इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?

शेयर कब खरीदे और कब बेचे?
इसे सुनेंरोकेंशेयर कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब सफल निवेशक वारेन बफेट बताते हैं कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा स्टॉक मार्केट डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। मतलब वो कहते हैं कि जब मार्केट डरा हुआ हो तो आपको लालची बन जाना चाहिए और जब मार्केट लालची हो तब आपको डर जाना चाहिए।
स्टॉक कैसे चुने?
इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक को चुनने के लिए पांच सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले तरीके निम्नलिखित हैं:
- #1 तरलता सबसे महत्वपूर्ण मानदंड है:
- #2 व्यापक शोध के बाद स्टॉक को चुना जाना चाहिए:
- #3 मध्यम अस्थिरता और मजबूत सहसंबंध वाले स्टॉक चुनें:
- #4 ट्रेड वॉल्यूम और ट्रेड वॉल्यूम इंडेक्स:
शेयर खरीदने का सही समय क्या है?
इसे सुनेंरोकेंशेयर खरीदने का सही समय 2:15 PM पर होता है इस समय शेयर की कीमत में उछाल भी आ चुका होता है और शेयर की कीमत गिर भी चुकी होती है. इस समय तक शेयर एक स्थिर कीमत पर आ जाता है.
शेयर मार्केट में होल्डिंग का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंशेयर होल्डिंग पैटर्न बाजार में रखे गए शेयर्स के परसेंट और संख्या को दिखाता है यह बहुत ही मददगार साबित होता है किसी भी नए इन्वेस्टर्स के लिए क्यूंकि इससे पता चलता है की किस कंपनी के शेयर्स के लिए कितने दावेदार हैं और कितने अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।
अपस्टॉक्स में t1 होल्डिंग क्या है हिंदी में?
इसे सुनेंरोकेंक्या है सेटलमेंट का T+1 सिस्टम? इस व्यवस्था के लागू होने पर शेयर बेचने पर निवेशकों के अकाउंट में पैसा जल्द आ जाएगा। इसका मतलब है कि शेयर बेचने के एक दिन बाद आपके अकाउंट में पैसा आ जाएगा। शेयर खरीदने पर भी यही व्यवस्था लागू होगी।
सबसे बढ़िया शेयर कौन सा है?
क्या आपको 2022 में सबसे कम प्राइस वाले सस्ते शेयर में पैसा निवेश करना चाहिए और सबसे सस्ता शेयर किस कंपनी का है? ऐसे बहुत सारे सवाल नए निवेशकों के मन में होते हैं।…सबसे सस्ते शेयर प्राइस टुडे लिस्ट:
- Trident.
- Urja Global.
- IRCON International.
- IRFC.
- RVNL.
- IDFC First Bank.
- Sawaca Business Machines Ltd.
- Vodaphone Idea (But Risky)
हाल के पोस्ट
- Prorganiq – Best Whey Protein Isolate Supplement
- Prorganiq – Mass Gainer Supplement
- Prorganiq – Best Whey Protein Supplement
- शीर्ष 8 आल्टक्वाइंस जिन्हें आपको 2022 में भारत में खरीदनी चाहिए (Top 8 Altcoins To Buy In India In 2022)
- दुनिया भर के क्रिप्टो-फ्रेंडली देशों का क्रिप्टो के विनियमन के बारे में क्या कहना है? (How are crypto-friendly nations around the globe approaching Crypto regulations?)
- पतंजलि एलोवेरा साबुन Patanjali Aloe Vera Kanti Soap
- पतंजलि पाचक हींग गोली की जानकारी Patanjali Pachak Hing Goli
- सर्दियों में हरी मटर के कुरकुरे पकौड़े बनाकर सॉस के साथ इनका मज़ा ले Matar Pakoda Recipe
- घर पर रखी बस तीन सामग्री से बनाएं इतने क्रंची कुकीज़ Jam Cookies Recipe
- बाल्टी चिकन इतना लज़ीज़ कि जिसको खाकर सब कहेगे वाह Balti Chicken Recipe
© Copyright 2022 ElegantAnswer.com. All Rights Reserved. Vilva | Developed By Blossom Themes. Powered by WordPress.
We use cookies on our website to give you the most relevant experience by remembering your preferences and repeat visits. By clicking “Accept All”, you consent to the use of ALL the cookies. However, you may visit "Cookie Settings" to provide a controlled consent.
