IPO क्या होता है?

आईपीओ एक कंपनी के लिए बड़ा कदम हैं। यह कंपनी को बहुत सारा पैसा इकट्ठा करने की सुविधा प्रदशान करती हैं। इससे कंपनी का विकास भी होता हैं। बढ़ी हुई पारदर्शिता लिस्टिंग की विश्वसनीयता उधार लेने वाले फंडो के साथ-साथ बेहतर शर्तों को प्राप्त करने भी मदद करती हैं।
IPO: क्या होता है आईपीओ, कैसे किया जाता है इसमें निवेश? आसान भाषा में समझें सबकुछ
IPO: ये दौर निवेश का है। आज बड़े पैमाने पर कई लोग अच्छी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी को अपनाकर करोड़ों रुपयों की कमाई कर रहे हैं। हाल में भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भी अपने आईपीओ के जरिए स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुकी है। ऐसे में कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर आईपीओ होता क्या है और इसमें निवेश कैसे किया जाता है? पिछले साल भी आईपीओ टर्म काफी ट्रेंड में था। पारस डिफेंस, पेटीएम, जोमेटो जैसी कई बड़ी कंपनियां आईपीओ के जरिए अपने स्टॉक मार्केट में लेकर आई थीं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी हैं, जो आईपीओ के विषय में नहीं जानते। वो अक्सर आईपीओ को लेकर कई सवाल करते हैं। अगर आप भी आईपीओ के बारे में नहीं जानते, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आज हम जानेंगे कि आईपीओ क्या होता है और इसमें इन्वेस्ट कैसे किया जाता है?
क्या होता है आईपीओ
आईपीओ से तात्पर्य प्रारंभिक पब्लिक पेशकश (Initial Public Offering) से है। आईपीओ एक कंपनी के द्वारा लाया जाता है। आईपीओ के जरिए एक कंपनी स्टॉक मार्केट में शेयर के बदले लोगों से धन उठाती है। कोई भी कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार पब्लिक के लिए लेकर आती है, उसे ही आईपीओ कहा जाता है।
कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए आईपीओ को जारी करती हैं। एक बार जब कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाती है, उसके बाद निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। आईपीओ की मदद से कंपनियां कैपिटल इकट्ठा करने का काम करती हैं। कंपनियां आईपीओ को तभी जारी करती हैं, जब उन्हें ज्यादा मात्रा में पूंजी की जरूरत होती है।
आईपीओ में निवेश कैसे करें?
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास एक वैलिड डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। इसके बाद आप जिस स्टॉक ट्रेडिंग एप्स से अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाया है। उस स्टॉक ट्रेडिंग एप के जरिए आसानी से आईपीओ में निवेश कर सकते हैं।
देश में इस समय लोग बड़े पैमाने पर एलआईसी के आईपीओ में निवेश कर रहे हैं। एलआईसी आईपीओ की बिडिंग डेट 4 से 9 मई के बीच है। कंपनी इस आईपीओ के जरिए 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना में है।
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश, स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो जान लें ये बेसिक बातें
शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसमें पैसा लगाने से पहले इसको लेकर स्टडी करना और बेसिक बातों को जानना जरूरी है.
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश (Zee Biz)
बीते कुछ समय से शेयर मार्केट को लेकर क्रेज काफी बढ़ गया है. तमाम लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट करते हैं और बेहतर मुनाफा कमाते हैं. लेकिन शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसलिए ये जरूरी है कि स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखने से पहले आप इसको लेकर स्टडी कर लें और कुछ बेसिक बातों को अच्छी तरह से जान लें.
क्या होता है IPO
आईपीओ का मतलब है Initial Public Offering. जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है. ऐसे समझें IPO क्या होता है? कि देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं. जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है आईपीओ. आईपीओ को जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है. इसके बाद निवेशक उसके शेयर IPO क्या होता है? को खरीद और बेच सकते हैं.
कंपनी के आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है और कंपनी के पास फंड इकट्ठा हो जाता है. साधारण शब्दों में समझें तो आईपीओ को लाने के बाद उस कंपनी को चलाने वाला सिर्फ उसका मालिक या परिवार नहीं होता, बल्कि वो सभी निवेशक भी इसमें शामिल होते हैं जिनका पैसा उसके शेयर में लगा होता है. निवेशकों से आए फंड को कंपनी अपनी कंपनी की तरक्की IPO क्या होता है? और तमाम अन्य कामों में खर्च कर सकती है.
