एक दिन का व्यापार

चाणक्य नीति: नौकरी और व्यापार में चाहिए तरक्की तो जरूर अपनाएं ये 3 गुण, हर जगह होगी वाहवाही
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के कुछ इसे गुणों की व्याख्या की है जो कि उसे हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में लाभकारी साबित एक दिन का व्यापार हो सकते हैं.
Published: November 17, 2022 4:14 PM IST
Chanakya Niti About Success: कई बार व्यक्ति नौकरी व व्यापार में आने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से घबरा जाता है और निराश होने लगता है. लेकिन इस स्थिति में मनुष्य को मानसिक तौर पर काफी मजबूत रहना चाहिए क्योंकि जिंदगी के हर मोड़ पर कहीं न कहीं नाकामयाबी का सामना सभी को करना पड़ता है. अगर आप मुश्किल दौर में धैर्य और समझदारी से काम लेंगे तो परेशानी भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसी ही नीतियों का उल्लेख किया है जिन्हें अपनाकर मनुष्य व्यापार और नौकरी में सफलता हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपके भीतर 3 गुण अवश्य होने चाहिए.
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असफलता से न हों निराश
आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को कभी भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए. बल्कि आत्मविश्वास रखेंगे तो एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी. कहा जाता है कि सफलता आसानी से हासिल नहीं होती इसके लिए एक पथरीला और मुश्किल रास्ता तय करना पड़ता है. ऐसे में इंसान गिरता भी है और जो गिरने पर खुद को संभाल लें उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता. असफल होने पर शांत दिमाग से विचार करें कि आखिर कहां गलती हुई और फिर नए सिरे से शुरुआत करें.
न छोड़ें कोई अवसर
कई बार नौकरी व व्यापार के क्षेत्र में ऐसा समय आता है जब आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है. ध्यान रखें कि ऐसे मौके को कभी हाथ से न जाने दें. क्योंकि सफलता के लिए कई बार एक ही मौका मिलता है. इसलिए पूरी मेहनत और लगन के साथ खुद को साबित करने की कोशिश करें. जब अवसर मिले उसका पूरा लाभ उठाएं.
खोजें सवालों के जवाब
चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति को कभी अपने कार्यस्थल पर बॉस से सीनियर से सवाल पूछने में संकोच नहीं करना चाहिए. क्योंकि आज के समय में प्रतियोगिता इतनी बहुत ज्यादा बढ़ गई है और ऐसे में अपने कार्य से जुड़ा ज्ञान होना बेहद जरूरी है. यदि काम से जुड़ा कोई सवाल आपके मन में आता है तो तुरंत बॉस से पूछे ताकि बाद में कोई परेशानी न हो.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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परिवार और व्यापार के बीच संतुलित दूरी बनाने की शक्ति जगाती है गीता
महाभारत युद्ध के समय दोस्त और दुश्मन सबके शिविर पास-पास ही थे। क्योंकि सभी आपस में एक दूसरे के रिश्तेदार थे। भद्र देश के राजा शल्य पांडुवों के मामा थे, भले चालाकी से दुर्योधन ने उन्हे अपनी तरफ कर लिया था, इसी प्रकार अन्य अपनत्व से जुड़े थे। अतः जब रात होती, तो सारे लोग एक जगह बैठ जाते, उस समय वे युद्ध की बातें न कर हंसने-हंसाने की बातें करते थे।
दुश्मन-दोस्त सभी एक जगह, एक दिन का व्यापार न कोई दुश्मन, और न दोस्त। दुर्योधन इसे देख-देखकर बहुत कुढ़ता था। भीम को भी यह देख गुस्सा इसलिए आता कि जो लोग यहां बैठकर हंसते-बोलते हैं, वही युद्ध के मैदान में लड़ने के लिए खड़े हो जाते हैं। अतः उसे यह अच्छा नहीं लगता था।
समझो जीना आ गया।
एक दिन अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछ ही लिया कि हे केशव! बड़े भैया तो शांत हैं, पर मंझले भैया को यह दृश्य ठीक नहीं लगता। इधर दुर्योधन भी अकेला-अकेला रहता है। तब भगवान श्रीकृष्ण ने बताया-
‘‘नम्र पेड़ की डालियां झुकी रहती हैं। हवा के झोंके के साथ नाचती हैं। सृष्टि का सौंदर्य बढ़ाती हैं, पर जो ठूंठ बन अकड़े रहते हैं, उन्हें एक दिन हवा स्वयं तोड़कर नीचे गिरा देती है। सृष्टि की शोभा के लिए नम्रता जरूरी है। वास्तव में मनुष्य कर्मशील प्राणी है, लेकिन रात होने तक जो इंसान निश्चिन्त, बेफिक्र होकर सो पाए, समझो उसको जीना आ गया।
रात्रि में शांति को समर्पित हो जाओ