Privacy Overview
This website uses cookies to improve your experience while you navigate through the website. Out of these, the cookies that are categorized as necessary are stored on your browser as they are essential for the working of basic functionalities of the website. We also use third-party cookies that help us analyze and understand how you use this website. These cookies will be stored in your browser only with your consent. You also have the option to opt-out of these cookies. But opting out of some of these cookies may affect your browsing experience.
Necessary cookies are absolutely essential for the website to function properly. These cookies ensure basic functionalities and security features of the website, anonymously.Cookie | Duration | Description |
---|---|---|
cookielawinfo-checkbox-analytics | 11 months | This cookie is set by GDPR Cookie Consent plugin. The cookie is used to store the user consent for the cookies in the category "Analytics". |
cookielawinfo-checkbox-functional | 11 months | The cookie is set by GDPR cookie consent to record the user consent for the cookies in the category "Functional". |
cookielawinfo-checkbox-necessary | 11 months | This cookie is set by GDPR Cookie Consent plugin. The cookies is used to store the user consent for the cookies in the category "Necessary". |
cookielawinfo-checkbox-others | 11 months | This cookie is set by GDPR Cookie Consent plugin. The cookie is used to store the user consent for the cookies in the category "Other. |
cookielawinfo-checkbox-performance | 11 months | This cookie is set by GDPR Cookie Consent plugin. The cookie is used to store the user consent for the cookies in the category "Performance". |
viewed_cookie_policy | 11 months | The cookie is set by the GDPR Cookie Consent plugin and is used to store whether or not user has consented to the use of cookies. It does not store any personal data. |
Functional cookies help to perform certain functionalities like sharing the content of the website on social media platforms, collect feedbacks, and other third-party features.
Performance cookies are used to understand and analyze the key performance indexes of the website which helps in delivering a better user experience for the visitors.
Analytical cookies are used to understand how visitors interact with the website. These cookies help provide information on metrics the number of visitors, bounce rate, traffic source, etc.
Advertisement cookies are used to provide visitors with relevant ads and marketing campaigns. These cookies track visitors across websites and collect information to provide customized ads.
Other uncategorized cookies are those that are being analyzed and have not been classified into a category as yet.
Liquid Stock क्या है और लिक्विड स्टॉक कैसे चुनें?
लिक्विड स्टॉक क्या है? अगर आपने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के बारे में कहीं पढ़ा या सुना होगा। तो वहां हमेशा liquid stock को खरीदने व बेचने के लिए कहा जाता है। आज बड़े बड़े ट्रेडर्स लिक्विड स्टॉक में ट्रेड करने को कहते हैं। साथ ही जिस स्टॉक में liquidity नहीं होती है। तो उसमे ट्रेडिंग करने के लिए आपको हमेशा 'ना' ट्रेड करने की सलाह देते हैं।
आज के समय कई नये ट्रेडर्स शेयर मार्केट में एंट्री लिए है। जो ट्रेडिंग करके financial independent होना चाहते हैं। ट्रेडिंग के लिहाज से आपको liquidity का मतलब जानना बहुत जरूरी होता है।
खासकर यह लेख उन retail trader's के लिए फायदमंद है जो नॉन कॉमर्स बैकग्राउंड के है। शेयर मार्केट में liquidity शब्द उनके लिए थोड़ा टेक्निकल हो जाता है। इसलिए आज के लेख "liquid stock क्या होते हैं और liquid stock कैसे चुने?" के बारे में आसान शब्दो में जानेंगे। आइए तो फिर पहले जानते हैं कि मार्केट में liquidity शब्द का क्या अर्थ होता है।
Liquidity क्या है?
Liquidity का हिंदी में अर्थ "तरलता" होता है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी asset को कितनी आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि कोई भी asset जितना liquid होगा, उसकी उतनी आसानी से खरीद और बिक्री की जा सकता है। वहीं अगर कोई asset जितना illiquid होगा उसे बेचना और खरीदना उतना ही मुश्किल होता है।
Liquid Stock क्या है?