आईपीओ में कैसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल IPO क्या होता है? सकते हैं. आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
WATCH: Upcoming IPOs | इन 4 Companies के Shares में पैसा लगाने का मौका, जल्द आने वाले हैं IPO!
IPO क्या है? यह कैसे काम करता है? क्या है इसका उद्देश्य?
डीएनए हिंदी: आइपीओ (IPO) का फुल फॉर्म होता है- इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering). एक कंपनी जब अपने समान्य IPO क्या होता है? स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ कहते हैं. लिमिटेड कंपनियों द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके. शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो पाती है. कंपनी निवेश या विस्तार करने की हालत में फंडिंग इकट्ठा करने के लिए आईपीओ जारी करती है.
आईपीओ में जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक या शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे IPO कहा जाता है. एक फर्म (Firm) के IPO शुरू करने के दो मुख्य कारण पूंजी जुटाना और पूर्व निवेशकों को समृद्ध करना है.
आईपीओ (IPO) क्या है
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते है परन्तु नॉलेज के आभाव के कारण इन्वेस्ट (Invest) नहीं कर पाते है | यदि पता भी होता है तो फिर भी पूरे नियम नहीं पता होते है | जिस कारण उन्हें कभी नुकसान का भी सामना करना पड़ता है | बहुत सी बड़ी कंपनियां अपनी कम्पनी में इन्वेस्टर्स को बढ़ाने के लिए आईपीओ (IPO) का इस्तेमाल करके मदद लेती रही है
| प्रसिद्द एवं लाभ कमाने वाली कंपनियों के आईपीओ (IPO), शेयर बाजार में बिजनेस करने वालों के लिए बड़ा आकर्षण केंद्र होता हैं। अगर शेयर बाजार की बात की जाये तो बाजार की चाल कुछ ही समय में कुछ और होती है तो दूसरे ही समय बाद स्टॉक मार्केट को समझना थोड़ा कठिन हो जाता है | यदि आप भी आईपीओ (IPO) क्या है, IPO का फुल फॉर्म, IPO में ऑनलाइन निवेश कैसे करे, इसके विषय में जानना चाहते है तो यहाँ पर पूरी जानकारी दी जा रही है |
भारत में शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे ज्यादा ईस्तमाल होने वाला पोर्टल
Table of Contents
आईपीओ (IPO) का फुल फॉर्म “Initial Public Offering” होता है, इसका हिंदी में उच्चारण “इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स” होता है | इसका हिंदी में अर्थ “प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव” होता है | जिसका प्रयोग शेयर बाजार में प्रमुख भूमिका होती है |
आईपीओ का क्या मतलब है
आईपीओ (IPO), वह प्रक्रिया है, जब कोई कंपनी, फर्स्ट टाइम अपने शेयरों को पब्लिक या सामान्य जनता के समक्ष खरीदने की पेशकश रखता है। इसी वजह से इसे प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (Initial Public Offering) कहते है। यही प्रक्रिया IPO होती हैं।
साधारणत: प्राइवेट कंपनियां या कॉर्पोरेशन कंपनियां, कम्पनी के लिए बडी मात्रा में पूंजी एकत्र करने के लिए आईपीओ की सुविधा पेश की जाती हैं। कई क्षेत्रों में सरकारी कंपनियां भी विनिवेश (disinvestment) के द्वारा पूंजी एकत्रित करने के लिए आईपीओ (IPO) लाती हैं। विनिवेश के प्रोसेस में, शेयर मार्केट के द्वारा, कोई – कोई सरकारी कम्पनिया अपनी कुछ हिस्सेदारी, लोगों को भी बेचती है | कंपनी बाज़ार से पूँजी इक्कठा कर अपने बिज़नेस में एक्सपेंशन करती है और ज्यादा मुनाफा कमाकर अपने शेयर धारको के बीच बाटती है | इससे कंपनी और कंपनी में निवेश करने वाले निवेशक को भी लाभ मिलता है |
