ADRs का वास्तविक

बप्पा रावल बप्पा या बापा वास्तव में व्यक्तिवाचक शब्द नहीं है, अपितु जिस तरह “बापू” शब्द महात्मा गांधी के लिए रूढ़ हो चुका है, उसी तरह आदरसूचक “बापा” शब्द भी मेवाड़ के एक नृपविशेष के लिए प्रयुक्त होता रहा है।
LIC Policy में Address ऑनलाइन कैसे बदलाव करे ?
हममें से अधिकांश लोग जो समाज के मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में किराए के घरों में रहते हैं। इसलिए समय-समय पर पता बदलना अनिवार्य है, साथ ही देश भर में वर्किंग प्रोफेशनल्स को अपनी नौकरी के कारण भी अलग-अलग जगहों पर रहना पड़ता है। ऐसे में आपके पॉलिसी में अपना पता अर्थात एड्रेस बदलना आवश्यक हो जाता है।जबकि वास्तविकता में आप अपना पता बदल चुके है और इस बात की जानकारी या पालिसी में एड्रेस चेंज नही करवाया है, तो आपको अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
यदि आप एलआईसी पॉलिसी में अपना नया पता अपडेट करना चाहते हैं? तो ऐसा करने के लिए आपको एलआईसी की किसी शाखा में जाने की जरूरत नहीं है। अब आप एलआईसी पॉलिसी में पता ऑनलाइन बदल सकते हैं।LIC Policy में Address ऑनलाइन कैसे बदलाव करे ? इस जानकारी को साझा करनें के साथ ही आपको यहाँ LIC Policy Address Change Form के बारें में विधिवत रूप से बताया जा रहा है |
एलआईसी पॉलिसी में एड्रेस बदलाव की जानकारी (LIC Policy Address Change Form Information)
Table of Contents
हम सभी जानते है, कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) अपने ऑनलाइन पोर्टल को लगातार अपडेट कर रहा है और अपने पॉलिसी होल्डर्स की सुविधा के लिए ऑनलाइन नई-नई सुविधाएँ प्रदान कर रहा है। जैसे कि आपका स्थानांतरण किसी अन्य राज्य में हो चुका है और आपका वर्तमान पता पालिसी में दर्ज कराना चाहते है | तो आपको इसके लिए किसी एलआईसी ऑफिस जानें की आवश्यकता नहीं होगी | अब आप एलआईसी पॉलिसी में एड्रेस ऑनलाइन बदलाव घर बैठे ही कर सकते है |
अभी तक लोगो के लिए एलआई पालिसी में एड्रेस बदलवाने के लिए उन्हें ब्रांच ऑफिस जाना पड़ता था | वह जाकर आपको ऑफलाइन एप्लीकेशन submit करना पड़ता था | इसके साथ ही आपको एल एड्रेस प्रूफ जमा करना होता था | हालाँकि एलआईसी द्वारा इस प्रोसेस को ऑनलाइन स्टार्ट कर दिया है | जिसकी सहायता से आप घर बैठे अपनी पालिसी में ऑनलाइन एड्रेस चेंज कर सकते है | आपकी जानकरी के लिए बता दें, कि एलआईसी पॉलिसी में एड्रेस बदलाव करनें हेतु कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है | जिसके बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी दी जा रही है |
एलआईसी पॉलिसी में एड्रेस बदलाव हेतु अन्य जानकारी (LIC Policy Address Change Documents)
- एलआईसी पालिसी में पते में परिवर्तन केवल इनफोर्स, पेड-अप पॉलिसियों के लिए ही स्वीकार किया जाएगा।
- आपको एड्रेस प्रूफ की सेल्फ अटेस्टेड स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी |
- आपके द्वारा दिया गया एड्रेस प्रूफ आपके नाम का होना चाहिए |
- यदि आपके आधार कार्ड में दर्ज पता आपके निवास से मेल नही खा रहा है, तो आपको सबसे पहले अपने आधार में पता बदलवाना होगा | इसके पश्चात ही पालिसी में पता अपडेट कर सकते है |
- एड्रेस प्रूफ की स्कैन कॉपी jpeg, png, gif, bmp, tif या tiff फॉर्मेट में होनी चाहिए।
- फ़ाइल का आकार 100KB से अधिक नहीं होना चाहिए और फ़ाइल का नाम 40 वर्णों से अधिक नहीं होना चाहिए।
एलआईसी पॉलिसी में ऑनलाइन एड्रेस कैसे बदलाव करे (How to Change Address in LIC Policy Online)
- सबसे पहले आपको अपने ब्राउज़र में भारतीय जीवन बीमा निगम अर्थात एलआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट ओपन करना होगा |