Liquid Stock का मतलब किसी भी शेयर को आसानी से कभी भी खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि आपके पास जो भी शेयर है, उसे सही समय आने पर कैश में आसानी से बदला जा सके। अच्छी लिक्वडिटी वाले शेयरों में नजर रखना और उसमे ट्रेड या निवेश करने से आपको यह मदद मिलती है कि जब भी आपको एक मोटा प्रॉफिट हो तो उसे आसानी से बेच सके।
यदि आप illiquid stock में ट्रेड या इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? निवेश करते हैं तो शायद यह भी हो सकता है, कि आपको कभी भी उस share को बेचना हो लेकिन कोई खरीदने वाला ना मिले। इसलिए प्रोफेशनल ट्रेडर्स और निवेशक आपको इस तरह के स्टॉक में ट्रेड या निवेश करने से मना करते है। क्योंकि stock illiquid होने के कारण आपको बेचने में दिक्कत आ सकती है।
लिक्विड शेयरों के चार्ट में आपको हर एक मिनट कि कैंडल में बॉडी मिल जाती है। इस तरह के स्टॉक में हर एक मिनट में अच्छा वॉल्यूम होता है। Liquidity होने के कारण हर एक मिनट में शेयरों के प्राइस में उतार चढ़ाव होता रहता है। ज्यादातर penny stocks और कम प्राइस वाले शेयरों में लिक्वडिटी नहीं होती है।
Trading के लिए Liquid Stock क्यों महत्वपूर्ण है?
लिक्वडिटी का अर्थ आप लोग जान गए होगे। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि trading के लिए लिक्विड स्टॉक क्यों जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं कि लिक्वडिटी बाजार को दो मुख रूप से कैसे प्रभावित करती है:-
1. मूल्य प्रसार ( Price Spread )
Finance में स्प्रेड का मतलब दो प्राइस, रेट्स, या यील्ड का अंतर होता है। अगर आसान शब्दो में बताए तो मूल्य प्रसार मार्केट के खरीदार और विक्रेता के ऑर्डर्स का अंतर होता है। यह हमें बताने की कोशिश करता है इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? कि एक खरीदार और विक्रेता के खरीद और बिक्री के प्राइस में क्या अंतर है।
Liquid Stock खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाले गैप को कम करने की कोशिश करता है। यानी कि लिक्विड स्टॉक में low price spread होता है। वहीं illiquid stock में खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाला गैप बहुत ज्यादा होता है। यानी कि illiquid स्टॉक में high price spread होता है। इसलिए illiquid स्टॉक में किसी भी शेयर को खरीदना और बेचना मुश्किल हो जाता है।
2. Slippage
Slippage का हिंदी में अर्थ "फिसलन" या " गिरावट" होता है। वहीं ट्रेडिंग slippage का मतलब अपेक्षित कीमत (expected price) और उस कीमत के बीच का अंतर जो ट्रेड निष्पादित (executed) हो चुका है। वैसे तो बाजार में शेयरों के प्राइस में तेजी से उतार चढ़ाव आता है। इसलिए slippage कभी भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर समय slippage होने कारण शेयर में high volatility होती है। दूसरी तरफ इसके होने का कारण यह भी है कि जब कोई बड़े मात्रा में ऑर्डर को executed किया जाता है, लेकिन उस समय bid/ask प्राइस के बीच में स्प्रेड बनाए रखने के लिए चयन किए गए प्राइस में वॉल्यूम नहीं होता है। बता दू कि liquid stock में illiquid stock में मुकाबले slippage कम होती है।
Slippage को हम दो प्रकार में भिवाजित कर सकते हैं। एक सकारात्मक गिरावट और दूसरा नकारात्मक गिरावट है। सकारात्मक गिरावट तब होती है जब लॉन्ग ट्रेड में ask price का कम होना और शॉर्ट ट्रेड में bid price का बढ़ना होता है। वहीं नकारात्मक गिरावट तब होती है जब लॉन्ग ट्रेड में ask price का बढ़ना होना और शॉर्ट ट्रेड में bid price का कम होना होता है।
Trading के लिए Liquid Stocks को कैसे चुने?
Trading के लिए लिक्विड स्टॉक का होना आवश्यक है। खासकर intraday trading के लिए highly liquid stocks का होना जरूरी है। स्टॉक में वॉल्यूम के साथ साथ volatility होने से शेयर कि लिक्विडिटी बढ़ जाती है। आइए तो फिर जानते हैं की ट्रेडिंग के लिए लिक्वड स्टॉक्स कैसे चुने?