आईपीओ (IPO) की कीमत तय की प्रक्रिया
- प्राइस बैंड (Price Band) |
- दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू (Fixed price Issue)।
जिन कंपनियों को आईपीओ (IPO) लाने की अनुमति प्राप्त हो जाती है तो उसे अपने सभी शेयरों की कीमत तय करने का अधिकार होता हैं | इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर और कुछ अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी (SEBI) और बैंकों को रिजर्व बैंक (RBI) से अनुमति लेना जरूरी होता है | भारत में 20 फीसदी प्राइस बैंड की ही अनुमति प्रदान की गई है |
IPO Full Form in Hindi
IPO का पूरा नाम है इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग ( Initial Public Offering ) कहते हैं। इसका मतलब यह है की जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है तो इसी को आईपीओ कहते हैं। इस प्रक्रिया में कंपनी आम व्यक्तिओं को ऑफर करती हैं और आईपीओ प्राइमरी मार्किट के अंतर्गत होती हैं।
आईपीओ के जरिये कंपनी पैसे (फंड) इकठा करती है और वह उस फंड को कंपनी के लिए खर्च करती हैं। पर आईपीओ खरीदने वाले व्यक्ति को उन पेसो के बदले उसको कंपनी की हिस्सेदारी मिल जाती हैं। जब आप किसी भी कंपनी के शेयर या आईपीओ खररदते हो तो आप उस हिस्से के मालिक हो जाते हो। कंपनी एक से ज्यादा बार आईपीओ जारी कर सकती हैं। आईपीओ ज्यादातर छोटी ,नै कंपनियों द्वारा किये जाते हैं जो अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए capital चाहती हैं। यह प्राइवेट कम्पनियो द्वारा भी जारी किये जा सकते है जो की पब्लिक्ली बिज़नेस करना चाहती हो।
आईपीओ दो प्रकार के होते हैं
- फिक्स्ड प्राइस आईपीओ ( Fixed Price IPO )
- बुक बिल्डिंग आईपीओ ( Book Building IPO )
- फिक्स्ड प्राइस आईपीओ ( Fixed Price IPO ) – फिक्स्ड प्राइस आईपीओ को इशू प्राइस के रूप में सन्दर्भित किया जा सकता है। जो कुछ कम्पनिया अपने शेयर की शुरूआती बिक्री के लिए निर्धारित करती है। खरीदारों को शेयर के प्राइस के बारे में पता चलता है। जिन्हे कंपनी सार्वजानिक करने का फैसला करती हैं। इशू बंद होने के बाद बाजार में शेयर की मांग का पता लगाया जा सकता हैं। यदि खरीदार इस आईपीओ में हिस्सा लेते है ,तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा की वे आवेदन करते समय शेयर की पूरी कीमत का भुगतान करें।
- बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)– इसमें कंपनी इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ मिलकर आईपीओ का एक प्राइस बैंड का निर्णय करती है जब आईपीओ की प्राइस बैंड डीडे हो जाता है उसके बाद उससे जारी कर दिया जाता है। इसके बाद डीडे किये गए प्राइस बैंड में से इन्वेस्टर अपनी बिड सब्सक्राइब करते हैं बुक बिल्डिंग आईपीओ के प्राइस में 2 तरह के होते हैं :-
IPO Full Form FAQ’s
IPO की फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफर है
केंद्र सर्कार ने डिसइनवेस्टमेंट के बड़े टार्गेट्स रखे हैं। एलआईसी का आईपीओ लॉन्च करना इसी का एक IPO क्या होता है? हिस्सा है इसके जरिये सर्कार एलआईसी की 3.5%हिस्सेदारी बेच रही है। इससे 21000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।
इसके लिए आपके पास डीमैट एक्सेंट होना आवश्यक है। सेबी के नियमो के मुताबिक़ किसी भी कंपनी के इक्विटी शेयर केवल डीमैट रूप में जारी होते है। इसलिए कोई भी चाहे या पालिसी होल्डर हो या रिटेल निवेशक उसके पास डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।
आईपीओ के दो प्रकार होते हैं
1.फिक्स्ड प्राइस आईपीओ
2.बुक बिल्डिंग आईपीओ