घोटाले के दलालों से बचना

अफसरों, दलालों व छात्रों ने मिलकर की भारी गड़बड़ियां
'ट्राईसिटी टुडे' की पड़ताल : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व अफसरों ने किया शहर का सत्यानाश, बेहाल पड़े करोड़ों रुपए के बस स्टॉप
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी शहर की खूबसूरती पर धब्बा लगा रही है। शहर में बने बस स्टॉप की हालत बद से बदतर हो गई है। कोई भी व्यक्ति इनको देखने वाला नहीं है। धूप से बचने के लिए लोग अगर बस स्टॉप के नीचे खड़े हो तो कोई फायदा नहीं। कभी भी बस स्टॉप के ऊपर लगे हुए एंगल गिर सकते हैं।
'ट्राईसिटी टुडे' ने की जांच पड़ताल
आपके पसंदीदा न्यूज़ वेबपोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' ने इसकी जांच पड़ताल की है। जिसमें सामने आया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद शहर में कई बस स्टॉप बनाए थे। बस स्टॉप पर कुर्सियां लगाई घोटाले के दलालों से बचना गई थी, लेकिन आज इनकी हालत बद से बदतर हो गई है।
समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने की शिकायत
बताया जाता है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में तैनात पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों ने कमीशन के चक्कर में सैकड़ों बस स्टॉप को बदहाल कर दिया है। इन बस स्टॉप का उद्घाटन पूर्व मंत्री ने किया था, लेकिन आज हालत खस्ता है। बस स्टॉप टूट कर गिर रहे हैं। जिनको कबाड़ी उठाकर ले जाते हैं। इस मामले में समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने काफी बार प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
Madhya Pradesh Vyapam Scam : व्यापमं घोटाले में बदले गए 3133 रोल नंबर, STF ने 1577 पर ही की कार्रवाई
Madhya Pradesh Vyapam Scam रवींद्र कैलासिया, भोपाल। मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाले Vypam Scam में कांग्रेस जिस एसटीएफ की जांच पर सवाल खड़े करके सीबीआई जांच कराने में सफल रही थी, आज सरकार में आने के बाद उसी से 197 पुरानी शिकायतों की जांच करवा रही है। अब तक एसटीएफ ने 10 एफआईआर दर्ज की हैं, लेकिन व्यापमं Vypam द्वारा 2008 से 2011 के बीच चार साल में जिन 556 अभ्यर्थियों के रोल नंबर बदले, उनमें एफआईआर नहीं हुई है। जबकि व्यापमं Vypam द्वारा करीब छह साल पहले लिखित में यह स्वीकार किया जा चुका है कि उसने 2008 से 2013 के 3133 अभ्यर्थियों के रोल नंबर बदले और 1073 की परीक्षाएं निरस्त कीं। एसटीएफ द्वारा सीबीआई को जांच सौंपे जाने के पहले घोटाले के दलालों से बचना 2012 व 2013 की परीक्षाओं में ही इंजन-बोगी (परीक्षार्थी व स्कोरर) सहित व्यापमं Vypam के तत्कालीन अधिकारियों, अभिभावकों व दलालों पर एफआईआर की गई थीं, लेकिन उसमें भी कई खामियां पाए जाने पर सीबीआई ने अपनी जांच में उन्हें सुधारते हुए चालान पेश किए।
व्यापमं घोटाला : एक अपराध. तीन अपराधी. तीन तरह का रवैया, यह कैसी जांच?
