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इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है?

इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है?
2 . equity investment :-

डिजिटल गोल्ड, फ़िजिकल सोने का एक विकल्प है। यह एक्सचेंज रेट में बदलाव और उतार-चढ़ाव से मुक्त होता है और इनवेस्टर को वास्तव में फ़िजिकल सोने के बिना, दुनिया भर में आसानी से व्यापार करने की सहूलियत देता है।

भारत में आप कई ऐप और वेबसाइट के ज़रिए डिजिटल गोल्ड ख़रीद सकते हैं। हालांकि, केवल तीन गोल्ड कंपनियां - ऑगमोंट गोल्ड लिमिटेड, डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड - सेफ़गोल्ड, और एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ही आपका सोना रखती हैं।

यह ऑनलाइन सोना ख़रीदने और इसमें इनवेस्ट करने का एक सुरक्षित, सुविधाजनक और किफ़ायती तरीक़ा है, जिसमें किसी अतिरिक्त स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट की भी ज़रूरत नहीं होती है।

यहां जानें कि आप Jar के साथ डिजिटल गोल्ड में कैसे इनवेस्टमेंट कर सकते हैं।

डिजिटल गोल्ड बनाम पारंपरिक गोल्ड

1. इनवेस्टमेंट का आकार: फ़िजिकल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करते समय आपको कम से कम 1 ग्राम सोना ख़रीदना होता है, जिसकी क़ीमत में हर रोज़ उतार-चढ़ाव होता है। जबकि, डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करना बहुत ही किफ़ायती है और इसे 1 रुपए तक की कम क़ीमत में भी ख़रीदा और बेचा जा सकता है। यह किफ़ायती है और अपनी सीमित आय के बावजूद भी आप आसानी से डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट कर सकते हैं।

2. स्टोरेज: हमने आमतौर पर हमारे भारतीय घरों में अपने बुजुर्गों को फ़िजिकल सोना लॉकर में रखते देखा है। यह बहुत ज़ोखिम भरा होता है, क्योंकि इसमें चोरी होने का डर हमेशा रहता है। ज़ोखिम से बचने के लिए इसे लंबे समय तक बैंक लॉकर में रखा जाता है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन फ़ीस, वार्षिक फ़ीस, सर्विस फ़ीस वग़ैरह के तौर इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? पर स्टोरेज कॉस्ट देनी पड़ती है।

Investment Kya Hota Hai | इन्वेस्टमेंट कितने प्रकार की होती है ?

इन्वेस्टमेंट जिसे हम हिंदी में निवेश कहते है जिसका मतलब होता है अपने पैसो को येसी जगह पर लगाये जिससे फ्यूचर में हम अपने लगाये हुए पैसो से ज्यादा रिटर्न मिल सके और लगाये हुए पैसो पर जितने पैसे हमें मिलते है उसे अपनी इन्वेस्टमेंट का रिटर्न कहते है |

उदाहरण के तौर पर समझे तो अगर हम किसी कंपनी शेयर में 1 लाख रूपए इन्वेस्ट करते है और फ्यूचर में हमारे इन्वेस्ट किये हुए पैसो की वैल्यू बढकर 1 लाख 40 हज़ार रूपए हो जाती है तो हम कन्हेगे की हमे 1 लाख की इन्वेस्टमेंट पर 40 हज़ार का रिटर्न मिला या अगर परसेंटेज में कहे तो हमे 40% का रिटर्न मिला दोस्तों इन्वेस्टमेंट करने पर हमे मैनली चार तरीको से ही होता है |

1 > हमारी इन्वेस्टमेंट की वैल्यू या तो बड जाती है जिसे हम capital appreciation कहते है |

2 > हमारी इन्वेस्टमेंट पर इंटरेस्ट मिलता है जैसे की बैंक में FD पर मिलता है |


आखिर क्यों दुनिया के सबसे आमिर लोग इन्वेस्टमेंट करते है :

दोस्तों दुनिया की जानी मानी बुक rich dad poor dad जिनके लेखक रोबर्ट कियोसाकी ने कहा है जो सबसे इम्पोर्टेन्ट बात ये है की अमीर लोगो को गरीब लोगो से अलग बनाती है वो ये है की आमिर लोग पैसो के लिए काम नही करते है बल्कि पैसो को अपने लिए काम करवाते है और वह पैसे का सही जगह इन्वेस्टमेंट करके सही उपयोग है.