- होम पेज ओपन होने पर आपको Online Services में Online Address Change के आप्शन पर क्लिक करना होगा |
- अब नया पेज ओपन होगा, जिसमें आपको कुछ आप्शन में लिखा हुआ दिखाई देगे | जिन्हें पढनें के बाद 3 टिक लगाकर Proceed पर क्लिक कर देना है | (यहाँ आपका जो भी एड्रेस में बदलाव होगा वह आपके आधार बेस पर होगा) |
- अब आपको सबसे पहले अपने आधार की Zip File अपलोड करनें के लिए XML zip file downloaded from UIDAI (Click HERE to download file) पर क्लिक करना होगा |
- अब आपके सामनें एक नया पेज ओपन होगा, जिसमें आपको अपने 12 अंक के आधार नंबर दर्ज कर कैप्चा कोड दर्ज करना GET OTP पर क्लिक करना होगा |
- अब आपके आधार रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक ओटीपी आयेगा | जिसे दर्ज करनें के बाद 4 अंको एक पास-कोड दर्ज कर Download पर क्लिक करना होगा |
- अब आपको ई-साइन के लिए VID जनरेट करनें के लिए Aadhaar VID for e-signing. Click here to Generate Aadhaar VID पर क्लिक करे |
- अब आप एक नये पेज पर आ जायेंगे, यहाँ आपको 12 अंकों का आधार नंबर और कैप्चा कोड दर्ज कर सेंड ओटीपी पर क्लिक करे |
- सबसे अंत में आपको तीनों बॉक्स में टिक कर Proceed पर क्लिक करे |
एलआईसी पॉलिसी में ऑफ़लाइन एड्रेस कैसे बदलाव करे (How to Change Address in LIC Policy Offline)
- आपको सबसे पहले LIC की होम ब्रांच या सेर्विसिंग ब्रांच में जाना होगा |
- पालिसी नंबर दर्ज करते हुए एलआईसी ऑफ़ इंडिया को एक पत्र, जिसमें पता बदलवाने का करना लिखना अनिवार्य है |
- एक वैध्य पते के प्रमाण के साथ एलआईसी ब्रांच में जमा करे और इसके साथ ही अपनी पालिसी की छाया-प्रति भी संलग्न करे |
- एलआईसी अधिकारयों द्वारा पते के प्रमाण की पुष्टि करनें के लिए आपका आवेदन क्स्वीकर कर लिए जायेगा |
- पालिसी में पता अपडेट करनें ADRs का वास्तविक के लिए कुछ समय तक प्रतीक्षा करे, क्योंकि इसमें लगभग 1 सप्ताह से लेकर 15 दिनों का समय लग सकता है |
- जब आप अपनी पालिसी की प्रीमियम का जमा करनें जायेंगे, प्रीमियम स्लिप पर आपका नया पता शो जायेगा |
- इसके अलावा आप एलआईसी ब्रांच जाकर भी अपनें निवास के पते की जानकारी कर सकते है |
एलआईसी द्वारा स्वीकृत पते के प्रमाण (Address Proof Accepted by LIC)
भारत के एलआईसी द्वारा वर्तमान में पते के प्रमाण स्वीकार किए जाते हैं, जो इस प्रकार है-
जब आप अपना नया पता विवरण भरते हैं और ADRs का वास्तविक ऊपर उल्लिखित पते के प्रमाण में से किसी एक की स्व-सत्यापित स्कैन की गई छवि अपलोड करते ही सबमिट बटन सक्रिय हो जाएगा। कृपया ध्यान दें, कि आपकी स्कैन की गई फ़ाइल केवल स्वीकृत प्रारूप में होनी चाहिए |
मेरी सरकार पर नागरिक सुझाव और वास्तविक रेल बजट प्रस्ताव Reading Time : 7 minutes -->
मेरी सरकार “भारतीय रेल” समूह द्वारा पिछले कुछ महीनों में नागरिकों द्वारा ADRs का वास्तविक सुझाए गए कुछ उल्लेखनीय विचार प्रस्तुत किए जो रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु द्वारा 26 फ़रवरी 2015 पर प्रस्तुत 2015 के रेल बजट की प्रतिबद्धताओं में परिलक्षित होते हैं।
Suggestion #1: Swachh Rail
“SWACHH INDIAN RAILWAYS – we should ensure that the existing coaches are maintained and cleaned to have a feel good experience for the travellers”
Government’s Budget Proposal
“We want to make Swachh Rail the driving force behind this Government’s flagship programme – Swachh Bharat Abhiyan. Hence, we now work on-Swachh Rail Swachh Bharat.”