1. High Trade Volume
किसी भी स्टॉक में high volume होने का मतलब उस स्टॉक पर एक दिन में कितनी खरीद और बिक्री हुई है। हाई वॉल्यूम यानी कि उस स्टॉक में हाई लिक्विडिटी का होना है।
2. Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होना
Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होने का मतलब यह हुआ की उस स्टॉक को खरीदने के लिए अनेकों खरीददार मौजूद है। वहीं दूसरी तरफ अनेकों विक्रेता उस स्टॉक को बेचने के लिए मौजूद है। इससे slippage कि कमी और high liquidity होना दर्शाता है।
3. मध्य volatility वाले शेयरों को चुने
अगर किसी स्टॉक में कम लिक्विडिटी यानी कि वोलैटिलिटी बिल्कुल भी नहीं है। वह स्टॉक जो पूरी तरह से choppy है। उनसे हमेशा दूर रहना चाहिए। लेकिन वही दूसरी तरफ अगर स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल होगा, तो उसमे नुकसान भी उतना ही ज्यादा हो सकता है। इसलिए ट्रेडिंग के लिए मध्य volatility वाले शेयरों को चुने। मध्य volatility वाले शेयरों में रिस्क, हाई volatility वाले शेयरों से कम होता है।
निष्कर्ष
ट्रेडर्स के नजरिए से स्टॉक में लिक्विडिटी होना बहुत जरूरी होता है। हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। इस तरह के स्टॉक को जल्दी से नकदी में बदला जा सकता है। अगर किसी स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं है तो शायद आप एक अच्छी ऑपर्च्युनिटी खो दे।
डे ट्रेडर्स को हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक का चयन करना चाहिए। क्योंकि उन्हें एक दिन में कई सौदे करने पड़ते हैं। अगर दूसरी तरफ देखे तो स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं होने के कारण इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? आप एक दिन में कई ट्रेड ना ले पाए। Illiquid stocks में आपके रिस्क कैपेसिटी से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है।
उम्मीद करता हूं कि आपको आज का लेख "liquid stocks क्या है? लिक्वड स्टॉक कैसे चुने?" पसंद आया होगा। ऐसे ही वित्तीय बाजार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहे। हम यहां आपको वित्तीय बाजार के साथ साथ टेक्नोलॉजी से जुड़ी अन्य जानकारियां भी साझा करते हैं।
Intraday के लिए Stock कैसे चुने | Intraday करने से पहले इन Stock को चुने 2022
Intraday करके पैसे कमाना बहुत मुश्किल है लेकिन आप किसी रणनीति का उपयोग करके पैसे कमा सकते है, इंट्राडे करने के लिए कोई ऐसे Liquid Stock चुने जिसमे Volume की Size ज्यादा हो, जिस भी Stock में Volume की ज्यादा है और Movement अच्छी हो रही है उसमे पैसे कमा सकते है
Table of Contents
Intraday के लिए Stock कैसे चुने
किसी भी Stock में Trading करना चाहते है तो आपको एक दिन पहले ही Stock का चुनाव करना चाहिए, एक दिन पहले किसी Stock का चुनाव कर लेंगे तो आपको परेशानी नहीं होगी अगले दिन Stock चुनने में और आप आसानी से Trading भी कर पाएंगे
किसी ऐसी कंपनी का Stock चुने जिसमे Daily इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? Movement होता हो, जिस भी कंपनी में Daily Movement हो रहा है उसमे पैसे कमाना संभव है, Daily Movement वाले Stocks आपको खोजने होंगे, कुछ 4 से 5 ऐसे स्टॉक चुने जिसमे Daily Movement होता हो और Volume भी अच्छे हो
यदि आपने अभी-अभी Stock Market में कदम रखा है तो Indicator की मदद जरूर ले क्युकी बिना Indicator के एक Beginner के लिए Trading करना असंभव है
Indicator बहुत सारे है जैसे की Bollinger Band, MACD, Moving Average, इन तीनो Indicator के बारे में हर एक Trader को पता होता है, आप इसकी मदद लेकर Trading कर सकते है