एक ही अपराध, तीन आरोपी और एसटीएफ का तीन तरह का रवैया. एक लड़की, जिसने अपराध के कुछ महीनों पहले ही नाबालिगी की दहलीज पार की थी। दूसरा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी साला और रिटायर आईजी का बेटा, और तीसरा भी एक रसूखदार रहा शख्स. । जांच के इसी रवैये की पड़ताल करती खबर। साथ ही उन छात्रों के भविष्य का रास्ता तलाशने की कोशिश भी जो चाहे-अनचाहे ध्वस्त हो चुकी व्यवस्था और व्यापमं गैंग के कुचक्र में फंसकर, अपराधी बन भविष्य तबाह कर चुके हैं।
इंदौर. अब सीबीआई उन मामलों की फिर से समीक्षा करने की बात कर रही है, जिनकी जांच कर एसटीएफ चालान पेश कर चुकी है। ऐसे में एक बार फिर आस बंधी है कि एक ओर जहां उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो अपने अभिभावकों की करतूतों के चलते अपराधी होने का दंश झेल रहे हैं। दूसरी ओर उन चेहरों के सामने आने की भी उम्मीद है जो अपने रसूख के चलते अपराधियों की सूची से बाहर हो गए।
छात्रवृत्ति घोटाला: हाईकोर्ट के चाबुक का दिखा असर, संयुक्त निदेशक को भेजा गया जेल
Published: November 2, 2019 11:58 AM IST
देहरादून: राज्य के समाज कल्याण विभाग अफसर, कर्मचारियों और दलालों द्वारा करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हेराफेरी में हाईकोर्ट के चाबुक ने असर दिखाना शुरू कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही इस घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों से इस घोटाले के तार जुड़े पाए थे. एसआईटी की जांच के बाद उत्तराखंड राज्य भर में ताबड़तोड़ मामले भी दर्ज हुए. फिलहाल विद्यार्थियों के धन से अपनी जेब भरने के काले-कारोबार में गिरफ्तार समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक को जेल भेज दिया गया है.
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जेल भेजे गए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक का नाम गीताराम नौटियाल है. गीताराम नौटियाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. जेल भेजने का आदेश अपर जिला जज श्रीकांत पांडेय की अदालत द्वारा सुनाया गया. इस मामले में जेल से बचने के लिए आरोपी द्वारा शुक्रवार को जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी. इस अर्जी पर अब 4 नवंबर को सुनवाई होगी.
संयुक्त निदेशक को जेल भेजे जाने की पुष्टि शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने भी मीडिया से बातचीत में की. जेल भेजा गया संयुक्त निदेशक गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गया था. वहां से जब उसे कोई राहत नहीं मिली तो उसने गुरुवार को सिडकुल थाने जाकर खुद को पुलिस के सामने पेश कर दिया. पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को विशेष सतर्कता जज की अदालत में पेश किया था. फिलहाल अदालत के आदेश के मुताबिक आरोपी 14 नवंबर तक जेल में ही रहेगा.
गौरतलब है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में यूं तो अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मगर संयुक्त निदेशक की गिरफ्तारी उन सबमें सबसे अहम और बड़ी मानी जा रही है. इस घोटाले में कई और रहीस घोटालेबाजों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी द्वारा छापेमारी बदस्तूर जारी है.
मुख्यमंत्री जी घोटाले का गढ़ घोटाले के दलालों से बचना बना केडीए, करोड़ों रूपए सरकारी बाबुओं ने डकारे
कानपुर। केडीए घोटाले का घोटाले के दलालों से बचना गढ़ बन चुके हैं। यहां पर पैसे देकर कानूनी और गैर कानूनी कार्य दलालों के जरिए बदस्तूर जारी हैं। 2012 में 225 करोड़ की फेराफेरी के बादं करीब 72 करोड़ रूपए डकारने का मामला सामने आया है। जिस पर केडीए वीसी ने आरोपी पांच अमीनों को निलंबित करने के साथ ही तहसीलदार और अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखा है। जिसके चलते कमाई की दुकान केडीए में हड़कंप मचा हुआ है और अधिकारी अपने को बचाने के लिए सफेदपोशों की शरण में जाकर मदद की गुहार लगा रहे हैं। केडीए के रिटायर्ड अभियंता राजीव शुक्ला बताते हैं कि तीन दशक पहले यहां पर करप्शन की शुरूआत हुई और 2018 तक जारी है। अधिकारी केडीए में तैनाती के लिए मुहंमागी रकम सफेदपोशो को देकर यहां जमकर उगाही करते हैं। शुक्ला ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ अगर पिछले घोटाले के दलालों से बचना दस सालों के कार्यो की जांच करा लें तो सैकड़ों करोड़ के घोटाले खुलकर सामने आ जाएंगे और कई आईएएस जेल के पीछे होंगे।