Suggestion #2: Vacuum Toilets and Bio-Toilets for Railways
“We can have bio- toilets and the waste can be disposed off at designated stations only having facility to dispose-off the waste. “
Government’s Budget Proposal
“Bio-toilets are being fitted in coaches. So far we have replaced the existing toilets with 17,388 bio toilets. This year we intend to replace another 17,000 toilets. Research, Design and Standards Organisation (RDSO) has also been tasked with making available within a period of six months a design for vacuum toilets.”
Suggestion #3: Strengthening Research and Development
“Why can’t we have a “Research & Development” team in various railways zone and department who will work on various new ideas, innovations to improve our current services, infrastructure and technologies.”
Government’s Budget Proposal
“We need to invest in fundamental and applied research for seeking solutions to rail-specific issues. We intend to set up a technology portal to invite innovative technological solutions.”
Suggestion #4: Concessional e-tickets for differently-abled travellers
“Include disabled persons concession link in e-ticket website IRCTC.CO.IN to avoid physical hassles”
Government’s Budget Proposal
“For the differently-abled travellers, a special initiative is being launched whereby they can purchase concessional etickets after one-time registration”
Suggestion #5: Online payment for food
“Food payments should be allowed online like Rajdhani to curb corruption in pantry services. “
Government’s Budget Proposal
“Food can be ordered through the IRCTC website at the time of booking of tickets”
Suggestion #6:Working with private food chains
“Private companies can be roped in to provide food and other facilities”
Government’s Budget Proposal
We are working to integrate the best food chains in our country into this project. Depending on the response from our customers, the facility will be extended to cover more trains.
Suggestion #7: Digital Display Network
“Install Digital Display inside the every compartment, which can show at least the train speed, station name”
Government’s Budget Proposal
“A centrally managed Railway Display Network is expected to be introduced in over 2,000 stations over the next two years which will aid in providing information on train arrival/departure, reservations, general and emergency messages and also any other information of interest to citizens. This facility will promote “Digital India Campaign” and also unlock huge advertising revenue potential.”
Suggestion #8: Adarsh Railway Station and involvement of MPs and MLAs
“All MLAs, MPs should adopt 1 railway station as adarsh railway station.”
Government’s Budget Proposal
“So far, 1052 stations have been identified for upgradation of Passenger Amenities at Station under Adarsh station scheme….”
“..request all MPs to use part of their MPLAD funds in improving facilities at Railway stations.”
Suggestion #9: Consulting ISRO for Railway Safety and monitoring
” ISRO scientist can make a low level satellite with full package & service solution, to monitor send signal about rail traffic routes, climatic condition, with satellite mobile tower networking”
Government’s Budget Proposal
“In the short term, RDSO has been asked to develop a suitable device with reliable power supply system based on theft-proof panels/batteries in consultation with Indian Space Research Organization, using geo-spatial technology for providing audio-visual warning to road users at unmanned level crossings.”
Suggestion #10: Railway Safety with Railway Over Bridges and Railway Under Bridges
“Talking of construction of Railway Over Bridges (ROBs) and Railway Under Bridges (RUBs) at the Railway Unmanned / Manned Railway Level Crossings in the country.”
Government’s Budget Proposal
“Keeping in view the critical need to facilitate the construction of ROB/RUB’s, a web based application has been commissioned with user-friendly measures for online submission and approval of drawings within 60 days and an MOU has also been signed with the Ministry of Road Transport and Highways in this regard.”
मेरी सरकार भारतीय रेल समूह में उनकी भागीदारी के लिए नागरिकों के प्रयासों की सराहना करता है। हम आपकी निरन्तर और सक्रिय भागीदारी के लिए तत्पर हैं!
