 14 दिन और एक साल के अंदर अगर आप बंद कराते हैं तो 800 रुपये का शुल्क देना होगा. अब तक यह 600 रुपये था. इसके अलावा, एक फरवरी से आपकी किसी किस्त या निवेश का डेबिट पैसा न होने से फेल होता है तो इसके लिए 250 रुपये देने होंगे. अभी तक इसके लिए 100 रुपये लगते थे. अगर आप डिमांड ड्राफ्ट (demand draft charges) को कैंसिल कराते हैं तो अब 150 रुपए देने होंगे. इसके लिए अभी 100 रुपये ही ग्राहक को देने होते थे.

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