कभी भी Trend के खिलाफ जाकर Trading ना करे इससे आपके पैसे डूब सकते है, Price Action और Trend को Trading करते समय फॉलो करे
स्थिर शेयर से इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? बच कर रहे, जिस स्टॉक की कीमत स्थिर है और उसमें कोई हलचल नहीं है, उन शेयरों से दूर रहे क्योंकि जिस स्टॉक की कीमत पूरी तरह से स्थिर है, उन कंपनी के शेयर ना खरीदे और ना ही उन स्टॉक पर Intraday करने के बारे में सोचे
Intraday करने से पहले इन Stock को चुने
एक दिन पहले ही Intraday करने के लिए 4-5 Stock चुने और यदि अगले दिन Market आपके हिसाब से काम करता हो तो आप उसमे Trading कर सकते है
1. High Liquidity Stock चुने
High Liquidity का मतलब होता है जिसमे ज्यादा Buyers और Sellers होते है, जिस Stock का Volume ज्यादा होता है उसे High Liquidity स्टॉक कहते है
किसी भी Stock में Higher Volume वाले Candles बन रहे है उसमे Trading किया जा सकता है, सिर्फ उसी स्टॉक को Trading करने के लिए चुने जिसमे High Volume हो
2. Trending Stock चुने
Momentum अच्छा हो तो आप किसी भी Stock में Trading करके पैसे कमा सकते है, उन Stock पर नजर रखे जिसमे अच्छा Momentum होता हो और एक ही रंग के Candle Pattern बनते हो
अगर किसी एक Direction में Momentum हो रहा है तो आप उसमे Trading करके अच्छा Profit Book कर सकते है
3. Top Gainer/Looser Stock चुने
किसी भी कंपनी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? के Stock में शेयर के प्राइस ज्यादा बढ़ रहे है या गिर रहे है तो आप उसमे Trading कर सकते है, ट्रेडिंग करने के लिए आपको कुछ ऐसे शेयरों को चुनना चाहिए जिनकी कीमत बढ़ती और गिरती है
यदि आपको आज Intraday करके Profit Book करना है तो आप पिछले दिन के कुछ कंपनी के Stock देखे जिसकी Price बढ़ी या घटी हो
4. सबसे अच्छा स्टॉक चुनें
ऐसे हजारों स्टॉक हैं जिनमें रोजाना ट्रेडिंग की जाती है, लेकिन आप हजारो Stock को एक साथ नहीं देख सकते है, आपको कुछ 4-5 Stock को Shortlist करके रखना चाहिए और उसकी Movement को देखते रहना चाहिए
यदि आप कुछ Stock को Shortlist करके रखे है तो आप बड़े आसानी से उस Stock की Movement और Volume देख सकते है और फिर उसमे कोई अच्छा Point देख कर Trading कर सकते है
5. Breakout पर ध्यान दे
हर एक Stock के Breakout पर ध्यान दे क्युकी आपको Intraday करने के लिए एक अच्छा Position मिल सकता है, Support और Resistance के अंदर ही Price की Movement हो रही होती है, यदि किसी भी Level को Candle Breakout करता है तो आपको एक अच्छा Entry Point मिल सकता है
मेरी राय
Intraday से पैसे कमाना आसान नहीं है, Intraday Trading करना Risky है, यदि आपने कभी Trading करके मुनाफा बनाया है तभी Intraday करे वरना ना करे क्युकी Trading में जितना जल्दी Profit Book किया जाता है उतना ही जल्दी Loss भी होता है
यदि आपने कभी Trading नहीं किया है तो आप कुछ Indicator की मदद ले सकते है जैसे की Bollinger Band, Moving Average, MACD, इन सभी Indicator की मदद लेकर आप Stock Market में Trading करना शुरू कर सकते है, एक बात का ध्यान जरूर रखे की आप उतने ही Amount से Trading करना शुरू करे जितने Amount को खो देने से आपको ज्यादा फर्क ना पड़े
स्टॉक मार्केट में Out of the Money ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ?
दूर के ऑप्शन्स (Out Of The Money Options)
दूर का ऑप्शन, जी हाँ दोस्तों, जो की हमेशा एक्ट्रॅक्टिव्ह दिखता है। हमें ललचाता भी है अपने परफॉर्मन्स से! यह हो जाता है 5 रूपये से 50 का 100 का या उससे भी ज्यादा। है ना?