1. real state investment

2. share market investment

3. gold (commodities) investment

4. mutual fund investment

5. equity investment

1. real state investment :-

real state investment का मतलब जमीन (land) , घर , बंगला अपार्टमेंट , दुकान , commerce और non- commerce प्रोपर्टी को खरीद एवं बिक्री से है

अगर आप रियल स्टेट में निवेश करने का फायदा इसमें risk काफी कम होता है |

IPO Investment Process: बेहद आसानी से कर सकते इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? हैं IPO में इनवेस्टमेंट, जानें निवेश करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में

आप भी इन कंपनियों के IPO में निवेश करके काफी अच्छा पैसा बना सकते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में IPO मार्केट में काफी शानदार तेजी देखने को मिल रही है। पिछले कुछ वक्त में Nykaa, Policybazaar, Sigachi और Fino Payment Bank समेत कई सारी कंपनियों के IPO मार्केट में लॉन्च हुए है। इसके अलावा Paytm और Adani Wilmar सहित कई सारी कंपनियों के IPO लॉन्च हो रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि इन IPO के जरिए कंपनियां एक बड़ी धनराशि जुटाने जा रही हैं। यह धनराशि साल 2017 में IPO के जरिए जुटाई गई पूंजी से ज्यादा होगी।

आप भी इन कंपनियों के IPO में निवेश करके काफी अच्छा पैसा बना सकते हैं। हालांकि, कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि कई सारे लोगों को IPO में निवेश करने का सही तरीका नहीं पता होता है। आइए जानते हैं कि किसी IPO में आप किस तरह से पैसा लगा सकते हैं।

Mutual Fund: इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड में क्या है अंतर? आपके लिए क्या है बेहतर?

Mutual Fund: इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड में क्या है अंतर? आपके लिए क्या है बेहतर?

अगर आप अपने लाइफ के टार्गेट को लेकर स्पष्ट है तो आपके लिए निवेश स्कीम चुनना काफी आसान है.

म्यूचुअल फंड्स एक तरह का फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है. इसके जरिए स्टॉक, गवर्नमेंट और कार्पोरेट बॉन्ड, डेट इंस्ट्रूमेंट्स और गोल्ड स्कीम में निवेश किया जाता है. पूरी तैयारी के साथ म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश किया जाए तो बेहतर रिजल्ट देखने को मिलते हैं. हालांकि ये जरूरी नहीं कि सभी प्रकार के म्यूचुअल फंड सभी निवेशकों के लिए बेहतर हों. ऐसे में म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट से पहले निवेशकों को उसके बारे में जरूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए. साथ ही निवेशकों को अपनी रिस्क लेने की क्षमता, जरूरतों, टार्गेट और स्कीम की टेन्योर समेत तमाम पहलुओं को समझ लेना जरूरी है.

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या ग्रोथ ओरिएंटेड फंड्स एक बेहद खास स्कीम है. इस स्कीम के तहत स्टॉक एक्सचेंज मार्केट में लिस्टेड विभिन्न कंपनियों के शेयर में निवेशक के एसेट्स को इनवेस्ट किया जाता है. ये स्कीम निवेशकों को उनके पैसे अलग-अलग सेक्टर की कई कंपनियों के शेयर में निवेश का मौका देता है. यही स्ट्रेटेजी निवेशक को जोखिम से बचाता है और उसके कारोबार में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी करने में मददगार होता है.

मिसाल के तौर पर समझिए कि एक निवेशक अपना 1000 रुपये इक्विटी म्यूचुअल फंड के माध्यम से 50 कंपनियों में निवेश किया. जिन कंपनियों के शेयर में निवेशक के एसेट्स इनवेस्ट किए गए उन सभी में उसका अनुपातिक लिहाज से मालिकाना हक हो जाता है. और सभी कंपनियां उसके पोर्टफोलियो में शामिल भी हो जाती हैं. जिन कंपनियों के शेयर में निवेशक के एसेट्स लगे हैं. अगर उनमें से कुछ स्टॉक अच्छा परफार्म नहीं कर पाए तो बाकी बचे निवेशक के पोर्टफोलियो में शामिल बेहतर परफार्मेंश वाले स्टॉक बुरे प्रभाव को कम करने या उस प्रभाव की भरपाई करके इनवेस्टमेंट वैल्यू को बेहतर बनाने का काम करते हैं. ऐसे में निवेशक को डावर्सिफाई पोर्टफोलियो और रिस्क एडजस्टेड रिटर्न के फायदे मिलते हैं.

