विदेशी मुद्रा व्यापारी असम

विदेशी मुद्रा व्यापारी असम
स्पाइसजेट को 837.8 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा
नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। एयरलाइन स्पाइसजेट ने 30 सितंबर को समाप्त तिमाही के लिए 837.8 करोड़ रुपये (577.7 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा समायोजन को छोड़कर) का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 561.7 करोड़ रुपये (568.7 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा समायोजन को छोड़कर) का शुद्ध घाटा हुआ। चूंकि व्यापार रिकॉर्ड उच्च ईंधन की कीमतों और परंपरागत रूप से कमजोर तिमाही में रुपये के मूल्यह्रास से प्रभावित था।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। एयरलाइन स्पाइसजेट ने 30 सितंबर को समाप्त तिमाही के लिए 837.8 करोड़ रुपये (577.7 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा समायोजन को छोड़कर) का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 561.7 करोड़ रुपये (568.7 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा समायोजन को छोड़कर) का शुद्ध घाटा हुआ। चूंकि व्यापार रिकॉर्ड उच्च ईंधन की कीमतों और परंपरागत रूप से कमजोर तिमाही में रुपये के मूल्यह्रास से प्रभावित था।
रिपोर्ट की गई तिमाही के लिए कुल राजस्व 2,104.7 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 1,538.7 करोड़ रुपये था। इसी तुलनात्मक अवधि के लिए परिचालन खर्च 2,100.4 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,942.6 करोड़ रुपये था। ईबीआईटीडीए के आधार पर, रिपोर्ट की गई तिमाही के लिए नुकसान 413.59 करोड़ रुपये था, जबकि सितंबर वित्तवर्ष 2022 को समाप्त तिमाही के लिए 106.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
स्पाइसजेट विदेशी मुद्रा व्यापारी असम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अजय सिंह ने कहा, यह क्षेत्र लंबे समय से चुनौतियों का गवाह रहा है, हालांकि, सरकार द्वारा हाल ही में ईसीएलजीएस सीमा में 1,500 करोड़ रुपये की वृद्धि, इन चुनौतियों को पहचानते हुए, इस क्षेत्र को बहुत आवश्यक स्थिरता प्रदान करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मुझे विश्वास है कि स्पाइसजेट नए विमानों के साथ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगा, अपने यात्रियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा, सामान्य कारोबारी माहौल और सरकारी सहायता के साथ व्यापार और अवकाश यात्रा में तेजी सकारात्मकता की उम्मीद दे रही है। एटीएफ की ऊंची कीमतें और रुपये में गिरावट उद्योग के लिए गिरावट का कारण बनी हुई है, लेकिन इस क्षेत्र के लिए समग्र दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है। अपने अधिकांश प्रमुख साझेदारों के साथ समझौतों की एक श्रृंखला पूरी करने और अपने कार्गो और लॉजिस्टिक्स शाखा के आगामी हाइव-ऑफ के बाद, हम अपने परिचालन वातावरण में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद करते हैं और त्वरित विकास के एक नए चरण की पटकथा लिखने और यात्री और कार्गो ग्राहकों की बढ़ती मांग को विदेशी मुद्रा व्यापारी असम पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
परिचालन मापदंडों के संदर्भ में, देश में सभी एयरलाइनों के बीच स्पाइसजेट का यात्री भार कारक सबसे अधिक था। तिमाही के लिए औसत घरेलू भार विदेशी मुद्रा व्यापारी असम कारक 85 प्रतिशत था। एयरलाइन ने तिमाही में 12 नए रूट लॉन्च किए और 215 चार्टर उड़ानें संचालित कीं।
विदेशी मुद्रा व्यापारी असम
नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा का देश का सुरक्षित भंडार 13 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.07 अरब डॉलर और बढ़कर 13 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 454.विदेशी मुद्रा व्यापारी असम 49 अरब डॉलर के नये शिखर पर पहुंच गया।
इससे पहले 06 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 453.42 अरब डॉलर रहा था। इस वर्ष मार्च के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 41.62 अरब डॉलर बढ़ चुका है।
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आँकड़ों के अनुसार, कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 13 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ पहले के 421.26 अरब डॉलर से बढ़कर 422.42 डॉलर के बराबर पहुँच गई। हालांकि इस दौरान स्वर्ण भंडार 27.08 अरब डॉलर से घटकर 26.97 अरब डॉलर का रह गया।
विशेष निकासी अधिकार की राशि 13 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर पर पहुँच गयी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास सुरक्षित राशि एक करोड़ 40 लाख डॉलर बढ़कर तीन अरब 65 करोड़ 80 लाख डॉलर पर पहुँच गई।
आर्थिक कार्य विभाग
आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, विदेशी मुद्रा व्यापारी असम भारतीय अर्थव्यवस्था की आंतरिक और बाहरी पहलुओं जैसे मुद्रास्फीति, मूल्य नियंत्रण, विदेशी मुद्रा प्रबंधन, सरकारी विकास सहायता हेतु घरेलू वित्त और केंद्रीय बजट की तैयारी, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय साझेदारी पर प्रभाव डालने वाले आर्थिक मुद्दों पर सलाह देने के लिए जिम्मेदार विदेशी मुद्रा व्यापारी असम है। विभाग भारतीय आर्थिक सेवाओं के मूल ढांचे के प्रबंधन का कार्य भी करता है। आर्थिक कार्य विभाग को चौदह कार्यात्मक प्रभागों में विभाजित किया गया हैः (1) प्रशासन एंव समन्वय प्रभाग (2) सहायता, लेखा और लेखा परीक्षा, (3) द्विपक्षीय सहयोग (4) बजट (5) मुद्रा और सिक्का प्रभाग (6) आर्थिक प्रभाग, (7) वित्तीय बाजार, (8) एकीकृत वित्त प्रभाग (9) एफएसएलआरसी (10) एफएसडीसी (11) अवसंरचना एंव विदेशी मुद्रा व्यापारी असम ऊर्जा प्रभाग, (12) निवेश प्रभाग, (13) बहुपक्षीय संस्था प्रभाग (14) बहुपक्षीय संबंध प्रभाग।
मेरीसरकार समूह को आर्थिक कार्य विभाग की विभिन्न नागरिक संबंधित गतिविधियों के लिए बनाया गया है।
भारत के बागान फसलों पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
बागान फसल या नगदी फ़सल जो व्यापार के उद्देश्य से किसानों द्वारा की जाती है । जैसे- कपास, गन्ना, तंबाकू, जूट इत्यादि । इस लेख में हमने भारत के बागान फसलों पर आधारित 10 सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और विदेशी मुद्रा व्यापारी असम Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
बागान फसल या नगदी फ़सल जो व्यापार के उद्देश्य से किसानों द्वारा की जाती है । जैसे- कपास, गन्ना, तंबाकू, जूट इत्यादि । यह ग्रामीण विकास के लिए उनके उत्प्रेरक योगदान के अलावा, उत्पादकता और रोजगार के उच्च स्तर के साथ, हमारी कृषि का आधार प्रदान करता है। यह निर्यात के जरिए काफी विदेशी मुद्रा आय उत्पन्न करता है।
1. भारत का कौन सा राज्य चाय का सबसे बड़ा उत्पादक है?
Ans: B
व्याख्या: भारत दुनिया में चाय के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। भारत का लगभग 52% चाय की उत्पादकता असम राज्य में होता है। चाय उत्पादक राज्यों की सूची में पश्चिम बंगाल दूसरी नंबर पर आता है। तमिलनाडु चाय उत्पादन राज्यों की सूची में तीसरे स्थान पर आता है। इसलिए, B ही सही विकल्प है।
2. निम्नलिखित में से कौन भारतीय बागान फसल आवश्यकता से ज्यादा उत्पादित होता है?