दूर का छोटा ऑप्शन याने की ऐसा ऑप्शन जो अंडरलेयिंग असेट (इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? शेअर,इंडेक्स) के "चालू कीमत से काफी दूर होता है।" यह हम सभी को मालूम है। कीमत के उतार-चढ़ाव से ऑप्शन में हलचल होती है। "तेज और बड़े बदलाव से" ही दूर के ऑप्शन में बड़ी बढ़त या गिरावट आती है। इस पर हमारा एकमत हो सकता है।
और इस पर भी की बड़े मुव्ह किसी बड़े फंडामेंटल या टेक्निकल के कारण ही आतें है। इसलिए स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल न्यूज़ या टेक्निकल सेट अप को बनते हुए देखकर ही Out Of The Money ऑप्शन्स में B.T.S.T. का ट्रेड लिया जाता है।
दूर का कॉल ऑप्शन ( Out Of The Money Call Option)
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। ऑप्शन के लिए स्ट्राइक प्राइस 5 रूपये के फर्क से है। तो Rs. 500 से ज्यादा की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 505, 510, 515, . कॉल ऑप्शन आउट ऑफ़ द मनी कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा कॉल ऑप्शन Rs. 550 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 36,000 पर है तो 36,100, 36,200, 36,300, . यह कीमतें कॉल ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी कहलातीं है। इसमें दूर का छोटा कॉल ऑप्शन 37,000 के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
दूर का पुट ऑप्शन ( Out Of The Money Put Option)
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। Rs. 500 से कम की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 495, 490, 485, . यह आउट ऑफ़ द मनी पुट ऑप्शन कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा पुट ऑप्शन Rs. 450 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 36,000 पर है तो 35,900, 35,800, 35,700, . यह कीमतें पुट ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी होतीं है। इसमें दूर का छोटा पुट ऑप्शन 35,000 तक के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
सुचना
स्टॉक मार्केट इंडेक्स का दूर का ऑप्शन
अब आतें है स्टॉक मार्केट में। और अपना अकाउंट खोलकर उसमें थोडासा पैसा डालतें है। और अपने अकाउंट पर "F&O Trading की सुविधा" चालू करतें है। हमने यह किया है तो चलिये आगे बढ़ते है। फंडामेंटल एनालिसिस अच्छे से करके हम आसानी से इंडेक्स के दूर के छोटे ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करके बड़ा मुनाफा कमा सकतें है।
1 ) इंडेक्स जैसे की "निफ़्टी, बॅंक निफ़्टी" इनमें दूर के ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करना अच्छा होता है। इसमें आवश्यक " व्होल्युम होता है।" इंडेक्स के ऑप्शन्स में बायिंग, सेलिंग आसानी से कर सकतें है।
2 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स का लॉट साइज छोटा है। जैसे की निफ़्टी का एक लॉट 50 और बॅंक निफ़्टी का तो सिर्फ 25 क्वान्टिटी का एक लॉट आता है। कम कॅपिटल में हम "ज्यादा लॉट लें सकतें है।" एवरेज कर सकतें है। और थोड़ा-थोड़ा बेच सकतें है।
3 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स में बहुत बड़े मात्रा में ट्रेडिंग होती है। इस लिए "कोई व्यक्तिगत मनमानी नहीं कर सकता।" कोई तय करके अपने हिसाब से भाव बढ़ा या गिरा नहीं सकता।
कंपनी के शेअर का दूर का छोटा ऑप्शन
1 ) कंपनी का शेअर "F&O लिस्ट में होना आवश्यक है।" हमें इसपर ध्यान देना चाहिये की जिन शेअर्स के दूर वाले ऑप्शन्स में व्होल्युम नहीं है। उन में ट्रेडिंग करने से हमें बचना चाहिये।