डेट म्यूचुअल फंड्स

इक्विटी फंड के मुकाबले डेट म्यूचुअल फंड ज्यादा सुरक्षित और स्थायी है. हालांकि लंबी अवधि के निवेश में ये इक्विटी फंड के मुकाबले कम रिटर्न देते हैं. लेकिन बैंक के सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉडिट, पोस्ट ऑफिस स्कीम पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में डेट म्यूचुअल फंड के रिटर्न बेहतर होते हैं. इक्विटी फंड की तरह इनमें भी निवेशक के पास डावर्सिफाइड पोर्टफोलियो होता है. इसमें निवेशक का पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी (fixed-income securities), मसलन कार्पोरेट बॉन्ड (Corporate Bonds), गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ (Government Securities) और ट्रेजरी बिल (Treasury Bills) में निवेश किया जाता है. इस पर मिलने वाले रिटर्न का अनुमान कुछ हद तक पहले से लगाया जा सकता है.

टैक्स के लिहाज से देखा जाए तो डेट स्कीम पर तीन साल के इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? भीतर मिलने वाले गेन को शार्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) कहते हैं. तीन साल के बाद के प्रॉफिट को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ( LTCG) कहते हैं, अगर आप डेट फंड की यूनिट्स को खरीदने के तीन साल के भीतर बेचते हैं, तो उस पर हासिल प्रॉफिट पर निवेशक के टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स देना पड़ता है. मिसाल के तौर पर अगर एक निवेशक की टैक्स के दायरे में आने वाली इनकम 6,00,000 रुपये है और उसका STCG 1,00,000 रुपये है तो उसे 7,00,000 रुपये पर टैक्स देना होगा. डेट म्यूचुअल फंड में तीन साल या उससे अधिक समय तक निवेश किया गया हो तो उस पर होने वाले कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20% टैक्स लगता है.

सोने मे इनवेस्टमेंट करने के फायदे?

2. जादातर शेअर मार्केट बढता है तो सोने का भाव कम होता है और अगर सोने का भाव बढता है तो शेअर मार्केट जादातर निचे आता है इसलिये आप रिस्क से बचने के लिये शेअर मार्केट के साथ साथ Hedge करके भी रख सकते है, इससे आपका रिस्क ना के बराबर रहेंगा.

1. सोने की ज्वेलरी खरिदते है तो आपको इससे कोई भी डेली इनकम नहीं होती, अगर आप म्युचुअल फंड या शेअर मार्केट मे इनवेस्टमेंट करते है तो आप इससे रोज की थोडी बहुत कमाई पा सकते है.

2. सोने को खरिद कर घर मे रखना इसका बहुत बडा ड्राॅबॅक है यह चोरी होने का भी डर रहता है अगर आप डिजिटल सोना या ई- गोल्ड खरिदते है तो आप इससे बचे रहेंगे.

3. भारत मे सोने के भाव इंटरनेशनल मार्केट पे डिपेंड करते है इसके भाव का प्रेडिक्शन लगना लगभग ना मुनकिन है.

4. अगर आप सोने की ज्वेलरी, काॅईन या सोने की बिस्किट के रुप मे इसमे इनवेस्टमेंट करते है तो कुछ दिन बाद अगर आप वह बेचने जायेंगे तो आपको उसकी किमत थोडी बहुत कम मिलेगी.

सोने मे इनवेस्टमेंट करना सही रहेगा या गलत?

अगर आप दुसरे इनवेस्टमेंट को Hedge करने के लिये सोने मे निवेश कर सकते है यही सही तरिका रहेगा. अगर इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? आप Physical सोने की बजह Digital Gold खरिदते है तो आपको जल्दी बेचने मे आसानी होगी और उसकी किंमत मे कोई कमी नहीं पकडेगें.

डायवर्सिफिकेशन के लिये बाकीयों के साथ सोने मे इनवेस्टमेंट करना सही तरिका रहेगा. सिर्फ और सिर्फ सोने मे सब इनवेस्टमेंट मत करिये क्योंकी यह बहुत सारे Unpredictable फॅक्टर्स पे अवलंबन है इसका अंदाजा लगना ना मुनकिन है.

FAQ

Ans: Gold मे हम Physical, E Gold यानी Digital Gold, Mutual Gold Fund, Gold Bees इन तरिकों से सोने मे इनवेस्टमेंट कर सकते है.

Ans: Inflation, Liquidity, Supply & Demand, International Market Rumors, Flow of Cash, Financial Products and services, Mansoon जैसे अनेक फॅक्टर्स पर सोने के भाव कम जादा होते रहते है.

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