Virtual Office in Hindi, Virtual Office के लाभ और सर्विसेज
(Virtual Office in Hindi) includes office-related services such as office addresses, telephone numbers, administrative services, and meeting rooms.
वर्चुअल ऑफिस क्या है (Virtual Office in Hindi)
वर्चुअल ऑफिस, ADRs का वास्तविक फ्रीलांसर्स और स्टार्टअप्स के बीच बहुत लोकप्रिय है जो घर से काम करते हैं या अन्य जगहों से काम करते हैं लेकिन अपनी कंपनी के लिए नामी लोकेशन पर एक ऑफिसियल बिजनेस एड्रेस चाहते हैं। वर्चुअल ऑफिस में बिज़नेस मालिकों को एक वास्तविक कार्यालय पर होने वाले खर्च के बिना सभी लगभग सर्विसेज मिलती है।
वर्चुअल ऑफिस | Virtual Office Meaning in Hindi
वर्चुअल ऑफिस एक ऐसी सर्विस है जो किसी अन्य जगह से बिज़नेस के मालिक को बिज़नेस के लिए ऑफिस से सम्बंधित सभी सर्विसेज देती हैं जैसे ऑफिस एड्रेस और टेलीफोन नंबर, कम्युनिकेशन और एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस, और मीटिंग रूम।
या कह सकते हैं कि जिसमें एक जगह पर एक इमारत में अन्य लोगों के साथ काम करने के बजाय टेलीफोन, ईमेल और इंटरनेट के माध्यम से काम करते हैं। आज के समय में आपका ऑफिस कहीं भी हो वहीं से ही टेक्नोलॉजी के माध्यम से बिज़नेस कर सकते हैं।
किसी नामी लोकेशन पर ऑफिस एड्रेस होने से बिज़नेस की विश्वसनीयता बढ़ती है।
वर्चुअल ऑफिस सर्विसेज | Virtual Office Services in Hindi?
किसी भी वर्चुअल ऑफिस के लिए कुछ चीजें ध्यान रखनी चाहिए
- एक वास्तविक ऑफिस में एक ऑफिसियल एड्रेस जिसका इस्तेमाल मेल के लिए, मार्केटिंग के लिए और ऑफिसियल उद्देश्यों जैसे बिज़नेस लाइसेंसिंग आदि के लिए करते हैं।
- ऑफिस बिल्डिंग में रिसेप्शनिस्ट का होना जो बिजनेस से संबंधित डाक्यूमेंट्स को कलेक्ट करे और उसे आपके घर या जहाँ से भी कार्य करते हैं वहां भेज सके।
- ऑफिस बिल्डिंग में रिसेप्शनिस्ट का होना जिससे वह मीटिंग की सभी तैयारियां कर सके अगर आप ऑफिस बिल्डिंग में मीटिंग करना चाहें।
- ऑफिस बिल्डिंग में कॉपी और प्रिंट मशीन जैसी ऑनसाइट सुविधाएं होना।
Virtual Office Services
वर्चुअल ऑफिस के लाभ | Virtual Office Advantages in Hindi
वर्चुअल ऑफिस के बहुत से लाभ हैं, जो निम्नलिखित हैं
- किसी ऑफिस लोकेशन जाने में हर दिन जो दो या तीन घंटे काम के लिए तैयार होने और ऑफिस जाने में खर्च होते हैं उस समय में आप बिज़नेस की प्रोडक्टिविटी बड़ा सकते हैं। यदि कोई बिजनेस वर्चुअल ऑफिस सर्विसेज के साथ चलता है तो उसमे काम करने वाले एम्प्लाइज का आवागमन का समय बचता है।
- इसमें एम्प्लाइज पूरे दिन में जब मर्जी तब काम कर सकते हैं जिससे वेकेशन कम हो जाती हैं।
- इस तरह के ऑफिस में आप पूरे देश से कहीं से भी एम्प्लाइज ज्वाइन कर सकते हैं जिससे बेहतरीन टेलेंट बिज़नेस के साथ जुड़ता हैं।
- इसमें कोई ऑफिस लीज नहीं, कोई यूटिलिटी पेमेंट्स नहीं, कोई हार्डवेयर नहीं, कोई एक्स्ट्रा खर्चा नहीं होता है।
- इसमें आपको एम्प्लाइज पर नज़र रखने की जरुरत नहीं हैं वे अपने आप से कार्य करते हैं जिससे प्रोडक्टिविटी बढ़ती हैं।
- इसमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके क्लाउड से फाइल्स को भेज सकते हो और प्राप्त कर सकते हो।
अगर आप कोई नामी लोकेशन नहीं चाहते हैं तो खुद का भी वर्चुअल ऑफिस तैयार कर सकते हैं इसके लिए आपको कुछ बिंदु ध्यान रखने होंगे
- यदि आपका बिज़नेस ट्रैवेलिंग का हैं तो आपको डेस्कटॉप सिस्टम के बजाय लैपटॉप कंप्यूटर खरीदने पर विचार करना चाहिए। जिससे लैपटॉप के साथ आपकी फाइलें हमेशा आपके पास रहेंगी और चलता फिरता वर्चुअल ऑफिस आपके पास होगा।
- यदि आपका बिज़नेस होम बेस्ड हैं तो आप डेस्कटॉप कंप्यूटर के साथ ऑफिस बना सकते हैं। और उसके साथ प्रिंटर, हार्ड ड्राइव आदि एक्स्ट्रा चीजें जोड़ सकते हो।
वर्चुअल ऑफिस सर्विस के प्रकार | Types of Virtual Office Services in Hindi
वर्चुअल ऑफिस सेवाएं मुख्यतः चार प्रकार की होती हैं लेकिन यह केवल चार प्रकार की होंगे यह जरुरी नहीं हैं –
- फिजिकल ऑफिस स्पेस
- मेल फॉरवर्डिंग
- टेलीफोन सेंटर
- सपोर्ट स्टाफ
किसी भी वर्चुअल ऑफिस सर्विस को चुनने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए जैसे उसमे क्या सुविधाएं हैं, क्या अतिरिक्त खर्चा आएगा, और उसकी विश्वसनीयता आदि
Question for you?
टेक्नोलॉजी हमेशा ही जन मानस की उत्सुकता को बढ़ाती रही है आप क्या कहते है की Virtual Office जैसी टेक्नोलॉजी के साथ कैसे आगे बढ़ना चाहिए। कमेंट करिये-
बप्पा रावल: गुहिल राजवंश के वास्तविक संस्थापक
मेवाड़ के गुहिल वंशी शासकों में बप्पा रावल (713-810) का महत्वपूर्ण स्थान है। मेवाड़ का शक्तिशाली राजवंश गुहिल के नाम से जाना जाता है इसका प्रारंभिक संस्थापक गुहादित्य थे, जिन्होंने 566 ई. में मेवाड़ राज्य पर गुहिल वंश की नींव रखी |गुहादित्य के पश्चात् 734 ई. में बप्पा रावल को गुहिल वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है | इनका जन्म मेवाड़ के महाराजा गुहिल की मृत्यु के 191 (ऐ के इक्यानवे) वर्ष पश्चात 712 ई. में ईडर में हुआ। उनके पिता ईडर के शाषक महेंद्र द्वितीय थे। बप्पा के जन्म व माता-पिता के नामों के बारे में विद्वानों में मतैक्य नहीं है, लेकिन इसका बचपन मेवाड़ के एकलिंगजी के पास नागदा गांव में व्यतीत हुआ, इस पर सभी विद्वान एकमत है।
हारीत राशि से सम्पर्क
यहां नागदा के जंगलों में गायें चराते हुए बप्पा का सम्पर्क हारीत राशि (ऋषि नहीं) से हुआ। हारीत राशि पाशुपत- लकुलीश मत में दीक्षित एक सन्यासी थे। बप्पा ने हारीत राशि की खूब सेवा की। हारीत राशि ने अपने जीवन का अंतिम समय जानकर बापा को वरदान दिया कि तुम मेवाड़ के शासक बनोगे और तुम्हारे वंशजों के हाथ से मेवाड़ का राज्य कभी नहीं जायेगा। इस वरदान के साथ-साथ हारीत राशि ने बापा को आर्थिक सहयोग भी किया और यह भी कहा कि तुम्हारा सम्बोधन ‘रावल होगा।
रावल के संघर्ष:
चित्तौड़ का मजबूत दुर्ग उस समय तक मोरी वंश के राजाओं के हाथ में था। परंपरा से यह प्रसिद्ध है कि हारीत ऋषि की कृपा से बापा ने मानमोरी को मारकर इस दुर्ग को हस्तगत किया। टॉड को यहीं राजा मानका वि. सं. 770 (सन् 713 ई.) का एक शिलालेख मिला था जो सिद्ध करता है कि बापा और मानमोरी के समय में विशेष अंतर नहीं है।
इस समय पश्चिम भारत को अरब आक्रमणों से लगातार संघर्ष करना पड़ रहा था। इस विषम परिस्थिति को अनुभव कर बापा रावल ने अरब सेना से टक्कर लेने का निश्चय किया तथा उसने प्रतिहार नागभट्ट प्रथम, सांभर व अजमेर ADRs का वास्तविक नरेश अजयराज, हाड़ौती के धवल, माड़ (जैसलमेर) के शासक देवराज भाटी एवं सिन्ध के राजा दाहिर से मिलकर एक संयुक्त मोर्चा बनाया। बप्पा रावल के नेतृत्व में इस संयुक्त मोर्चे की सेना व अरब की खलीफा शक्ति से जबरदस्त टक्कर हुई। मुहम्मद बिन कासिम को भी पराजित किया। सिन्ध को मुक्त कराकर इस सेना ने ईरान, ईराक व खुरासान तक का प्रदेश जीत लिया ।
‘फतुहुल बलदान‘ नामक अरबी ग्रंथ का लेखक बताता है कि अब भारत में पुनः मूर्तिपूजा आरंभ हो गई। इस प्रकार बापा ने मेवाड़ की सीमा को ईरान, इराक व खुरासन तक बढ़ाया और प्रथमबार अरब खलीफाओं के आक्रमणों व धर्म परिवर्तन के प्रयासों पर अंकुश लगाया।
बप्पा रावल बप्पा या बापा वास्तव में व्यक्तिवाचक शब्द नहीं है, अपितु जिस तरह “बापू” शब्द महात्मा गांधी के लिए रूढ़ हो चुका है, उसी तरह आदरसूचक “बापा” शब्द भी मेवाड़ के एक नृपविशेष के लिए प्रयुक्त होता रहा है।
बापा रावल की प्रशासनिक व्यवस्था
बापा रावल ने अपने राज्य की प्रशासनिक ADRs का वास्तविक व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया| इन्होंने अपनी राजधानी नागदा रखी तथा कई निर्माण कार्य भी कराये। उदयपुर के उत्तर में कैलाशपुरी में स्थित एकलिंग जी का मन्दिर का निर्माण 734 ई. में बप्पा रावल ने करवाया | इसके निकट हारीत ऋषि का आश्रम है। आदी वराह मन्दिर, बप्पा रावल ने एकलिंग जी के मन्दिर के पीछे बनवाया |
सोने का सिक्का:
कविराज श्यामलदास के शिष्य गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने अजमेर के सोने के सिक्के को बापा रावल का माना है। इसका तोल 115 ग्रेन (65 रत्ती) है। इस सिक्के में सामने की ओर ऊपर के हिस्से में माला के नीचे श्री बोप्प लेख है। बाईं ओर त्रिशूल है और उसकी दाहिनी तरफ वेदी पर शिवलिंग बना है। इसके दाहिनी ओर नंदी शिवलिंग की ओर मुख किए बैठा है। शिवलिंग और नंदी के नीचे दंडवत् करते हुए एक पुरुष की आकृति है। पीछे की तरफ सूर्य और छत्र के चिह्न हैं। इन सबके नीचे दाहिनी ओर मुख किए एक गौ खड़ी है और उसी के पास दूध पीता हुआ बछड़ा है। ये सब चिह्न बपा रावल की शिवभक्ति और उनके जीवन की कुछ घटनाओं से संबद्ध हैं।
बापा रावल ने अपने जीवन के चतुर्थाश्रम में प्रवेश करने पर अपने पुत्र को राज्य सौंपकर हारीत राशि की परम्परा में सन्यास ग्रहण किया और सन्यासावस्था में ही उसका देहान्त हुआ। एकलिंगजी से कोई तीन किलोमीटर उत्तर दिशा में बापा रावल का अन्तिम संस्कार किया गया। इस अन्तिम संस्कार स्थल को आज भी बापा रावल के नाम से जाना जाता है, जहां पर बापा रावल का मन्दिरनुमा समाधि स्थल बना हुआ है।