2 ) कंपनी से जुड़ा कोई "विशेष कारण होना चाहिये" जैसे की न्यूज़। न्यूज़ अच्छी हो या बुरी, उसका हमें शीघ्र पता लगाके दूर का ऑप्शन लेना होता है। अच्छी खबर के चलते कॉल लेना है। बुरी खबर हो तो पुट ऑप्शन लेना चाहिये। इस तरह की सारी न्यूज़ हम इन्व्हेस्टिंग इंडिया पर पढ़ सकतें है।
3 ) "ओपन इंटरेस्ट और चेंज इन ओपन इंटरेस्ट" को हम N.S.E.India पर कंपनी का नाम सर्च करके, डेरीव्हेटिव्हज में, ऑप्शन चेन में देख सकतें है। उनका जिक्र Change IN OI और OI ऐसा किया गया है।
4 ) टेक्निकल एनालिसिस का महत्व ध्यान में लेतें हुए ट्रेड के लिए टेक्निकली राइट एन्ट्री पॉइन्ट तय करना है। टेक्निकल एनालिसिस शेअर के चार्ट का करना होता है। सपोर्ट,रेजिस्टन्स और ट्रेन्ड लाइन तो शेअर के चार्ट पर ही लगानी है। दूर के छोटे ऑप्शन का चार्ट "मुव्ह की तुलना करने के लिये" देखा जा सकता है।
D ) "दोन स्टॉप लॉस की कीमतों में जो छोटी है, वह स्टॉप लॉस चुनें।" और जाहिर सी बात है की इससे लॉस कम होगा।
स्मॉल ऑप्शन स्टॉक्स इन इंडिया
लॉट साइज के बड़े होने से एकदम छोटा ऑप्शन लेने जायें तो भी बहुत कॅपिटल की जरूरत होती है। हमें ट्रेडिंग करने के लिए कम क्वांटिटी वाला अच्छा शेअर चुनना होता है। "जिस शेअर का प्राइस ज्यादा है उसका लॉट साइज कम होता है।" समय-समय पर लॉट साइज में बदलाव होतें रहतें है।
छोटे ऑप्शन का स्टडी
इसमें क्या-क्या स्टडी करना है। कौन-कौन से टॉपिक समज़ने है। यह समझ लें तो बहुत आसान है। तो आइये मिलकर शुरू करतें है।
1 ) पहला कदम यह है की Stock Market क्या है यह प्राथमिक जानकारी लेना। यह हमें मालूम है तो आगे बढ़ते है।
2 ) फिर हमें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बारें में जानना है। इससे हमें ऑप्शन्स ट्रेडिंग करते वक्त आसानी होतीं है। लगातार बनते चार्ट पर सही तरीके से "टेक्निकल सेट-अप" लगाना फायदेमंद होता है।
3 ) चार्ट्स के अलग अलग प्रकार होतें है। इनका स्टडी करके अपने हिसाब से चार्ट सिलेक्ट करना है। ज्यादातर ट्रेडर्स "कॅंडल स्टिक चार्ट" का इस्तेमाल करतें है। शेअर के चार्ट में व्होलॅटिलिटी कम होनी चाहिये। शेअर में रिव्हर्सल में ट्रेड लेना और नयी पोजीशन के लिये ट्रेड लेना मुमकिन होना चाहिये। याने की जिन चार्ट पर एक तरफा के अच्छे मुव्ह दिखतें है। उनमें छोटा ऑप्शन ट्रेड लें सकतें है।
4 ) चार्ट सिलेक्ट करने के बाद चार्ट पर "सपोर्ट, रेजिस्टेन्स और ट्रेन्ड लाइन" का इस्तेमाल करना, सीखना चाहिये। हमें यह सही से करना आता है। तो अब यहाँ से आगे बढ़ते है।
5 ) कंपनी के शेअर का छोटा ऑप्शन लेने के लिये उस "कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस" करना चाहिये। ताकि उभरते हुए ट्रेन्ड के साथ तालमेल बनाके काम किया जाये।
इन बातों का स्टडी करके हम आत्मविश्वास के साथ छोटा ऑप्शन लें सकतें है। मन में सवाल यह उठेगा की थोड़ा पैसा ही तो लगाना है इसके लिये इतना स्टडी क्यों करना है। जवाब में कहते है की स्टडी, "थोड़ा पैसा लगाने के लिये और बड़ा पैसा कमाने के लिये करना है।" यह स्टडी करके हम छोटा ही क्या बड़े से बड़ा ऑप्शन लें सकेंगे। है की नहीं? और मुझे पूरी उम्मीद है की हम मिलकर यह कर सकतें है। कुछ डिफिकल्टी आये तो कमेंट में लिखना। अभी पूरा नहीं हुआ है। आगे हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है। तो चलिये आगे बढ़ते है।
छोटे ऑप्शन्स ट्रेडिंग की स्टाइल
स्टाइल याने की "काम करने का तरीका।" अपनी चाहत के अनुसार हम शेअर या इंडेक्स का चुनाव करतें है। उसके बारें में सारा स्टडी करतें है। और अपनी एक खास स्टाइल बनातें है। यहाँ पर एक स्टाइल दी गयी है। जिसके जरिए हम, फियर और ग्रीड को कंट्रोल करके ट्रेडिंग कर सकतें है।