जो जितना शांत अपने को कर पायेगा, उतना ही जीवन में आनन्द ले पाएगा। वैसे भी कर्मठता को उभारने के लिए रात्रि में शांति को समर्पित होना आवश्यक है। सवेरे शांति के साथ जागृत होने, उल्लास से भरपूर होने के लिए भी यह जरूरी है।’’
मनोविश्लेषक कहते हैं-‘‘कर्म तो कुछ न कुछ सबको करना होता है, लेकिन कर्म के साथ, कर्म के प्रभाव और दबाव को बिस्तर तक लेकर नहीं जाना चाहिए तभी शांतिभरी नींद आती है और प्रातः ताजगी से उठते हैं। दुर्योधन व भीम कर्म के अर्थात यृद्ध के दबाव में जीते हैं, इसलिए दुखी हैं। भगवान सबको कहते हैं क्षत्रिय का कार्य है युद्ध करना। लेकिन यदि घर में भी व्यक्ति क्षत्रिय बना रहे, कभी शांत न रह सके, आनंदित न रह सके, तो उसका कर्म तेज क्षीण हो जाता है।
इसी प्रकार जो दुकान पर व्यापार करने के बाद घर-परिवार में आकर भी व्यापार करने लगे, तो उसका घर-घर तो रहेगा नहीं, दुकान भी बिखर जाएगी। यदि दुकानदार हैं, तो दुकान पर ही व्यापार करें। घर पर सद्गृहस्थ, पति, पिता और पुत्र बनकर ही आइए। व्यापारी, योद्धा, थानेदार, ज्ञानी बनकर न प्रवेश करें। परिवार में एक अच्छे सरल, सहज और प्रेम से भरे हुए इंसान बनकर आइए। जब इस स्थिति में घर आएंगे, तो आपका घर आनन्द देने वाला बन जाएगा। उसमें प्रेम और उल्लास के फूल खिलने लग जाएंगे। तब उस घर में रहने के लिए मन करेगा, चाहे वह फूस की झोपड़ी ही क्यों न हो।
कोप भवन न बन जाये घर
रामयुग में भी राजा दशरथ ने कोपभवन घर से बाहर बनवाया था। सच कहें तो आज हम लोगों ने अपना पूरा घर ही कोप भवन बना रखा है। उस युग में एक महाभारत समाप्त हो गया, पर आज लगभग हर परिवार में महाभारत चल रहा है।
यही नहीं लोगों का क्रोध देखें तो समझ ही नहीं आता कि हो क्या रहा है लोगों को? वास्तव में क्रोध पानी पर खींची गई लकीर सा होना चाहिए। अन्दर कोई बात आई तो कह दो और उसके बाद भूल जाओ। किसी की बात को गांठ बांधकर मत बैठो। गांठ बाधने का ही परिणाम तो महाभारत था।
यह सच है सब चिंताओं का परित्याग करके जब व्यक्ति निश्चिन्त होकर जीवन जीने लग जाए, तो समझ लेना चाहिए कि वह योगी है और आनन्द योग जीवन में उतर आया। निश्चिन्त, बेफिक्र, मस्त रहना भी बड़ा योग है। गाते-गुनगुनाते हुए चलना और अपनी शाम और सुबह को शांत बनाना ही कृष्णत्व है। इस विधि से जीवात्मा का परमात्मा से मेल हो पाता है।
समत्वं योग उच्यते
भगवान श्रीकृष्ण ने ‘‘समत्वं योग उच्यते’’ अर्थात समता को योग कहा है-सन्तुलन का नाम योग बताया है। अर्थात सन्तुलन बनाए रखें, हर समय बैलेंस बनाए, तो जीवन में शांति उतरने लगेगी। जैसे मौसम स्वाभाविक है, ऐसे ही सुख-दुःख, हानि-लाभ भी स्वाभाविक हैं, हारना-जीतना भी स्वाभाविक है।
कोई भी मौसम हो शांति की यात्रा रुकनी नहीं चाहिए। ऐसे ही दुःख और संकट की कैसी भी स्थिति हो पर यात्रा जारी रहनी चाहिए। मुसाफिर बनें और चलते रहें। जरूरी नहीं कि सुख ही सुख मिलता रहे और दुःख न मिले। वास्तव में दोनों मिलेंगे, अतः एक आंख में आंसू रखें और दूसरी से दुनिया को देखें, यही जीव संदेश देती है श्रीमद्भगवदगीता और उनका श्रीकृष्ण। तब न जीवन उबाऊ लगेगा, न ही परिस्थितियां उबाई लगेंगी।
Betel Nut: सुपारी के ये बेजोड़ उपाय, नौकरी और व्यापार की हर बाधा दूर भगाएं
Betel Remedies: अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आपका व्यापार मंदा चल रहा है या फिर व्यापार के ठप होने की नौबत आन पड़ी है या अगर आप एक नौकरीपेशा इंसान हैं और आए दिन आपकी नौकरी में कोई न कोई परेशानी खड़ी होती रहती है तो ऐसे में सुपारी आपकी सभी समस्याओं का हल बन सकती है।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का ये कहना है कि ज्योतिष में सुपारी के कुछ ऐसे अचूक उपाय बताए गए हैं जिन्हें आजमाने से न सिर्फ व्यापार में तेजी आ सकती है बल्कि नौकरी में तरक्की के आसार भी बढ़ सकते हैं। सुपारी के इन उपायों से व्यक्ति दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर सकता है।
- पूजा की सुपारी पर जनेऊ या मौली चढ़ाकर पूजा स्थान अथवा घर की तिजोरी में रखें।
- तिजोरी में रखी गई सुपारी की रोजाना अक्षत और कुमकुम लगाकर पूजा करें।
- शनिवार की रात पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसकी जड़ में एक सुपारी और एक सिक्का गाढ़ आएं।
- एक पान के पत्ते पर सिन्दूर में घी मिलाकर स्वास्तिक (स्वास्तिक के लाभ) बनाएं और उस पर कलावे से लपेटी हुई सुपारी रखकर रोजाना पूजा करें।
- किसी महत्वपूर्ण काम के लिए जा रहे हैं तो जेब में एक लाल कपड़े के अंदर एक लौंग और एक सुपारी रख लें।