Ans: A
व्याख्या: चीन के बाद भारत दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। चाय के निर्यात के मामले में भारत चौथे स्थान पर है। इसलिए, A ही सही विकल्प है।
3. असम की बराक घाटी किस फसल की खेती के लिए प्रसिद्ध है:
Ans: C
व्याख्या: बराक घाटी भारत के असम राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। असम की बराक घाटी में कचर और करीमगंज जिलों में गन्ने की खेती के लिया जाना जाता है क्युकी यहाँ चिकनी बलुई मिट्टी पाया जाता है जो गन्ने की पैदावार बढ़ाने में सहायक होता है। इसलिए, C ही सही विकल्प है।
4. भारत का कौन राज्य रबड़ का सबसे बड़ा उत्पादक है?
Ans: D
व्याख्या: भारत दुनिया में रबड़ का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। केरल भारत में रबर का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसलिए, D सही विकल्प है।
5. निम्नलिखित में से कहाँ इलायची का उत्पादन नहीं होता है?
Ans: C
व्याख्या: केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु भारत के इलायची के प्रमुख उत्पादक हैं। इसलिए, C ही सही विकल्प है।
6. निम्नलिखित में से किस भारतीय राज्य को 'मसालों का बाग' के नाम से जाना जाता है?
Ans: B
व्याख्या: केरल अपने समृद्ध स्रोतों और अद्भुत स्थानों के लिए जाना जाता है। यहाँ मसालों की खेती बृहद तरीके से होती है और मसालों की विविधता बहुत होती है इसलिए 'भारत का मसाला उद्यान' कहा जाता है इसलिए, B ही सही विकल्प है।
7. ग्रीन गोल्ड क्रांति_______ से संबंधित है।
Ans: D
व्याख्या: ग्रीनगोल्ड क्रांति का सम्बंध चाय के उत्पादन से है। इसलिए, D सही विकल्प है।
8. चाय बागान के लिए______ की वर्षा की आवश्यकता होती है।
Ans: D
व्याख्या: चाय के लिए न्यूनतम वर्षा 150 से 250 सेमी होना चाहिए तथा तापमान 21°C से 27°C तक उपयुक्त होता है। इसलिए, D ही सही विकल्प है।
9. गंगा डेल्टा क्षेत्र समृद्ध उपजाऊ _______ और अनुकूल तापमान तथा वर्षा के कारण जूट की खेती के लिए उपयुक्त है।
Ans: A
व्याख्या: जूट की खेती गरम और नम जलवायु में होती है। इसकी खेती के लिए तापमान 25° से 35° सेंटीग्रेड और आपेक्षिक आर्द्रता 90 प्रतिशत होनी चाहिए। गंगा डेल्टा की दोमट मिट्टी या जलोढ़ मिट्टी में खेती अच्छी होती है। इसलिए, A ही सही विकल्प है।
10. निम्नलिखित पर विचार करें
I. कपास के उत्पादन बढाने के लिए आदर्श जलवायु स्थितियों में तापमान 21-30 डिग्री सेल्सियस और 50-100 सेमी वर्षा की आवश्यकता होती है।
II. कपास के उत्पादन बढाने के लिए ब्लैक मिट्टी आदर्श मिट्टी होती है।
उपरोक्त में से कौन सा कथन कपास की खेती के बारे में सही है?
C. Both I and II
D. Neither I nor II
Ans: C
व्याख्या: कपास के उत्पादन के लिए आदर्श स्थितियां हैं:
(a) तापमान: कपास के पौधे के लिए उच्च तापमान, साधारणतः 20° सेंटीग्रेट से 30° सेंटीग्रेट तक, की आवश्यकता पड़ती है, किन्तु यह 40° तक की गर्मी में भी पैदा किया सकता है।
(b) वर्षा: कपास के लिए साधरणतः 50 से 100 से.मी. तक की वर्षा पर्याप्त होती है। यह मात्रा थोड़े-थोड़े दिनों विदेशी मुद्रा व्यापारी असम के अन्तर से प्राप्त होनी चाहिए। 100 से.मी. से अधिक वर्षा वाले भागों में इसकी खेती नहीं हो सकती।
(c) मिट्टी: कपास का उत्पादन विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में किया जा सकता है, किन्तु आर्द्रतापूर्ण दक्षिणी भारत की चिकनी और काली मिट्टी अधिक लाभप्रद मानी जाती है।