- एक सुपारी लेकर पर रोली से टीका लगाएं फर उसे गणेश मन्दिर में जाकर श्री गणेश को अर्पित कर दें।
- सुपारी को गुलाल लगाकर चांदी (चांदी के ज्योतिष उपाय) की डिब्बी में रखकर व्यापार स्थल पर रखें।
- सुपारी पर गुलाल लगाकर चांदी की डिब्बी में रखकर आप उसे जिस डेस्क पर बैठ कर काम करते हैं वहां भी रख सकते हैं।
- हल्दी, कुमकुम और चावल लगाकर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित करें।
- लाल कपड़े में सुपारी बांधकर अपनी परेशानियों का स्मरण करते हुए उसे जल में प्रवाहित कर दें।
- तुसली के गमले में सुपारी गाढ़ दें और अपना काम पूरा होने के बाद उस सुपारी को निकाल कर तिजोरी में रख लें।
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ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दी
समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया पहले दिन से लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य-शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद शामिल हैं जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में 4-5 प्रतिशत सीमा शुल्क को आकर्षित करते हैं।
जयशंकर ने यूएई के अपने समकक्ष से व्यापार, निवेश, खाद्य सुरक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाह्यान के साथ वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाह्यान के साथ व्यापार, निवेश, राजनयिक मामलों, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की तथा वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मामलों के मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाह्यान सोमवार को भारत यात्रा पर आए थे।
बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘आज दोपहर संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा संपन्न हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से व्यापार, निवेश, राजनयिक मामलों, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा में प्रगति की सराहना की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक स्थिति और विभिन्न क्षेत्रीय ज्वलंत मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यह विस्तृत वार्ता हमारी गहन और घनिष्ठ साझेदारी को दर्शाती है।’’
शेख अब्दुल्ला के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी भारत आया है।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, विदेश एक दिन का व्यापार मंत्री जयशंकर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला ने सितंबर 2022 में हुई 14वें संयुक्त आयोग की बैठक के बाद द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विविधि क्षेत्रों में हुई सतत प्रगति की समीक्षा की।
दोनों नेताओं ने खासतौर पर व्यापार, निवेश, राजनयिक मामलों, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सराहना की।
दोनों मंत्रियों ने स्वीकार किया कि एक मई 2022 से व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) के प्रभाव में आने के बाद दोनों देशों के व्यापार में सराहनीय प्रगति हुई है।
बयान के अनुसार, भारत से यूएई को अप्रैल-सितंबर 2022 के बीच 16 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है जो वर्षवार समान अवधि में 24 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसी प्रकार से, समान अवधि में भारत का आयात बढ़कर 28.4 अरब डॉलर हो गया जो 38 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन, कौशल सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की।
एक दिन पहले विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित विचार-विमर्श का हिस्सा है जिसमें द्विपक्षीय एवं साझा हितों से जुड़े वैश्विक विषयों पर चर्चा होगी।
इसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून 2022 को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी जिस दौरान उन्होंने शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान से भेंट की थी।
विदेश एक दिन का व्यापार मंत्री एस जयशंकर ने 31 अक्टूबर से 2 सितंबर 2022 तक संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी और इस दौरान वहां के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद के साथ 14वें संयुक्त आयोग की बैठक तथा तीसरी सामरिक वार्ता की सह अध्यक्षता की थी।